पतंजलि अनुसंधान संस्थान का पीएम ने किया उद्घाटन

हरिद्वार।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पतंजलि अनुसन्धान केन्द्र का उद्घाटन किया। प्रधानमंत्री ने कहा कि पतंजलि अनुसंधान संस्थान से जड़ी-बूटियों एवं आयुर्वेदिक रिसर्च से सम्पूर्ण देश को फायदा होगा एवं विश्व पटल पर आयुर्वेद के विकास में नई पहचान मिलेगी। पतंजलि योगपीठ के माध्यम से योग के लिए जो आन्दोलन चलाया गया है उसी प्रकार आयुर्वेद के क्षेत्र में भी भारत को विश्व पटल पर लायेंगे। प्रधानमंत्री ने कहा कि 21 जून को अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस पर सम्पूर्ण विश्व में योग का उत्सव मनाया जाता है। उन्होंने कहा कि स्वामी रामदेव का संकल्प एवं समर्पण ही उनकी सफलता की जड़ी-बूटी है। कहा कि देश को सुखी एवं स्वस्थ रखने के लिए स्वच्छता अभियान पर विशेष बल देना होगा। सभी देशवासियों को संकल्प लेना होगा कि कोई भी व्यक्ति गंदगी नहीं करेगा। यदि स्वच्छ वातावरण रखेंगे और गंदगी नही होने देंगे तो अनेक बीमारियां स्वतः ही समाप्त हो जायेंगीं।
मोदी ने कहा कि देश की नई पीढ़ी स्वच्छता के प्रति सजग हो रही है। इस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आचार्य बालकृष्ण के अनुसंधान ग्रन्थ वल्र्ड हर्बल इनसाइक्लोपीडिया का भी विमोचन किया। इस पुस्तक में 70 हजार से अधिक जड़ी बूटियों पर अनुसंधान के बारे में जानकारी दी गई है। जिसमें पिछले 10 वर्षों से कार्य चल रहा है तथा 200 वैज्ञानिकों की टीम कार्य कर रही है। पंतजलि योगपीठ में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को राष्ट्र ऋषि के रूप में सम्मानित किया गया।
मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कहा कि प्रधानमंत्री देश सेवा को परमात्मा की सेवा के रूप में देखते हुए देश के समग्र विकास के लिए गतिशील हैं। कहा कि स्वामी रामदेव योग के माध्यम से देश को अलग पहचान दिलाई है एवं स्वदेशी अभियान को आगे बढ़ाया है। स्वामी रामदेव ने कहा कि अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस पर पांच लाख लोगों को योगाभ्यास कराया जायेगा। उन्होंने कहा कि 11 लाख लोगों को निःशुल्क योग शिक्षा दी जायेगी। शहरी विकास मंत्री मदन कौशिक ने भी प्रधानमंत्री को पुष्प गुच्छ भेंट किया।
मौके पर उत्तराखण्ड के राज्यपाल डॉ. केके पॉल, हरिद्वार सांसद डॉ. रमेश पोखरियाल ‘निशंक’, कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत, आचार्य बालकृष्ण, आचार्य प्रद्युम्न, विधायक स्वामी यतीश्वरानन्द, विधायक कुंवर प्रणव चैंपियन, विधायक आदेश चैहान, विधायक संजय गुप्ता, विधायक देशराज कर्णवाल आदि मौजूद थे।