कैम्पा व नमामी गंगे के तहत वन विभाग में रखे गये वन सुरक्षा श्रमिक अपनी नौकरी को ठेकेदारी में समाहित किये जाने व मासिक आय में कमी किये जाने की समस्याओं को लेकर एआईसीसी के सदस्य जयेन्द्र रमोला से मिले।
इस अवसर पर जयेन्द्र रमोला ने कहा कि वन सुरक्षा श्रमिकों द्वारा पता चला कि वन श्रमिक जो कि कैम्पा व नमामी गंगे योजना के अन्तर्गत वन विभाग में कार्य कर रहे हैं उनके हितों पर वन विभाग द्वारा कुठाराघात किया जा रहा है। जहां सरकार रोज़गार देने की बात करती हैं, वहीं सरकार वर्षों से कार्यरत वन श्रमिकों को ठेकेदार के हवाले कर व उनकी मासिक आय में कटौती कर उनके अधिकारों का हनन कर रहे हैं जो कि न्यायोचित नहीं है। कहीं ना कहीं वन विभाग द्वारा वन सुरक्षा श्रमिकों का उत्पीडन कर उनको नौकरी से हटाने की संभावना है। विभाग में राज्य सेक्टर, केन्द्र पोषित के अन्तर्गत दैनिक वेतन श्रमिक व न्यायालयों के आदेशों के आच्छादित श्रमिकों के पारिश्रमिक का भुगतान किया जा रहा है। पारिश्रमिक के अन्तर्गत विभिन्न आउटसोर्स संस्थाओं जैसे उपनल, ग्लोबल, उज्जवल आदि के माध्यम से रखे गए आउसोर्स श्रमिकों की पारिश्रमिकी का भुगतान किया जाता है। वन सुरक्षा श्रमिक की पहले न्यूनतम आय 8200 प्रति माह हुआ करती थी जिसमे 4 दिन का अवकास हुआ करता था। लेकिन भाजपा सरकार द्वारा जो वन विभाग की बागडोर निजी कंपनी को सौप दिए जाने से बहुत भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है। इस बदलाव की वजह से इन कर्मियों की मासिक आय 8000 से भी और कम हो गयी है। सभी प्रभावित वन विभाग के सुरक्षा श्रमिक बहुत मुश्किल से कार्य करते है, अपनी जान को जोखिम में डालकर जैसे ज़हरीले सांपो को पकड़ना, बाघ, हाथी एवं अन्य जंगली जानवरों को खदेड़ना का कार्य करते हैं, उन वन विभाग के कर्मचारियों के साथ पूर्ण रूप से अन्याय किया जा रहा है।
रमोला ने कहा कि हम इस दुर्व्यवहार का विरोध करते है और कांग्रेस पार्टी इससे प्रभावित कर्मियों के साथ खड़ी है। उन्होंने कहा कि जल्द ही इस मामले में अपने कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं से मिलकर इस समस्या को प्रदेश स्तर पर उठायेंगे और वन सुरक्षा श्रमिकों के अधिकारों की लड़ाई लड़ेंगे।
मौक़े पर भगवती प्रसाद चमोली, रवि थापा, हरकेश सिंह, देवेंद्र, करन, संतराम, सुरेंद्र, लवीश, हरिराम, भोपाल, रमेश, उत्तम सिंह, बलवीर, तारा चंद, धर्म सिंह, प्रेम, पिंकी, खेमचंद, रोहित, पंकज, प्रमोद, सुनील, प्रीति नेगी व अवशेष नेगी मौजूद थे।
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केंद्रीय मंत्री डा. निशंक से मिले एम्स के संविदा कर्मी
केंद्रीय शिक्षा मंत्री डॉ रमेश पोखरियाल निशंक से नमामि गंगे की प्रदेश सह संयोजक व अधिवक्ता नेहा नेगी के नेतृत्व में एम्स के संविदा कर्मियों ने मुलाकात की।
दरअसल बीते रोज देहरादून स्थित आवास पर केंद्रीय मंत्री डॉ रमेश पोखरियाल निशंक से नमामि गंगे की प्रदेश सह संयोजक अधिवक्ता नेहा नेगी ने मुलाकात की मौके पर कुछ एम्स के संविदा कर्मी भी मौजूद थेै। उन्होंने अधिवक्ता के नेतृत्व में डॉक्टर निशंक को ज्ञापन भी सौंपा। अधिवक्ता नेहा नेगी ने संविदा कर्मियों की समस्याएं एक-एक कर केंद्रीय मंत्री को गिनाई। समस्या को बारिकी से जानने के बाद केंद्रीय मंत्री ने इसके निस्तारण का आश्वासन भी दिया। मुलाकात करने के दौरान महेंद्र रावत, सरिता, पंकज आदि मौजूद रहे।
स्वयंसेवियों ने जानी गंगा की महत्वता
नमामि गंगे और राष्ट्रीय सेवा योजना प्रकोष्ठ ऋषिकेश परिक्षेत्र के माध्यमिक विद्यालयों के राष्ट्रीय सेवा योजना के स्वयं सेवकों तथा नमामि गंगे के संयुक्त तत्वाधान में आज स्पर्श गंगा दिवस पर कार्यक्रम आयोजित किया गया। इसमें नमामि गंगे के प्रदेश संयोजक कपिल गुप्ता ने कहा कि मां गंगा स्वर्ग से अवतरित हैं तथा इनकी महत्ता को समझते हुए हमें इसको सदैव साफ एवं स्वच्छ रखना चाहिए।
कार्यक्रम के अध्यक्ष बंशीधर पोखरियाल ने कहा गंगा देवप्रयाग में अलकनंदा तथा भागीरथी के संगम से बनती है परंतु गोमुख से गंगासागर तक मां गंगा सबको आर्थिक आध्यात्मिक सांस्कृतिक एवं पुरातन संस्कृति को समेटे हुए सिंचित कर रही है
यमकेश्वर क्षेत्र के जिला पंचायत सदस्य आरती गौड़ ने कहा की राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई के छात्र छात्रा एवं कार्यक्रम अधिकारी पूरी लगन निष्ठा और सेवा भाव से समाज को संदेश दे रहे हैं तथा गंगा मैया की स्वच्छता के लिए अपना योगदान दे रहे हैं जो कि प्रेरणादाई है।
देहरादून जनपद के जिला समन्वयक दिले राम रवि ने कहा की जिसके स्पर्श क्षेत्र की राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई के छात्र छात्रा एवं कार्यक्रम अधिकारी बहुत अच्छे कार्यक्रमों के द्वारा समाज को स्वच्छता जन जागरूकता के लिए प्रेरित करते हैं जोकि अनुकरणीय कार्यक्रम का संचालन मनोज कुमार गुप्ता जी ने किया।
इस मौके जिला समन्वयक डा. दीलेराम रवि, नेहा नेगी (प्रदेश सह संयोजक), मनोज गुप्ता, विजय पाल सिंह, जयकृत रावत, रामगोपाल रतूड़ी, ज्योति सडाना, कमला शर्मा, महेश शर्मा, मोनिका रावत, अनिल नेगी, राजेश थपलियाल, पंकज गुप्ता, अनुराग अमोली, प्रकाश कुमार पूर्व सभासद महेश शर्मा, अमन हैदर, विश्व विख्यात शायर हैदर अमान हैदर आदि उपस्थित रहे।
संत समाज ने की नागरिकों से अपील, गंगा में न डालें पूजन सामाग्री
गंगा में राफ्टिंग का संत समाज विरोध नहीं करता है, मगर राफ्टिंग की आड़ में गंगा में मादक पदार्थ लेकर पर्यटकों का जाना से अमर्यादित है। इससे गंगा तो दूषित हो ही रही है, साथ ही आस्था पर भी ठेस पहुंचती है, तो ऐसे लोग जो गंगा में मादक पदार्थ लेकर आते है, इसका विरोध संत समाज करता है। संत समाज सरकार से यह भी मांग करता है कि इसके लिए कानून बनाया जाए। यह बात महामंडलेश्वर ईश्वरदार महाराज ने कही।
आज नमामि गंगे और अखिल भारतीय संत समिति की महाकुंभ 2021 को लेकर मायाकुंड स्थित कृष्ण कुंज आश्रम में आयोजित की गई। इसमें नमामि गंगे के प्रदेश प्रमुख कपिल गुप्ता व उनकी टीम ने संत समाज के साथ एक स्वर में ऋषिकेश में भी महाकुंभ को लेकर विकास कार्य किए जाने पर सहमति बनाई। साथ ही गंगा की अविरलता को बनाए रखने के लिए लोगों से भी अपील की। संत समाज ने कहा कि गंगा में पूजन सामग्री न प्रवाहित की जाए। संतों की ओर से निश्चित तिथि पर गंगा की सफाई के लिए प्रयास किए जाएं। कुंभ में स्नान के लिए त्रिवेणी घाट का विस्तार किया जाए।
इस मौके पर महामंडलेश्वर दयाराम दास, महामंडलेश्वर गणेश दास, महंत केशव स्वरूव ब्रह्मचारी, महंत बलवीर सिंह, महंत सुखवीर सिंह, महंत स्वामी अखंडानंद महाराज, महंत गोपाल गिरी, महंत लोकेश दास, पंडित रवि शास्त्री, जुगल किशोर शर्मा, संतोष मुनि, अभिषेक शर्मा, हर्षित गुप्ता, मिंटू तिवारी, पंकज गुप्ता, प्रदीप कोहली, सिमरन गाबा, दिनेश शर्मा, अशोक अग्रवाल आदि उपस्थित रहे।
प्रतिदिन 15 करोड़ लीटर से अधिक दूषित जल गंगा में जाने से बचेगा, पीएम ने किया लोकार्पण
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नमामि गंगे के अंतर्गत उत्तराखण्ड में 521 करोड़ रूपये की परियोजनाओं का वर्चुअल लोकार्पण किया। इन परियोजनाओं के शुरू होने से उत्तराखण्ड से अब प्रतिदिन 15.2 करोड़ लीटर दूषित पानी गंगा नदी में नहीं बहेगा। लोकार्पित किए गए प्रोजेक्ट में जगजीतपुर हरिद्वार में 230 करोड़ रूपये की लागत से बना 68 एमएलडी क्षमता का एसटीपी, 20 करोड़ की लागत से बना 27 एमएलडी क्षमता का अपग्रेडेड एसटीपी, सराय हरिद्वार में 13 करोड़ की लागत से बना 18 एमएलडी क्षमता का अपग्रेडेड एसटीपी, चंडी घाट हरिद्वार में गंगा के संरक्षण और जैव विविधता को प्रदर्शित करता ‘गंगा संग्रहालय’, लक्कड़ घाट, ऋषिकेश में 158 करोड़ की लागत से बना 26 एमएलडी क्षमता का एसटीपी, चंद्रेश्वर नगर-मुनि की रेती में 41 करोड़ की लागत से बना 7.5 एमएलडी क्षमता का एसटीपी, चोरपानी, मुनि की रेती में 39 करोड़ की लागत से बना 5 एमएलडी क्षमता का एसटीपी और बद्रीनाथ में 19 करोड़ की लागत से बना 1.01 एमएलडी क्षमता का एसटीपी शामिल हैं। प्रधानमंत्री ने रोविंग डाउन द गंगेज व ग्राम पंचायतों और पानी समितियों के लिए बनाई गई मार्गदर्शिका का भी विमोचन किया। उन्होंने जल जीवन मिशन के लोगो (प्रतीक चिह्न) का भी अनावरण किया।
नई सोच व नई एप्रोच से नमामि गंगे में मिली सफलता
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उत्तराखण्डवासियों को बधाई देते हुए कहा कि मां गंगा हमारे सांस्कृतिक वैभव और आस्था से तो जुड़ी ही है, साथ ही लगभग आधी आबादी को आर्थिक रूप से समृद्ध भी करती है। नमामि गंगे मिशन, नई सोच और नई एप्रोच के साथ शुरू किया गया। यह देश का सबसे बड़ा नदी संरक्षण अभियान है। इसमें समन्वित रूप से काम किए गए। गंगा जी में गंदा पानी गिरने से रोकने के लिए एसटीपी का निर्माण किया गया या किया जा रहा है, अगले 15 वर्षों की आवश्यकता के अनुसार एसटीपी की क्षमता रखी गई, गंगा के किनारे लगभग 100 शहरों और 5 हजार गांवों को खुले में शौच से मुक्त किया गया है और गंगा की सहायक नदियों को भी प्रदूषण से मुक्त रखने का काम किया जा रहा है।
उत्तराखण्ड में 6 साल में सीवरेज ट्रीटमेंट क्षमता चार गुना हुई
प्रधानमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड में नमामि गंगे के अंतर्गत लगभग सभी प्रोजेक्ट पूरे हो गए हैं। राज्य में 6 साल में सीवेज ट्रीटमेंट की क्षमता को 4 गुना कर दिया गया है। लगभग सभी नालों को टैप कर दिया गया है। इनमें चंद्रेश्वर नाला भी शामिल है। यहां देश का पहला 4 मंजिला एसटीपी शुरू हो चुका है। अगले वर्ष हरिद्वार कुम्भ मेले में श्रद्धालु गंगा की निर्मलता का अनुभव लेंगे। सैकड़ों घाटों का सौंदर्यीकरण किया गया है। साथ ही रिवर फ्रंट भी बनकर तैयार है। गंगा म्यूजियम से हरिद्वार आने वाले लोग गंगा से जुड़ी विरासत को समझ पाएंगे। प्रधानमंत्री ने कहा कि गंगा के निकटवर्ती पूरे क्षेत्र की अर्थव्यवस्था और पर्यावरण पर फोकस किया जा रहा है। यहां जैविक खेती और औषधीय पौधों की खेती की योजना है। आर्गेनिक फार्मिंग कॉरिडोर विकसित किया जा रहा है। मिशन डॉल्फिन से डॉल्फिन संवर्धन में मदद मिलेगी।
जल जीवन मिशन में उत्तराखण्ड सरकार एक कदम आगे
प्रधानमंत्री ने कहा कि पानी की महत्ता को माता-बहनों से अधिक कौन समझ सकता है। हमने जल से जुड़े मंत्रालयों को एक कर जलशक्ति मंत्रालय का गठन किया। जल जीवन मिशन के तहत हर घर को नल से जल का लक्ष्य लिया गया है। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत जी के नेतृत्व में उत्तराखण्ड सरकार एक कदम और आगे बढ़ी है। उन्होंने केवल एक रूपए में पानी का कनेक्शन देने का बीड़ा उठाया है। वर्ष 2022 तक हर घर नल से जल देने का लक्ष्य रखा गया है। उत्तराखण्ड में कोरोना काल में भी पिछले 4-5 माह में 50 हजार परिवारों को पानी का कनेक्शन दिया गया है जो कि उत्तराखण्ड सरकार के संकल्प को दर्शाता है।
सभी स्कूलों और आंगनबाड़ी केंद्रों में नल से जल के लिए 2 अक्टूबर से अभियान
जल जीवन मिशन ने गांवों में पानी की समस्या से मुक्त करने का अवसर दिया है। 2 अक्टूबर से जल जीवन मिशन के तहत अभियान चलाकर 100 दिनों में सभी स्कूलों और आंगनबाड़ी केंद्रों में नल से जल सुनिश्चित किया जाएगा। वर्ष 2014 के बाद देश हित में बहुत से बड़े काम किए गए। इनमें कृषि विधेयक, डिजीटल इण्डिया, जीएसटी, वन रैंक वन पेंशन शामिल हैं। वन रैंक वन पेंशन से उत्तराखण्ड के एक लाख से अधिक पूर्व सैनिक लाभान्वित हुए हैं। सर्जिकल स्ट्राइक से आतंकवाद को चोट पहुंचाई गई। राफेल से वायुसेना की ताकत काफी बढ़ी है। सरदार पटेल की मूर्ति राष्ट्रीय एकता और अखण्डता की प्रतीक है। अंतरराष्ट्रीय योग दिवस से सारी दुनिया योग के महत्व से परिचित हुई। अयोध्या में रामजन्म भूमि मंदिर का भूमि पूजन किया गया। देश को ताकतवार बनाने के लिए आत्मनिर्भर भारत अभियान शुरू किया गया है।
गंगा किनारे जैविक खेती और औषधीय पौधों की खेती को प्रोत्साहन
मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने प्रधानमंत्री और केंद्र सरकार का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि प्राथमिकता के चिन्हित 16 नगरों हेतु स्वीकृत 19 योजनाओं में से 15 योजनाएं पूर्ण हो चुकी हैं। शेष कुम्भ से पहले पूरी हो जाएंगी। प्राथमिकता के इन नगरों में चिन्हित किए गए 135 नालों में से 128 टैप किए गए हैं शेष को कुम्भ से पहले टैप कर लिया जाएगा। गंगा किनारे उत्तराखण्ड राज्य के विभिन्न स्थानों पर 21 स्नान घाटों जिसमें भव्य चंडी घाट भी शामिल है और 23 मोक्षधामों का निर्माण किया गया है। गंगा नदी के कैचमेंट एरिया में जो कार्य कराए गए हैं, उनका लाभ आने वाले समय में अवश्य मिलेगा। गंगा के दोनों किनारों पर 5 से 7 किलोमीटर के क्षेत्र में जैविक खेती को विकसित करते हुए स्थाई कृषि प्रथाओं को भी नमामि गंगे कार्यक्रम के अंतर्गत प्रोत्साहन दिया जा रहा है। नमामि गंगे कार्यक्रम में निर्मित एसटीपी से निकलने वाले शोधित जल को भी कृषकों को सिंचाई हेतु उपलब्ध कराया जा रहा है। गंगा जी की निर्मलता और अविरलता के लिए प्रधानमंत्री जी के भगीरथ प्रयासों के परिणाम भी देखने को मिल रहे हैं। यहां तक की गंगा मे डाल्फिन और महाशिर मछलियां भी पुनः दिखने लगी हैं। गंगा के किनारे आर्गेनिक खेती व औषधीय पौधों की खेती को प्रोत्साहित किया जा रहा है।
हरिद्वार कुम्भ में गंगा का जल आचमन योग्य
केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा कि जल संचय व जल संरक्षण को लेकर जनचेतना का संचार हुआ है। यह आंदोलन जन जन का विषय बनने लगा है। वर्ष 2014 से नमामि गंगे एक मिशन मोड में काम कर रहा है। इसके लिए पर्याप्त बजट की व्यवस्था की गई। समन्वित एप्रोच पर काम किया गया। गंगा प्रवाह क्षेत्र में 315 परियोजनाएं अभी तक इसमें ली गई हैं। कुल 28854 करोड़ की स्वीकृति दी जा चुकी है। इनमें से 9 हजार करोड़ की परियोजनाएं पूरी हो चुकी हैं। इनके स्पष्ट परिणाम भी दिखाई देने लगे हैं। हाईब्रिड एन्यूटी प्रणाली अपनाई गई है। गंगा प्रहरी और अनेक संगठनों के माध्यम से नमामि गंगे को जन अभियान बनाया गया है। गंगा की शुचिता के साथ ही अविरलता पर भी ध्यान दिया गया है। इसके लिए ई-फ्लो अधिसूचना जारी की गई। अगले वर्ष हरिद्वार में कुम्भ मेले के समय गंगा जल आचमन योग्य होगा। रिसाईकिल पानी को रियूज करने का भी प्रयास किया जा रहा है। गंगा की सहायक नदियों पर भी प्रभावी काम कर रहे हैं।
इस अवसर पर राज्यपाल बेबी रानी मौर्य, विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल, केंद्रीय शिक्षा मंत्री डा.रमेश पोखरियाल निशंक, केंद्रीय जलशक्ति राज्य मंत्री रतनलाल कटारिया आदि उपस्थित थे। इसके साथ ही कैेबिनेट मंत्री सतपाल महाराज, मदन कौशिक, सांसद तीरथ सिंह रावत, मेयर ऋषिकेश अनिता ममगाई, विधायक आदेश चैहान आदि मौजूद रहे।
गंगा और उसकी सहायक नदियों की स्वच्छता पर विशेष ध्यान देने की जरूरत
मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने बुधवार को सचिवालय में कानपुर में प्रस्तावित प्रथम नेशनल गंगा काउंसिल की बैठक से संबंधित राज्य से जुड़े विषयों के संबंध में संबंधित अधिकारियों के साथ चर्चा की। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिये कि प्रदेश में नमामि गंगे के तहत संचालित अवशेष कार्यों में तेजी लाई जाए। गंगा एवं उसकी सहायक नदियों पर स्वच्छता का विशेष ध्यान रखा जाय। कार्यों में तेजी लाई जाए।
नालों के टेपिंग की समुचित व्यवस्था की जाय। गंगा के किनारे पौधरोपण के लिए औषधीय पौधों को प्राथमिकता दी जाए। गंगा के किनारे अतिक्रमण वाले स्थानों को चिन्हित किया जाए। जगजीतपुर, सराय एवं ऋषिकेश में एस.टी.पी से कितनी हेक्टेयर भूमि सिंचित होगी, इसका पूरा आकलन किया जाय। सिंगल यूज प्लास्टिक मुक्त उत्तराखण्ड बनाने के लिए व्यापक स्तर पर जन जागरूकता अभियान चलाया जाए।
बैठक में जानकारी दी गई कि नमामि गंगे के तहत 21 में से 10 योजनाएं पूर्ण हो चुकी हैं, जबकि 11 गतिमान हैं। 34 एसटीपी में से 21 पूर्ण हो चुके हैं, जबकि 13 पर कार्य गतिमान है। जगजीनपुर, सराय एवं ऋषिकेश के एसटीपी से 1017 हेक्टेयर कृषि भूमि सिंचित होगी। गंगा के किनारे बसे 15 नगरों से प्रतिदिन औसतन 371 मीट्रिक टन कूड़ा उठाया जा रहा है।
प्रकृति संरक्षण में सहायक है नमामि गंगेः किंग कार्ल-16 गुस्ताफ
बृहस्पतिवार को स्वीडन के किंग कार्ल-16 गुस्ताफ, क्वीन सिल्विया, मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत, केंद्रीय मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत व उत्तराखण्ड के पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने हरिद्वार के सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट का उद्घाटन किया। बता दें कि सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट नमामि गंगे के अंतर्गत 14 एमएलडी क्षमता का है तथा इसकी लागत 41.40 करोड़ रूपए है।
किंग कार्ल 16 गुस्ताफ ने कहा कि उन्हें यहां आकर बहुत ही प्रसन्नता हो रही है। भारत एवं भारत के लोगों में बहुत सी सम्भावनाएं हैं। उन्होंने गंगा नदी के संरक्षण एवं संवर्द्धन के लिये किये जा रहे प्रयासों को सराहनीय बताते हुए नमामि गंगे प्रोजेक्ट की सफलता की कामना की। उन्होंने आशा व्यक्त की कि भारत में प्रकृति और वन्यजीवन के संरक्षण के लिए किये जा रहे प्रयासों से प्रकृति के संरक्षण में सहायता मिलेगी।
गंगा की निर्मलता के लिए गम्भीरता से प्रयास किए जा रहे हैं
मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने स्वीडन के किंग कार्ल 16 गुस्ताफ का उत्तराखण्ड आगमन पर स्वागत एवं अभिनन्दन करते हुए कहा कि वर्ष 2014 में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा गंगा की निर्मलता एवं अविरलता के क्षेत्र में ठोस पहल हुई। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार जलीय जीवों के लिए गम्भीरता से प्रयास कर रही है, जिसके अच्छे परिणाम देखने को मिल रहे हैं।
रसायनों के प्रयोग को कम करने की आवश्यकता
मुख्यमंत्री ने कहा कि इतने कम समय में गंगा की निर्मलता के लिए सराहनीय कार्य हुए हैं। खेतों में प्रयोग किए जाने वाले रसायन का गंगा के प्रदूषण में महत्वपूर्ण भाग है, जिसे रोकने की जरूरत है। गंगा की निर्मलता को बनाये रखने के लिए औद्योगिक कचरे के उपचार की नितान्त आवश्यकता है। साथ ही, कृषि में इस्तेमाल होने वाले रसायनों के प्रयोग को अत्यधित न्यून करने की आवश्यकता है।
मुख्यमंत्री ने अपने आस-पास के नदी-नालों को स्वच्छ रखने में आमजन के सहयोग की अपील करते हुए कहा कि हमें सिंगल यूज प्लास्टिक के प्रयोग को बंद करके अपने प्रदेश के साथ ही देश को स्वच्छ बनाने में अपना सहयोग देना चाहिए।
उत्तराखण्ड में सीवेज ट्रीटमेंट प्लान के 34 प्रोजेक्ट्स में 23 प्रोजेक्ट्स पूर्ण
केन्द्रीय मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत ने स्वीडन के किंग कार्ल 16 गुस्ताफ एवं क्वीन सिल्वा का देवभूमि उत्तराखण्ड में स्वागत करते हुए कहा कि यह देवभूमि विश्व प्रसिद्ध पावन नदी गंगा का उद्गम स्थल भी है। उन्होंने कहा कि गंगा नदी भारत के 32 प्रतिशत भूभाग को सिंचित करती है और भारत की लगभग 42 प्रतिशत जनसंख्या को आजीविका का साधन उपलब्ध कराती है।
केन्द्रीय मंत्री शेखावत ने कहा कि गंगा नदी के संरक्षण के साथ ही स्वच्छ एवं अविरल बनाये रखने के लिए भारत सरकार द्वारा नमामि गंगे प्रोजेक्ट शुरू किया गया है। इस अभियान के अच्छे परिणाम देखने को मिल रहे हैं। पृथ्वी की ईकोलॉजी एवं स्वस्थ नागरिक जीवन के लिए प्रोपर वेस्ट मैनेजमेंट की बहुत ही आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड में सीवेज ट्रीटमेंट प्लान के 34 प्रोजेक्ट्स शुरू किए गए हैं, जिनमें से 23 प्रोजेक्ट्स पूर्ण हो चुके हैं।
इससे पूर्व स्वीडन के किंग कार्ल-16 गुस्ताफ, क्वीन सिल्विया का जौलीग्रान्ट एयरपोर्ट, देहरादून पहुंचने पर राज्य के प्रोटोकॉल मंत्री धनसिंह रावत ने स्वागत किया। यहां से किंग कार्ल-16 गुस्ताफ और क्वीन सिल्विया ऋषिकेश गए जहां उन्होंने प्रसिद्ध रामझूला पुल, गंगा माता मंदिर व स्नान घाट का भ्रमण किया एवं पूजा अर्चना भी की।
भाजपा की कमेटी देखेगी विस अध्यक्ष और राज्यमंत्री कोठारी का मामला
विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल और गन्ना एवं चीनी विकास बोर्ड के अध्यक्ष भगतराम कोठारी के मध्य उपजे विवाद प्रकरण की भाजपा ने जांच कराने का निर्णय लिया है। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष अजय भट्ट के अनुसार जल्द ही जांच कमेटी घोषित की जाएगी।
विस अध्यक्ष अग्रवाल और दायित्वधारी कोठारी के मध्य तब विवाद हो गया था, जब हाल में ही केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत नमामि गंगे के कार्यों के निरीक्षण को ऋषिकेश पहुंचे थे। इस दौरान चंद्रभागा पुल के नजदीक परिचय कराने को लेकर दोनों के मध्य हुआ विवाद नोकझोंक तक जा पहुंचा। बाद में विस अध्यक्ष अग्रवाल और दायित्वधारी कोठारी ने ऋषिकेश पहुंचे भाजपा के राष्ट्रीय सह महामंत्री संगठन शिवप्रकाश से अलग-अलग मुलाकात की।
अब भाजपा का प्रदेश नेतृत्व भी इस विवाद को लेकर गंभीर हुआ है। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष अजय भट्ट ने कहा कि विस अध्यक्ष और दायित्वधारी के मध्य विवाद के मद्देनजर जांच बैठाई जा रही है। जल्द ही जांच कमेटी गठित की जाएगी। इस बारे में पार्टी के प्रांतीय पदाधिकारियों से विमर्श किया जा रहा है।
गौरतलब है कि कुछ समय से भाजपा विधायकों कुंवर प्रणव सिंह चैंपियन और देशराज कर्णवाल के मध्य विवाद चला आ रहा है। दोनों विधायकों के मध्य छिड़ी जुबानी जंग ने पार्टी को असहज स्थिति में ला दिया था। सरकार और संगठन के हस्तक्षेप के बाद भी जब बात नहीं बनी तो पार्टी ने प्रकरण की जांच के लिए कमेटी गठित की। यह कमेटी अपनी रिपोर्ट प्रदेश अध्यक्ष भट्ट को सौंप चुकी है, लेकिन अभी कोई निर्णय नहीं लिया गया है। प्रदेश अध्यक्ष भट्ट ने बताया कि जांच रिपोर्ट आधी उन्होंने पढ़ ली है। जल्द ही इस पर फैसला लिया जाएगा।
जीएसटी में हिमालयी राज्यों को छूट देने पर सीएम ने जताया आभार
मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने केन्द्र सरकार द्वारा प्रदेश में ऐसे उद्योगों को जिन्होने जीएसटी लागू होने के पूर्व केन्द्रीय उत्पाद शुल्क में छूट का फायदा उठाया था वर्ष 2027 तक बजटीय सहायता दिये जाने पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का आभार प्रकट करते हुए कहा कि इससे ऐसे उद्योग जो राज्य से बाहर जा रहे थे, उनको राज्य में ही रोकने में सहायता तो मिलेगी ही, साथ ही नये उद्योग की स्थापना के लिये और अनुकूल वातावरण तैयार होगा। उन्होंने कहा कि राज्य में उद्योग बढ़ने से रोजगार के अवसर भी पैदा होंगे। मुख्यमंत्री ने उत्तराखण्ड की जनता की ओर से केन्द्र सरकार का आभार प्रकट किया। मुख्यमंत्री ने गुरूवार को मुख्यमंत्री आवास पर नमामि गंगे परियोजना के एक कार्यक्रम के उपरांत पत्रकारों से अनौपचारिक वार्ता के दौरान यह बयान दिया।
पिथौरागढ़ में प्राकृतिक आपदा से जुड़े सवाल का जवाब देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार लगातार राहत कार्य कर रही है। मौसम खराब होने के कारण हैलीकाॅप्टर नहीं उड़ पा रहे हैं। एक हैलीकाॅप्टर को धारचूला में ही रखा गया है ताकि आपातकालीन परिस्थितियों में हैलीकाॅप्टर की सुविधा उपलब्ध करायी जा सके। एनडीआरएफ, एसडीआआरएफ, आईटीबीपी, सेना एवं स्थानीय लोग लगातार राहत कार्यों में लगे हुए हैं। प्रभावित क्षेत्रों में रहने एवं खाने की निशुल्क सुविधा उपलब्ध करायी जा रही है। प्रभावित क्षेत्र में चिकित्सा टीम द्वारा मेडिकल कैम्प के माध्यम से प्रभावितों के साथ ही स्थानीय लोगों का स्वास्थ्य परीक्षण किया जा रहा हैं। लोक निर्माण विभाग द्वारा सड़क एवं पैदल मार्ग की मरम्मत आदि का कार्य किया जा रहा है। दो चिकित्सा टीमों द्वारा मालपा तथा सिमखोला में चिकित्सा कैंप लगाकर कर स्वास्थ्य परीक्षण तथा दवा वितरित की जा रही है। भ्रष्टाचार से जुड़े प्रश्न पर मुख्यमंत्री ने कहा कि सीबीआई में काम कर चुके पूर्व अधिकारियों को लेकर एक टीम बनायी जाएगी, ताकि भ्रष्टाचार से जुड़े मसलों की जांच समय से पूरी की जा सके। इससे भ्रष्टाचार से जुड़े मसलों के निस्तारण में तेजी आएगी।