नकल माफिया की संपत्ति का मूल्यांकन, कुर्क करने की तैयारी शुरु

नकल माफिया की कमर तोड़ने की दिशा में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने एक और कड़ा कदम उठाया है। पटवारी और एई-जेई पेपर लीक प्रकरण के मुख्य आरोपी संजीव चतुर्वेदी समेत कुल पांच नकल माफिया को चिन्हित कर उनके खिलाफ गैंगस्टर एक्ट की धारा 14(1) में कार्यवाही शुरू कर दी गई है। इसके तहत इनकी कुल 75 लाख 60 हजार की सम्पत्ति का मूल्यांकन किया गया है।

भर्ती परीक्षाओं में धांधली करने वालों के खिलाफ राज्य की धामी सरकार लगातार कठोर कदम उठा रही है। अब तक 80 से ज्यादा आरोपितों को जेल की सलाखों के पीछे भेजा जा चुका है। राज्य के युवाओं के भविष्य को सुरक्षित करने के लिहाज से देश का सबसे सख्त नकल रोधी कानून भी उत्तराखंड में लागू कर दिया गया है।
इसी क्रम में राज्य सरकार ने पटवारी एवं एई-जेई की परीक्षा में धांधली करने वालों पर शिकंजा कसना तेज कर दिया है। इस मामले के मास्टर माइंड संजीव चतुर्वेदी, रितु चतुर्वेदी सहित गैंग के कुल 5 सदस्यों पर गैंगस्टर एक्ट में कार्यवाही करते हुए इनकी कुल 75 लाख 60 हजार की सम्पत्ति का मूल्यांकन कर लिया गया है। हरिद्वार के थाना कनखल में गैंगस्टर एक्ट की धारा 14(1) के तहत कार्यवाही करते हुए नकल माफिया संजीव चतुर्वेदी व रितु चतुर्वेदी सहित गैंग से जुड़े 05 सदस्यों की चिन्हित सम्पत्ति में 4,150,000/- (इकतालीस लाख पचास हजार रुपये) नगदी व 3,412,000/- (चौंतीस लाख बारह हजार रुपये) कीमत के प्लॉट शामिल हैं। साथ ही सम्पत्ति जब्तिकरण (Property Attachment) के लिए जिलाधिकारी हरिद्वार को रिपोर्ट प्रेषित की गई है।

अभियुक्तों का विवरण जिन पर धारा 14(1) गैंगस्टर एक्ट के तहत कार्यवाही की जा रही है-

1- संजीव चतुर्वेदी पुत्र त्रिपुरारी निवासी मौहल्ला कदम्भ चौराहा बड़ी मठिया के सामने थाना सदर जिला बलिया उ.प्र. हाल निवासी भगीरथ आवासीय परिसर, टाईप-03, एफ-4 लोक सेवा आयोग कनखल हरिद्वार

2- रितु चतुर्वेदी पत्नी संजीव चतुर्वेदी निवासी उपरोक्त

3- राजपाल पुत्र स्व. फूल सिंह निवासी ग्राम कुलचन्दपुर उर्फ नथौड़ी थाना गागलहेड़ी, जिला सहारनपुर, उ.प्र.

4- संजीव कुमार दुबे पुत्र स्व. मांगेराम निवासी उपरोक्त

5- रामकुमार पुत्र सुग्गन निवासी सेठपुर लक्सर, हरिद्वार, उत्तराखंड।

आयोग के अध्यक्ष ने कहा-परीक्षार्थियों के हितों का पूरा ध्यान रखा जा रहा

उत्तराखण्ड लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष डॉ0 राकेश कुमार द्वारा अवगत कराया गया है कि अभ्यर्थियों के भविष्य एवं हितों को ध्यान में रखते हुए वर्ष 2023 के दौरान आयोग द्वारा लगभग 32 परीक्षाओं का आयोजन कराया जाना प्रस्तावित किया गया है। जिसके दृष्टिगत ही राजस्व उप निरीक्षक (पटवारी व लेखपाल) परीक्षा-2022 अपनी निर्धारित तिथि 12 फरवरी, 2023 को राज्य भर के विभिन्न परीक्षा केन्द्रों पर कड़ी सुरक्षा के बीच आयोजित की जाएगी।
कतिपय लोगों द्वारा विभिन्न मंचों एवं विशेष तौर पर मीडिया के माध्यम से दिनांक 08 जनवरी, 2023 को आयोजित इस पटवारी व लेखपाल परीक्षा के परीक्षा के पेपर लीक प्रकरण का उल्लेख करते हुए आगामी परीक्षाओं के बारे में अनेक शंकाएं व्यक्त की जा रही हैं। इस बारे में स्पष्ट करना है कि जैसे ही पुलिस विभाग से इस बारे में आयोग को पुष्ट सूचना दी गई, आयोग द्वारा त्वरित कार्यवाही करते हुए दिनांक 08 जनवरी, 2023 को आयोजित पटवारी व लेखपाल परीक्षा-2022 को निरस्त किया गया तथा अभ्यर्थियों की सुविधार्थ लगभग एक माह का समय देते हुए एवं उनकी परीक्षा तैयारियों को ध्यान में रखते हुए पटवारी परीक्षा हेतु 12 फरवरी, 2023 तिथि घोषित कर दी गई थी।
साथ ही वर्ष 2022 में हुई एई व जेई परीक्षा के बारे में भी विभिन्न माध्यमों द्वारा संदेह जाहिर करने के उपरान्त एक आन्तरिक जांच के लिए आदेश दिए गए। आन्तरिक जांच में संदेह व्यक्त करने के दृष्टिगत आयोग द्वारा भी एसएसपी, हरिद्वार व एसआईटी को एई व जेई के मामले की गहन जांच एवं कठोर कार्यवाही हेतु अनुरोध किया गया था। चूँकि पेपर लीक प्रकरण में आरोपित संजीव चतुर्वेदी, जिन्हें आयोग द्वारा निलम्बित कर दिया गया है, के द्वारा पटवारी परीक्षा के अलावा वन आरक्षी परीक्षा-2022 के प्रश्नबैंक व प्रश्नपत्र निर्माण भी कराये गये थे, अतः आयोग द्वारा परीक्षा की शुचिता एवं गोपनीयता सुनिश्चित करने के दृष्टिगत नये प्रश्न-पत्रों का निर्माण कराते हुए आयोजित कराये जाने का निर्णय लिया गया। साथ ही वन आरक्षी परीक्षा एवं पीसीएस मुख्य परीक्षा हेतु पूर्व में छपे सभी प्रश्न-पत्रों एवं प्रश्न बैंक को आयोग के एक सदस्य की अध्यक्षता में गठित उच्च स्तरीय समिति की देखरेख में नियमानुसार विनष्टीकरण किया जाना सुनिश्चित किया गया।
यह भी उल्लेखनीय है कि आगामी समस्त परीक्षाओं को सम्पन्न कराने हेतु आयोग द्वारा नई टीम तैनात की गई है। साथ ही परिसर में पुलिस व ईण्टेलीजेन्स विभाग द्वारा स्थापित की गई दोहरे सुरक्षा चक्र के माध्यम से कड़ी सुरक्षा के बीच नई टीम द्वारा नये प्रश्न बैंक एवं नये प्रश्नपत्र तैयार कराये गये हैं और कराये जा रहे हैं तथा नये प्रश्न-पत्रों के अनुसार ही फरवरी से अप्रैल, 2023 के मध्य पटवारीध्लेखपाल परीक्षा-2022 को 12 फरवरी, 2023, पी0सी0एस0 मुख्य परीक्षा-2021 को दिनांक 23 से 26 फरवरी, 2023 एवं वन आरक्षी परीक्षा- 2022 को दिनांक 09 अप्रैल, 2023 को आयोजित किया जाएगा।
यह भी अवगत कराना है कि पुलिस विभाग द्वारा पटवारी परीक्षा पेपर लीक प्रकरण में गतिमान जाँच के तहत वर्तमान में आयोग को 44 संलिप्त अभ्यर्थियों एवं एई व जेई परीक्षा पेपर लीक में 12 संलिप्त अभ्यर्थियों की सूची उपलब्ध कराई गई है, जिनका मिलान व सत्यापन करते हुए यथासम्भव आज ही उक्त सूची आयोग की वेबसाईट पर अपलोड कर दी जाएगी। साथ ही इन अभ्यर्थियों को नियमानुसार नोटिस जारी करने एवं आगामी परीक्षा से प्रतिवारित किये जाने हेतु आवश्यक कार्यवाही प्रारम्भ की जा रही है।
समस्त अभ्यर्थियों को आश्वस्त किया जाता है कि आयोग उनके हितों को सदैव प्राथमिकता देता है। इसलिए वह किसी भी प्रकार की भ्रामक सूचनाओं व अफवाहों पर ध्यान न देते हुए पूरे मनोयोग से आगामी परीक्षाओं की तैयारी करें।

आयोग ने परीक्षार्थियों को दिलाया विश्वास, नए पेपर बनेंगे

उत्तराखण्ड लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष डॉ० राकेश कुमार द्वारा आयोग की विशेष बैठक आहूत की गई, जिसमें समस्त सदस्यगण एवं अन्य अधिकारियों द्वारा प्रतिभाग किया गया। बैठक में परीक्षाओं के सम्बन्ध में विस्तृत एवं गहन विचार-विमर्श किया गया।
आयोग की विशेष बैठक में लिये गये महत्वपूर्ण निर्णयों से अवगत कराते हुए डॉ० कुमार द्वारा अवगत कराया गया कि लेखपाल/राजस्व उप निरीक्षक परीक्षा-2022 वन आरक्षी परीक्षा-2022 एवं पी०सी०एस० मुख्य परीक्षा-2021 की शुचिता एवं गोपनीयता सुनिश्चित करने के दृष्टिगत इन परीक्षाओं को अब नये प्रश्न-पत्रों का निर्माण कराते हुए आयोजित किया जाएगा। इसके दृष्टिगत दिनांक 22 जनवरी, 2023 को आयोजित की जाने वाली वन आरक्षी परीक्षा-2022 को दिनांक 09 अप्रैल, 2023 एवं दिनांक 28 से 31 जनवरी, 2023 के दौरान होने वाली पी०सी०एस० मुख्य परीक्षा-2021 को दिनांक 23 से 26 फरवरी, 2023 को आयोजित किया जाएगा।
आयोग द्वारा जारी वार्षिक परीक्षा कलेण्डर में इस हेतु आवश्यक संशोधन करते हुए अग्रेतर कार्यवाही प्रारम्भ की जा रही है। डॉ० कुमार द्वारा अभ्यर्थियों को आश्वस्त किया गया है कि आयोग के लिए अभ्यर्थियों का हित सर्वाेपरि है। इस हेतु परीक्षाओं को निष्पक्षता एवं उत्कृष्टता के साथ एवं उनके समग्र संचालन से सम्बन्धित विभिन्न प्रक्रियाओं को निर्विघ्नतापूर्वक सम्पन्न कराने हेतु सुरक्षा के कड़े इन्तजाम किये जा रहे हैं।

यूकेएसएसएससी पेपर लीक मामले में एसटीएफ ने की 35वीं गिरफ्तारी

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह के सख्त निर्देशों के क्रम में यूकेएसएसएससी पेपर लीक मामले में स्पेशल टास्क फ़ोर्स उत्तराखण्ड की कार्रवाई लगातार जारी है। इस मामले में आज एसटीएफ ने 35वीं गिरफ़्तारी कर ली है।

इसके साथ ही यूकेएसएसएससी की स्नातक स्तरीय परीक्षा पेपर लीक मामले में पूर्व में गिरफ्तार चार अभियुक्तों की जुडिशल रिमांड की कार्यवाही भी सचिवालय रक्षक परीक्षा लीक मुकदमे में की गई है।

वन दरोगा ऑनलाइन परीक्षा मामले में भी 2 अभियुक्त पहले गिरफ्तार हो चुके हैं

पिछले कुछ दिनों में इस प्रकार अलग-अलग दर्ज तीन मुकदमों में कुल 38 लोग की गिरफ्तारी हो चुकी है।

मुख्यमंत्री उत्तराखंड के सख्त निर्देश के क्रम में कि किसी भी दोषी को बख्शा न जाए इसलिए पेपर लीक मामले में फरार दो अपराधी क्रमशः सादिक मूसा निवासी अंबेडकरनगर उत्तर प्रदेश पर दो लाख का ईनाम और योगेश्वर राव निवासी गाजीपुर उत्तर प्रदेश पर गिरफ्तारी पर एक लाख का ईनाम पुलिस महानिदेशक द्वारा घोषित किया गया है

उत्तराखंड एसटीएफ द्वारा पेपर लीक मामले में गिरफ़्तार अभियुक्त संदीप शर्मा पुत्र स्वर्गीय राजेश शर्मा निवासी जुल्हान मोहल्ला जसपुर जनपद उधम सिंह नगर अभियुक्त ने अन्य अभियुक्त के साथ मिलकर गाजियाबाद एक फ्लैट में जनपद उधम सिंह नगर एवं जनपद हरिद्वार के कई अभ्यर्थियों को ले जाकर प्रश्न पत्र हल कराया गया था।

गिरफ्तार अभियुक्त के जसपुर और ठाकुरद्वारा में आयुर्वेदिक और पैरा मेडिकल सहित तीन कॉलेज हैं। अभियुक्त से पूछताछ और अन्य जानकारी के आधार पर दो दर्जन के करीब छात्रों को चिन्हित किया गया है। उत्तराखण्ड एसटीएफ द्वारा गवाहों के बयान एवं तकनीकी साक्ष्य के आधार पर अभियुक्त को अरेस्ट किया गया। इस गिरफ्तारी से उत्तर प्रदेश में नकल माफियाओं के धामपुर के बाद गाजियाबाद में हुई नकल के सेंटर का पर्दाफाश करने में सफलता मिली है।

पेपर लीकः एसटीएफ ने अब बागेश्वर में तैनात शिक्षक को किया गिरफ्तार

यूकेएसएसएससी परीक्षा में बागेश्वर जिले में तैनात एक शिक्षक की गिरफ्तारी के बाद हड़कंप मच गया है। माना जा रहा है कि पूर्व में भर्ती घोटाले का लाभ उठाते हुए कई अभ्यर्थियों ने लाभ उठाया है। पुलिस इस मामले की भी जांच करेगी। सूत्रों की मानें तो कई विभागों में काम कर रहे कर्मचारियों की भी लपेटे में आ सकते हैं।

यूकेएसएससी मामले में लगातार गिरफ्तारी हो रही है। अब मामले की आंच बागेश्वर जिले के कांडा तक भी पहुंच गई है। एसटीएफ ने जिस शिक्षक को गिरफ्तार किया है वह 2019 से कांडा के राउमावि मलसूना में तैनात है। वह विजयपुर अन्नपूर्णा में किराए के मकान में रहता था।
स्कूल की प्रधानाध्यापिका सरस्वती ने बताया कि शुक्रवार को शिक्षक जगदीश ने उन्हें फोन किया। सोमवार से मेडिकल अवकाश पर जाने की बात कही थी। उन्हें कहा गया था कि वह इसके लिए एक बार स्कूल आएं और प्रार्थना पत्र दें, लेकिन रविवार को उनकी गिरफ्तारी की सूचना से वह भी स्तब्ध हैं। स्थानीय लोगों के अनुसार शिक्षक के पास एक कार व एक बुलट बाइक है।

शिक्षक पर आरोप है कि वह कई लोगों के संपर्क में है। इससे और लोगों के भी गिरफ्तार होने की आशंका जताई जा रही है। सभी को जांच और गहराने की उम्मीद है। इधर, मुख्य शिक्षा अधिकारी गजेंद्र सोन ने बताया कि शिक्षक जगदीश गोस्वामी के मामले की जांच चल रही है। जांच रिपोर्ट में पुष्टि होने के बाद शिक्षक को निलंबित किया जाएगा।