हाईकमान सुलझा पायेगा मदन कौशिक और सतपाल महाराज के समर्थकों में मारपीट का मामला!

हरिद्वार का घटनाक्रम अब भाजपा हाईकमान के दरवाजे पर आ गया है। हाईकमान अब मामले में दोनों मंत्रियों के बीच सुलह करवायेगा, ऐसी उम्मीद की जा रही है। दो कैबिनेट मंत्रियों के समर्थकों के सार्वजनिक रूप से आमने-सामने आ जाने से भाजपा की किरकिरी हो रही है। वहीं अनुशासित पार्टी की छवि को भी इस घटनाक्रम से नुकसान पहुंचा है। कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के बाद मंत्रिमंडल में नंबर दो की हैसियत के मंत्री हैं। इसी साल की शुरुआत में विधानसभा चुनाव के जरिये महाराज ने राज्य की राजनीति में कदम रखा। उत्तराखंड में भाजपा की भारी भरकम जीत के बाद वह भी मुख्यमंत्री पद के दावेदार थे, हालांकि पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व ने उन पर पुराने पार्टी कार्यकर्ता त्रिवेंद्र सिंह रावत को तरजीह दी।
वहीं, हरिद्वार के विधायक मदन कौशिक भी भाजपा के कद्दावर नेताओं में शामिल हैं। विधानसभा चुनावों में लगातार जीत दर्ज करते आ रहे कौशिक की छवि तेजतर्रार नेता की है। कौशिक के कद का अंदाजा इस बात ये लगाया जा सकता है कि उन्हें प्रदेश सरकार के प्रवक्ता की अतिरिक्त जिम्मेदारी भी दी गई है।
गुरुवार को हुए टकराव के बाद जिस तरह पार्टी नेता और विधायक साफ तौर पर दो खेमों में बंटे नजर आए, उससे यह भी स्पष्ट हो गया कि चिंगारी काफी वक्त से सुलग रही थी और मौका सामने आते ही इसने असंतोष की आग कर रूप ले लिया। हालांकि, अब प्रदेश नेतृत्व इस असहज स्थिति से निबटने के लिए आगे आ गया है। इससे समझा जा रहा है कि जल्द इस प्रकरण का पटाक्षेप हो जाएगा।

प्रदेश अध्यक्ष ने बताया हादसा
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष अजय भट्ट ने हरिद्वार की घटना को महज एक हादसा बताया है। कहाकि यह दो मंत्रियों के बीच टकराव जैसी कोई बात नहीं है। दरअसल, हरिद्वार में जलभराव को लेकर स्थानीय जनता में आक्रोश था। प्रशासन अगर आश्रम प्रबंधन से इस सिलसिले में पूछ लेता, तो यह नौबत आती ही नहीं।
उन्होंने कहा कि यह मामला सतपाल महाराज के आश्रम के लोगों और नगर निगम कर्मचारियों के बीच का है। इसे बेवजह राजनैतिक रूप से तूल नहीं देना चाहिए। मैंने दोनों मंत्रियों से इस संबंध में बात की है। परिवार का मामला है, जल्द सुलझा लिया जाएगा।

हरिद्वार की घटना से प्रदेश की राजनीति में भूचाल आने के संकेत!

हरिद्वार की घटना से प्रदेश की राजनीति में एक बड़ा बवाल हो गया है। दो कैबिनेट मंत्रियों के समर्थकों में जमकर लाठी और डंडे चले। जिसमें नगर निगम के मेयर मनोज गर्ग को गंभीर चोटें आयी है। दूसरी, ओर भाजपा के चार विधायक खुलकर सतपाल महाराज के समर्थन में आ गये है। जिसे मदन कौशिक को घेरने की राजनीति के रुप में देखा जा रहा है। राजनीतिक गलियारों में चर्चा है कि इस प्रकरण से पूर्व मुख्यमंत्री निशंक और सीएम त्रिवेन्द्र सिंह रावत के बीच और खाई पट सकती है।
आरोप है कि अतिक्रमण हटाने को गई टीम पर कार्रवाई के दौरान कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज के समर्थकों ने मेयर मनोज गर्ग और नगर निगम हरिद्वार के कर्मचारियों पर हमला कर दिया है। जानकारी के अनुसार बारिश के कारण खन्ना नगर में जलभराव हो रहा था। कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज के प्रेमनगर आश्रम के ठीक बराबर में पॉश कालोनी खन्ना नगर स्थित है। सुबह हुई बारिश के दौरान हरिद्वार की सड़कें जलमग्न हो गईं। खन्ना नगर में भी जलभराव हो गया। जलभराव की स्थिति का जायजा लेने मेयर मनोज गर्ग मौके पर पहुंचे तो वहां मौजूद भीड़ का आरोप था कि प्रेमनगर आश्रम के अतिक्रमण के चलते ही कालोनी में जलभराव की नौबत आ रही है। आरोप है कि आश्रम की ओर से नाले पर भी कब्जा किया गया है। इससे पानी की निकासी रुक गई है।
मौके पर नगर निगम की टीम जैसे ही आश्रम के अतिक्रमण को तोड़ने लगी तो आश्रम के लोगों ने विरोध शुरू कर दिया। मेयर गर्ग के साथ शहरी विकास मंत्री मंत्री मदन कौशिक के समर्थक मौजूद थे। देखते ही देखते दोनों पक्षों में विवाद बढ़ गया। आरोप है कि आश्रम से सतपाल महाराज के समर्थक डंडे लेकर आए और उन्होंने मेयर के साथ ही नगर निगम कर्मचारियों और कौशिक समर्थकों पर हमला बोल दिया। इससे मेयर को चोट आई है। उन्हें किसी तरह बचाकर अस्पताल पहुंचाया गया।
इस दौरान कौशिक के समर्थकों ने जेसीबी चला कर अतिक्रमण तुड़वा दिया। इससे गुस्साए महाराज समर्थकों ने पथराव किया तो जवाब में दोनों ओर से पत्थर बाजी हुई। इसमें दोनों पक्ष से करीब आधा दर्जन लोग घायल बताए जा रहे हैं। इस दौरान पुलिस को लाठियां फटकारकर किसी तरह स्थित नियंत्रित करनी पड़ी। मंत्री मदन कौशिक के समर्थक महाराज के समर्थकों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग को लेकर वहां प्रदर्शन करने लगे। प्रशासन और पुलिस की टीम दोनों पक्षों को समझाने में जुटी रही। उधर, नगर निगम ने सतपाल महाराज के आश्रम के गेट पर बाहर कूड़ा डाल दिया है।