यूकेडी ने आज 14 उम्मीदवारों की घोषणा की

उत्तराखंड क्रांति दल (उक्रांद) ने 14 और विधानसभा क्षेत्रों के लिए अपने प्रत्याशी घोषित किए हैं। बुधवार को दल के केंद्रीय अध्यक्ष काशी सिंह ऐरी ने केंद्रीय कार्यालय में आयोजित पत्रकार वार्ता में प्रत्याशियों के नामों का एलान किया। दल अब तक 30 विधानसभा सीटों पर प्रत्याशी मैदान में उतार चुका है। ऐरी का कहना है कि शेष सीटों पर भी प्रत्याशियों के नाम की घोषणा जल्द की जाएगी। उन्होंने कहा कि उक्रांद के चुनावी एजेंडे में पलायन, बेरोजगारी, भू-कानून जैसे मुद्दे प्रमुख रहेंगे।
वहीं प्रत्याशियों के नाम का ऐलान करते ही यूकेडी कार्यकर्ताओं ने हंगामा मचाना शुरू कर दिया। यूकेडी की केन्द्रीय महिला अध्यक्ष प्रमिला रावत के नेतृत्व में पार्टी कार्यकर्ता ने नेताओं को बधक बनाकर धरना प्रदर्शन शुरू कर दिया। प्रमिला रावत ने टिकटों पर बंदरबांट का आरोप लगाते हुए निष्ठावान कार्यकर्ताओं की उपेक्षा का आरोप लगाया। प्रमिला रावत ने वरिष्ठ नेताओं की कार्यशैली पर सवाल उठाते कहा कि कभी भी टिकट वितरण पर हमारी राय नहीं ली जाती है। नेताओं की लचर कार्यशैली के कारण आज कार्यकर्ताओं में निराशा का माहौल है। अगर यही हाल रहा तो यूकेडी में को उई झंडा डंडा उठाने वाला नहीं बचेगा।

ये हैं यूकेडी के 14 उम्मीदवारों की सूची
यमुनोत्री-रमेश चंद्र रमोला
गंगोत्री-जसवीर सिंह असवाल
घनसाली-कमलदास
नरेंद्रनगर-सरदार सिंह पुंडीर
चकराता- रामानंद चौहान
विकासनगर-प्रीति थपलियाल
सहसपुर-गणेश प्रसाद काला
राजपुर रोड-बिल्लू वाल्मीकि
नैनीताल-ओमप्रकाश
रामनगर-राकेश चौहान
भीमताल-हरीश चंद्र राहुल
जागेश्वर-मनीष सिंह नेगी
हरिद्वार-आदेश कुमार मरवाड़ी
सल्ट-राकेशनाथ गोस्वामी

हमारे स्थानीय उत्पादों को ज्यादा डिजीटल प्लेटफाॅर्म उपलब्ध कराना होगाः सीएम

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने गैरसैंण में स्थापित होने वाले सेंटर ऑफ एक्सीलेंस के सम्बन्ध में प्रस्तुतीकरण का अवलोकन किया। कहा कि यह सेंटर ऑफ एक्सीलेंस स्थानीय स्तर पर लोगों की आर्थिकी में सुधार एवं कौशल विकास की दिशा में अहम भूमिका निभायेगा। सेंटर ऑफ एक्सीलेंस स्वरोजगार सृजन के क्षेत्र में अह्म योगदान देगा। उन्होंने कहा कि मत्स्य पालन एवं दुग्ध उत्पादन के क्षेत्रों को भी विशेष तौर पर शामिल किया जाए। प्रदेश के युवा परिश्रमी एवं ईमानदार है, इनके हुनर को कौशल विकास से और अधिक निखारा जा सकता है। हमें क्षेत्रीय प्राथमिकताओं को ध्यान में रखते हुए कार्ययोजना बनानी होगी।

कृषि में मंडूआ, झंगोरा, मसूर, चैलाई के साथ ही अन्य क्षेत्रीय उत्पादों को ब्रांडिंग एवं मार्केटिंग के माध्यम से राजस्व सृजन का बेहतर श्रोत बनाना होगा। हमारे स्थानीय उत्पादों को और अधिक डिजीटल प्लेटफार्म उपलब्ध कराना होगा। कृषि, बागवानी, दुग्ध उत्पादन, मत्स्य पालन, भेड-बकरी पालन के साथ ही स्थानीय उत्पादों की बेहतर प्रोसेसिंग आदि की आधुनिक तकनीकि दक्षता के साथ प्रशिक्षण प्राप्त होने से लोगो को इन व्यवसायों से जुड़ने में मदद मिलेगी तथा अधिक से अधिक लोग इन क्षेत्रों में स्वरोजगार के लिये आगे आयेंगे। उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों से पलायन को रोकने एवं लोगों की आर्थिकी में सुधार की दिशा में राज्य सरकार द्वारा अनेक प्रयास किये जा रहे हैं। प्रदेश में स्थापित किये जा रहे विभिन्न रूरल ग्रोथ सेंटर भी लोगों की आर्थिकी को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं।

बैठक में मुख्यमंत्री के तकनीकि सलाहकार डॉ. नरेन्द्र सिंह, अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, अपर सचिव झरना कमठान आदि उपस्थित थे।