गंगा का जलस्तर बढ़ने से राफ्टिंग बंद

मौसम विभाग के अलर्ट के बाद रविवार की अलसुबह से ही सभी क्षेत्र में मूसलधार वर्षा हो रही है। पर्वतीय क्षेत्र में हो रही वर्षा के कारण गंगा के जल स्तर में वृद्धि हुई है। प्रशासन की ओर से गंगा में राफ्टिंग पर रोक लगा दी गई है। हालांकि यह रोक दो दिन के लिए है। 30 जून राफ्टिंग सत्र का आखिरी दिन होता है। दो दिन बाद समीक्षा के बाद प्रशासन अगला निर्णय लेगा।
गंगा के जल स्तर में वृद्धि के साथ बड़ी संख्या में सूखे पेड़ और लकड़ी गंगा में बहकर आ रही है। जिनसे राफ्ट के टकराने से दुर्घटना का अंदेशा भी बढ़ गया है। वर्तमान में उपजे हालात को देखते हुए पुलिस प्रशासन की ओर से उप जिलाधिकारी नरेंद्र नगर देवेंद्र सिंह नेगी से राफ्टिंग पर रोक लगाने का आग्रह किया गया था।
प्रभारी निरीक्षक रितेश शाह ने बताया कि उप जिलाधिकारी के निर्देश पर जिला सहायक पर्यटन अधिकारी केएस नेगी के साथ टीम ने ब्रम्हपुरी में गंगा के जलस्तर की जांच की। यहां पर राफ्टिंग के लिए निर्धारित जल स्तर का मानक ग्रीन लेबल लगा हुआ है। गंगा का जलस्तर ग्रीन लेवल को पार कर गया है। जिसके बाद उपजिलाधिकारी ने रविवार और सोमवार के लिए राफ्टिंग पर रोक लगा दी है।

साहसिक पर्यटन विभाग की ओर से प्रत्येक वर्ष 30 जून तक ही राफ्टिंग सत्र संचालित होता है। इसके बाद मानसून सत्र शुरू हो जाता है और राफ्टिंग पर रोक लग जाती है। प्रशासन की ओर से मंगलवार को हालात की समीक्षा की जाएगी। यदि गंगा का जलस्तर प्रतिकूल हुआ तो राफ्टिंग पर रोक अगले कुछ दिन के लिए बढ़ाई जा सकती है।

कई जिले में कहीं-कहीं भारी से बहुत भारी बारिश की संभावना

मौसम विभाग ने उत्तराखंड में अगले तीन दिनों कहीं कहीं भारी से बहुत भारी बारिश को लेकर ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। 24 जुलाई को कहीं कहीं भारी बारिश का यलो अलर्ट रहेगा। उसके बाद बारिश में कमी आने की संभावना है। मौसम विभाग के मुताबिक गुरुवार, शुक्रवार व शनिवार को उत्तरकाशी, रुद्रप्रयाग, चमोली, बागेश्वर, नैनीताल व पिथौरागढ़ जिले में कहीं कहीं भारी से बहुत भारी बारिश की संभावना है।
इसके लिए ऑरेंज अलर्ट रखा गया है। मौसम विभाग के निदेशक बिक्रम सिंह ने बताया कि संवेदनशील इलाकों में हल्का से मध्यम भूस्खलन, चट्टान गिरने के कारण कहीं कहीं सड़कों व राजमार्गों में अवरोध कटाव हो सकता है। पहाड़ी क्षेत्रों में अतिप्रवाह व निचले इलाकों में जलभराव से मुसीबत बढ़ सकती है।
लोगों से भारी बारिश के समय घर में या सुरक्षित जगहों पर ही रहने का सुझाव दिया गया है। प्रशासन व आपदा दस्तों, बाढ़ नियंत्रण टीमों को सतर्क रहने को कहा है। वहीं 24 को यलो अलर्ट के साथ उत्तरकाशी, रुद्रप्रयाग, चमोली, बागेश्वर, पिथौरागढ़ में कहीं कहीं भारी बारिश की संभावना है।

उत्तराखंड में पिछले 24 घंटों में 21.1 एमएम बारिश
मौसम विभाग ने राज्य में पिछले 24 घंटों में कुल 21.1 एमएम बारिश दर्ज की। जो सामान्य से 53 फीसदी अधिक है। मौसम विभाग के अनुसार इनमें बागेश्वर में 47, चमोली में 28.1, पिथौरागढ़ में 42.7, रुद्रप्रयाग में 28.1, उधमसिंहनगर में 17.4, नैनीताल में 28.1, हरिद्वार में 19.9 एमएम बारिश दर्ज की गई।

देहरादून में हुई झमाझम बारिश
देहरादून शहर में तड़के व सुबह के समय अशिकांश हिस्सों में झमाझम बारिश हुई। इससे शहर के तापमान में काफी गिरावट आ गई। दून में बुधवार को अधिकांश तापमान 27.9 डिग्री सेल्सियस के साथ 2 कम व न्यूनतम तापमान 22.6 डिग्री सेल्सियस के साथ सामान्य रहा। पिछले 24 घंटों में दून में 32 एमएम बारिश दर्ज की गई। मौसम विभाग ने 26 जुलाई तक शहर में आंशिक रुप से बारिश की संभावना जताई है। बुधवार को शहर व आसपास के हिस्सों में जमकर बारिश हुई। इसमें जॉलीग्रांट, सहस्त्रधारा, करनपुर, झाझरा में बुधवार तड़के काफी बारिश हुई। दिन के समय भी कई जगह बारिश रही।

पर्यटन विभाग की पर्यटकों से अपील, पानी वाली जगहों से बचें

देेहरादून। उत्तराखंड में लगातार हो रही बारिश और मौसम विभाग के एक सप्ताह के पूर्वानुमान को ध्यान में रखते हुए उत्तराखंड पर्यटन विकास परिषद (यूटीडीबी) ने उत्तराखंड आने वाले पर्यटकों से पानी वाली जगहों में जाने से बचने की अपील की है। साथ ही मानसून में उत्तराखंड आने वाले पर्यटकों को सुरक्षित वातावरण उपलब्ध कराने के लिए पानी वाले पर्यटन स्थलों पर पुलिस बल को तैनात किया गया है।

मौसम विज्ञान केंद्र के पूर्वानुमान के अनुसार, प्रदेश को 30 जुलाई तक बारिश से राहत नहीं मिलने वाली है। वहीं, 28 से 30 जुलाई तक प्रदेश में ऑरेंज अलर्ट जारी है। अगस्त माह के शुरूआत के दिनों में भी प्रदेश के कुछ पहाड़ी इलाकों में बारिश का ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है। ऐसे में तेज और लगातार हो रही बारिश से पानी वाले पर्यटन स्थलों का जलस्तर बढ़ रहा है।

देहरादून जिला पर्यटन अधिकारी (डीटीओ) जसपाल सिंह चैहान बताया कि लगातार हो रही बारिश से सहस्त्रधारा, गुच्चूपानी, मालदेवता समेत सभी पानी की जगह वाले पर्यटन स्थलों में जलस्तर बढ़ने से खतरा बना हुआ है। पर्यटकों से अपील है कि इन स्थानों पर जाने से पहले सुरक्षा के तमाम इंतजाम कर पूरी जानकारी प्राप्त कर लें। साथ ही नदी तट से उचित दूरी बनाने के साथ किसी भी स्थिति में पानी में न जाए। जिससे किसी भी परेशानी से बचा जा सकता है। पर्यटकों के साथ स्थानीय निवासियों से अपील है कि अगले एक सप्ताह तक इन स्थानों पर जाने से बचें।

लगातार हो रही बारिश से पानी वाली जगहों का जल स्तर बढ़ रहा है। मौसम विभाग के अनुसार अलगे एक सप्ताह तक पहाड़ी जिलों में भारी बारिश होने की आशंका है। ऐसे में पर्यटक किसी भी समस्या से बचने के लिए पहाड़ी इलाकों के पर्यटन स्थालों के साथ पानी वाली जगहों पर जाने से पहले पूरी जानकारी जुटा लें। पर्यटकों को सुरक्षित वातावरण देने के लिए सरकार लगातार काम कर रही है। राज्य में आने वाले पर्यटक शासन द्वारा जारी कोविड गाइडलाइन का पालन करते हुए उचित दूरी, मास्क व सेनेटाइजर का इस्तेमाल करें।
दिलीप जावलकर, पर्यटन सचिव

उत्तराखंड में इस वर्ष सामान्य से ज्यादा होगी बारिश

इस वर्ष उत्तराखंड में बारिश सामान्य से ज्यादा होने की संभावना है। मौसम विभाग ने इसकी पुष्टि की है। विभाग के अनुसार प्रदेश में मानसून 21 जून के आसपास दस्तक दे सकता है।

अमूमन एक जून को केरल में दस्तक देने के बाद उत्तराखंड पहुंचने में मानसून को लगभग 21 दिन लगते हैं। इस वर्ष केरल मानसून अपने सही समय पर पहुंचा है। ऐसे में अगर बीच में सिस्टम प्रभावित नहीं हुआ तो उत्तराखंड में भी 21 जून के आसपास मानसून पहुंच जाएगा।

मौसम विभाग ने इस वर्ष पूरे उत्तर भारत रीजन में मानसून की बारिश 102 प्रतिशत रहने का अनुमान जताया है। उत्तराखंड में पिछले साल तक मानसून सीजन में सामान्य तौर पर 1229.1 मिमी बारिश होती थी। इस वर्ष सामान्य बारिश 1191 मिमी तय की गई है। मौसम केंद्र निदेशक बिक्रम सिंह के अनुसार भारत रीजन में मानसून अच्छा रहेगा।

मौसम केंद्र के अनुसार रुद्रप्रयाग, चमोली, बागेश्वर और पिथौरागढ़ गरज-चमक के साथ बारिश हो सकती है। मौसम केंद्र निदेशक बिक्रम सिंह ने बताया कि राजधानी के अधिकतम तापमान में दो से तीन डिग्री की बढ़ोतरी हो सकती है।