कहा बोले रक्षा मंत्री-हमारा पड़ौसी है कि सुधरता ही नही

देहरादून स्थित भारतीय सैन्य अकादमी (आइएमए) में आयोजित पासिंग आउट परेड के दौरान रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सेना में शामिल हुए युवा सैन्य अधिकारियों से सेवा एवं शांति का संदेश दुनिया तक ले जाने को कहा। उन्होंने कहा कि इतिहास गवाह है कि भारत की कभी भी अतिरिक्त क्षेत्रीय महत्वाकांक्षाएं नहीं रही हैं। भारत ने आज तक न तो दुनिया के किसी देश पर कभी आक्रमण किया है और न किसी की एक इंच भूमि पर कब्जा किया है। न ही हम किसी अन्य देश के मामले में दखल देते हैं। इसके बावजूद सीमाओं पर ऐसे खतरे मंडराते रहते हैं जहां आपको वीरता ही नहीं विवेक की भी जरूरत पड़ती है।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने पाकिस्तान पर हमलावर होते हुए कहा कि वह विचित्र पड़ोसी है, सुधार के रास्ते पर चलते को तैयार नहीं है। कहा कि पाकिस्तान ने आतंकवाद को अपनी राष्ट्र नीति बना लिया है। पाकिस्तान में चरमंपथी तत्व इतने मजबूत हैं कि राजनीति के केंद्र में बैठे लोग उनके हाथों की कठपुतलियों से ज्यादा कुछ नहीं लगते। यही कारण है कि भारतीय सुरक्षाबलों को पाकिस्तान के खिलाफ अधिक चैकन्ना रहने की जरूरत है।
रक्षा मंत्री ने कहा कि पाकिस्तान ने हमारे साथ चार लड़ाइयां लड़ीं, पर हर बार उसे हार मिली। पर वह अपनी हरकतों से बाज नहीं आता। इसलिए हमें पाकिस्तान जैसे पड़ोसी से निपटने के लिए तैयार रहना होगा। रक्षा मंत्री ने कहा कि हमारी सरकार ने आतंकवाद के खिलाफ एक मल्टी प्रोम्प्ट स्ट्रेटेजी अपनाई हुई है। जिसके सकारात्मक परिणाम अब सामने आ रहे हैं। इसके बावजूद आतंकवाद के खतरे के प्रति हमेशा सजग रहने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि आतंकवाद दुनिया के लिए कितना बड़ा खतरा है यह आज बताने की जरूरत नहीं है। क्योंकि हमने अपनी आंखों के सामने 9/11 और 26/11 की घटना देखी है। आज किसी भी सभ्य देश की आतंकवाद के प्रति कोई सहानुभूति नहीं है। दुनिया यह जानती है कि 26/11 को अंजाम देने वाले संगठन लश्कर-ए-तैयबा के लोग पाकिस्तान में बैठे हैं।
रक्षा मंत्री ने कहा कि मुम्बई हमले में जो 166 बेगुनाह लोग मारे गए, उन्हें और उनके परिवार को उस दिन न्याय मिलेगा जिस दिन 26/11 को अंजाम देने वालों को उनके अंतिम अंजाम तक पहुंचाया जाएगा। उन्होंने कहा कि भारत और चीन की क्षेत्रीय अवधारणाएं एक-दूसरे से अलग हो सकती हैं लेकिन चीन आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में बाकी दुनिया के साथ खड़ा है। सीमांकन कार्य लंबे समय से लंबित होने के कारण चीन के साथ सीमा को लेकर कुछ मतभेद जरूर हैं। इस स्थिति में उत्तरी और पूर्वी सीमा पर सेना को अक्सर वीरता के साथ ही विवेक से भी काम लेना पड़ता है। इसका परिचय भारतीय सेना ने पिछले कुछ वर्षों में कई बार दिया है।

हिन्दू है जिम्मेदार तो जिन्ना ने पाकिस्तान की क्यों की थी मांग

पाकिस्तान अपने राष्ट्रवादी नजरिए के मुताबिक इतिहास को तोड़ने-मरोड़ने का काम कर रहा है। इसके लिए इतिहास की किताबों को हथियार बनाते हुए यह बताया जाता है कि जब 70 साल पहले भारत और पाकिस्तान के बंटवारे के दौरान हुए खून-खराबे के लिए हिंदू जिम्मेदार हैं।
पाकिस्तान के ब्लूचिस्तान प्रांत के स्कूलों में पढ़ाई जाने वाली सरकारी मान्यता प्राप्त ग्रेड पांच की इतिहास की किताबों में हिंदुओं को ‘हत्यारा’ बताया गया है, जिन्होंने मुसलमानों का नरसंहार किया, उनकी संपत्ति जब्त कर ली और उन्हें भारत छोड़ने के लिए मजबूर किया।
पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के 17 साल के नोमान अफजल ने अपनी इतिहास की किताब में लिखे एक उत्तर का जिक्र करते हुए कहा, वे हमें नीचा समझते थे, इसलिए हमने पाकिस्तान बनाया।
महात्मा गांधी के अध्याय, इस बात का साफ उदाहरण है कि सीमा के दोनों और बंटवारे को कितना अलग-अलग तरीके से पेश किया गया है। पाकिस्तान में आजादी के लिए गांधी के संघर्ष का कुछ खास जिक्र नहीं किया गया है, जबकि भारत में उन्हें ‘वन मैन आर्मी’ के तौर पर पेश किया जाता है।

तो क्या मरीयम के कारण गई नवाज शरीफ की कुर्सी

पनामा पेपर लीक मामले में सुप्रीम कोर्ट ने आज (शुक्रवार) पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ को दोषी करार देते हुए उन्हें अयोग्य ठहराया है। कोर्ट के इस फैसले के बाद उन्घ्होंने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। उनके साथ ही पाकिस्तान के वित्त मंत्री को भी अयोग्य करार दिया गया है। सुप्रीम कोर्ट की पांच सदस्यीय बेंच ने एक मत से यह फैसला सुनाया है। इसमें जस्टिस आसिफ सईद खान खोसा के अलावा जस्टिस गुलजार अहमद, जस्टिस एजाज अफजल खान, जस्टिस इयाज उल अहसान और जस्टिस शेख अजमत सईद शामिल थे। जस्टिस खोसा वही जज हैं जिन्होंने पांच वर्ष पहले तत्कालीन प्रधानमंत्री यूसुफ रजा गिलानी को अयोग्य करार दिया था। इस फैसले के बाद उन्हें पद से इस्तीफा देना पड़ा था।

मरियम के छलके आंसू

सुप्रीम कोर्ट के ताजा फैसले के बाद पाकिस्तान का राजनीतिक भविष्य एक बार फिर दांव पर है। गौरतलब है कि इस मामले की जांच के लिए बनाई गई जेआईटी ने अपनी रिपोर्ट में शरीफ को प्रधानमंत्री पद के लिए अयोग्य ठहराने की सिफारिश की थी। सुप्रीम कोर्ट का फैसला सुनकर नवाज की बेटी मरियम नवाज और बेगम कुलसुम नवाज की आंखों से आंसू छलक पड़े।

देश की राजनीति पर संकट

नवाज शरीफ से पद से हटाए जाने की सूरत में वहां पर छाई राजनीति अस्थिरता भारत के लिए नुकसानदेह साबित हो सकती है। ऐसे में देश की राजनीति में शून्य छा जाने से यह भी हो सकता है कि वहां की सत्ता पर एक बार फिर से सैन्य तंत्र हावी हो जाए, जैसा कि पहले होता रहा है। पाकिस्तान का यह इतिहास रहा है कि जब-जब देश की सत्ता कमजोर हुई है तब-तब वहां पर सैन्य ताकत उभरकर सामने आई है।

हां मैं एक पाकिस्तानी नागरिक हूं

कश्मीर के कुपवाड़ा में पकड़ा गया आंतकी ने सच कबूला
पाकिस्तान फिर हुआ बेनकाब
नई दिल्ली।
कश्मीर के कुपवाड़ा जिले में नियंत्रण रेखा के पास नौगाम सेक्टर में हुई मुठभेड़ में पकड़े गए एक जिंदा आतंकी के कबूलनामे से पाकिस्तान एक बार फिर बेनकाब हो गया है। आतंकी ने कबूल किया है कि वह पाकिस्तान का नागरिक है। उनसे अपने कबूलनामे में कहा गया है कि मैं लाहौर का रहने वाला हूं। मेरा जन्म 17-12-1995 को हुआ था।
बहादुर अली नाम बताने वाले आतंकी ने बताया कि उसे मुजफ्फराबाद से 9 घंटे दूर ट्रेनिंग दी गई थी और ये ट्रेनिंग 21 दिन की थी। सेना की ओर से इस आतंकी को पकड़ा जाना देश और सुरक्षाबलों के लिए एक बड़ी सफलता है क्योंकि इससे पाकिस्तान एक बार फिर बेनकाब हुआ है।
सैन्य अधिकारियों की तरफ से मिली जानकारी के अनुसार ये सभी आतंकवादी विदेशी नागरिक थे। आतंकी के पास कई आधुनिक हथियार भी मिले थे। वहीं खुफिया एजेंसियों ने बहादुर अली से जानकारी हासिल की है। गौरतलब हैं कि हाल ही में कुपवाड़ा जिले में नियंत्रण रेखा के पास नौगाम सेक्टर में हुई इस मुठभेड़ सुरक्षा बलों ने चार आतंकवादियों को ढेर कर दिया था और एक अन्य आतंकी को पकड़ लिया।

सोशल मीडिया में ब्लैक डे पर मचा घमासान

13775501_931758003617303_2275353194315580666_n

सेना के पक्ष में खुल कर उतरे देश के नौजवान
आर्मी का प्रतीक चिन्ह लगा कर रहे समर्थन
दयाशंकर पाण्डेय।
कश्मीर में आंतकी को मार गिराने के बाद देश व विदेशों में भारतीय सेना को निशाना बनाये जाने की घटना के बाद देश के युवा अब खुल कर सेना के समर्थन में आ गये है। दरअसल कश्मीर में सेना के हाथों मारे गये आंतकी के मौत के बाद कश्मीर में हिसंक घटनाएं बढ गई है। पूरे देश में सेकुरलिज्म और तथाकथित नेता आंतकी को मारे जाने की घटना पर संवेदना व्यक्त कर रहे है। पड़ौसी देश 19 जुलाई को इंडियन आर्मी के खिलाफ ब्लैक डे मनाने की खबर सोशल मीडिया में फैल गई है।
क्या इस दिन का इंतजार हर कोई भारतीय करेगा कि कोई पडौसी देश उसकी आर्मी के खिलाफ के ब्लैक डे मनाये? इसी अंदाज में देश का नौजवान अपने गुस्से की प्रतिक्रिया सोशल साईटों में दे रहा है। कश्मीर में सेना के हाथों मारे गये आंतकी वानी के समर्थन में पडौसी देश ही नही हिंदुस्तान के कई राजनेता व धर्मगुरु संवेदना वयक्त कर रहे है। सेना का मनोबल बढाना तो दूर ऐसी प्रतिक्रिया देखने और सुनने को मिल रही जिससे सेना पर दोष मढा जा रहा है।
कश्मीर में जवानों पर हो रहे पथराव व प्रदर्शन के बीच पाकिस्तान ने भारतीय सेना के खिलाफ ब्लैक डे मनाने की घोषणा से देश का नौजवान ने प्रतिक्रिया देनी शुरु कर दी है। 19 जुलाई को युवा, धैर्य व साहस का परिचय दे रही सेना के
का प्रतीक चिन्ह अपनी सोशल साईट्स में शेयर कर रहे है। और सेना के पक्ष में खुलकर प्रतिक्रिया दे रहे है। कई पोस्ट तो युवाओं के आक्रोश से भरी हुई है। सेना के जवानों की तारीफ करने से भी युवा पीछे नही रह रहे है।