पौड़ी के अभिनव ने नौसेना में पाया कमीशन

पौड़ी के एक लाल अभिनव रावत ने शनिवार को नौसेना में सेकेंड लेफ्टिनेंट के तौर पर कमीशन हासिल कर लिया है। केरल के इजीमाला स्थित नेवल अकादमी में पासिंग आउट परेड के बाद अभिनव नौसेना की मुख्यधारा में शामिल हो गया। अभिनव की पीपिंग सेरमनी में उसके पिता मातवर सिंह रावत और मां लक्ष्मी रावत भी मौजूद रही। अभिनव पौड़ी जिले के एकेश्वर ब्लाक के चमाली गांव का निवासी है। सेकेंड लेफ्टिनेंट अभिनव रावत ने कहा कि वह उत्तराखंड की देशसेवा और कर्तव्यपरायणता की समृद्ध और गौरवशाली परम्परा से प्रभावित था, इसलिए सेना को प्राथमिकता दी। उसकी इस उपलब्धि पर पूरे गांव में खुशी का माहौल है। अभिनव के दादा भोपाल सिंह रावत और दादी दूरा देवी गांव में ही रहते हैं। दादा भोपाल सिंह रावत ने कहा कि पोते की इस उपलब्धि पर उन्हें गर्व है।
22 वर्षीय सेकेंड लेफ्टिनेंट अभिनव रावत ने 2018 में इंद्रापुरम गाजियाबाद के कैंब्रिज स्कूल से 12वीं करने के बाद नेवल अकादमी के लिए आवेदन किया और पहली बार में ही सर्विस सलेक्शन बोर्ड (एसएसबी) क्लियर कर दिया। अभिनव का सलेक्शन आईआईटी के लिए भी हुआ था लेकिन उसने देशसेवा को प्राथमिकता दी। अभिनव के पिता मातबर सिंह रावत दिल्ली की एक कंपनी में सीनियर मैनेजर हैं। उनका कहना है कि अभिनव ने पहले से ही तय किया था कि वह सेना में जाएगा। उसकी इस उपलब्धि पर हमें गर्व है।
गौरतलब है कि चमाली गांव वीर योद्धाओं का गांव है। देश सेवा यहां की परम्परा है। इस गांव के हर परिवार से कोई न कोई सदस्य सेना में है। गांव के हवलदार बुद्धिसिंह रावत और हवलदार झगड़ सिंह रावत स्वतंत्रता सेनानी रहे हैं। गांव में दो पूर्व कर्नल और दर्जन भर से भी अधिक पूर्व जेसीओ हैं। कारगिल युद्ध में अपना सर्वाेच्च बलिदान देने वाले लांसनायक बलवीर सिंह नेगी भी इसी गांव के हैं।

मुख्यमंत्री ने परिवार से मिलकर दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा दिलाने की बात कही

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आज पौड़ी के श्रीकोट में अंकिता भंडारी के परिजनों से मुलाकात की और भरोसा दिलाया कि पूरी सरकार उनके साथ खड़ी है। मुख्यमंत्री ने कहा कि फास्ट ट्रेक कोर्ट में सुनवाई कराते हुए अंकिता के हत्यारों को कड़ी से कड़ी सजा दिलाई जाएगी।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी पौड़ी जनपद अंतर्गत श्रीनगर के डोभ श्रीकोट गांव पहुँचे और अंकिता के परिजनों से भेंट कर उन्हें ढांढस बंधाया। मुख्यमंत्री ने कहा कि अंकिता को न्याय दिलाने के लिए हमारी सरकार पूरी तरह से प्रतिबद्ध है।
मामले की जांच को डीआईजी पी.रेणुका देवी के नेतृत्व में एक एसआईटी टीम गठित की गई है जिसने अपनी जांच प्रारंभ कर दी है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस हत्याकांड के तीनों आरोपितों को पुलिस पहले ही गिरफ्तार कर चुकी है और जांच में जिन भी लोगों की भूमिका संदेह के दायरे में है उन पर भी कानून सम्मत कार्यवाही की जाएगी। उन्होंने कहा कि किसी भी आरोपी को बख्शा नहीं जाएगा। इस दौरान उन्होंने पीड़ित परिवार को आर्थिक सहायता की धनराशि भी प्रदान की। इस दौरान कैबिनेट मंत्री डॉ. धन सिंह रावत, जिलाधिकारी डॉ. विजय कुमार जोगदंडे, एसएसपी यशवंत सिंह चौहान, एसडीएम आकाश जोशी आदि भी उपस्थित रहे।

सीएम पहुंचे श्हीद विपिन सिंह गुसाईं के घर, दी श्रद्धाजंली

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सियाचिन में अपने कर्तव्यों का निर्वहन करते हुए शहीद हुए ग्राम धारकोट, पौड़ी निवासी, 57 बंगाल इंजीनियरिंग के जवान विपिन सिंह गुसाईं के घर पर जाकर उनकी देह पर पुष्पचक्र अर्पित कर श्रद्धांजलि दी।
मुख्यमंत्री ने दिवंगत आत्मा की शांति व शोक संतप्त परिजनों को धैर्य प्रदान करने की ईश्वर से कामना की है। मुख्यमंत्री ने कहा की शहीद के परिजनों को राज्य सरकार द्वारा हर संभव मदद दी जाएगी। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर घोषणा की कि शहीद के गांव जाने वाला मोटर मार्ग धारकोट-इठूड का नाम तथा राजकीय इंटर कॉलेज चम्पेश्वर का नाम शहीद विपिन सिंह गुसाईं के नाम पर की जाएगी।
इस अवसर पर सैनिक कल्याण मंत्री गणेश जोशी, स्वास्थ्य एवं उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत, जिलाधिकारी पौड़ी डॉ. विजय कुमार जोगदंडे ने शहीद जवान विपिन सिंह को पुष्पचक्र अर्पित कर श्रद्धांजलि दी।

पथरीली जमीन पर उगायी “मेहनत” की फसल

पौड़ी। हिम्मत ए मर्दा तो मदद ए खुदा। इसी सूत्र वाक्य पर चलते हुए मंजखोली गांव के युवक अशोक नौटियाल ने लगभग बंजर हो चुकी जमीन को हरा-भरा बनाने का निर्णय लिया और अपनी कड़ी मेहनत और लगन के दम पर मिसाल कायम की। मंजखोली गांव में पानी की कमी को देखते हुए यहां की पथरीली जमीन पर खेती करने का हौसला आज से पहले किसी ने नहीं दिखाया। आज इस पथरीले खेत में लहलहाती सब्जीयों की फसल देखकर कोई भी उनके परिश्रम को सलाम कर सकता है।

उत्तराखंड के बीरान और खाली होते गांवों को बचाने के लिए सरकार भले अब जाकर रिर्वस पलायन की बात कर रही हो, लेकिन आज से लगभग 20 बीस साल पहले यह युवक शहर में प्राइवेट नौकरी छोड़ अपने गांव वापस आ गया। पौड़ी गढ़वाल जनपद के पाबौं ब्लाक के मंजखोली गांव के इस युवक का नाम है अशोक नौटियाल। गांव से लगातार होते पलायन ने इस युवक को अंदर ही अंदर झकझोर दिया। जिसके बाद गांव पहुंचे इस युवक ने कुछ करने की ठानी। सबसे पहले गांव की मूलभूत समस्याओं को दूर करने के लिए अपने स्तर से तमाम प्रयास किए। गांव वालों का भी भरपूर समर्थन मिला, जिसके बाद अशोक नौटियाल ग्राम प्रधान चुन लिए गए। इनके नेतृत्व में मंजखोली र्ग्राम सभा को आर्दश ग्राम का भी पुरस्कार मिला। गांव में बिजली, पानी, सड़क की समस्या को दूर करने के लिए इन्हें ग्रामीणों का सहयोग मिला। गांव में सड़क, बिजली, पानी तो पहुंचा लेकिन गांव बड़ी संख्या में खाली हो गया। गांव में गिनती के लोग बचे।

खाली और वीरान होता गांव भी इस अशोक नौटियाल के इरादों को नहीं डिगा सका। अशोक नौटियाल ने गांव के बंजर खेतों को आबाद करने के बेड़ा उठाया। इसके लिए इन्होंने सीजनल सब्जियों का सहारा लिया। जिसमें आलू, टमाटर, सोयाबीन, मटर, ब्याज, मूली के साथ अन्य सब्जियों का उत्पादन किया। देखते ही देखते इनकी मेहनत रंग लाई। और बंजर खेत भी लहलाने लगे। आस-पास के गांव के साथ ही कुछ किलोमीटर दूर मासौं, पाबौं, सीकू खाल, पौड़ी बाजार तक सब्जियां पहुंचाई। जिसको लोगों ने हाथों हाथ लिया। वर्तमान में लहरा रही सब्जियां उनके पुरुषार्थ की मौन गवाही दे रहे हैं।

आम और केले का बाग किया तैयार

अशोक नौटियाल ने मंजखोली गांव के सीम इलाके में 20 साल की कठिन मेहनत से आम का बाग भी तैयार किया हुआ है। आज आम के पेड़ों पर फल लगे हुए हैं। वहीं केले का बाग भी केलों से लहलहा रहा है।

रासायनिक खाद का नहीं करते इस्तेमाल

अशोक नौटियाल का कहना है कि वह रासायनिक खाद व पेस्टीसाइड्स के विकल्प के रूप में गाय के गोबर व वर्मी कम्पोस्ट खाद का इस्तेमाल करते हैं। वह परंपरागत तरीकों के मुताबिक ही खेती करने के पक्षधर हैं।

स्थानीय लोगों को ही मिलेगा रोजगार

अशोक नौटियाल कहते हैं कि सरकार का सहयोग मिले तो इस कार्य को बड़े स्तर पर किया जा सकता है। जिससे अकुशल बेरोजगार युवाओं के पलायन पर रोक लग सकती है। यदि समूचे मंजखोली क्षेत्र में बंजर पड़े खेतों को सरसब्ज किया जाए तो हजारों की संख्या में स्थाई व सीजनल रोजगार सृजित होना तय है।

जंगली जानवरों से बचाव है सबसे बड़ी चुनौती

अशोक कहते हैं कि उनके समक्ष सबसे बड़ी चुनौती फसलों को हिरण, नीलगाय, जंगली सूअर व बारहसिंगा जैसे जानवरों से बचाने की है। फिलहाल रात दिन खेतों की सुरक्षा के लिए अपने स्तर से प्रयास करते हैं।

मुर्गी, मछली व बकरी पालन से बनाई पहचान

अशोक नौटियाल ने मुर्गी, मछली व बकरी पालन से क्षेत्र में अपनी अलग पहचान बनाई है। उच्च शिक्षा पाकर रोजगार के लिये भटक रहे युवाओं के लिये अशोक नौटियाल प्रेरणा स्रोत हैं। अशोक ने कठिन परिश्रम और जज्बे से यह साबित कर दिया कि रोजगार सिर्फ शहर जाकर ही नहीं प्राप्त किया जा सकता, बल्कि अपने गाँव में भी मत्स्य-पालन कर अच्छी आय प्राप्त की जा सकती है। बेकार पड़ी बंजर भूमि को पोखरे के रूप में आबाद कर इस नौजवान ने मत्स्य-पालन को अपना कैरियर का हिस्सा बनाया। वे पिछले करीब दस साल से मछलीपालन कर रहे हैं। उनके तलाब में एक से लेकर दो किलो तक की मछलियां हैं। जिन्हें व स्थानीय बाजार से लेकर आसपास के गांव के लोगों में बेचते हैं। इसके साथ ही अशोक ने देशी मुर्गीयां भी पाली हुई हैं। जिनके अंडे की स्थानीय बाजार में बहुत डिंमाड है। स्थानीय नश्ल के बकरों के अलावा अशोक ने देशी नश्ल के बकरे भी पाले हुए हैं। आज अशोक नौटियाल अपने संघर्ष के बदौलत अन्य युवाओं के लिये वे प्रेरणास्नेत बन गए हैं।

एनआईटी की आधारशिला के बाद अब यहां नियमित रूप से पठन पाठन का कार्य होगाः राज्यपाल

राज्यपाल बेबी रानी मौर्य, मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत एवं केन्द्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री डा. रमेश पोखरियाल निशंक ने सुमाड़ी, पौड़ी गढ़वाल में राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (एनआईटी), उत्तराखण्ड के स्थायी परिसर का भूमि पूजन कर शिलान्यास किया।

राज्यपाल बेबी रानी मौर्य ने अपने संबोधन में कहा कि आज एक ऐसे संस्थान का भूमि पूजन व शिलान्यास हुआ है जिसकी वर्षों से प्रतीक्षा थी। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत, केन्द्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक एवं उच्च शिक्षा राज्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत के अथक प्रयासों से सुमाड़ी में एनआईटी का शिलान्यास संभव हुआ है। देवभूमि उत्तराखण्ड में आईआईटी, आईआईएम व एनआईटी जैसे प्रसिद्ध राष्ट्रीय संस्थान हैं। पिछले 10 वर्षों से एनआईटी का स्थाई कैम्पस नहीं होने के कारण यहां के शिक्षकों व छात्रों ने अनेक चुनौतियों का सामना किया। एनआईटी की आधारशिला रखने के बाद अब इसमें नियमित रूप से पठन-पाठन का कार्य होगा। उम्मीद है कि 2022 में भारत की स्वत्रंता के 75 वर्ष पूर्ण होने तक एनआईटी का निर्माण कार्य पूरा हो जायेगा।

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कहा कि लोगों के मन में संशय था कि एनआईटी श्रीनगर में रहेगा या बाहर जायेगा। मगर, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक को मानव संसाधन विकास मंत्री की जिम्मेदारी दी, तो सबके मन से यह संशय हट गया था। इसके परिणामस्वरूप ही आज सुमाड़ी में एनआईटी के स्थायी परिसर का भूमि पूजन व शिलान्यास किया गया है। एनआईटी में पेयजल की उपलब्धता के लिए 20 करोड़ रूपये स्वीकृत किये गये हैं। 05 करोड़ रूपये आकस्मिक निधि से रिलीज कर दिये हैं। एनआईटी के लिए आन्तरिक सड़को के लिए खर्चा भी राज्य सरकार वहन करेगी। एनआईटी के लिए बिजली के लिए अलग से सुविधा दी जायेगी, जिस पर लगभग 30 करोड़ रूपये का खर्चा होगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि कार्यदायी संस्था एनआईटी के निर्माण में तेजी से कार्य करे, राज्य सरकार द्वारा धनराशि देने में कोई विलम्ब नहीं किया जायेगा।

उन्होंने कहा कि श्रीनगर हमारे उत्तराखण्ड का केन्द्र बिन्दु है, तमाम शैक्षणिक संस्थाएं, मेडिकल कॉलेज और आने वाले समय में यहां रेल भी पहुंचने वाली है, आल वेदर रोड़ एवं रेल का काम तेजी से चल रहा है। हमारी कोशिश है कि 2024-25 तक रेल कर्णप्रयाग तक पहुंच जाए। 80 प्रतिशत रेलवे लाईन टनल के अन्दर है, श्रीनगर के पास तथा अनेक स्थानों पर टनल निर्माण का कार्य अत्याधुनिक रोबोटिक मशीनों द्वारा बहुत तेजी से किया जा रहा है। भविष्य में श्रीनगर में रेलवे स्टेशन बनेगा जिससे श्रीनगर का विकास होगा, उद्योगों की स्थापना होगी। यहां कालेजों में पढ़ने वाले छात्र-छात्रों के सामने एक मौका है जिससे हम अपने क्षेत्र का चहुंमुखी विकास कर सकेंगे।

केन्द्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक ने कहा कि हमारा सौभाग्य है कि आज यहां पर एनआईटी का भूमि पूजन व शिलान्यास हो रहा है। एनआईटी से अनेक प्रतिभाशाली छात्र निकल रहे हैं। यहां के छात्र प्रशासनिक, इंजीनियरिंग व अन्य प्रतिष्ठित संस्थानों में कार्य कर रहे हैं। हमारा प्रयास है कि यहां हम एनआईटी के साथ केन्द्रीय विद्यालय भी बनायें, ताकि यहां के बच्चे यहीं अध्ययन कर सकें। सुमाड़ी में एनआईटी की स्थापना के लिए मुख्यमंत्री ने अनेक प्रयास किये। इस भवन निर्माण का कार्य 02 साल के अन्दर पूर्ण किया जायेगा। परिसर बनने के बाद दुनियाभर से छात्र यहां अध्ययन के लिए आयेंगे।

उत्तराखंड के पर्वतीय जिलों के लिए विशेष फंड की व्यवस्था होः बलूनी

उत्तराखंड से राज्यसभा सदस्य और भाजपा के राष्ट्रीय मीडिया प्रमुख अनिल बलूनी ने उत्तराखंड में हो रहे भारी पलायन की समस्या के निदान के उद्देश्य से उत्तराखंड के दस पर्वतीय जिलों के लिए आगामी बजट में विशेष फंड के प्रावधान की माग की है। बलूनी ने इस सिलसिले में नई दिल्ली में मंगलवार को केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से भेंट की।
सासद बलूनी ने केंद्रीय वित्त मंत्री से भेंट के दौरान कहा कि उत्तराखंड में पलायन के कारण सैकड़ों गाव निर्जन (घोस्ट विलेज) घोषित हो चुके हैं और यह क्रम अब भी तेजी से जारी है। इस भयावह समस्या के समाधान के लिए केंद्र सरकार के सहयोग की आवश्यकता है ताकि मूलभूत सुविधाओं और सामान्य से रोजगार के लिए होने वाले पलायन के उन्मूलन के लिए धरातल पर व्यवहारिक नीति बन सके और ठोस कार्य हो सके। उत्तराखंड के पौड़ी, टिहरी, उत्तरकाशी, रुद्रप्रयाग, चमोली, बागेश्वर, अल्मोड़ा, चंपावत, पिथौरागढ़ तथा नैनीताल जिलों का पर्वतीय क्षेत्र पलायन की समस्या से अत्यधिक ग्रस्त है।
सासद बलूनी ने कहा की आगामी बजट में अगर उत्तराखंड के पर्वतीय जिलों के लिए विशेष फंड की व्यवस्था होती है तो यह राज्य के लिए मील का पत्थर साबित होगा और सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण इस हिमालयी राज्य के लिए जीवनदान भी होगा। उन्होंने कहा कि वह इस क्रम में विभिन्न मंत्रालयों और महत्वपूर्ण प्रतिष्ठानों से संवाद कर इस कड़ी को आगे बढ़ाएंगे। उन्होंने कहा कि अगर ढाचागत अवस्थापना विकास के साथ बेरोजगारी उन्मूलन की नीति बनती है तो वह पलायन रोकने में कारगर होगी। उन्होंने आशा व्यक्त की कि केंद्र सरकार इस विषय में गंभीरता से विचार करेगी।

30 हजार सरकारी पदों पर रोजगार देने का प्रयास कर रही सरकारः मुख्यमंत्री

पौड़ी गढ़वाल।
हेमवती नंदन बहुगणा गढ़वाल केंद्रीय विश्वविद्यालय परिसर में आयोजित छात्र संघ उद्घाटन समारोह में प्रदेश के मुख्यमंत्री हरीश रावत द्वारा शिरकत की तथा राजकीय पॉलीटेक्निक विद्यालय का शिलान्यास मंत्रोच्चारण के बीच किया। कार्यक्रम का शुभारंभ अतिथियों द्वारा दीप प्रज्जवलित कर किया गया। इस अवसर पर उन्होंने नव निर्वाचित छात्रसंघ पदाधिकारियों को शुभकामनाएं देते हुए उनके उज्जवल भविष्य की कामना की। उन्होंने कहा कि प्रकृति ने हमें सौंदर्य से भरपूर सुविधाएं उपलब्ध कराई हैं। जिसका उचित दोहन कर पर्यटन के क्षेत्र को विकसित किया जा सकता है। उन्होंने कण्वाश्रम, कोटद्वार, लैसडोन, पौड़ी, खिर्सू को जोड़कर नया पर्यटन सर्किट बनाए जाने पर जोर दिया। उन्होंने ल्वाली में कृत्रिम झील निर्माण के आंगणन की जानकारी भी दी। इस अवसर पर विश्वविद्यालय परिसर में उपस्थित छात्र छात्राओं एवं शिक्षकों को संबोधित करते हुए कहा कि हमें शैक्षणिक वातावरण तैयार कर बच्चों को उत्कृष्टता की ओर बढ़ाना है। इसके अलावा उन्होंने खेती को चुनौति के रूप में लेते हुए कहा कि इसे आजीविका सृजन के रूप में लिया गया है। जिसका असर भी अब परिवर्तन के रूप में दिखाई दे रहा है। उन्होंने शिल्प क्षेत्र के संरक्षण के रूप में सभी के वैचारिक सहयोग की आवश्यकता पर जोर दिया।
कहा कि दस्तकारी को शिल्प के साथ जोड़कर काम करने वाले लोगों को आगे बढ़ाने का प्रयास करना है। उन्होंने कहा कि शिक्षा के क्षेत्र में आज राज्य सरकार सबसे ज्यादा खर्च कर रही है। कहा कि आज हमारे राज्य में 100 से अधिक डिग्री कालेज, 150 आईटीआई तथा 80 पालिटेक्निक संस्थान चलाए जा रहे हैं। जिससे बच्चों को तकनीकी रूप से दक्ष व उच्च शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार लाया जा सके। उन्होने कहा कि सरकार 30 हजार सरकारी पदों पर नवयुवकों को रोजगार देने का प्रयास कर रही है। जिसके तहत 14500 पदों पर नियुक्ति हो चुकी है। अवशेष पदों का रोड मैप तैयार कर शीघ्र ही भर्ती प्रक्रिया शुरू कर इस वर्ष के अन्त तक भरा जाएगा। उन्होंने स्किल डवेलपमेंट की बात करते हुए कहा कि शिक्षित बेराजेगारों को बैंकों से ऋण दिलाकर उन्हें उद्यमी बनाकर अन्य लोगों को भी स्वरोजगार के लिए प्रेरित किया जाएगा। उन्होंने बताया कि इस वर्ष 15 लाख से अधिक लोग चार धाम की यात्रा कर चुके हैं जो कि अभी तक का रिकार्ड है।
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कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने पौड़ी बस स्टेशन के निर्माण हेतु एक करोड़ रूपये रिलीज करने की भी घोषणा की। इसके अलावा पौड़ी परिसर में क्रीड़ा मैदान के निर्माण हेतु प्रारंभिक कार्यों के लिए 11 लाख रूपये तथा उच्च स्थलीय क्रीड़ा मैदान रांसी को प्रशिक्षण केंद्र के रूप में विस्तारिकरण की भी स्वीकृती दी। उन्होंने पौड़ी परिसर में कंप्यूटर लैब स्थापना की प्रशासनिक स्वीकृति देते हुए वर्ष 2017.18 में इसके निर्माण की बात कही। उन्होंने कहा कि लोगों को खेती की नई तकनीकए खुले में शौच मुक्त, वृक्षों में बोनस, चालखाल निर्माण में पानी पर बोनस तथा वृक्षोरोपण के कार्यों को तेजी से चलाए जाने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि राज्य में 87 प्रतिशत परिवार स्वच्छ भारत मिशन के अंतर्गत खुले में शौच से मुक्त हो गए है तथा आगामी वर्ष तक सम्पूर्ण राज्य खुले में शौच से मुक्त करने के प्रयास राज्य सरकार द्वारा किए जाएंगे।
उन्होंने कहा कि आगामी पाचं वर्षों में सड़कों की दशा सुधारी जाएगी तथा वर्ष 2018 तक सभी गांवों को सड़कों से जोड़ दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि इस वर्ष एक हजार सड़कों का निर्माण किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड में परिवर्तन गरीबी व अशिक्षा से संघर्ष करने के बाद ही प्राप्त किया जा सकता है। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा समाज कल्याण विभाग समेत अन्य विभागों की ओर से 15 प्रकार की पेंशनें दी जा रही है। जिसके तहत 7.13 लाख लोग लाभांवित हो रहे हैं। जिन्हें आगामी वर्ष से बढ़ाकर आठ लाख करने का प्रयास किया जा रहा है। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि कंडोलिया जंगल को मलासी डियर पार्क की तरह विकसित कर वहां पर छोटी रोप वे का निर्माण किया जाएगा।