हरिद्वार की तरह भव्य होगा ऋषिकेश का देवय स्नान व शोभायात्रा

ऋषिकेश। में 24 अप्रैल 2021 को त्रिवेणी घाट ऋषिकेश व 25 अप्रैल को कुंभमेला सभा मंडप पंतदीप हरिद्वार में समिति द्वारा आयोजित होने वाले देवस्नान एवं शोभायात्रा कार्यक्रम हेतु यथासंभव सहयोग की अपेक्षा करते हुए उन्हें सपत्नी कार्यक्रम में निमंत्रित किया।

कृषि मंत्री ने कहा कि हम ऋषिकेश के देवय स्नान व शोभायात्रा के कार्यक्रम को हरिद्वार कार्यक्रम से भी अधिक भव्य बनायेगे उन्होंने कहा कि यहां पर्व भारत की देव संस्कृति व लोक संस्कृति के संरक्षण संवर्द्धन के साथ ही ‘सर्वे भवंतु सुखिनः सर्वे संतु निरामयाः’ की भावना को पुष्ट करता है।

केंद्रीय प्रवक्ता डॉ धीरेंद्र रांगड़ ने कृषि मंत्री को देवडोलियों के रूट की जानकारी देते हुए बताया कि देहरादून परिक्षेत्र की समस्त देवडोलियां वाया नटराज चैक तथा रुद्रप्रयाग,पौड़ी, चमोली, श्रीनगर आदि क्षेत्रों की डोलियां वाया तपोवन तथा टिहरी उत्तरकाशी की देवडोलियां वाया नरेंद्रनगर भद्रकाली मंदिर ढालवाला में एकत्र होंगी। जहां भोजन-प्रसाधन के पश्चात दो बजे सभी देवडोलियां एक साथ अपने वाहनो के द्वारा इन्द्रमणि बडोनी चैक, देहरादून रोड, आई.एस.बी.टी.से होते हुए केवलानंदआश्रम चैक, मायाकुंड से होकर त्रिवेणी घाट पहुंचेंगी। सभी वाहन श्रद्धालुओं को वहीं छोड़कर भरत बिहार (डिग्री कॉलेज के सामने)बनी पार्किंग में अपने वाहनों को खड़ा करेंगे। त्रिवेणी घाट ऋषिकेश में देवडोलियों, नेजा निशान, व छतोलियों का भव्य स्वागत-सम्मान, पूजन व सामुहिक दिव्य स्नान का कार्यक्रम होगा।

3 बजकर 30 बजे पारम्परिक वाद्ययंत्रों के साथ सभी देव डोलियां व श्रद्धालुगण नगर शोभायात्रा के लिये प्रस्थान करेगे। घाट रोड, भरत मंदिर झंडा चैक, देहरादून रोड, रेलवे रोड, तिलक रोड, हरिद्वार रोड से होते हुए शोभायात्रा भरत विहार में पहुंचेगी, जहां से सूक्ष्म जलपान के पश्चात 6 बजे सभी देवडोलिया हरिद्वार के लिए प्रस्थान करेगी। यात्रा मार्ग में अमित ग्राम, गुमानीवाला, श्यामपुर, नेपाली क्षेत्र, सत्यनारायण, रायवाला, हरिपुर कलां व शांतिकुंज में देवडोलियों पर पुष्प वर्षा के साथ श्रद्धालुजनों द्वारा भव्य स्वागत किया जाएगा।
इस अवसर पर आशाराम व्यास, विशालमणि पैन्यूली, घनश्याम नौटियाल आदि उपस्थित थे।

मुख्यमंत्री ने श्री गंगा सभा की ओर से आयोजित गंगा पूजन में की पूजा-अर्चना


महाकुंभ के इतिहास में पहली बार हर की पैड़ी ब्रह्मकुंड पर 151 आचार्यों की ओर से किये गए शंखनाद से चहुं दिशाएं गूंज उठी। श्री गंगा सभा की ओर से महाकुंभ 2021 के सफल और शांतिपूर्ण आयोजन के लिए हरकी पैड़ी ब्रह्मकुंड पर आयोजित महापूजन में धार्मिक आस्था का माहौल रहा। ब्रह्मकुंड पर मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत के साथ ही श्रीगंगा सभा के पदाधिकारी, 13 अखाड़ों के प्रतिनिधि व प्रशासनिक अधिकारी अलग-अलग अपने अपने स्थान पर कलश, शंख, घंटी एवं पूजन सामग्री के साथ बैठकर मां गंगा का ध्यान कर रहे थे।

मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत, अखाड़ा परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि, महामंत्री महंत हरि गिरि, निरंजनी अखाड़े के सचिव रविन्द्रपूरी, विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचन्द अग्रवाल, नगर विकास मंत्री वंशीधर भगत, मुख्य सचिव ओम प्रकाश, सचिव शहरी विकास शैलेश भगोली, मेलाधिकारी दीपक रावत, आईजी मेला संजय गुंज्याल, डीएम सी. रविशंकर, एसएसपी हरिद्वार सैंथिल अबुदई कृष्ण राज एस, एसएसपी कुंभ जन्मजेय खंडूरी सहित अन्य अधिकारियों ने मंगलवार को हरकी पैड़ी ब्रह्मकुंड पर श्रीगंगा सभा की ओर से आयोजित मां गंगा के पूजन कार्यक्रम में प्रतिभाग किया। इस दौरान उन्होंने मां गंगा की पूजा-अर्चना की। इसके बाद श्रीगंगा सभा के आचार्य अमित शास्त्री ने मंत्रोउच्चारण के साथ मुख्यमंत्री से मां गंगा की पूजा-अर्चना ओर आरती कराई।

इसके साथ ही 151 आचार्यों ने मंत्रों का जाप किया तो साक्षात् देवों के आगमन जैसा माहौल निर्मित हुआ। मंत्रोउच्चारण के बाद माँ गंगा का पूजन, नैवेद्य अर्पण के साथ महाकुंभ 2021 के सफल आयोजन की कामना की गई।

इसके बाद आरती के बाद 151 आचार्यो ने जब शंखनाद किया तो पूरा हरकी पैड़ी परिसर इस ध्वनि से गूंज उठा। इस दौरान मुख्यमंत्री ने मां गंगा से कुम्भ के सफल आयोजन और सभी के कल्याण की कामना की। इसके बाद श्रीगंगा सभा कार्यालय में मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत, विधान सभा अध्यक्ष प्रेम चंद अग्रवाल का श्री गंगा सभा के सभापति कृष्ण कुमार शर्मा, अध्यक्ष प्रदीप झा, महामंत्री तन्मय वशिष्ठ, स्वागत मंत्री सिद्धार्थ चक्रपाणी, उज्ज्वल पंडित सहित अन्य पदाधिकारियों ने गंगाजलि, चुनरी व प्रसाद भेंट किया।

मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने हर की पैड़ी हरिद्वार में श्री गंगा सभा द्वारा आयोजित गंगा महापूजन कार्यक्रम में भाग लिया। महापूजन का आयोजन कुंभ मेले के सफल आयोजन के उद्देश्य से किया गया। मुख्यमंत्री ने कहा कि दिव्य और भव्य के साथ ही सुरक्षित कुंभ का आयोजन करने के लिए सरकार संकल्पित है। हरिद्वार के तीन संस्कृत महाविद्यालयों से आए 151 आचार्यों ने महापूजन के दौरान चारों ओर से मंत्रोच्चारण और शंखनाद किया। विधानसभाध्यक्ष प्रेम चंद्र अग्रवाल, सभी 13 अखाड़ों के प्रतिनिधि, मुख्य सचिव ओमप्रकाश, मेलाधिकारी दीपक रावत, आईजी कुंभ संजय गुंज्याल, डीएम हरिद्वार सी रविशंकर, एसएसपी जन्मेजय खंडूरी समेत पुलिसदृप्रशासन के अधिकारी इस मौके पर मौजूद रहे।

केंद्र की गाईडलाईन के अक्षरशः पालन के साथ संतों और श्रद्धालुओं की हर सुविधा का ख्याल


मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने वर्चुअल प्रेस वार्ता करते हुए कहा कि दिव्य, सुंदर, स्वच्छ और सुरक्षित कुम्भ का आयोजन कराने के लिए राज्य सरकार पूरी तरह से संकल्पबद्ध है। भारत सरकार की गाईडलाईन का पूरा पालन किया जाएगा, साथ ही इस बात की भी पूरी कोशिश की जा रही है कि यहां आने वाले श्रद्धालुओं को गैरजरूरी रोकटोक का सामना न करना पड़ा। साधु संतों और श्रद्धालुओं की सुविधा का पूरा ख्याल रखा जा रहा है। सुरक्षा व्यवस्था भी पूरी तरह से चाकचैबंद की गई है। बसों की संख्या भी बढ़ाई गई है। राज्य सरकार द्वारा की गई व्यवस्थाओं से संत महात्मा और श्रद्धालु उत्साहित हैं। पिछले स्नान में पहली बार हेलीकाप्टर से पुष्प वर्षा की गई।

केंद्र से मिला पूरा सहयोग, सैंकडों करोड़ के अवस्थापनात्मक और विकास कार्य हुए

कुम्भ मेले के तहत कराए गए विभिन्न कार्यों की जानकारी देते हुए मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने कहा कि विभिन्न विकास कार्यों के साथ ही भारत सरकार द्वारा कुम्भ मेला के लिए 700 करोड़ रूपए की धनराशि उपलब्ध कराई गई है। नमामि गंगे द्वारा सफाई व्यवस्था (शौचालय तथा डस्टबिन) के दृष्टिगत रू 58 करोड़ की धनराशि उपलब्ध कराई गयी, जिसके अन्तर्गत 11800 अस्थाई शौचालय एवं 6674 अस्थाई मूत्रालयों की स्थापना की गयी है। नमामि गंगे द्वारा सुन्दर कुम्भ मेला की दृष्टि से 01 करोड़ की धनराशि पेन्ट माई सिटी कैम्पेन के अन्तर्गत उपलब्ध कराई गयी। नमामि गंगे द्वारा 78 चेजिंग रूम हेतु रू0 50 लाख की धनराशि उपलब्ध कराई गयी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि स्थाई रूप से 09 स्नान घाटों एवं आस्था पथ हरिद्वार व मुनिकीरेती लागत रु0 4964.65 लाख का निर्माण कराया गया, घाटों की कुल लम्बाई है 1133 मी0 एवं आस्था पथ की लम्बाई 2405 मी0 है। आस्थापथ ऋषिकेश का पुनरोद्धार एवं बाढ़ सुरक्षा कार्य-लागत रू० 1157.65 लाख का कार्य कराया गया है, जिसकी कुल लम्बाई 2.08 कि०मी० है। स्थाई रूप से कुल 157.65 कि0मी0 सड़कों लागत रू0 12751.26 लाख का निर्माण कराया जा चुका है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि स्थाई रूप से 08 स्थाई सेतुओं लागत रू0 6398.50 लाख का निर्माण कराया गया है, जिनकी कुल लम्बाई 541 मीटर है। पेयजल व्यवस्था के लिए 04 आई वैल, 01 आर०बी०एफ० तथा 04 ट्यूबवैल कुल लागत रू0 1216 लाख का निर्माण कराया गया, जिससे कुल 19.18 एम. एल.डी. अतिरिक्त पेयजल प्राप्त होगा। 8.5 किमी नई सीवर लाईन लागत रू0 487 लाख की बिछाई गयी, जिससे 2312 परिवार लाभान्वित हुये। 25 कि0मी0 भूमिगत केबल परियोजना लागत रू0 301 करोड़ का कार्य कराया गया जिससे 22500 उपभोगक्ता लाभान्वित हुयें।

मुख्यमंत्री ने कहा कि सौन्दर्यीकरण के दृष्टि से 15 चैराहों लागत रू0 600 लाख तथा 123 पार्को लागत रू0 1100 लाख का सौन्दर्यीकरण कार्य कराया गया। सफाई व्यवस्था के दृष्टिगत लगभग 9000 स्वच्छकों की तैनाती मेलावधि में की जा रही है। हर की पैडी का जीर्णोद्धार एवं रोडी बेलवाला का स्थल विकास लागत रू0 34 करोड का कार्य कराया गया। मीडिया कर्मियों के लिए आधुनिक सुविधाओं से युक्त मीडिया सैन्टर लागत रु0 257.51 लाख की स्थापना की गयी है।

कुम्भ में स्वास्थ्य सुविधाओं और क्राउड मैनेजमेंट पर विशेष ध्यान

मुख्यमंत्री ने कहा कि कुम्भ मेले में स्वास्थ्य सुविधाओं पर विशेष ध्यान दिया गया है। 150 बैड अस्पताल लागत रु 222.02 लाख की स्थापना की गयी है। उ0प्र0 से डाक्टर, नर्स एवं अन्य मेडिकल स्टाफ की व्यवस्था की गयी है। 463 बैड क्षमता के 39 अस्थाई चिकित्सालयों हेतु उपकरण, दवाईयां, मक्खी – मच्छर नियंत्रण एवं अस्थाई कार्मिकों, श्रमिकों की व्यवस्था हेतु लगभग रु0 7015.83 लाख की व्यवस्था की गयी है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि क्राउड मैनेजमेंट पर भी खासतौर पर फोकस किया गया है। भीड़ नियंत्रण एवं सुरक्षा हेतु पुलिस सर्विलांस सिस्टम लागत 17.34 करोड़ की स्थापना की गयी है। कुम्भ मेला अवधि हेतु लगभग लागत रु० 118.39 लाख से अस्थाई नेत्र कुम्भ की स्थापना की गयी है।

अधिकारियों को 75 दिन का वर्कप्लान बनाने के निर्देश

जनकल्याणकारी योजनाओं के क्रियान्वयन में लापरवाही बर्दाश्त नहीं, अधिकारियों की जवाबदेही तय।

अधिकाधिक लोगों को लाभान्वित करने के लिए हर विभाग तय करे लक्ष्य।

मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने कहा कि 15 अगस्त, 2022 को भारत की स्वतंत्रता के 75 वर्ष पूर्ण हो रहे हैं। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में अमृत महोत्सव का अयोजन किया जा रहा है। इसी के तहत राज्य में लोकहितकारी योजनाओं के क्रियान्वयन करने के लिए अधिकारियों को 75 दिन का वर्क प्लान बनाने के निर्देश दिए हैं। जनकल्याणकारी योजनाओं को सरल, सुगम व पारदर्शी बनाये जाने के लिए सम्बन्धित अधिकारियों की जबावदेही तय की जायेगी। योजनाओं से जनता को अधिक से अधिक लाभान्वित किये जाने का प्रयास किया जायेगा। अधिकारियों को साफ कर दिया गया है कि विभिन्न जनकल्याणकारी योजनाओं का लाभ प्रदेश के प्रत्येक व्यक्ति को कम से कम समय में सरलता से पहुँचाना है।

शासन स्तर से मुख्य सचिव द्वारा शासन के अपर मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव, सचिव, सचिव ( प्रभारी) एवं अपर सचिव स्तर तक के अधिकारियों को उनके दायित्वों के अनुरूप (जनहित से जुड़े प्रकरणों के सम्बन्ध में ) 75 दिन की कार्ययोजना बनाते हुए योजना का क्रियान्वयन सुनिश्चित करायेंगे तथा सम्बन्धितों की जबावदेही तय की जायेगी।

समस्त विभागाध्यक्ष अपने अधीनस्थ सक्षम अधिकारियों को योजना के क्रियान्वयन हेतु सम्बन्धित विभाग में जनहित से जुड़ी योजनाओं से सम्बन्धित 75 दिन की कार्ययोजना तैयार करते हुए इसका क्रियान्वयन सुनिश्चित करेंगे विभागाध्यक्ष अपने-अपने विभाग से जुड़ी जनकल्याणकारी योजना के सफल क्रियान्वयन हेतु जबावदेह होगा।

मण्डलायुक्त, अपने-अपने मण्डल के अन्तर्गत जिलाधिकारियों को उनके मूल दायित्वों के अनुरूप कार्ययोजना का निरूपण करने हेतु 75 दिन की कार्ययोजना तैयार करते हुए इसका क्रियान्वयन सुनिश्चित करायेंगे तथा सम्बन्धित जनपद के जिलाधिकारियों की जबावदेही तय होगी।

राज्य में कानून व्यवस्था को सुदृढ़ बनाये जाने एवं आम जनता की सुरक्षा हेतु पुलिस महानिदेशक द्वारा अपर पुलिस महानिदेशक, पुलिस महानिरीक्षक, अपर पुलिस महानिरीक्षक, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, पुलिस अधीक्षक स्तर के अधिकारियों को उनके दायित्वों के अनुरूप कार्ययोजना तैयार करते हुए योजना का क्रियान्वयन सुनिश्चित करायेंगे तथा इस हेतु पुलिस महानिदेशक की जबावदेही होगी।

समस्त अधिकारियों का वर्क प्लान 75 घण्टे के भीतर मुख्यमंत्री सचिवालय प्रेषित किया जायेगा। प्रत्येक 30 दिनों के बाद मुख्य सचिव, पुलिस महानिदेशक व अन्य विभागाध्यक्ष अपने अधीनस्थ अधिकारियों के वर्क प्लान क्रियान्वयन का अनुश्रवण करेंगे।

कार्ययोजना में सम्बन्धित विभाग की कम से कम 05 महत्वपूर्ण जनकल्याणकारी योजनाओं को सम्मिलित किया जाना अनिवार्य होगा तथा इन योजनाओं के क्रियान्वयन को सरल, सुगम व पारदर्शी बनाये जाने हेतु विशेष ध्यान देने के लिए कहा गया है।

वनाग्नि प्रबंधन के लिए व्यवस्थाएं की गईं

प्रदेश में वनाग्नि प्रबंधन के लिए किए गए प्रयासों की जानकारी देते हुए मुख्यमंत्री ने बताया कि वन विभाग द्वारा जनपद स्तरीय फायर प्लान तैयार कर लिया गया है। उसी के अनुरूप फायर लाईनो का अनुश्रवण, फायर क्रू स्टेशनों की स्थापना आदि काम किए गए हैं। लगभग 2000 फोरेस्ट फायर किट का क्रय, और फोरेस्ट फायर कंट्रोल रूम की स्थापना के लिए 180 करोड़ की अतिरिक्त धनराशि विभिन्न वन प्रभागों को अवमुक्त कराई गई है। वनाग्नि सुरक्षा कार्य के लिए उपलब्धतानुसार फायर क्रू स्टेशनों पर 4 से 6 फायर वाचर रखे जाएंगे। जंगल से पिरूल संग्रहण के लिए सभी डीएफओ को निर्देशित किया गया है।

कुंभ मेला क्षेत्र में व्यवस्थाओं को दो दिन में पूरा करें अधिकारीः मुख्य सचिव

आस्था का महापर्व कुंभ मेला शुरू होने में केवल चार दिन शेष रह गए हैं। बावजूद इसके अभी तक ऋषिकेश और आसपास के क्षेत्र में श्रद्धालुओं के लिए जुटाई जाने वाली व्यवस्थाएं अधूरी हैं। मुख्य सचिव ओमप्रकाश ने निरीक्षण के बाद यह तमाम बातों को उजागर किया।

दरअसल आज मुख्य सचिव ओमप्रकाश ने ऋषिकेश के त्रिवेणी घाट, सरकारी अस्पताल मुनीकीरेती और स्वर्गाश्रम क्षेत्र में तमाम व्यवस्थाओं का बारीकी से निरीक्षण किया। इस दौरान काफी सारी कमियां मुख्य सचिव को दिखाई दी। जिस पर उन्होंने अधिकारियों को फटकार भी लगाई। मौके पर 2 दिन में व्यवस्थाओं को दुरुस्त करने के निर्देश भी दिए। इस दौरान कुंभ मेला अधिकारी दीपक रावत भी साथ में उपस्थित रहे। कुंभ मेला अधिकारी ने निरीक्षण से पहले गढ़वाल मंडल विकास निगम के रिसोर्ट में तमाम विभागों के अधिकारियों के साथ बैठक भी की। जिसमें कुंभ मेले की व्यवस्थाओं में दिखाई दे रही कमियों को लेकर सवाल जवाब किए गए। इस मामले में सबसे बड़ा सवाल यह उठता है कि कुंभ की व्यवस्थाओं को लगातार बैठक दर बैठक हो रही है, फिर भी कमियां दुरुस्त होने का नाम नहीं ले रही हैं। ऐसे में मुख्य सचिव के द्वारा 2 दिन में कमियों को पूरा करने के दिए गए निर्देश कितने कारगर साबित होंगे। वही नगर की महापौर अनीता ममगाई ने मुख्य सचिव को एक ज्ञापन देकर गंगा की जलधारा त्रिवेणी घाट तक लाने के लिए तटबंध बनाने की मांग की है।

निरीक्षण में मेलाधिकारी कुम्भ दीपक रावत, जिलाधिकारी गढ़वाल डाॅ0 विजय कुमार जोगदण्डे, जिलाधिकारी देहरादून डॉ आशीष कुमार श्रीवास्तव, जिलाधिकारी ईवा आशीष श्रीवास्तव आदि अधिकारी मौजूद थे।

शहरी विकास विभाग ने की महाकुंभ 2021 की अधिसूचना जारी

महाकुंभ 2021 के लिए शहरी विकास विभाग ने मेला क्षेत्र को अधिसूचित कर दिया है। सरकार की ओर से जारी अधिसूचना में एक अप्रैल से 30 अप्रैल तक की अवधि को कुंभ मेला अवधि घोषित किया गया है। साथ ही रूड़की से नीलकंठ तक के क्षेत्र को कुंभ मेला एरिया घोषित किया है। अधिसूचना सचिव शहरी विकास शैलेश बगौली की ओर से जारी की गई है।

कुंभ क्षेत्र की सीमा
उत्तर – नीरगढ़, तपोवन, विट्ठल आश्रम मार्ग, नरेंद्र नगर मुनिकी रेती मार्ग तक।
पश्चिम – नरेंद्र नगर- ऋषिकेश बाईपास, देहरादून- ऋषिकेश मार्ग वन चैकी तक, हरिद्वार बाईपास, हरिद्वार हाईवे, हिल बाईपास, मंशादेवी मंदिर, बीएचईएल आवासीय कॉलोनी, हरिद्वार- दिल्ली मार्ग पर 13 किमी तक।
दक्षिण – बहादराबाद गांव, हरिद्वार बाईपास मार्ग पर सीतापुर गांव की सीमा तक, हरिद्वार- ऋषिकेश बाईपास पर रेलवे पुल तक, जियापोता गांव से गंगा पार करते हुए नजीबाबाद मार्ग पर सिद्ध सोत तक।
पूरब – चंडी देवी मंदिर, चीला मार्ग, चीला नहर होते हुए वीरभद्र बैराज, लक्ष्मणझूला- दुगड्डा मार्ग पर पीपलकोटी तक, पैदल मार्ग से होते हुए नीलकंठ मंदिर तक।

केंद्र सरकार कुंभ मेले में कोविड प्रोटोकॉल सख्ती से लागू करने के निर्देश दे चुकी है। अब विधिवत कुंभ मेला अधिसूचित होने के बाद आगामी स्नान पर राज्य सरकार को कोविड प्रोटोकॉल का पालन करना होगा। तब तक चूंकि सरकार ने विधिवत नोटिफिकेशन जारी नहीं किया था, इस कारण पूर्व में आयोजित स्नान पर उक्त मानक लागू नहीं हो पाए थे। अब 12 और 14 अप्रैल को क्रमश साोमवती अमावस्या और बैशाखी के दो प्रमुख शाही स्नान पड़ रहे हैं।

हरिद्वार में मुख्यमंत्री ने किया लगभग 120 करोड़ की विभिन्न योजनाओं का लोकार्पण

हरिद्वार महाकुंभ 2021 के तहत आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने करीब 120 करोड़ की लागत की विभिन्न विकास योजनाओं का लोकार्पण किया। इस मौके पर उन्होंने कहा कि महाकुंभ की भव्यता और दिव्यता के लिए सरकार प्रतिबद्ध है।

मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने कहा की कुंभ पूरे विश्व की धरोहर है और यह 12 साल में एक बार आता है। ऐसे में कुंभ को लेकर लोगों में उत्साह तो जरूर था लेकिन कोविड-19 को लेकर असमंजस की स्थितियां बनी हुई थी। इससे यहां का व्यापारी वर्ग से लेकर आम जन में चिंताएं थी। इसी चिंता को देखते हुए हमारी सरकार ने कुंभ में आने जाने की अनावश्यक रोक टोक को खत्म कर किया है। लेकिन भारत सरकार द्वारा जारी कोविड-19 की गाइडलाइन को हर हाल में पूरा करना होगा।

उन्होंने कहा कि कुंभ पर हमारा पूरा फोकस है। इसे भव्य और दिव्य बनाने के लिए पूरे प्रयास किए जा रहे हैं। यहां किसी तरह की कोई दिक्कत नहीं आएगी। अखाड़ा परिषदों से लेकर श्रद्धालुओं को कोविड-19 की गाइडलाइन के अनुपालन के बारे में बताया गया है। कुम्भ मेले में आवागमन को बेहतर करने के लिए यहां यात्री वाहनों की संख्या में 4 गुना तक का इजाफा किया गया है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में बने विकास प्राधिकरण के अस्तित्व को हमारी सरकार ने खत्म कर दिया है। हमारी सरकार ने कोविड-19 के दौरान काम करने वालों पर लगे मुकदमों को वापस ले लिया है।

मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पहाड़ में रेल का सपना पूरा कर दिया है। पहले लोग सड़क की मांग करते थे आज ट्रेन की बात हो रही है। उनके नेतृत्व में ही यह बदलाव संभव हो पाया है आने वाले दिनों में यहां रोजगार की भी कोई कमी नहीं होगी। कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज देश का नेतृत्व कर रहे हैं लेकिन पूरे विश्व में उनकी नेतृत्व क्षमता का लोहा माना जाता है पूरे विश्व में उनके नेतृत्व की तारीफ की जाती है।

इस मौके पर केंद्रीय शिक्षा मंत्री डॉ रमेश पोखरियाल निशंक, विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद्र अग्रवाल, प्रदेश अध्यक्ष भाजपा मदन कौशिक, राज्यमंत्री स्वामी यतीस्वरानंद, विधायक आदेश चैहान, सुरेश राठोर, आयुक्त गढ़वाल मंडल रविनाथ रमन आदि मौजूद रहे।

महाकुम्भ में संतों के दर्शन मात्र से जीवन होता है सफलः मुख्यमंत्री

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने हरिद्वार में पंचायती अखाड़ा निरंजनी की पेशवाई में शामिल साधु-संतों से आशीर्वाद लिया। उन्होंने कहा कि महाकुम्भ में संतों के दर्शन मात्र से ही जीवन सफल हो जाता है। संतों के आशीर्वाद से सरकार दिव्य व भव्य और सुरक्षित कुम्भ के आयोजन में पूरी तरह सफल होगी।

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने हरिद्वार भ्रमण के दौरान सर्वप्रथम पंचायती अखाड़ा श्री निरंजनी की छावनी एसएमजेएन पीजी कॉलेज में पहुंचे। जहां महाकुम्भ की पहली पेशवाई अखाड़े की ओर से निकलनी थी। मुख्यमंत्री ने यहां पर अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि, अखाड़े के सचिव व मनसा देवी मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष महंत रविन्द्र पुरी, अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी कैलाशानंद आदि संतों के साथ पूजन कर पेशवाई को रवाना किया।

इसके बाद मुख्यमंत्री पंचदशनाम जूना भैरव अखाड़ा मायादेवी मंदिर में दर्शन पूजन करने पहुंचे। वहां उन्होंने पूजा अर्चना कर मां से दिव्य व भव्य कुंभ के आयोजन का आशीर्वाद मांगा। उन्होंने अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के राष्ट्रीय महामंत्री महंत हरि गिरि आदि से आशीर्वाद लिया। परिसर में ही स्थापित दत्रात्रेय चरण पादुका के साथ ही श्री पंचदशनाम आवाहन अखाड़ा चरण पादुका का पंच अग्नि अखाड़ा में पूजा की।

यहां से मुख्यमंत्री पंचायती महानिर्वाणी अखाड़ा कनखल पहुंचे। वहां उन्होंने अखाड़े के महंत रविन्द्रपुरी आदि के साथ धर्मध्वजा का पूजन किया। संतों से आशीर्वाद लेने और कुम्भ की व्यवस्थाओं पर चर्चा के बाद मुख्यमंत्री कनखल स्थित जगदगुरु आश्रम पहुंचे। यहां उन्होंने जगदगुरू शंकराचार्य राजराजेश्वराश्रम से आशीर्वाद प्राप्त किया। वह कनखल के ही शंभू पंचायती अटल अखाड़ा पहुंचे। उन्होंने मंदिर में दर्शन के बाद परिसर में स्थापित धर्मध्वजा का भी पूजन किया।

इसके बाद मुख्यमंत्री बैरागी कैंप कनखल के अखिल भारतीय पंच निर्मोही अनि अखाडे़ पहुंचे। वहां हनुमान मंदिर में पूजा कर अखाड़े के अध्यक्ष महंत राजेंद्र दास महाराज आदि से आशीर्वाद लिया।

इससे पूर्व गुरूकुल कांगड़ी में बने हैलीपैड पहुंचने पर मुख्यमंत्री का मेलाधिकारी दीपक रावत, आईजी कुंभ संजय गुंज्याल, जिलाधिकारी सी. रविशंकर, वरिष्ष्ठ पुलिस अधीक्षक कुंभ जन्मेजय खंडूड़ी, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक हरिद्वार सेंथिल अबूदई कृष्ण राज एस, दायित्वधारी डा0 विनोद आर्यां, भाजपा जिलाध्यक्ष डा0 जयपाल सिंह चैहान, जिला महामंत्री विकास तिवारी, नरेश शर्मा, विमल कुमार, उज्जवल पंडित, लव शर्मा आदि ने स्वागत किया।

अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस मीडिया सेंटर से कुम्भ की कवरेज में होगी आसानीः मुख्यमंत्री

मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि प्रदेश सरकार हरिद्वार में दिव्य व भव्य महाकुंभ के आयोजन को तैयार है। कुंभ में आने वाले श्रद्धालुओं के बेहतर स्वास्थ्य के लिए पावनधाम भूपतवाला में 150 बेड का सुविधा युक्त अस्पताल बनकर तैयार है। इसके अलावा चंडीटापू नीलधारा में अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस मीडिया सेंटर में बैठकर देश विदेश से आने वाले हमारे मीडिया प्रतिनिधियों को कवरेज में आसानी होगी।

मुख्यमंत्री ने हरिद्वार में महाकुंभ के कार्यों का निरीक्षण किया। उन्होंने पावनधाम भूपतवाला में कुंभ के लिए बने 150 बेड के बेस अस्पताल का निरीक्षण कर आईसीयू, विभिन्न वार्डों, बर्न यूनिट, रिसेप्शन, आपातकालीन वार्ड आदि सुविधाओं की जानकारी ली। मेलाधिकारी चिकित्सा एवं स्वास्थ्य डॉ. अर्जुन सिंह सेंगर ने मुख्यमंत्री को बताया कि अस्पताल में शिफ्टवार 38 डाक्टर, 90 स्टाफ नर्स के अलावा पैरामेडिकल स्टाफ की भी तैनाती की गई है। मुख्यमंत्री ने चिकित्सकों के रहने आदि व्यवस्था की भी जानकारी ली।

इसके बाद मुख्यमंत्री चंडीटापू नीलधारा में निर्मित मीडिया सेंटर का निरीक्षण करने पहुंचे। मेलाधिकारी दीपक रावत और महानिदेशक सूचना डॉ. मेहरबान सिंह बिष्ट ने मुख्यमंत्री को बताया कि मीडिया सेंटर में प्रेस कान्फ्रेंस हाल, स्टूडियों, रिसेप्शन, पीसीआर, वेटिंग लॉज, आईटी हाल, स्विस व वीआईपी कॉटेज की व्यवस्था है। महानिदेशक सूचना ने बताया कि मीडिया सेंटर को सभी आधुनिक संचार उपकरणों एवं संसाधनों से युक्त किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि मुख्य स्नान पर्वो आदि का लाइव कवरेज किये जाने की भी व्यवस्था मीडिया सेंटर के माध्यम से रहेगी। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने मीडिया सेंटर में व्यवस्थाओं की प्रशंसा की।

मुख्यमंत्री के निरीक्षण के दौरान दायित्वधारी पंकज सहगल, सुशील चैहान, जिलाधिकारी सी. रविशंकर, आईजी कुंभ मेला संजय गुंज्याल, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक कुंभ जन्मेजय खंडूड़ी, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक हरिद्वार सेंथिल अबूदई कृष्ण राज एस, अपर मेलाधिकारी डॉ. ललित नारायण मिश्र आदि उपस्थित थे।

देशभर से कुंभ में पहुंचेंगे लोग, किसी की जिंदगी के साथ रिस्क नहीं लेना होगा

मुख्य सचिव ओमप्रकाश की अध्यक्षता में कोविड-19 वैक्सिनेशन हेतु स्पेशल टास्क फोर्स की बैठक संपन्न हुई। मुख्य सचिव ने जिलाधिकारी हरिद्वार को सख्त निर्देश दिए कि कुम्भ ड्यूटी में लगे लोगों का 100 प्रतिशत वैक्सिनेशन करवाना सुनिश्चित किया जाए। उन्होंने गर्भवती एवं धात्री महिला सहित कोन्ट्राइन्डिकेशन के मामलों को छोड़कर अन्य रिफ्यूजल पर सख्त कार्यवाही के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि पूरे देश से कुम्भ में लोग आएंगे, उनकी जिंदगी के साथ किसी भी प्रकार का रिस्क नहीं लिया जा सकता। उन्होंने कहा कि गर्भवती एवं धात्री महिला सहित कोन्ट्राइन्डिकेशन के मामलों को छोड़कर जो अधिकारी कर्मचारी वैक्सिनेशन नहीं करवा रहे हैं, उन्हें हरिद्वार कुम्भ क्षेत्र में न रखा जाए। कुम्भ को देखते हुए उनका स्थानान्तरण किया जाए।

मुख्य सचिव ने कहा कि अन्य राज्यों से आने वाले पुलिस और पैरामिलिट्री कार्मिकों का भी तुरंत वैक्सिनेशन किया जाना सुनिश्चित किया जाए। उन्होंने कहा कि 15 मार्च तक उत्तर प्रदेश से भी 100 डॉक्टर्स एवं 148 पैरामेडिकल स्टाफ पहुंच जाएगा, उनके रहने की व्यवस्था भी अस्पतालों के आसपास सुनिश्चित की जाए। दुधाधारी आश्रम में बनाए जाने वाले अस्पताल को 15 मार्च तक फंक्शनल किया जाए। उन्होंने हरिद्वार में अन्य जनपदों से आने वाले कार्मिकों के वैक्सिनेशन स्टेटस का पता कर उनका भी वैक्सिनेशन सुनिश्चित किए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने देहरादून में प्राईवेट सेक्टर के हेल्थ वर्कर्स के वैक्सीनेशन में गति लाने के निर्देश दिए।

इस अवसर पर सचिव अमित नेगी, पंकज कुमार पाण्डेय एवं महानिदेशक चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण अमिता उप्रेती सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी एवं वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से जनपदों से जिलाधिकारी उपस्थित थे।

महाकुंभ में देवत्व स्नान व शोभायात्रा का बनाएंगे भव्यः ब्लाक प्रमुख

हरिद्वार में होने जा रहे महा कुम्भ पर्व में देवत्व स्नान एवं शोभायात्रा को अत्यधिक भव्य बनाने हेतु देवडोली समिति द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों में जनसहभागिता व जनसहयोग हेतु जन-जागरण कार्यक्रम चलाया गया।

छिद्दरवाला में वरिष्ठ नागरिक समिति कार्यालय में सम्पन्न कार्यक्रम के मुख्य अतिथि डोईवाला ब्लॉक प्रमुख भगवान सिंह पोखरियाल ने कहा कि यह पर्व हमारी लोक संस्कृति ही नहीं अपितु हमारी भारतीय सनातनी संस्कृति तथा धार्मिक एवं संस्कृतिक विरासत का वाहक है। उन्होंने कहा कि देवडोली कार्यक्रम की सफलता हेतु हम डोईवाला विकासखण्ड की 16 न्याय पंचायत के सभी जनप्रतिनिधियों की बैठक कर उनकी कमेटी का गठन कर प्रतिनिधियों को दायित्व प्रदान करेंगे।

बैठक की अध्यक्षता वरिष्ठ नागरिक सामिति के अध्यक्ष हुकुम सिंह रावत व संचालन प्रवक्ता डॉ. धीरेंद्र रांगड़ ने किया। श्री देवभूमि लोक संस्कृति विरासतीय शोभायात्रा समिति के उपाध्यक्ष बंशीधर पोखरियाल व कार्यक्रम संयोजक संजय शास्त्री ने कहा कुल्लू दशहरा की तरह हमे इस पर्व को वर्ल्ड हेरिटेज बनाना है।

डॉ० धीरेंद्र रांगड़ ने कहा कि देश भर में कोरोना वायरस जैसी घातक बीमारी के संकट व भय के बावजूद देवडोली स्नान के पर्व को लेकर लोगों में जबरदस्त उत्साह देखने को मिल रहा है।
बैठक में ज्योती सजवाण, पूर्व प्रधान रवि पोखरियाल, प्रधान चंद्रमोहन पोखरियाल, गजेन्द्र सिंह कंडियाल, भगवान सिंह रांगड़, सुंदर सिंह कंडियाल, रघुवीर सिंह, प्रताप सिंह, उम्मेद सिंह सिंह पोखरियाल, देवराज पैन्यूली, दयाल सिंह रावत, गोविन्द सिंह बिष्ट, सते सिंह बिष्ट, बरफसिंह पोखरियाल, सुरेशी रावत, भगवान सिंह मेहर, सुरेंद्र रावत, रमेश पैन्यूली, विशाल मणि पैन्यूली, महिपाल बिष्ट, यतेंद्र कंडियाल आदि उपस्थित थे।