सड़क पर युवक ने मंत्री से की हाथापाई, कपड़े भी फाड़े

क्षेत्रीय विधायक व कैबिनेट मंत्री डॉ प्रेमचंद अग्रवाल पर जानलेवा हमला किया गया, इस पर डॉ अग्रवाल के कपड़े को फाड़ा गया। यही नहीं मंत्री के सुरक्षा कर्मी की भी वर्दी फाड़ दी और पिस्टल छीनने की कोशिश की गई।
मंगलवार को ऋषिकेश में मंत्री डॉ अग्रवाल भरत मन्दिर इंटर कॉलेज ऋषिकेश कार्यक्रम पूरा करके से दूसरे कार्यक्रम (परमार्थ निकेतन में सांसद निशंक) के लिए जा रहे थे। तभी हरिद्वार रोड पर जाम के चलते मंत्री डॉ अग्रवाल की गाड़ी रुकी।
इसी बीच मंत्री की गाड़ी के बगल में एक व्यक्ति सुरेंद्र सिंह नेगी ने आकर उनके साथ बदतमीजी कर गाली गलौच की। मंत्री की गाड़ी का शीशा खुला होने के चलते उक्त व्यक्ति ने मंत्री पर आक्रमण करते हुए उनके कुर्ते को पकड़कर फाड़ दिया। तभी मंत्री जी के सुरक्षा कर्मी ने बीच बचाव करने की कोशिश की तो सुरक्षकर्मी की भी वर्दी को फाड़ा गया। साथ सुरक्षाकर्मी की पिस्टल को भी छीनने का प्रयास किया।
मंत्री के साथ अभद्रता करने वाला युवक यही नही रुका। उसने सड़क किनारे पड़े पत्थर को मंत्री को चोटिल करने के उद्देश्य से उठाया। जिस पर मंत्री और सुरक्षकर्मी द्वारा अपना बचाव किया गया।

गंगा को स्वच्छ रखने का सामूहिक प्रयास जरुरी-धामी

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने परमार्थ निकेतन में आयोजित गंगा समग्र अविरल गंगा निर्मल गंगा कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि के रूप में प्रतिभाग कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। उन्होंने कहा कि अविरल गंगा निर्मल गंगा अभियान के तहत गंगा को स्वच्छ रखने के लिए कार्य किए जा रहे हैं जिसमें गंगा को साफ सुथरा रखने के साथ-साथ जल स्रोतों के संरक्षण एवं संवर्धन भी शामिल है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जीवनदायिनी मां गंगा के मूल स्वरूप को बचाए रखना हम सबका नैतिक दायित्व है। केंद्र व राज्य सरकार इस दिशा में निरंतर कार्य कर रही है। प्रथम चरण के तहत गंगा में मिलने वाले 132 गंदे नालों के पानी को एसटीपी के माध्यम से स्वच्छ किया गया है। जबकि दूसरे चरण के लिए प्रस्ताव प्राप्त हो चुका है। उन्होंने कहा कि गंगा के साथ साथ उसकी सहायक नदियों पर भी कार्य किया जा रहा है।
इस अवसर पर स्थानीय विधायक रेनू बिष्ट, स्वामी चिदानंद महाराज, रामाशीष राय सहित स्वच्छ गंगा मिशन से जुड़े कार्यकर्ता उपस्थित रहे।

मुख्यमंत्री ने की भाजपा महिला मोर्चा की प्रदेश कार्यसमिति की बैठक में शिरकत

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि प्रदेश की मातृशक्ति अपनी क्षमता एवं दक्षता से राज्य का सम्मान तथा गौरव बढ़ा रही है। प्रदेश की समृद्ध एवं गौरवशाली परम्परा को आगे बढाने का दायित्व भी हमारी नारी शक्ति बखूबी निभा रही है। हमारी संस्कृति अर्द्धनारिश्वर की उपासना के साथ देवियों की पूजा की परम्परा रही है।
परमार्थ निकेतन, ऋषिकेश में भारतीय जनता पार्टी महिला मोर्चा उत्तराखण्ड की प्रदेश कार्यसमिति की बैठक में प्रतिभाग करते हुए मुख्यमंत्री ने महिला शक्ति को महाशक्ति बताते हुए कहा कि भारतीय संस्कृति में तो स्त्री ही सृष्टि की समग्र अधिष्ठात्री है, क्योंकि नारी सृजनात्मक शक्ति का प्रतीक होने के साथ ही संस्कृति एवं परंपराओं की संवाहक होती हैं एवं आदिकाल से भारतीय संस्कृति में महिलाओं को काफी ऊंचा स्थान हासिल रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि रानी लक्ष्मीबाई, जीजाबाई, अहिल्याबाई होल्कर एवं सती सावित्री जैसी अनेक नारियों ने अपनी क्षमता के बूते समय-समय पर इसको प्रमाणित करने का कार्य किया। हमारी सांस्कृतिक विरासत में मां का स्थान सर्वश्रेष्ठ माना गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि देश के यशस्वी प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में आज भारत पुनः अपनी पुरातन विचार संस्कृति की ओर लौट रहा है। उन्होंने कहा कि आज देश महिला विकास से आगे बढ़कर महिलाओं के नेतृत्व की बात कर रहा है। उन्होंने कहा कि आप सभी महिला कार्यकर्ताओं पर प्रदेश की आधी आबादी के प्रतिनिधित्व की बहुत बड़ी जिम्मेदारी है, हमारे देश और प्रदेश की समृद्ध एवं गौरवशाली परंपरा को आगे बढ़ाने का महत्वपूर्ण दायित्व भी आप पर है। हमारी सरकार ने महिलाओं के कल्याण के लिए अभूतपूर्व कार्य किए है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारे पास अपार उपलब्धियां और योजनाएं है और इन उपलब्धियों और योजनाओं को लेकर हर बहन तक पहुंचने की जिम्मेदारी महिला मोर्चा की है। उन्होंने कहा कि महिला मोर्चा लगातार पार्टी के कार्यक्रमों के साथ ही रचनात्मक और सामाजिक कार्याे में अग्रणी भूमिका निभा रहा है और उन्हें पूर्ण विश्वास है कि आगामी समय में महिला मोर्चा और भी महत्वपूर्ण कार्य करेगा। महिला शक्ति ही महाशक्ति है इसलिए महिला मोर्चा की आप सभी उत्साही कार्यकर्ता जब घर-घर संपर्क करेंगी तो जनता का हमारे प्रति विश्वास और अधिक मजबूत होगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आज हमारी नारीशक्ति ने अपने कार्यों से, आत्मबल से और आत्मविश्वास से स्वयं को आत्मनिर्भर बनाया है। उन्होंने खुद को तो आगे बढ़ाया ही है, साथ ही देश और समाज को भी आगे बढ़ाने और एक नए मुकाम पर ले जाने का काम किया है। उन्होंने कहा कि जब देश में महिलाओं का हर क्षेत्र में सहयोग एवं योगदान बढ़ता है, तब देश का विकास सुनिश्चित हो जाता है। आखिर हमारा न्यू इंडिया का सपना यही तो है, जहां नारी सशक्त हो, सबल हो और देश के समग्र विकास में बराबर की भागीदार हो।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आजादी के बाद पहली बार राजनीति के एजेंडे की धुरी बदलने का काम किसी ने किया है तो वह प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने किया है। प्रधानमंत्री के नेतृत्व में जो काम देश में हो रहे हैं वे नए भारत की तस्वीर को प्रस्तुत करते हैं। नए भारत की तस्वीर में महिला पीछे नहीं बल्कि समाज का नेतृत्व करने के लिए आगे खड़ी है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की नीतियों में महिला सशक्तिकरण हमेशा से प्राथमिकता पर रहा है। ये प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ही सरकार है जिसने तीन तलाक की कुप्रथा को खत्म करके वर्षों से इस कुप्रथा का दंश झेल रही मुस्लिम महिलाओं को सम्मान के साथ जीवन यापन करने के लिए प्रेरित किया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आज वित्तीय समावेश से लेकर सामाजिक सुरक्षा, गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवा से लेकर आवास, शिक्षा से लेकर उद्यमिता तक, हमारी नारी शक्ति को भारत की विकास यात्रा में सबसे आगे रखने के लिए कई प्रयास किए गए हैं। ये प्रयास आने वाले समय में और भी अधिक उत्साह के साथ जारी रहेंगे। उज्ज्वला योजना, हर घर नल से जल, शौचालयों का निर्माण ये सभी कार्य इसके उदाहरण हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि महिलाओं का दर्द किसी ने समझा तो वो आदरणीय मोदी जी ने ही समझा। ये प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ही थे जिन्होंने देश में बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ जैसा अभियान प्रारंभ किया। हमारी सरकार ने भी सरकारी नौकरियों में महिलाओं को 30 प्रतिशत आरक्षण का संपूर्ण लाभ देने के लिए जिस तेज गति से काम किया, उससे आप हमारी प्रतिबद्धता को समझ सकते हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आज प्रदेश की समस्त माताओं और बहनों ने अपने अथक परिश्रम से जहां एक ओर आर्थिक रूप से अपने आपको आत्मनिर्भर बनाने का कार्य किया है वहीं देवभूमि की सभ्यता और संस्कृति को भी जीवंत रखा है। हमारा लक्ष्य उत्तराखण्ड को देश का सर्वश्रेष्ठ राज्य बनाने का है और इस लक्ष्य की प्राप्ति के लिए हमें आपका आशीर्वाद चाहिए, आपका समर्थन चाहिए। उन्होंने कहा कि उन्हें पूर्ण विश्वास है कि महिला मोर्चा प्रदेश कार्यसमिति की यह बैठक हमारी सरकार के “सशक्त मातृशक्ति सशक्त राज्य“ के संकल्प को पूर्ण करने में सहायक सिद्ध होगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी मातृशक्ति ने समय-समय पर अपनी क्षमताओं से प्रदेश का गौरव और सम्मान बढ़ाने का कार्य किया है, हमारी सरकार के सर्वश्रेष्ठ उत्तराखण्ड निर्माण के “विकल्प रहित संकल्प“ की सिद्धि के लिए भी आप अपना योगदान सुनिश्चित करेंगी इसका भी भरोशा मुख्यमंत्री ने जताया।
इस अवसर पर भाजपा महिला मोर्चा की प्रदेश अध्यक्ष आशा नौटियाल, विधायक रेनू बिष्ट, महिला मोर्चा के पदाधिकारी एवं सदस्यगण उपस्थित थे। मुख्यमंत्री के परमार्थ निकेतन पहुंचने पर परमार्थ निकेतन के परमाध्यक्ष स्वामी चिदानंद मुनि ने भी उनका स्वागत किया।

दो दिवसीय साहित्य सम्मेलन का परमार्थ में आयोजन

परमार्थ निकेतन के गंगा तट पर आयोजित रचना संसार अन्तरराष्ट्रीय सम्मेलन में वक्ताओं ने मानव जीवन में साहित्य की उपयोगिता के बारे में बताया। कार्यक्रम में हरिद्वार सांसद डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक की सृजन, मनन एवं मूल्यांकन साहित्य का विमोचन हुआ।
रविवार को सम्मेलन का शुभारंभ हरिद्वार सांसद डा. निशंक ने किया। मौके पर लिखित सृजन, मनन एवं मूल्यांकन का विमोचन किया गया। उन्होंने कहा कि साहित्य की सार्थकता इसी में है कि उसमें मानवीय संवेदना के साथ सामाजिक अवयवों का भी उल्लेख किया गया हो। साहित्य संस्कृति का संरक्षक और भविष्य का पथ प्रदर्शक है। हिमालय और गंगा की गोद से सृजित साहित्य में मानव को श्रेष्ठ बनाने के साथ ही मानवीय एवं राष्ट्रीय हित समाहित है। परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती ने कहा कि समाज के नवनिर्माण में साहित्य की महत्वपूर्ण भूमिका है। साहित्य समाज की उन्नति और विकास की आधारशिला की नींव रखता है। साहित्य के माध्यम से समाज की विविधता और लोक संस्कृतियों का संरक्षण होता है। इस दौरान स्वामी चिदानन्द सरस्वती ने रुद्राक्ष का पौधा भेंट कर डा. रमेश पोखरियाल को सम्मानित किया।

उत्तराखण्ड में योग का मुख्य कार्यक्रम परमार्थ निकेतन में होगा आयोजित

मुख्य सचिव डॉ. एस. एस. संधु ने आज सचिवालय में अंतरराष्ट्रीय योग दिवस की तैयारियों को लेकर बैठक ली। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिये कि प्रदेश के सभी चिन्हित स्थानों जहां पर योग शिविरों का आयोजन किया जाना है, उन स्थानों पर सभी आवश्यक व्यवस्थाएं की जाएं। उत्तराखण्ड में योग का मुख्य कार्यक्रम 21 जून को परमार्थ निकेतन, ऋषिकेश में किया जायेगा। मुख्य सचिव ने अधिकारियों को निर्देश दिये कि मुख्य कार्यक्रम स्थल में सभी व्यवस्थाओं के लिए सभी संबंधित विभाग पूरी तैयारी रखें। जिला प्रशासन पौड़ी को कार्यक्रम से संबंधित व्यवस्थाओं को समय पर पूर्ण करने के निर्देश दिये।
अन्तरराष्ट्रीय योग दिवस पर केन्द्र सरकार की ओर से जिन 75 हैरिटेज स्थलों का चयन किया गया है, उनमें उत्तराखण्ड से श्री केदारनाथ का भी चयन किया गया। मुख्य सचिव ने अधिकारियों को निर्देश दिये राज्य में चयनित 75 प्रतिष्ठित स्थानों के अलावा जनपदों के अन्य महत्वपूर्ण स्थलों एवं हेल्थ एण्ड वैलनेस सेंटरों में भी योग शिविरों की व्यवस्था की जाए। यह सुनिश्चित किया जाए कि अधिक से अधिक लोग योग शिविरों से जुड़ सकें। उन्होंने कहा कि योग शिविरों में योग प्रशिक्षकों की पर्याप्त व्यवस्था की जाए। अन्तरराष्ट्रीय योग दिवस पर खेल, फिल्म जगत, प्रतिष्ठित पुरस्कार प्राप्तकर्ताओं जैसे प्रदेश की प्रमुख हस्तियों को आमंत्रित किया जाए। उन्होंने कहा की सभी संबंधित विभागों से अंतरराष्ट्रीय योग दिवस की तैयारियों के लिए नोडल अधिकारियों की तैनाती की जाए।
बैठक में अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, सचिव अरविन्द सिंह ह्यांकी, रविनाथ रमन, डॉ. पंकज पाण्डेय, एच.सी. सेमवाल, उत्तराखण्ड आयुर्वेद विश्वविद्यालय के कुलपति सुनील कुमार जोशी, अपर सचिव डॉ. मेहरबान सिंह बिष्ट, एम.एम. सेमवाल, शिक्षा निदेशक आर.के. कुंवर, संयुक्त निदेशक सूचना के.एस. चौहान एवं वर्चुअल माध्यम से परमार्थ निकेतन आश्रम के परमाध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती तथा सभी जनपदों के जिलाधिकारी उपस्थित रहे।

ऋषिकेश में राष्ट्रपति ने परिवार सहित गंगा आरती की

राष्ट्रपति रामनाथ कोविन्द रविवार सायं को भारत की पहली महिला सविता कोविंद तथा अपनी पुत्री के साथ परमार्थ निकेतन आश्रम पहुंचे। परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती महाराज के पावन सान्निध्य में ऋषिकुमारों और आचार्यों ने तिलक लगाकर, पुष्प वर्षा और शंख ध्वनि से सभी का दिव्य स्वागत किया।
स्वामी चिदानंद मुनि ने पवित्र रुद्राक्ष का पौधा और इलायची की माला से राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद का स्वागत किया। आरती के पश्चात राष्ट्रपति और प्रथम महिला सविता कोविंद और उनकी बेटी ने गंगा में दीप प्रवाहित किये तत्पश्चात भारत के राष्ट्रगान के गायन के साथ गंगा आरती समारोह का समापन हुआ।
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने सायंकाल परमार्थ निकेतन की विश्व विख्यात मां गंगा जी की आरती में सहभाग कर वैश्विक परिवार को सम्बोधित किया। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा कि काफी वर्षों से उनकी काफी इच्छा थी कि वह गंगा आरती में शामिल हो सकें, फिर कोरोना महामारी के कारण भी कार्यक्रम टलता गया, आज उन्हें अपार खुशी है कि उनकी अधूरी इच्छा पूर्ण हुई है, यह हद्वय को स्पर्श करने वाला क्षण है। राष्ट्रपति ने कहा कि मां गंगा के बारे में जितना भी कहा जाए वह कम है, सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि मां गंगा भारत की अस्मिता है, गंगा मां के बिना भारत वर्ष अधूरा है व भारत के बिना मां गंगा अधुरी है। यह मिश्रण अथवा एक दूसरे के पूरक रूपी वरदान सृष्टि कर्ता ने केवल और केवल भारत मां को दिया है।
कार्यक्रम में परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष पूज्य स्वामी चिदानन्द सरस्वती महाराज के साथ चर्चा करते हुये राष्ट्रपति ने स्वामी जी के मार्गदर्शन और नेतृत्व में चलाए जा रहे विभिन्न सेवा कार्याे पर विस्तृत चर्चा की।
स्वामी मुनि ने माननीय राष्ट्रपति का स्वागत करते हुये उनके जीवन की अविश्वसनीय जीवन यात्रा, राष्ट्र की सेवा के लिए उनकी प्रतिबद्धता और उनके अद्भुत नेतृत्व के साथ कुम्भ मेला प्रयागराज यात्रा की स्मृतियों को ताजा किया। यह यात्रा स्वयं से वयं की यात्रा है, अनेकता से एकता की यात्रा है।
परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष पूज्य स्वामी चिदानन्द सरस्वती महाराज ने बताया कि वर्ष 1953-54 में भारत के प्रथम राष्ट्रपति राजेन्द्र प्रसाद और डॉ सर्वपल्ली राधा कृष्णन के अभिनन्दन का भी सौभाग्य प्राप्त हुआ था। वर्ष 2019 प्रयागराज कुम्भ मेला में परमार्थ निकेतन शिविर में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद का अभिनन्दन और सान्निध्य का सौभाग्य प्राप्त हुआ था।
आज के दिव्य कार्यक्रम में मां गंगा, सभी जल निकायों और हमारी प्रकृति, पर्यावरण के संरक्षण और संवर्द्धन हेतु पूज्य स्वामी से प्रेरित होकर विश्व प्रसिद्ध ग्रैमी पुरस्कार नामांकित, भक्ति गायिका स्नातम कौर द्वारा लिखित और उनके साथ ही ग्रैमी पुरस्कार नामांकित देवा प्रेमल और मितेन, कृष्णा दास, सीसी व्हाइट और अन्य साथियों द्वारा गाया गया एक दिव्य गान ‘गंगा गान’ (गंगा एंथम) गंगा आरती के दौरान प्रस्तुत किया गया।
कार्यक्रम में राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से. नि.), मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, पूर्व मुख्यमंत्री/सांसद गढ़वाल तीरथ सिंह रावत, उच्च शिक्षा मंत्री डॉ धन सिंह रावत, जिलाधिकारी डॉ विजय कुमार जोगदण्डे, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक पी रेणुका देवी, मुख्य विकास अधिकारी प्रशांत आर्य, ग्लोबल इंटरफेथ वाश एलायंस की अन्तर्राष्ट्रीय महासचिव डॉ. साध्वी भगवती सहित अन्य गणमान्य उपस्थित रहे।

पानी की टंकी में चढ़े कर्मचारी, सालभर से वेतन नही अब नौकरी से निकालने से है नाराज

गीता भवन आयुर्वेद संस्थान के कर्मचारियों ने आज पानी की टंकी पर चढ़कर जमकर हंगामा किया। सूचना मिलने के बाद प्रशासन में हड़कंप मच गया। आरोप है कि संस्थान ने उन्हें बेवजह नौकरी से निकाल दिया है और एक साल से तनख्वाह भी नही दी है।
आज सुबह स्वर्गाश्रम जोंक क्षेत्र में एक पानी की टंकी पर गीता भवन आयुर्वेद संस्थान के कर्मचारी चढ़ गए। हंगामा करते हुए गीता भवन प्रबंधन के खिलाफ नारेबाजी कर प्रदर्शन करने लगे। इनमें से कुछ कर्मचारी ऊपर से कूदकर जान देने की धमकी देते हुए भी दिखाई दिए। सूचना मिलने के बाद पुलिस प्रशासन और स्थानीय नेता आनन-फानन में मौके पर पहुंचे। सभी ने कर्मचारियों को वार्ता के लिए नीचे बुलाने की बात कही, मगर कर्मचारी पानी की टंकी से नीचे उतरने को तैयार नहीं हुए। कर्मचारियों ने आरोप लगाया कि गीता भवन आयुर्वेद संस्थान को हरिद्वार स्थित सिडकुल एरिया में शिफ्ट कर दिया गया है। कुछ कर्मचारियों को नौकरी से इस दौरान निकाल दिया है। अब उन्हें गीता भवन में आवंटित कमरे भी खाली करने के लिए नोटिस दिए जा रहे हैं। आरोप है कि संस्थान ने उनकी एक साल से तनख्वाह भी रोक रखी है। ऐसे में उनके सामने सुसाइड करने के अलावा और कोई रास्ता नहीं बचा है। कई कर्मचारियों के बीवी और बच्चे भी रिश्ते नाते तोड़ कर जा चुके हैं। समाचार लिखे जाने तक पुलिस प्रशासन कर्मचारियों को टंकी से नीचे उतारने के लिए वार्ता करने में लगी रही। वहीं, कुछ नेता भी कर्मचारियों के समर्थन में पुलिस से बहस करते हुए नजर आए हैं।

परमार्थ निकेतन में निकली शिव बारात, प्रसिद्ध तालवादक शिवमणि के संगीत से भक्तिमय हुआ माहौल

परमार्थ निकेतन में उमंग, उत्साह और उल्लास के साथ शिवरात्रि महोत्सव मनाया गया। परमार्थ गुरूकुल के ऋषिकुमारों ने ड्रम, ढोल-नगाड़े की ताल पर कीर्तन करते हुये भगवान शिव की बारात निकाली।
स्वामी चिदानन्द सरस्वती ने महाशिवरात्रि के अवसर पर रूद्राक्ष के पौधों का रोपण, पूजन और सिंचन कर भगवान शिव की स्तुति की। उन्होंने संदेश दिया कि जैवविविधता, जीव विविधता, जीवन में एकता तथा विभिन्नता में एकता यही भारत की विशेषता है और यही सत्य है, यही शिव है, यही सुन्दर है। महाशिवरात्रि के पावन अवसर पर दिव्य गंगा आरती के पश्चात सभी योग साधकों और श्रद्धालुओं ने प्रसिद्ध ड्रम व तालवादक शिवमणि के मंत्रमुग्ध करने वाले संगीत का आनन्द लिया। इसके बाद परमार्थ गंगा तट पर वैदिक मंत्रों एवं दिव्य शंख ध्वनि के साथ शिवाभिषेक किया गया। शिवमणि ने अपनी वर्चुअल परफारमेंस दी।

स्वामी चिदानन्द सरस्वती ने महाशिवरात्रि के अवसर पर शिवपरिवार का उदाहरण देते हुये कहा कि विविधता में एकता, समर्पण और प्रेम का सबसे उत्कृष्ट उदाहरण है भगवान शिव का परिवार। भगवान शिव के गले में सर्प, श्री गणेश का वाहन चूहा और श्री कार्तिकेय का वाहन मोर है, सर्प, चूहे का भक्षण करता है और मोर, सर्प का परन्तु परस्पर विरोधी स्वभाव होते हुये भी शिव परिवार में आपसी प्रेम है। अलग-अलग विचारों, प्रवृतियों, अभिरूचियों और अनेक विषमताओं के बावजूद प्रेम से मिलजुल कर रहना ही हमारी संस्कृति है और शिव परिवार हमें यही शिक्षा देता है।
डाॅ साध्वी भगवती सरस्वती ने कहा कि शिवरात्रि महापर्व हमें अपनी अंतरचेतना से जुड़ने, सत्य को जनाने, स्व से जुड़़ने तथा शिवत्व को प्राप्त करने का अवसर प्रदान करती है। जीवन में आये विषाद्, कड़वाहट और दुख को पी कर आनन्द से परमानन्द की ओर बढ़ने का संदेश देती है। महाशिवरात्रि पूर्ण सत्य और आनन्द की प्राप्ति का महामंत्र है।

नारी शक्ति समस्या नहीं समाधानः स्वामी चिदानन्द सरस्वती महाराज


अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर परमार्थ निकेतन की ओर से महिला सशक्तिकरण हेतु विभिन्न गतिविधियों का आयोजित हुआ। ऋषिकेश के खारास्रोत और चन्द्रेश्वर नगर की महिलाओं और बालिकाओं के साथ ’’शिक्षा, स्वास्थ्य, गरिमा, सुरक्षा और सशक्तिकरण’’ विषयों पर विशेष चर्चा और जिज्ञासा समाधान सत्र का आयोजन किया।

डिवाइन शक्ति फाउंडेशन की अध्यक्ष साध्वी भगवती सरस्वती को ग्राफिक एरा हिल यूनिवर्सिटी देहरादून में ’’मोटिवेशनल स्पीकर विशेष अतिथि’’ के रूप में आमंत्रित कर साध्वी जी को सम्मानित किया। तत्पश्चात मर्चेंट्स चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री, कोलकत्ता की अध्यक्ष स्निग्धा शाह ने बहुत ही सौहार्दपूर्वक डा साध्वी भगवती सरस्वती को ’’समकालीन दुनिया में आध्यात्मिकता के महत्व’’ विषय पर उद्बोधन देने हेतु आमंत्रित किया। साध्वी जी ने आनॅलाइन प्लेटफार्म के माध्यम से सभी को अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस की शुभकामनायें देते हुये सम्बोधित किया। ’

स्वामी चिदानन्द सरस्वती महाराज ने आनॅलाइन प्लेटफार्म के माध्यम से अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर भारत की मातृशक्तियों को शुभकामनायें दीं। ’’मातृशक्ति के बिना संसार की कल्पना नहीं की जा सकती। ‘‘मातृशक्ति के बिना तो संसार ही नहीं है। आप है तो संसार हैय बेटियाँ हैं तो सृष्टी है बाकी सब बाद में है। अपनी शक्ति का मातृशक्ति को अनुभव करना है और शक्ति को अपने भीतर जगाना है।

साध्वी भगवती सरस्वती ने कहा कि महिलाओं और लड़कियों के खिलाफ हो रहे सभी प्रकार के भेदभावों को हर जगह से समाप्त करना ही सही मायने में महिला सशक्तिकरण है। हम सभी को यह विचार करना जरूरी है कि जो नारी प्रति दिन अपने घरों, समुदायों और दुनिया में व्यापक स्तर पर प्रेम, सद्भाव, स्वास्थ्य और सुरक्षा लाने के लिए लगन से काम करती हैं उन सभी माताओं, बहनों, मित्रों शिक्षकों, कार्यकर्ताओं, स्वयंसेवकों, लेखकों आदि अनेक क्षेत्रों में कार्यरत सभी नारी शक्तियों की सेवा को नमन जो अपने से अधिक देखभाल दूसरों की करती है। आज का दिन उन सभी के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करने का दिन है। साध्वी जी ने नारियों को संदेश देते हुये कहा कि आप स्वयं से प्रेम करें और फिर प्रेममय समाज की नींव रखें।

32 वाँ अन्तर्राष्ट्रीय योग महोत्वस के दूसरे दिन की शुरूआत आनॅलाइन प्लेटफार्म के माध्यम से आध्यात्मिक व्याख्यान श्रृंखला में लॉस एंजिल्स में अगापे इंटरनेशनल स्पिरिचुअल सेंटर के संस्थापक डॉ माइकल बेकविथ ने ’जीवन का उद्देश्य, चेतना और आध्यात्मिक विकास’ विषय पर उद्बोधन दिया। तत्पश्चात योग और संगीत की कक्षाओं की शुरूआत हुई।

परमार्थ निकेतन पहुंचकर अजीत डोभाल ने लिया स्वामी चिदांनद मुनि का आशीर्वाद

तीन दिवसीय अपने उत्तराखंड दौरे के अंतिम दिन राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल परमार्थ निकेतन पहुंचे। यहां उन्होंने सांध्यकालीन गंगा आरती में शामिल होकर विश्व शांति और देश की सुरक्षा की कामना की। मौके पर उनके साथ पत्नी भी उपस्थित रहीं।

परमार्थ निकेतन में अजीत डोभाल ने परिवार के साथ स्वामी चिदानंद मुनि से आशीर्वाद भी लिया। अजीत डोभाल ने गायत्री मंत्र का जाप करते हुए हवन किया। स्वामी चिदानंद मुनि ने उन्हें रुद्राक्ष का पौधा भी भेंट किया। स्वामी चिदानंद मुनि ने बताया कि उनके बीच गंगा की स्वच्छता और निर्मलता को लेकर कुछ वार्तालाप भी हुई है। ज्ञात हो कि अपने पैतृक गांव जाते समय भी अजीत डोभाल ने परमार्थ आश्रम में विश्राम किया था। तभी भी अजीत डोभाल ने मीडिया से दूरी बनाए रखी थी।