शासन का आदेश, पांचवी कक्षा से आगे की क्लासों के छात्रों को देनी होगी पूरी फीस

पांचवी से ऊपर की सभी कक्षाओं के छात्रों से पूरी फीस लेने का आदेश आज उत्तराखंड सरकार ने जारी कर दिया है। आदेश में प्राइवेट स्कूलों को फीस किस्तों में लेने पर सह्दयता से विचार करने को कहा गया है।

शिक्षा सचिव आर. मीनाक्षीसुंदरम ने आज फीस का जीओ जारी किया। स्कूल पूरी फीस उसी तारीख से ले सकेंगे, जिस दिन वो विधिवत रूप से खुले हैं। पहली से पांचवी कक्षा के छात्रों से फिलहाल केवल ट्यूशन फीस ही ली जाएगी। मालूम हो कि इससे पहले केवल 10 और 12 वीं कक्षा के छात्रों से ही पूरी फीस ली जा रही थी।

ये कक्षाएं दो नवंबर 2020 से खोल दी गईं थी। आठ फरवरी से सरकार ने छठी से ग्यारहवी कक्षाओं को भी खोल दिया है। दूसरी तरफ, पीपीएसए के अध्यक्ष प्रेम कश्यप ने सरकार के फैसले का स्वागत किया। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट पूर्व में ही इस बाबत निर्देश दे चुका है। जो अभिभावक एक साथ फीस देने में सक्षम नहीं होंगे, वो रियायत के लिए आवेदन कर सकते हैं। स्कूल की प्रधानाचार्य उन्हें किस्त में फीस अदा करने की सुविधा दे सकते हैं।

सिलेबस में 30 फीसदी कटौती के साथ परीक्षा देंगे छात्रः मीनाक्षी सुंदरम

कोरोना महामारी के बीच छात्रों के लिए राहत देने वाली खबर है। संक्रमण के चलते विद्यालयों के बंद रहने की वजह से उत्तराखंड सरकार ने सिलेबस में 30 फीसदी कटौती करने का निश्चय कर दिया है। शिक्षा सचिव आर मीनाक्षी सुंदरम ने इसके आदेश जारी कर दिए है। इस आदेश के अनुसार राज्य में एनसीईआरटी के स्तर से सिलेबस इस वर्ष 70 फीसदी ही रहेगा।

इस क्रम में वर्ष 2020-21 शैक्षिक सत्र में गृह और बोर्ड परीक्षाएं करवाई जाएंगी। यह फैसला शिक्षा विभाग की ओर से संचालित सरकारी, अशासकीय सहायता प्राप्त और मान्यता प्राप्त स्कूलों पर लागू होगा। शिक्षा सचिव ने बताया कि पहली से आठवीं तक एनसीईआरटी से तय सिलेबस लागू किया जाएगा। नौवीं से 12वीं तक का सिलेबस विद्यालयी शिक्षा परिषद की ओर से तय होगा।

उत्तराखंड में पहली से 12वीं तक एनसीईआरटी किताबें लागू हैं। लेकिन राज्यस्तर से भी कुछ किताब पढ़ाई जातीं हैं। इन किताबों में भी तीस फीसदी की कटौती होनी है। सचिव ने कहा, परीक्षा को देखते हुए जरूर सिलेबस में कटौती हो गई है।