वादों को पूरा करने में मिला जनता का आशीर्वाद, सफल हो रही मेहनतः मेयर

ऋषिकेश की प्रथम मेयर अनिता ममगाईं ने अपने डेढ़ वर्ष के कार्यकाल का रिपोर्ट कार्ड जारी किया। इस मौके पर अनिता ममगाईं ने कहा कि जनता ने उन्हें चुना है, उन्होंने राजनीति जनता की सेवा के लिए ही चुनी है। रिपोर्ट कार्ड जारी करते हुए कहा कि उनके वादों को पूरा करने में जनता का आशीर्वाद भी मिला। इसी की बदौलत वह विकास कार्याें को पूर्ण कर पा रही है, उन्होंने कहा कि अभी कई और विकास कार्य करने बाकी है।

निगम के समस्त चालीस वार्डो में सामान रूप से विकास कार्यों की झड़ी लगाकर जनता लोगों को विकास की मुख्य धारा से जोड़ा जा रहा है। घोषणापत्र के सारे प्रस्ताव बोर्ड बैठक में पास करवाने में सफल रही मेयर अनिता ने बताया कि राज्य आंदोलनकारियों के सपनों को साकार कर उत्तराखंड के गांधी स्व इन्द्रमणि बडोनी चैक की स्थापना की गई। करोड़ों रूपये की योजना के साथ 330 डबल आर्म डिवाइडर लाइट से शहरी क्षेत्र को चकाचैंध करने में निगम कामयाब रहा। इसके अलावा पांच वर्ष की वारंटी के साथ 5000 स्ट्रीट लाइटें, 20 नए कूड़े वाहन , भवन कर में 50 प्रतिशत तक की छूट, मेेेयर हेल्पलाइन जनता को सर्मपित की गई। विभिन्न घाटों केे जीर्णोद्धार की शुरुआत 72 सीढ़ी घाट के जीर्णोद्धार से हो चुकी है। मेयर ने बताया कि पिछले डेढ़ दशक से तीर्थ नगरी कूड़े की समस्याा से जूझती रही है। शहर में पहली बार कूड़ा निस्तारण के लिए सूखा कूड़ा निस्तारण प्लांट निशुल्क लगवाया गया। तहसील चैक पर चिपको आंदोलन के लिए अपनी एक विशेष पहचान रखने वाली गौरा देवी की भव्य प्रतिमा के साथ चैक के जीर्णोद्धार का कार्य संपन्न कराया जाना है। उन्होंने बताया वर्ष 2020 में ग्रामीण क्षेत्रों में 3.4 करोड़ की लागत से सड़क एवं नाली का निर्माण सम्पन्न कराने के साथ एम्स में ऋषिकेश एवं उत्तराखंड वासियों के लिए अलग-अलग दो ओपीडी पंजीकरण काउंटर की व्यवस्था कराना भी एक बड़ी उपलब्धि रही। उन्होंने बताया कि निगम क्षेत्र में 50000 डस्टबिन निशुल्क बटवाने की योजना भी जल्द धरातल पर होगी।

सड़कों पर घूमने वाले निराश्रित पशुओं की निशुल्क गेंड़ीखाता में व्यवस्था की गई है। त्रिवेणी घाट में सेल्फी प्वाइंट की स्थापना। प्लास्टिक वेस्ट को खत्म करने के लिए निशुल्क जीआईजेड कंपनी से करार जहां महत्वपूर्ण उपलब्धि रही। वहीं गोविंद नगर स्थित ट्रेंचिंग ग्राउंड से कूड़ा हटाने की प्रक्रिया की वित्तीय स्वीकृति बोर्ड द्वारा करवा कर, फाइल शासन को सुपुर्द कर दी है। यहां कूड़ा हटाने की निविदा प्रक्रिया कभी भी शुरू हो सकती है।उन्होने बताया कि त्रिवेणी घाट में गंगा की धारा को घाट तक लाने के लिए योजना को मंजूरी निगम के लिए एक बड़ी उपलब्धि है। कोरोनाकाल में बेहद शानदार कार्य के लिए जिलाधिकारी द्वारा कोरोना योद्वा चयनित हुई महापौर ने बताया कि निगम क्षेत्र के आखिरी घर तक विकास की किरण पहुंचाना उनका लक्ष्य है इसमें वह पूरी मुस्तैदी के साथ डटी हुई हैं।

पीएम मोदी ने उत्तराखंड को कई सौगातें दीः सीएम

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल परियोजना के अन्तर्गत बने ऋषिकेश रेलवे स्टेशन का स्थलीय निरीक्षण किया। यहां मुख्यमंत्री ने पौधा रोपण भी किया। इस दौरान मुख्यमंत्री ने रेल विकास निगम लि. के अधिकारियों से रेलवे स्टेशन में अवस्थापना सुविधाओं की जानकारी ली।

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि योग नगरी ऋषिकेश में बने इस रेलवे स्टेशन को आधुनिक स्वरूप दिया गया है। रेलवे स्टेशन के निर्माण में पर्यावरणीय अनुकूलन का विशेष ध्यान रखा गया है। बुजुर्गों व दिव्यागों के हिसाब से अलग से यूटिलिटी की सुविधा उपलब्ध कराई गई है। उन्होंने कहा कि ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल लाईन का निर्माण कार्य पूर्ण होने के बाद प्रदेशवासियों को आवागमन की सुविधा तो होगी ही, साथ ही बद्रीनाथ एवं केदारनाथ आने वाले श्रद्धालुओं एवं पर्यटकों को भी काफी सुविधा होगी। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अवस्थापना विकास के क्षेत्र में उत्तराखण्ड को कई सौगातें दी हैं। ऑल वेदर रोड, हवाई कनेक्टिविटी एवं रेल लाईनों के निर्माण से उत्तराखण्ड में आवागमन की सभी प्रकार की सुविधाएं उपलब्ध होंगी। डोईवाला-उत्तरकाशी रेल लाईन बनने के बाद उत्तराखण्ड के चारों धाम रेल कनेक्टिविटी से जुड़ जायेंगे।

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने रेलवे स्टेशन के निरीक्षण के बाद चन्द्रेश्वर नगर, ऋषिकेश में बन रहे 7.5 एमएलडी के मल्टीपर्पज सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट का औचक निरीक्षण भी किया। यह एसटीपी नमामि गंगे योजना के तहत उत्तराखण्ड पेयजल निगम द्वारा बनाया गया है। 12 करोड़ रूपये की लागत के इस एसटीपी से चन्द्रेश्वर नाला, ढ़ालवाला नाला एवं श्मशान घाट नाला को टेप करने के बाद शोधन किया जा रहा है। शोधित जल की गुणवत्ता मानकों के अनुरूप होने पर गंगा नदी में छोड़ा जा रहा है। यह भारत का पहला एसटीपी है, जिसे बहुमंजिला ईमारत के रूप में तैयार किया गया है। इसकी ऊंचाई 21 मीटर है।

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि गंगा कि निर्मलता एवं अविरलता बनाये रखने के लिए नमामि गंगे के तहत प्रदेश में विभिन्न जगहों पर एसटीपी बनाये जा रहे हैं। गंगा की निर्मलता के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी प्रयासों से नमामि गंगे के तहत देशभर में अनेक कार्य हो रहे हैं। एसटीपी से शोधित जल का सिंचाई के लिए भी उपयोग किया जायेगा।