यूपी के लखीमपुर खीरी से चार युवतियां पहुंची ऋषिकेश, पुलिस ने किया यूपी पुलिस के सुपुर्द

लखीमपुर खीरी उत्तर प्रदेश से मुनिकीरेती थाना क्षेत्र पहुंची चार लड़कियों को पुलिस ने एक होटल से बरामद किया है। चारों लड़कियों को पुलिस ने यूपी से पहुंची पुलिस के सुपुर्द किया है।

थाना प्रभारी राम किशोर सकलानी ने बताया कि उत्‍तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी के मोहल्ला हिदायतनगर की रहने वाली चार सहेलियां जो आर्य कन्या इंटर काॅलेज में पढ़ती हैं, इनके नाम बेबी जैनब (17 वर्ष) और रुखसार (20 वर्ष), बहादुरनगर निवासी अभिका गुप्ता (16 वर्ष) व निर्मलनगर निवासी कीर्ति (17 वर्ष) हैं। बीती सोमवार को चारों अपने घर से कॉलेज जाने के लिए निकली थी, जिसके बाद वह घर ही नहीं लौटी।

यूपी पुलिस ने चारों लड़कियों को काफी खोजा। मगर, तलाश नहीं हो पाई। पुलिस जांच में सामने आया है कि चारों ने थरवरनगंज मोहल्ले में रेमंड शोरूम के पास चारों ने अपने कपड़े बदले थे। फिर वह एक रोडवेज बस से सीतापुर पहुंची। सीसीटीवी कैमरों में मिले फुटेज से यह प्रतीत हो रहा है कि चारों अकेले ही अपनी मर्जी से घर छोड़ कर गई हैं। एक छात्रा अपने घर से कुछ रुपये भी ले गई है। उनकी साइकिल रेमंड शोरूम के पास पाई मिली है।

चारों किशोरियों की लोकेशन ऋषिकेश बदरीनाथ मार्ग पर मुनीकीरेती थाना क्षेत्र के तपोवन में एक होटल में मिली। जिस पर पुलिस व एसओजी की टीम ने चारों छात्राओं को होटल से बरामद कर लिया। थाना प्रभारी निरीक्षक मुनिकीरेती आरके सकलानी ने बताया कि बुधवार को चारों किशोरियों को लखीमपुर खीरी से यहां पहुंची एसओजी टीम प्रभारी उप निरीक्षक शिव कुमार के सुपुर्द कर दिया गया है।

न तहरीर रिसीब की और न लिखी एफआईआर, ऊपर से ले लिए एक हजार

गुमशुदा बेटे का पता लगाने के लिए कोतवाली ऋषिकेश में एफआईआर दर्ज कराने पहुंची बुजुर्ग महिला ने एक पुलिसकर्मी पर रिश्वत लेने का आरोप लगाया है। महिला का आरोप है कि रुपये देने के बावजूद भी न तो उनकी तहरीर रिसीब की और ना ही एफआईआर दर्ज की है। बीते माह 21 सितंबर को वाल्मीकि बस्ती ऋषिकेश निवासी बिट्टू उर्फ ब्रजपाल पुत्र इलम सिंह बिना बताए घर से संदिग्ध परिस्थितियों में लापता हो गया। बेटे की तलाश में बुजुर्ग मां प्रकाशी देवी ने छोटे बेटे के साथ अमृतसर सहित हर संभावित जगहों की खाक छान डाली। जब बेटे का कोई सुराग नहीं लगा तो वह कोतवाली पहुंची।

महिला ने बताया कि कोतवाली परिसर में बैठे एक पुलिसकर्मी ने उनके छोटे बेटे से कहा कि एफआईआर दर्ज कराने के लिए एक हजार रुपये देने पड़ते हैं। मजबूरन एक हजार रुपये पुलिसकर्मी को दे दिए। इसके बाद पुलिसकर्मी ने कहा कि वह अपने गुमशुदा बेटे के 60 पोस्टर भी छपवाकर लाएं। पैसों की कमी के कारण वह 50 पोस्टर छपवाकर ले आई। प्रकाशी देवी का आरोप है कि पुलिस ने पोस्टर छपवाने के नाम पर पैसे खर्च करवाए, ऊपर से एक हजार रुपये भी लिए। इसके बावजूद न तो तहरीर रिसीव की गई और न ही मुकदमा दर्ज किया गया।