स्टेट ब्रॉडबैंड कमेटी की तीसरी बैठक में मुख्य सचिव ने दिये अहम निर्देश

मुख्य सचिव डॉ. एस.एस. संधु की अध्यक्षता में स्टेट ब्रॉडबैंड कमेटी की तीसरी बैठक सम्पन्न हुयी। मुख्य सचिव ने सभी सम्बन्धित विभागों एवं संस्थानों के अधिकारियों को शीघ्र से शीघ्र प्रदेश में नेटवर्क की 100 प्रतिशत कवरेज उपलब्ध कराए जाने के निर्देश दिए।
मुख्य सचिव ने ग्राम पंचायत स्तर पर यथोचित देखभाल के लिए ग्राम पंचायत अधिकारियों को वीसेट सर्विसेज के लगातार मॉनिटरिंग अथवा काम न करने की दशा में समय पर जानकारी साझा करने के निर्देश दिए। उन्होंने दूरसंचार विभाग की 4जी सैचुरेशन योजना के तहत प्रदेश में 100 प्रतिशत 4जी नेटवर्क कवरेज के लिए सभी सम्बन्धित विभाग और संस्थान आपसी समन्वय से कार्य करें। साथ ही नेटवर्क कवरेज के लिए फील्ड लेवल पर स्थानीय लोगों से फीडबैक लेकर नेटवर्क उपलब्धता की जांच की जाए। उन्होंने सभी जनपदों में जिला प्रशासन को टावर लगाए जाने हेतु शीघ्र से शीघ्र जगह चिन्हित कर उपलब्ध कराए जाने के निर्देश दिए।
मुख्य सचिव ने आरओडब्ल्यू के लम्बित प्रकरणों का तेजी से निस्तारण किए जाने के भी निर्देश दिए। उन्होंने अधिकारियों को भारत सरकार के राईट ऑफ वे (आरओडब्ल्यू) को अपनाए जाने के भी निर्देश दिए। कहा कि आवंटित साईट्स पर पावर सप्लाई की व्यवस्था भी सुनिश्चित की जाए। मुख्य सचिव ने डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोवाइडर्स एसोसिएशन द्वारा सील किए गए मोबाइल टावर प्रकरणों के तेजी से निस्तारण के भी निर्देश दिए। मुख्य सचिव ने कहा कि दूरसंचार सेवा अति महत्त्वपूर्ण सेवा है जिसे प्रदेश के प्रत्येक क्षेत्र को उपलब्ध कराया जाना आवश्यक है। मुख्य सचिव ने बीएसएनएल को प्रदेश में क्षतिग्रस्त लाइनों को शीघ्र से शीघ्र ठीक करने के निर्देश दिए।
बैठक के दौरान बताया गया कि वोडाफोन-आइडिया(वीआई), एयरटेल, रिलायंस जिओ और बीएसएनएल द्वारा सेवाएं उपलब्ध करायी जा रही हैं। प्रदेश में 1.42 करोड़ मोबाईल सब्सक्राईबर बेस है। 42192 किमी0 ओएफसी लगाई गयी है। 9190 टॉवर और 30611 बीटीएस लगाए गए हैं।
इस अवसर पर सचिव शैलेश बगोली एवं निदेशक आईटीडीए अमित सिन्हा सहित सम्बन्धित विभागों एवं संस्थानों के उच्चाधिकारी उपस्थित रहे।

नेटवर्क में सुधार लाने के लिए बीबीएनएल के महानिदेशक से चर्चा

अशोक कुमार मित्तल, आई.टी. एस. महानिदेशक दूरसंचार, दूरसंचार विभाग ने उत्तराखंड के मुख्य सचिव डॉ. एस.एस.सन्धु से मुलाकात करते हुए उत्तराखंड राज्य में दूरसंचार के बुनियादी ढांचे के विकास के लिए रणनीति पर चर्चा की। इस चर्चा में शहरी विकास प्राधिकरणों के उप कानूनों को उत्तराखंड राइट ऑफ वे पॉलिसी 2018 के अनुसार करने के लिए नीतिगत हस्तक्षेप, पंचायत संस्थानों द्वारा भारतनेट नेटवर्क का उपयोग, जिला और राज्य स्तरीय दूरसंचार समितियों की नियमित बैठक, ट्रांसमिशन लाइनों के साथ ऑप्टिकल ग्राउंड वायर (ओपीडब्ल्यूजी) की तैनाती आदि शामिल है।
महानिदेशक (दूरसंचार) ने उत्तराखंड क्षेत्र में नेटवर्क कवरेज में सुधार के लिए दूरसंचार टावरों की अनुमति की शीघ्र मंजूरी के महत्व पर जोर दिया। ऑप्टिकल फाइबर केबल के दोषों की मरम्मत के लिए सड़कों की खुदाई के लिए बी.बी.एन.एल. (भारत ब्रॉडबैंड नेटवर्क लिमिटेड) को अनुमति पर भी चर्चा की गई।
इस दौरान मुख्य सचिव ने प्रमुख सचिव सूचना प्रौद्योगिकी आर. के सुधांशु को निर्देशित किया कि उत्तराखण्ड में दूरसंचार सुविधाओं के विकास से सम्बन्धित जो भी प्रस्ताव आते हैं। उनका सम्बन्धित जिलाधिकारियों के माध्यम से तत्काल निस्तारण करवायें। साथ ही उन्होंने इस सम्बन्ध में महानिदेशक दूरसंचार को स्थानीय डाटा भी उपलब्ध करवाने को कहा।
महानिदेशक (दूरसंचार) ने सचिव (आपदा प्रबंधन) एस ए मुरुगेसन से भी मुलाकात करते हुए उत्तराखंड राज्य में आपदा के दौरान दूरसंचार के बुनियादी ढांचे की बहाली और प्रबंधन की रणनीति के बारे में चर्चा की। उन्होंने बचाव, राहत और पुनर्वास पद्धति शुरू करने में दूरसंचार सेवाओं की भूमिका पर जोर दिया और उन्हें आपदाओं से निपटने के लिए मानक संचालन प्रक्रिया (एस.ओ.पी.) 2020 के अनुसार दूरसंचार सेवा प्रदाताओं द्वारा आयोजित मॉक ड्रिल के बारे में जानकारी भी दी।