नैनीताल का रामगढ़ क्षेत्र गुरुदेव की कर्मस्थली रहा-धामी

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने जनपद नैनीताल के रामगढ़ मे शान्ति निकेतन ट्रस्ट फॉर हिमालया के तत्वाधान में गुरुदेव रवीन्द्रनाथ टैगोर की 161 वां जयंती के शुभ अवसर पर आयोजित रविंदर जन्मोत्सव-2022 कार्यक्रम का दीप प्रज्वलित करते हुए शुभारंभ किया।
कार्यक्रम के दौरान संयोजक प्रोफ़ेसर अतुल जोशी, क्षेत्रीय विधायक राम सिंह कैड़ा, पूर्व विदेश सचिव शशांक, देवेंद्र ढेला देवेंद्र बिष्ट, भाजपा के मंडल अध्यक्ष कुंदन चिलवाल आदि जनप्रतिनिधि द्वारा मुख्यमंत्री को स्मृति चिन्ह, अंग वस्त्र देकर सम्मानित किया।
मुख्यमंत्री धामी ने गुरुदेव रवीन्द्र नाथ टैगोर के 161 वां जन्मोत्सव दिवस पर बधाई दी और रामगढ़ विश्व भारती केंद्रीय विश्वाविद्यालय के प्रथम परिसर का भी भूमि पूजन किया। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार विकल्प रहित संकल्प के मंत्र पर अग्रसर है और जनकल्याण को समर्पित है। प्रधानमंत्री के नेतृत्व में सरकार जनकल्याण की भावना के अनुरूप लगातार प्रदेश का चहुमुखी विकास कर रही है। प्रधानमंत्री का राज्य के प्रति गहरा लगाव है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार सबका साथ एवं सबका विकास के तहत कार्य करने के लिए दृढ़ संकल्पित है। रामगढ़ क्षेत्र के टैगोर टॉप स्थित गुरुदेव रवींद्रनाथ टैगोर की कर्मस्थली जहां उन्होंने 19वीं शताब्दी में 5 बार यहां आकर अपनी काव्य रचना की। उन्हें साहित्य का नोबेल पुरस्कार मिला जो किसी एशियाई को पहला नोबेल पुरस्कार था।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रामगढ़ में रवींद्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय के परिसर की स्थापना में अपनी रुचि व्यक्त की है, वह उत्तराखंड के लिए गर्व की बात है।
मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि इस सौगात से जहां विश्व भारती केंद्रीय विश्वविद्यालय उत्तराखंड को भारत के प्रमुख शिक्षा केन्द्र के रूप में स्थापित होने का अवसर प्राप्त होगा। वहीं स्थानीय युवाओं के लिए स्वरोजगार के नये अवसर उपलब्ध होंगे, तथा यह राष्ट्रीय एवं अन्तर्राष्ट्रीय शोधार्थियों के लिए भी नया गंतव्य बनेगा। उन्होंने कहा इसके लिए केंद्रीय राज्य मंत्री पर्यटन मंत्री एवं सांसद अजय भट्ट, पूर्व केन्द्रीय शिक्षा मंत्री डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक के विशेष प्रयास रहे।
उन्होंने कहा कि विश्व भारती की स्थापना के लिए प्रथम चरण में 150 करोड़ रूपये की डीपीआर केन्द्र सरकार में स्वीकृति की प्रक्रिया में है, उत्तराखंड सरकार द्वारा 45 एकड़ भूमि मे विश्व भारती केंद्रीय विश्वविद्यालय के परिसर की स्थापना की औपचारिकता पूर्ण कर ली गई। उन्होंने प्रो विदयुत चक्रवर्ती, कुलपति विश्वभारती पश्चिम बंगाल तथा शांतिनिकेतन ट्रस्ट फॉर हिमालया के प्रवासियों का भी धन्यवाद ज्ञापित किया। उन्होंने कहा कि यह दशक उत्तराखंड का होगा। जो देश का सर्वश्रेष्ठ राज्य होगा।
कार्यक्रम में राजकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय रामगढ़ द्वारा सांस्कृतिक एवं देवभूमि सांस्कृतिक दल द्वारा छोलिया नृत्य की प्रस्तुति दी विभागों द्वारा उद्यान विभाग ग्रामीण आजीविका मिशन बोराकोट द्वारा स्टॉल भी लगाइए।
इस अवसर पर रविंद-सृजनिका नामक पुस्तिका का भी विमोचन किया गया।
इस अवसर विधायक भीमताल राम सिंह कैड़ा, कुमाऊं विश्वविद्यालय के कुलपति एनके जोशी, जिलाधिकारी धीराज सिह गर्ब्याल ,वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक पंकज भट्ट, अपर जिलाधिकारी अशोक जोशी, परियोजना निर्देश अजय सिह और भारी जन समूह उपस्थित रहा।

फिल्म निर्माण के लिए 24 गांवों को होगा कायाकल्प

उत्तराखंड में पलायन के कारण खाली हो रहे नैनीताल जिले के वीरान गांवों में होम स्टे विकसित किए जा रहे हैं। अहमदाबाद की एक फर्म के साथ मिलकर उत्तराखंड के पर्यटन विभाग ने यह योजना शुरू की है। इसके तहत विभाग ने नैनीताल के पास कुंजखड़क गांव के आसपास के इलाकों को चिह्नित किया है, जहां कम्युनिटी बेस होम स्टे शुरू करने की तैयारी है। विभाग इन गांवों में खंडहर हो चुके मकानों को ठीक कर पर्यटकों को ठहरने की सुविधा देगा। योजना का मुख्य उद्देश्य पर्यटन विकास के साथ ही खाली गांवों का इस्तेमाल फिल्म निर्माण के लिए करने की भी योजना है।
पर्यटन विभाग के अनुसार, इस योजना के तहत नैनीताल जिले में करीब 24 गांव चिह्नित किए हैं। इनमें कुछ की पौराणिक व रोचक कहानियां हैं। कुछ बेहद अच्छी लोकेशंस पर स्थित हैं। फिल्म निर्माण के लिए भी योजना अच्छी साबित हो सकती है। इससे स्थानीय लोगों को रोजगार भी मिलेगा। पर्यटन विभाग ऐसे गांवों को स्थानीय लोगों के साथ ही निवेशकों की मदद से विकसित करेगा।

इटली के गांवों को देख कर बनाई योजना
उत्तराखंड पर्यटन विभाग को यह विचार विदेशों में इस तरह की पहल को देखकर आया है। इटली में कई पुराने खाली हो चुके गांवों को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया गया है। जहां प्रतिवर्ष विश्वभर से बड़ी संख्या में पर्यटक घूमने जाते हैं। इसी तर्ज पर पर्यटन विभाग ने प्रदेश के ऐसे कुछ गांवों को चिह्नित करना शुरू किया है। उत्तरकाशी की नेलांग घाटी के जादूंग गांव और गर्तातोली की सीढ़ियों को इसी तर्ज पर विकसित किया गया है। यह गांव 1962 के भारत-चीन युद्ध के बाद खाली करा दिए गए थे।
वहीं, नैनीताल के जिलाधिकारी धीराज गर्ब्याल ने बताया कि पलायन रोकने को होम स्टे योजना काफी कारगर है। खाली हो चुके कई गांव बहुत अच्छी लोकेशन्स और इलाकों में स्थित हैं। इन्हें सही तरीके से विकसित किया जाए तो यह राज्य की आर्थिकी के साथ स्वरोजगार का सबसे अच्छा माध्यम बन सकते हैं। इस तरह लोग उत्तराखंड की कला संस्कृति से भी जुड़ पाएंगे।

मुख्यमंत्री ने नैनीताल में विकास योजनाओं की समीक्षा की

जन समस्याओं के तेजी से निस्तारण हेतु सभी अधिकारी एवं कर्मचारी सकारात्मक सोच रखते हुए अपनी कार्य संस्कृति में तीन बिन्दुओं-सरलीकरण, समाधान तथा निस्तारण को शामिल करना सुनिश्चित करें। यह निर्देश सूबे के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने नैनीताल क्लब में जनपदीय अधिकारियों के साथ विकास कार्यों की समीक्षा करते हुए दिये।

काम में शिथिलता या लापरवाही पर होगी सख्त कार्रवाई
मुख्यमंत्री ने निर्देशित करते हुए कहा कि सभी अधिकारी एवं कर्मचारी जिस स्तर की समस्या है, उसी स्तर पर समस्या का समाधान करना सुनिश्चित करें तथा जो कार्य जिस स्तर का है, उसी स्तर पर समाधान होना चाहिए, समस्याओें को उलझाने की जगह सकारात्मक सोच के साथ सुलझाने का कार्य किया जाये ताकि समस्याऐं एवं शिकायतें अनावश्यक रूप से उच्च स्तर पर न जाये। उन्होंने निर्देशित करते हुए कहा कि कार्यों को अनावश्यक लम्बित रखने वालों के खिलाफ सख्त कार्यवाही अमल में लायी जायेगी।

विकास कार्यों की हो लगातार समीक्षा
मुख्यमंत्री ने कहा कि जनपद में चल रहे कार्यों की छोटी इकाई विधानसभा स्तर पर भी गहनता से समीक्षा की जाये तथा विधानसभा स्तर पर समीक्षा हेतु जिम्मेदार अधिकारियों को नोडल अधिकारी बनाया जाये। उन्होंने पुलिस विभाग के अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश देते हुए कहा कि पुलिस चौकी से लेकर कोतवाली स्तर तक की समस्याओं पर उसी स्तर से कार्यवाही करना सुनिश्चित करें, पुलिस चौकी से लेकर कोतवाली स्तर की कोई भी समस्या उच्च स्तर पर कतई नहीं आनी चाहिए, यदि निचले स्तर की समस्याऐं उच्च स्तर तक आती हैं तो सम्बन्धित के खिलाफ तुरन्त कार्यवाही करने के निर्देश पुलिस विभाग के उच्चाधिकारियों को दिये।

अधिक से अधिक स्वरोजगार कैम्प लगाए जाएं
मुख्यमंत्री ने निर्देश दिये कि सड़कों को गड्डा मुक्त बनाने के लिए 15 सितम्बर तक सभी आवश्यक कार्यवाही करते सड़कों को प्राथमिकता से गड्डा मुक्त करना सुनिश्चित करें। उन्होंने नगर निगम हल्द्वानी के मेयर डॉ.जोगेन्द्र पाल सिंह रौतेला के अनुरोध पर नगर निगम के आन्तरिक सड़क मार्गों (जोकि पूर्व में लोनिवि के पास थे) को गड्डामुक्त करने हेतु डीपीआर तुरन्त तैयार करने के निर्देश अधीक्षण अभियंता लोनिवि को दिये। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिये कि युवाओं को अधिक से अधिक रोजगार से जोड़ने के लिए स्वरोजगार कैम्पों का आयोजन किया जाये, कैम्पों में स्वरोजगार योजनाओं से सम्बन्धित विभागों के साथ ही राजस्व, बैंकर्स को भी कैम्पों में अनिवार्य रूप से बुलाया जाये ताकि स्वरोजगार योजना में लगने वाले आवश्यक प्रपत्रों सहित सभी औपचारिकताऐं शिविर में ही पूर्ण कर ली जाये। स्थानीय विधायकों के साथ समन्वय स्थापित करते हुए शिविरों का आयोजन किया जाये तथा अन्य जनप्रतिनिधियों को भी कैम्पों में आमंत्रित किया जाये व कैम्पों का तिथि से पूर्व वृहत प्रचार-प्रसार कराया जाये ताकि अधिक से अधिक बेराजगार युवा कैम्पों का लाभ उठा सकें।
मुख्यमंत्री ने जिलाधिकारी धीराज सिंह गर्ब्याल को निर्देश दिये कि वे कैंची धाम में पार्किंग निर्माण हेतु डीपीआर तुरन्त तैयार कराकर शासन को भिजवाना सुनिश्चित करें।
वन विभाग की समीक्षा करते हुए निर्देश दिये कि विकास कार्यों से सम्बन्धित प्रकरणों के वनभूमि हस्तान्तरण प्रस्ताव में बार-बार आपत्ति न लगाकर एक ही बार में समस्त आपत्ति लगाना सुनिश्चित करें ताकि एक साथ सभी आपत्तियों का निराकरण किया जा सके व विकास कार्य शीघ्रता से प्रारम्भ किये जा सके।
समीक्षा के दौरान जिलाधिकारी धीराज सिंह गर्ब्याल ने बताया कि जनपद में आर्थिकी संसाधनों में वृद्धि हेतु प्राथमिक क्षेत्र-कृषि, उद्यान, पशुपालन, मत्स्य आदि विभाग को जिला योजना से 12 करोड़ से अधिक की धनराशि अवमुक्त की गयी है। जनपद में नकदी तथा बेमौसमी फसल उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए 90 प्रतिशत सब्सिडी पर जिला योजना से 261 तथा खनन न्यास फण्ड से 186 पोली हाउस का निर्माण कलस्टर एवं स्वयं सहायता समूह आधारित कराया जा रहे हैं। जिससे अधिक से अधिक किसानों का लाभ मिलेगा तथा उन्हें उत्पादों हेतु मार्केट भी आसानी से उपलब्ध होगी। गर्ब्याल ने बताया कि पर्यटन को बढ़ावा देने व किसानों को हाई एल्टीट्यूड सेब नर्सरी उपलब्ध कराने के उद्देश्य से रामगढ़ में 8 एकड़ में विकसित हो रही सेब नर्सरी, परम्पारगत शैली में नैनीताल शहर के सौन्दर्यकरण, एस्ट्रो विलेज ताकुला, कोविड-19 संक्रमण से बचाव एवं थर्ड वेव की तैयारियों आदि के बारे में विस्तार से जानकारी दी।
समीक्षा बैठक में विधायक संजीव आर्य ने विकास कार्यों में वन भूमि हस्तान्तरण हेतु क्षतिपूर्वक भूमि के रूप में वन पंचायत भूमि के उपयोग का सुझाव दिया तथा विधायक दीवान सिंह बिष्ट ने वन विभाग को सारी आपत्तियॉ एक साथ लगाने को कहा।
बैठक में जनपद प्रभारी एवं परिवहन, समाज कल्याण व अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री यशपाल आर्य, जिला पंचायत अध्यक्ष बेला तोलिया, अनिल कपूर डब्बू, मण्डलायुक्त सुशील कुमार, डीआईजी नीलेश आनन्द भरणे, एसएसपी प्रीति प्रियदर्शनी, मुख्य विकास अधिकारी डॉ. सन्दीप तिवारी, प्रबन्ध निदेशक केएमवीएन नरेन्द्र सिंह भण्डारी, अपर आयुक्त प्रकाश चन्द, डीएफओ टीआर बीजुलाल, चन्द्र शेखर जोशी, कल्याणी, मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. भागीरथी जोशी, जिला विकास अधिकारी रमा गोस्वामी, परियोजना निदेशक अजय सिंह, जिला अर्थ एवं संख्याधिकारी एलएम जोशी, जिला पंचायत राज अधिकारी अतुल प्रताप सिंह, अधीक्षण अभियंता लोनिवि एबी काण्डपाल, जल संस्थान विशाल सक्सेना सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।

सातताल व सूखाताल का होना पुनर्जीवीकरण, सीएम ने दिए निर्देश

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने नैनीताल के आस-पास के क्षेत्रों का पर्यटन की दृष्टि से विकास किये जाने पर ध्यान देने को कहा है। उन्होंने नैनीताल सहित आस पास के क्षेत्रों में पार्किंग की व्यवस्था में भी सुधार पर ध्यान देने पर बल दिया।

जिलास्तरीय प्राधिकरण नैनीताल के माध्यम से नैनीताल, सातताल, सूखाताल, हल्द्वानी तहसील भवन एवं रामनगर से सम्बन्धित विभिन्न योजनाओं से सम्बन्धित प्रस्तुतीकरण का अवलोकन करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि सातताल व सूखाताल के पुनर्जीवीकरण के साथ ही इन्हें पर्यटक स्थल के रूप में विकसित किये जाने पर ध्यान दिया जाय। इन क्षेत्रों में किये जाने वाले निर्माण कार्यो में स्थानीय शिल्प शैली को उपयोग में लाये जाने, इन स्थलों को बर्ड वाचिंग स्थल के रूप में विकसित करने के लिये वन विभाग के सहयोग से चिडियों के अनुकूल पौधो के रोपण पर ध्यान देने को कहा। उन्होंने इन क्षेत्रों से अवैध निर्माण हटाने के साथ ही पर्याप्त पार्किंग स्थल विकसित किये जाने पर ध्यान देने को कहा।

मुख्यमंत्री ने हल्द्वानी तहसील को शहर से बाहर उपयुक्त स्थल पर शिफ्ट करने को कहा तथा इस भवन को मिनी सचिवालय के रूप में पर्याप्त पार्किंग सुविधा के साथ बहुमंजिला बनाया जाय ताकि अन्य आफिस भी इसमें शिफ्ट किये जा सके। मुख्यमंत्री ने रामनगर में भी पार्किंग स्थल के निर्माण पर बल दिया। मुख्यमंत्री ने नैनीताल रोपवे निर्माण के लिये एचएमटी परिसर में भूमि उपलब्ध कराने के निर्देश सचिव राजस्व को दिये।

वीसी नैनीताल विकास प्राधिकरण रोहित मीना द्वारा प्रस्तुतीकरण के माध्यम से बताया कि सातताल के समग्र विकास के लिये सातताल में पर्यटको की सुविधा के साथ ही बच्चों के लिये चिल्ड्रन पार्क की व्यवस्था बनायी जायेगी। उन्होंने कहा कि इस पर लगभग 07 करोड़ का व्यय आगठित है। इसी प्रकार सूखाताल के लिये बनायी जा रही योजनाओं पर लगभग 25 करोड़ का व्यय आगणित है। उन्होंने कहा कि नैनीताल में पार्किंग के लिये भी कई स्थान चिन्हित किये गये हैं। रामनगर में भी पार्किंग स्थल की व्यवस्था की योजना है।

इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री मदन कौशिक, सचिव आर.के.सुधांशु, अमित नेगी, शैलेश बगोली, दिलीप जावलकर, सौजन्या, आयुक्त कुमाऊं अरविन्द सिंह ह्यांकी, प्रभारी सचिव सुशील कुमार आदि उपस्थित थे।

उत्तराखंड के पर्वतीय जिलों के लिए विशेष फंड की व्यवस्था होः बलूनी

उत्तराखंड से राज्यसभा सदस्य और भाजपा के राष्ट्रीय मीडिया प्रमुख अनिल बलूनी ने उत्तराखंड में हो रहे भारी पलायन की समस्या के निदान के उद्देश्य से उत्तराखंड के दस पर्वतीय जिलों के लिए आगामी बजट में विशेष फंड के प्रावधान की माग की है। बलूनी ने इस सिलसिले में नई दिल्ली में मंगलवार को केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से भेंट की।
सासद बलूनी ने केंद्रीय वित्त मंत्री से भेंट के दौरान कहा कि उत्तराखंड में पलायन के कारण सैकड़ों गाव निर्जन (घोस्ट विलेज) घोषित हो चुके हैं और यह क्रम अब भी तेजी से जारी है। इस भयावह समस्या के समाधान के लिए केंद्र सरकार के सहयोग की आवश्यकता है ताकि मूलभूत सुविधाओं और सामान्य से रोजगार के लिए होने वाले पलायन के उन्मूलन के लिए धरातल पर व्यवहारिक नीति बन सके और ठोस कार्य हो सके। उत्तराखंड के पौड़ी, टिहरी, उत्तरकाशी, रुद्रप्रयाग, चमोली, बागेश्वर, अल्मोड़ा, चंपावत, पिथौरागढ़ तथा नैनीताल जिलों का पर्वतीय क्षेत्र पलायन की समस्या से अत्यधिक ग्रस्त है।
सासद बलूनी ने कहा की आगामी बजट में अगर उत्तराखंड के पर्वतीय जिलों के लिए विशेष फंड की व्यवस्था होती है तो यह राज्य के लिए मील का पत्थर साबित होगा और सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण इस हिमालयी राज्य के लिए जीवनदान भी होगा। उन्होंने कहा कि वह इस क्रम में विभिन्न मंत्रालयों और महत्वपूर्ण प्रतिष्ठानों से संवाद कर इस कड़ी को आगे बढ़ाएंगे। उन्होंने कहा कि अगर ढाचागत अवस्थापना विकास के साथ बेरोजगारी उन्मूलन की नीति बनती है तो वह पलायन रोकने में कारगर होगी। उन्होंने आशा व्यक्त की कि केंद्र सरकार इस विषय में गंभीरता से विचार करेगी।

कैसे होगी पढ़ाई जब प्रदेश में शिक्षकों के 7 हजार पद रिक्त है!

शिक्षा मंत्री अरविंद पांडे ने कहा कि प्रदेश में 7 हजार शिक्षकों के पद रिक्त पड़े हैं। सरकार भी इन पदो को भरे जाने के लिए गंभीर है, लेकिन शिक्षकों की नियुक्ति का मामला हाईकोर्ट की शरण में है जिस कारण सरकार कोई फैसला नही कर पा रही है। शिक्षामंत्री का कहना है कि जैसे ही हाईकोर्ट की तरफ से आदेश आएगा। सरकार द्धारा शिक्षकों की नियुक्ति को लेकर चयन आयोग को निर्देश दे दिए जाएंगे।
वहीं, शिक्षा मंत्री ने कहा कि बेहतर पठन पाठन व शैक्षणिक माहौल के लिए प्रदेश में बोर्ड बदलने की जरूरत नहीं है। जरूरत है तो पाठ्यक्रम बदने की जिसके लिए सरकार ने सैलेबस बदलने की पहल की है। जिसे केबिनेट में भी पास करा लिया गया है। जिसके बाद अब विद्यार्थी एनसीईआरटी की पुस्तकें पढ़ सकेंगे। कक्षा एक से लेकर इंटरमीडिएट तक के सभी विद्यालयों के लिए इसे अनिवार्य कर दिया गया है। एनसीईआरटी पुस्तकों के माध्यम से ही मेडिकल, इंजीनियरिंग तथा अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं के प्रश्न पत्र तैयार किए जाते हैं। इस व्यवस्था के बाद हमारे विद्यार्थी प्रतियोगी परीक्षाओं में बेहतर करेंगे।

अजीब नाम से क्या पर्यटक डर जाते है?

नाम में क्या रखा है ? शैक्सपीयर ने भले कहा हो कि गुलाब का नाम कुछ और रख देने से उसकी खुशबू थोड़े ही बदल जायेगी ? लेकिन नैनीताल के विधायक संजीव आर्य शैक्सपीयर के इस कथन से सहमत नहीं हैं। वे नैनीताल की कुछ झीलों के नाम तो बदलना चाहते हैं जिनके नाम अजीब हैं। जैसे यहां एक झील का नाम है-‘सुसाइड प्वाइंट’, तो दूसरी ‘फांसी गधेरा’ कहलाती है तो तीसरी सादिया (नष्ट हो रही ) ताल। आर्य इस बारे में सरकार को पत्र लिख रहे है कि इन नामों के सुनने से पर्यटकों को धक्का लगता है। गौरतलब हो कि पिछले साल भी कुमाऊ में ही चोरगलिया का नाम बदले जाने का अभियान चला था।
विधायक संजीव आर्य का कहना है कि कुछ पर्यटक स्थलों के नाम सुनकर पर्यटकों को अजीब लगता है। विधायक ने जनता से इन और ऐसे नामों की जगह वैकल्पिक नामों के सुझाव मांगें हैं। उनका कहना है कि इनमें बहुत से नाम तो अधिकृत भी नही हैं। जैसे कि सुसाईड प्वाइंट नाम तो कुछ गाइडों और घोड़े वालों ने पर्यटकों के बीच केवल उत्सुकता पैदा करने को रख दिया और इसके समर्थन में मन गढ़ंत कहानियां तक सुनानी शुरू कर दी। जिसके पीछे कोई तर्क नहीं है। जबकि इस स्थल का नाम यहां की साहसिक संभावनाओं के दोहन को होना चाहिये। उन्होने बताया कि कुछ साल पहले जब सादिया ताल का सौन्दर्यीकरण किया गया तो इसका नाम सरिता ताल रखा गया था लेकिन प्रचलन में अभी सादिया ताल ही है। विधायक संजीव आर्य ने नगर पालिका से भी इनके नामकरण से संबंधित रिकार्ड खंगालने को कहा है ताकि इसके बाद मुख्यमंत्री और शहरी विकास मंत्री से इस बारे मे बातचीत की जा सके।
अलबत्ता, इतिहास में रूचि रखने वाले जानकारों का कहना है कि सुसाइड प्वाइंट नाम तो कभी अस्तित्व में ही नही रहा लेकिन बाकी दो का नाम इतिहास में है और उनका नाम न ही बदला जाये, तो अच्छा होगा। उदाहरण को फांसी गधेरा प्रथम विश्व युद्ध में अंग्रेजों के रोहिलाओं को फांसी दिये जाने की याद दिलाता है जिन्होने 1857 में हल्द्वानी पर हमला किया था। इसका नाम बदलने का अर्थ होगा, इतिहास को भुलाना। इसी प्रकार सादिया ताल मूलतः वेटलेंड और क्षेत्र के जल प्रबंधन का हिस्सा है। यहीं पर कुमाऊ कमिश्नर सर हेनरी रैमजे ने पहली बार 1856 में आलू की खेती शुरू कराई थी।

कार मे रात बिताई, सुबह मृत मिला चालक


नैनीताल। 
मल्लीताल कोतवाली क्षेत्र अंतर्गत अल्टो कार में चालक की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई। उसका शव कार में ही मिला। मृतक की पहचान कैलाश भाकुनी पुत्र भीम सिंह भाकुनी मूल निवासी बलदियाखान हाल निवासी चार्टन लॉज मल्लीताल के रूप में हुई है। 
पुलिस ने वाहन समेत शव कब्जे में ले लिया है। मृतक के परिवार में बीवी समेत दो छोटे बच्चे हैं। आज सुबह नौ बजे मल्लीताल स्थित तिराहे के समीप किसी ने आल्टो संख्या यूके-04 टी ए, 8346 में चालक सीट पर शव पड़ा देखा। इस पर इसकी सूचना कोतवाली में दी। कोतवाल विपिन पंत ने एसआई देवेंद्र बिष्ट व अन्य कर्मियों को मौके पर भेजा। पुलिस की प्रारंभिक पड़ताल में पता चला है कि कल तीन बजे से कैलाश व उसके चालक साथियों ने एक साथ शराब पी थी। नशे की वजह से कैलाश घर नही जा सका और गाड़ी में ही सो गया। उसने उल्टी भी कर रखी है। 

मुख्यमंत्री ने दिए नदी, नालों से सिल्ट हटाने के निर्देश


नैनीताल।
नैनी झील राष्ट्रीय व अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर ख्याति प्राप्त है। नैनी झील के संरक्षण व संवर्द्धन के लिये कोई कोर कसर नहीं छोड़ी जायेगी। राज्य सरकार इसके लिये पूरी सहायता करेगी। झील के संरक्षण संवर्द्धन के लिये राज्य सरकार द्वारा तीन करोड़ रूपये की धनराशि अवमुक्त कर दी गयी हैं। झील के संवर्द्धन के लिये जरूरत पड़ने पर केन्द्र सरकार से भी सहयोग लिया जायेगा।
मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने यह बात वैज्ञानिकों, विशेषज्ञों व बुद्धिजीवियों के साथ बोट हाउस क्लब में नैनी झील बचाने हेतु आयोजित बैठक में कही। मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि वैज्ञानिकों की राय के अनुसार ही झील के संरक्षण की डीपीआर बनाई जाये। उन्होंने कहा नैनीताल शहर से लगे हुये पुराने जल श्रोतों को रिचार्ज करने हेतु भी योजना बनायी जाये। उन्होंने कहा कि झील के जलागम क्षेत्र व प्राकृतिक सौन्दर्य को बचाने के लिये झील के आस-पास कतई भी छेड़-छाड़ ना की जाय। उन्होंने झील संरक्षण के लिये आईआईटी रूड़की, वैज्ञानिकों व वन विभाग से भी सहयोग लिया जाय। उन्होंने कहा कि नैनीताल झील में जो भी नाले गिरते हैं, उनमें कैचपिट अनिवार्य रूप से बनाये जायें ताकि झील में मलुवा व कूड़ा आने से रोका जा सके। उन्होंने कहा नैनी झील के जलागम क्षेत्र सूखाताल सहित पहाड़ी क्षेत्रों में जहां से सिल्ट हटानी है, उन्हें तत्काल हटाया जाय ताकि बरसात में झील अधिक से अधिक रिचार्ज हो सकें।
मुख्यमंत्री रावत ने अधिकारियों को निर्देश दिये कि जिन नदी नालों में सिल्ट जमा होने के कारण पानी का बहाव नहीं हो पा रहा है, उन्हें तत्काल चैनालाइज किया जाय ताकि पानी आसानी से बह सकें। उन्होेंने कहा कि पहाड़ों से पलायन को रोकने के लिये यहां की खेती को लाभकारी बनाने हेतु कमेटी बनाई जायेगी, कमेटी के सुझावों के आधार पर यहां के किसानों की आमदानी बढ़ाई जायेगी। उन्होंने कहा कि किसानों की समस्याओं व सुझाव जानने के लिये प्रत्येक माह वीडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से किसानों से सीधी वार्ता की जायेगी। मुख्यमंत्री रावत द्वारा झील का निरीक्षण कर मौके पर अधिकारियों को आवश्यक दिशा निर्देश जारी किये गए। मौके पर पुलिस महानिरीक्षक जय रौतेला, जिलाधिकारी दीपेन्द्र कुमार चौधरी, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक जन्मजेय खण्डूरी सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।