किसने कहा, कर लो अपनी मनमर्जी, 2019 में देखूंगा आपको!

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सदन में सांसदों की उपस्थिति के मुद्दे को उठाते हुए कहा कि सदन में सांसदों को उपस्थित रहना चाहिए। उन्होंने कहा, आप और मैं कुछ नहीं हैं, जो है वह भाजपा है, पार्टी है। बार—बार व्हिप क्यों देना पड़ता है। अब भाजपा अध्यक्ष अमित शाह उच्च सदन के लिये निर्वाचित हुए हैं, ऐसे में माना जा रहा है कि सदन में गैर हाजिर रहने वाले पार्टी सदस्यों पर उनकी नजर रहेगी। उल्लेखनीय है कि कुछ समय पहले भी प्रधानमंत्री ने सदन में सांसदों की उपस्थिति का मुद्दा उठाया था। उन्होंने कड़ा संदेश देते हुए सांसदों को सदन में रहने के लिए कहा था। हाल ही में संसदीय पार्टी की बैठक में भाजपा अध्यक्ष अमित शाह सदस्यों के सदन से अनुपस्थित रहने पर नाराजगी व्यक्त कर चुके हैं। संसद के वर्तमाल सत्र में ही राज्यसभा में ओबीसी आयोग को संवैधानिक दर्जा देने संबंधी संविधान संशोधन विधेयक पर विपक्ष का संशोधन के साथ पारित हो गया। इसके चलते केंद्र सरकार को किरकिरी का सामना करना पड़ा। सत्तारूढ़ पार्टी के सदस्यों के पूरी संख्या में उपस्थित नहीं होने के कारण विपक्ष का संशोधन पारित हो गया था।
कुछ समय पहले शाह ने संसदीय दल की बैठक में लगातार गैरहाजिरी होने पर नाराजगी और निराशा जाहिर की थी। उन्होंने पार्टी सांसदों को संसद के दोनों सदनों में मौजूद रहने को कहा। साथ ही ये भी हिदायत दी कि इस बात को हल्के में ना लिया जाए और दोबारा ऐसा ना हो। बैठक के बाद संसदीय कार्य मंत्री और भाजपा के वरिष्ठ नेता अनंत कुमार ने कहा कि प्रधानमंत्री ने बैठक के दौरान राज्यसभा के लिए निर्वाचित होने पर भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह का स्वागत किया और पिछले तीन वर्षों के दौरान पार्टी अध्यक्ष के रूप में उनके कामकाज की प्रशंसा की ।
मोदी ने कहा कि सत्तारूढ़ पार्टी का अध्यक्ष होना कोई आसान काम नहीं है और अमित शाह ने अपने कौशल एवं कठिन परिश्रम से पार्टी संगठन का सफलतापूर्वक विस्तार किया है।

मोदी, शाह को बना सकते है रक्षा मंत्री

शुक्रवार (28 जुलाई) को जब देश-दुनिया की निगाहें बिहार में नीतीश कुमार के शक्ति परीक्षण और पाकिस्तान में नवाज शरीफ को सुप्रीम कोर्ट द्वारा पद से हटाए जाने पर टिकी थीं तो भारतीय जनता पार्टी (बीेजपी) के अध्यक्ष अमित शाह गुजरात से राज्य सभा की उम्मीदवारी पर मीडिया ने ज्यादा तवज्जो नहीं दी। बीजेपी ने अमित शाह और स्मृति ईरानी को गुजरात से राज्य सभा चुनाव में उतारा है। गुजरात में बीजेपी की जो स्थिति है उसे देखते हुए दोनों का राज्य सभा पहुँचना तय माना जा रहा है। अभी अमित शाह गुजरात के सरखेज विधान सभा से विधायक हैं। शाह को अचानक राज्य सभा भेजने की कवायद से राजनीतिक गलियारे में ये कानाफूसी होने लगी है कि उन्हें नरेंद्र मोदी कैबिनेट में जगह दी जाने वाली है। केंद्र में मंत्री बनने के लिए सांसद होना जरूरी है इसलिए अमित शाह को ऊपरी सदन में लाया जा रहा है।
मीडिया में यहाँ तक खबर चल रही है कि अमित शाह को रक्षा मंत्री बनाया जा सकता है। मार्च 2017 में मनोहर पर्रीकर के रक्षा मंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद से ही यह महत्वपूर्ण पद खाली पड़ा है। पर्रिकर केंद्रीय कैबिनेट छोड़कर गोवा के मुख्यमंत्री बन गए थे। पर्रिकर के इस्तीफे के बाद रक्षा मंत्रालय का दायित्व वित्त मंत्री अरुण जेटली को सौंप दिया गया। हालांकि जेटली के स्वास्थ्य और वित्त मंत्रालय के भार को देखते हुए उम्मीद की जा रही थी कि जल्द ही किसी बड़े नेता को रक्षा मंत्रालय का जिम्मा सौंपा जाएगा। लेकिन अभी तक ऐसा नहीं हुआ है। भारत और चीन के बीच जारी सिक्किम में सीमा विवाद के बीच नरेंद्र मोदी सरकार की इस बात के लिए आलोचना हो रही है कि देश के पास एक पूर्णकालिक रक्षा मंत्री नहीं है। रक्षा मंत्रालय देश के प्रमुख मंत्रालयों में शुमार होता है इसलिए इस पर किसी बड़े नेता की तैनाती होनी है। माना जा रहा है कि अमित शाह को रक्षा मंत्री बनाकर बीजेपी ये संदेश देना चाहेगी कि वो देश की सुरक्षा को बहुत ज्यादा गंभीरता से लेती है।