कोविड की जांच रिपोर्ट को अनिवार्य न करने पर पुनर्विचार करें सरकार

कोविड19 से सरकार की गाइडलाइन अब पर्यटकों के साथ लीज पर होटल चलाने वाले संचालकों के लिए मुसीबत बन गई है। दरअसल कोविड की जांच रिपोर्ट को अनिवार्य कर दिए जाने के कारण पर्यटक या तो अपनी बुकिंग को निरस्त कर रहे है, या फिर उन्हें बाॅर्डर पर रोक दिया जा रहा है। ऐसे में लीज पर होटल चला रहे संचालकों के समक्ष रोजगार का संकट पैदा हो गया है। यह बात आज लीज पर होटल चला रहे संचालकों ने प्रेसवार्ता ने की।

प्रेसवार्ता कर मंयक शर्मा ने कहा कि कोविड-19 के बढ़ रहे कहर की वजह से सरकार लगातार उत्तराखंड में प्रवेश करने वाले पर्यटकों के लिए प्रतिबंध लगा रही है। जिसकी वजह से उत्तराखंड का पर्यटन व्यवसाय पूरी तरीके से चैपट होता नजर आ रहा है। ऐसे में बेरोजगारी की लंबी कतार में खड़े हो रहे होटल संचालकों ने सरकार से पर्यटकों के उत्तराखंड आगमन को लेकर लगाए गए प्रतिबंध और सरकारी सुविधाओं में फिक्स चार्ज हटाने की मांग की है।

होटल मालिकों से लीज में राहत देने की बात भी कही है। बता दें कि इस संबंध में लीज होटल ऑनर्स एवं होटल कर्मचारी एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने पत्रकार वार्ता की। जिसमें उन्होंने मांग पूरी नहीं होने पर सरकार को आंदोलन का रास्ता चुनने की चेतावनी भी दी है। होटल संचालकों का साफ कहना है कि या तो सरकार पूर्ण रूप से लॉकडाउन लगा दे या फिर सारे प्रतिबंध हटा दें।
प्रेसवार्ता के दौरान अंकित, विकास, विद्यादत्त, अनूप, उत्तम सिंह कुंवर, तपन भंडारी आदि उपस्थित रहे।

अंतरराष्ट्रीय योग महोत्सव 2021ः मन स्थिर रखते हुए शारीरिक व मानसिक विकारों से मुक्ति पाने का साधन है योग

गढ़वाल मण्डल विकास निगम लिमिटेड व पर्यटन विभाग के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित अंतरराष्ट्रीय योग महोत्सव के चैथे दिन योगसाधकों ने योग की विभिन्न क्रियाओं का अभ्यास कर योगाचार्यों से योग की बारिकियों के गुरमंत्र लिए।

प्रातःकालीन सत्र में आर्ट ऑफ लिविंग के मोहित सती ने मुख्य पाण्डाल में अष्टांग योग एवं सूक्ष्म व्यायाम के बारे में बताते हुए कहा कि हमारे जीवन के हर पहलू में योग छिपा हुआ है, जाने अनजाने हमारी दिनचर्या के पूरे क्रियाकलाप योग से जुड़ते हुए जीवन के अविभाज्य अंग बने हुए हैं। योग केवल शरीर पर ही काम नहीं करता वरन यह मन को शक्तिशाली व तनाव रहित बनाता है। उन्होंने कहा कि कमजोर शरीर को शक्तिशाली मन चला सकता है, परन्तु एक शक्तिशाली शरीर को कमजोर मन नहीं चला सकता है। योग क्रियाओं के द्वारा मन को स्थिर रखते हुए षाररिक एवं मानसिक विकारों से मुक्ति पाने का उपक्रम ही योग है।

अष्टांग योग के बारे में बताते हुए उन्होंने कहा कि इसके आठ अंग हैं, यम, नियम, आसन, प्राणायाम, धारणा, ध्यान, प्रतिहार और समाधि इनको भले ही अलग-अलग देखा जाता है मगर ये एक दूसरे से जुडे हुए हैं। पहले छः को जोड़कर ध्यान लगता है और तब वह समाधि की और जाता है, उन्होंने कहा कि घरों में काम करने वाली महिलायें अपने दिनभर की दिनचर्या के दौरान जो काम करती हैं, उस प्रक्रिया में भी जाने अनजाने योग छिपा हुआ रहता है। योग सिर्फ आसन नहीं है वरन यह मन, ष्वास व षरीर को जोड़ने वाली कला है।

दूसरी तरफ नगर पालिका हाल में हठ योगी सन्त स्वामी जीतानन्द ने अभयान्तर क्रिया योग, दण्ड क्रिया, संकुचन प्रसारण, पाद ग्रिहवा योग का अभ्यास कराते हुए इसकी उपयोगिता के बारे में प्रतिभागियों को जानकारी दी उन्होंने कहा कि यह क्रिया षरीर को स्वस्थ रखने में इतनी सहायक है कि अन्य योगों की आवष्यकता नहीं पड़ती है। यदि व्यक्ति इन योग क्रियाओं को करता रहे तो उसके जीवन में आरोग्यता का साम्राज्य स्थापित हो जायेगा।

लाईट एण्ड सॉउण्ड हाल में संस्कृत विष्वविद्यालय के प्रोफेसर, डॉ लक्ष्मी नारायण जोषी ने नाड़ी विज्ञान व योग चिकित्सा के बारे में बताते हुए कहा कि शरीर की धमनियों में रक्त संचार से कोई भी अंग सहजता से काम करता रहता है, लेकिन जिस दिन रक्त संचार की यह सहजता धीमी पड़ जाये तो अंगों में विकार उत्पन्न हो जाता है इसलिए योग से शरीर के पूरे तन्त्र को ठीक रखा जा सकता है ताकि सारे अंग प्रत्यंग सही व सुचारू रूप से काम करते रहें। उन्होंने कहा कि नाड़ी चिकित्सा विज्ञान तीन सिद्धान्तों पर काम करता है। पहला-हृदय से षरीर के अंगों को निर्बाध गति से रक्त की आपूर्ति करना दूसरा-मस्तिष्क से निकलने वाली नाड़ियों द्वारा रक्त की आपूर्ति सभी अंगों को मिलते रहना तीसरा-प्राण ऊर्जा की आपूर्ति का शरीर के सभी अंगों तक पहुँचते रहना।

योग महोत्सव में ‘‘पिरामिड स्पिरिचुअल सोसाइटीज मूवमेंट’’ दिल्ली द्वारा पिरामिड ध्यान षक्ति योग द्वारा योग साधकों को ध्यान योग के बारे में बताया गया। इस अवसर पर उक्त संस्था की विभा गुप्ता व शक्ति गुप्ता द्वारा बताया गया कि ध्यान योग हमें स्वयं की सांसों से जोड़ना सिखाता है। सांसें सदा से हमारे साथ हैं और मृत्यु पर्यन्त हमारे साथ रहेंगी परन्तु हम उनके साथ कभी नहीं रहे। हम सांसां के साथ रहना सीख रहें हैं, हमें सहज सांसों को सहज रूप में सहज भाव से साक्षी होकर देखना है। क्योंकि सांस ही हमारी गुरू और मित्र दोनों हैं, जब गुरू मित्र बन जाय तो हमें अपनी समस्या के समाधान के लिए किसी और के पास जाने की आवष्यकता नहीं होती।

सांय कालीन सांस्कृतिक कार्यक्रमों में त्रिभुवन महाराज व सुमित कुटानी द्वारा षानदार प्रस्तुति दी गई जो दर्षकों के आकर्शण का केन्द्र रहा। योगनगरी मुनि की रेती ऋषिकेश में योग महोत्सव के चैथे दिन विभिन्न विभागों द्वारा लगाये गये स्टालों पर भी प्रतिभागियों व आगन्तुकों की भी काफी भीड देखने को मिली। जिसमें उद्योग विभाग, आयुश विभाग, आध्यात्म विज्ञान व सत्संग केन्द्र जोधपुर राजस्थान का स्टॉल आकर्शण के केन्द्र रहे वही गढ़वाल मण्डल विकास निगम लि0 द्वारा गढ़वाली व्यंजनों का स्टॉल लगाया गया जिसमें बुराँष चाट, कुलथ अनार सोरबा, गहत चाट, कडाली सोरबा, राजमा गलावटी कबाब, मडुवा समोसा चॉट, बुराँस पकोड़े, बुराँस जैली, ब्रॉउन राईस पुडिंग, देहरादूनी पुडिंग आदि परोसे जा रहें हैं।

मौके पर जीएमवीएन के प्रबन्ध निदेषक, डॉ. आशीष चैहान, महाप्रबन्धक (पर्यटन), जितेन्द्र कुमार, महाप्रबन्धक (प्रशासन), अवधेष कुमार सिंह, महाप्रबन्धक (वित्त) एवं अभिषेक कुमार आनंद आदि मौजूद रहे।

भरतघाट और अयोध्या आस्थापथ का कृषिमंत्री ने किया लोकापर्ण

मुनिकीरेती का पूर्णानंद खेल स्टेडियम को अब विश्व स्तरीय मैदान के रूप में विकसित करने की कवायद शुरू हो गई। स्टेडियम में राज्य नहीं बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर के प्रतियोगिताएं आयोजित की जायेगी। मुनिकीरेती स्थित गंगा तट पर भरतघाट और अयोध्या आस्थापथ का लोकार्पण कृषिमंत्री सुबोध उनियाल ने किया। उन्होंने कहा की अब पूर्णानंद मैदान मं बने खेल स्टेडियम को अंतरराष्ट्रीय स्तर को बनाने की तैयारी चल रही है। प्रदेश सरकार से इस पर वार्ता चल रही है। यहां पर अंतरराष्ट्री स्तर के टूर्नामेंट का आयोजन किया जायेगा। इसे क्षेत्र को पहचान तो मिलेगी। साथ ही उत्तराखंड के युवाओं के लिए बेहत्तर सुविधा मिलेगी।
मौके पर नगर पालिकाध्यक्ष रोशन रतूड़ी, एसडीएम नरेंद्रनगर युक्ता मिश्रा, मंडी समिति अध्यक्ष विनोद कुकरेती, सभासद गजेंद्र सजवाण, वीरेंद्र चैहान, मनोज बिष्ट धर्म सिंह, सचिन रस्तोगी, रोशनी रस्तोगी, मनीष डिमरी, तहसीलदार अयोध्या प्रसाद उनियाल, सिंचाई विभाग अधीक्षण प्रेम सिंह पंवार, अधिशासी अभियंता कमल सिंह, सहायक अभियंता मंगल सिंह, लोनिवि के अधिशासी अभियंता मोहम्मद आरिफ खान आदि थे।

35 लाख के बजट से जानकीझूला पुल रोशनी से होगा जगमग
कृषिमंत्री सुबोध उनियाल ने विधयाक निधि से जानकीझूला पुल पर लाइट लगाने के 35 लाख दिए हैं। इस बजट से झला पुल अत्याधुनिक लाइटे लगाई जायेगगी।

निशुल्क गर्म वस्त्र कैंप का किया उद्घाटन
कृषिमंत्री सुबोध उनियाल पूर्णानंद पाकिंग में क्रेजी फेडरेशन संस्था के गर्म कंबल निशुल्क बांटने के कैंप का उदघाटन किया। कहा कि संस्था की ओर से चलाया जा रहा अभियान काबिलेतौर है। इस मौके पर मनीष डिमरी ने बताया कि कंबल गरीब व असहाय को लोगों निशुल्क वितरित किये जायेंगे।

झुला पर पर बनेगी दुकानें
नवनिर्मित्त जानकी झूला पुल के आसपास मुनिकीरेती पालिका दुकाने बनायेगा। इस दुकानों को बेराजगार युवाओं को प्रोवाइड कराया जायेगा। कृषि मंत्री सुबोध उनियाल ने कहा कि बेरोजगार युवाओं रोजगार उपलब्ध कराया। पुल के बनने से यहां पर रोजगार के अवसर पैदा होंगे। स्थानीय युवाओं के लिए यह पहल शुरू की जा रही है।

मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र ने किया ऋषिकेश में जानकी झूला पुल का लोकार्पण


मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने गंगा नदी पर टिहरी से पौड़ी को जोड़ने वाले जानकी झूला पुल का लोकार्पण किया। मुनिकीरेती गंगा नदी में निर्मित यह झूला पुल 48.85 करोड़ की लागत से बनकर तैयार हुआ है। इसकी लंबाई 346 मीटर है, यह पैदल के साथ दोपहिया वाहनों के लिए भी उपलब्ध है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि शीघ्र ही ऋषिकेश में अभिनव कला वाला ग्लास युक्त बजरंग पुल का भी लोकार्पण किया जायेगा। यह पुल भी डोबरा-चांठी की भांति देश व दुनिया के लोगों के आकर्षण का केन्द्र बनेगा। उन्होंने कहा कि शीघ्र ही सिंगटाली एवं बीन नदी पर भी एकेश्वर क्षेत्र के लिये पुल का निर्माण किया जायेगा। योजनाओं के निर्माण के लिये पूरी एकमुश्त धनराशि स्वीकृत की जा रही है।

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि राज्य में पिछले साढ़े तीन साल में 250 से अधिक पुलों के निर्माण का रिकार्ड बना है। इन पुलों में सीमांत क्षेत्रों में बनने वाले पुल भी शामिल है। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमने प्रदेश में परम्परा से हटकर कार्य करना आरम्भ किया है। अब योजनाओं के निर्माण के लिये 2-4 करोड़ स्वीकृत करने के बजाय योजना की लागत का पूरा बजट तथा एक साल में अधिकतम व्यय होने वाली पूरी धनराशि स्वीकृत की जा रही है। डोबरा चांठी पुल के लिये 88 करोड़ एकमुश्त स्वीकृत होने का ही परिणाम रहा कि आज यह पुल बनकर जनता को समर्पित कर दिया गया है। हमारी सोच लक्ष्य पूरा करने की है।

14 वर्ष की लंबी यात्रा के बाद बना जानकी झूला पुल
कृषि मंत्री सुबोध उनियाल ने कहा कि 14 वर्ष के लंबी यात्रा के बाद आज जानकी पुल का मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत द्वारा लोकार्पण किया। इस पुल लोकार्पण केवल आवागमन का ही माध्यम नहीं है। नौजवानों को रोजगार की संभावनाओं को बलवती बनाना भी है। उन्होंने कहा कि ऋषिकेश विविध विविधताओं को समेटे हुए है।

जानकी सेतु लोगों के विश्वास, आस्था एवं सपनों को यथार्थ करने का प्रतीक
विधायक ऋतु खण्डूड़ी ने कहा कि जानकी सेतु ऋषिकेश एवं यमकेश्वर क्षेत्र के लिए विश्वास, आस्था एवं सपनों को यथार्थ करने का प्रतीक है। यह पुल उत्तराखण्ड में आने वाले श्रद्धालुओं एवं पर्यटकों के लिए भी आकर्षण का केन्द्र एवं सुविधाजनक होगा।

इस अवसर पर पालिकाध्यक्ष रोशन रतूड़ी, मेयर ऋषिकेश अनिता मंमगाई, गढ़वाल मण्डल विकास निगम के उपाध्यक्ष कृष्ण कुमार सिंघल, सचिव लोक निर्माण विभाग आरके सुधांशु, जिलाधिकारी टिहरी इवा आशीष श्रीवास्तव, एसएसपी टिहरी डॉ. वाईएस रावत आदि उपस्थित रहे।