यूजेवीएनएल ने विद्युत उत्पादन में अपना रिकाॅर्ड तोड़ा

उत्तराखंड जल विद्युत निगम लिमिटेड (यूजेवीएनएल) ने वित्तीय वर्ष 2018-2019 में पिछले वर्ष के मुकाबले 288 मिलियन यूनिट अधिक बिजली का उत्पादन कर रिकॉर्ड कायम किया है। यूजेवीएनएल के एमडी संदीप सिंघल ने बताया कि वर्ष 2011-12 के बाद यह दूसरा अवसर है जब विद्युत गृहों में इतना उत्पादन हुआ है। बीते वित्तीय वर्ष में उत्पादन लक्ष्य 4800 मिलियन यूनिट के सापेक्ष 5075 मिलियन यूनिट विद्युत उत्पादन किया गया। यह वार्षिक लक्ष्य का 105.7 प्रतिशत है। लघु जल विद्युत परियोजनाओं के उत्पादन भी शामिल कर लिया जाए तो इस वर्ष 5088.80 मिलियन यूनिट विद्युत उत्पादन किया गया। निगम की स्थापना के बाद से अभी तक का यह सर्वाधिक उत्पादन भी है। इससे पूर्व निगम का किसी भी एक वर्ष का सर्वाधिक उत्पादन 5262 मिलियन यूनिट था।
रिकॉर्ड विद्युत उत्पादन की स्थिति न्यूनतम ई-फ्लो (एमईएफ) लागू होने के बाद की है। वर्ष 2011-12 में न्यूनतम ई-फ्लो के नियम का प्रविधान नहीं था। न्यूनतम ई-फ्लो के कारण निगम का उत्पादन 244 मिलियन यूनिट कम रहने का आकलन किया गया था। एमईएफ के तहत प्रत्येक बांध एवं बैराज से न्यूनतम ई-फ्लो छोड़ना अनिवार्य होता है। संदीप सिंघल (एमडी, यूजेवीएनएल) का कहना है कि जल विद्युत परियोजनाएं अपनी पूरी क्षमता से काम कर रही हैं। रिकॉर्ड उत्पादन भविष्य के लिए बेहतर संकेत है। आने वाले दिनों में मांग के अनुरूप आपूर्ति करने में निगम सक्षम हो जाएगा।

मुख्यमंत्री ने ऊर्जा उत्पादन के क्षेत्र में फ्लोटिंग टरबाइन से अवसर तलाशने को कहा

(एनएन सर्विस)
मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने राज्य की नदियों एवं नहरों में फ्लोटिंग टरबाइन के माध्यम से ऊर्जा उत्पादन की संभावनाएं तलाशने के निर्देश संबंधित अधिकारियों को दिए हैं। मुख्यमंत्री ने कहा है कि सोलर व विंड पावर की भांति ऊर्जा उत्पादन की यह विधि राज्य की नहरों एवं नदियों के अनुकूल होगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पर्वतीय क्षेत्रों में नदियों में इस प्रकार के फ्लोटिंग टरबाइन ऊर्जा उत्पादन के साथ ही खेतों की सिंचाई तथा पेयजल आपूर्ति में मददगार हो सके इसकी भी संभावनाएं तलाशी जाएं, इससे वर्षा जल पर आधारित खेतों की सिंचाई की निर्भरता कम होगी। उन्होंने इसके लिए स्थानीय लोगों को भी प्रोत्साहित किए जाने की जरूरत बताई।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश की नदियों एवं नहरों का राज्य हित में तकनीकी के माध्यम से ऊर्जा एवं पर्यटन की दृष्टि से बेहतर उपयोग समय की जरूरत है। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को इस दिशा में नदियों व नहरों की क्षमता के उपयोग लागत आदि का भी आधुनिक तकनीकी दक्षता के साथ आकलन करने को कहा है। उन्होंने कहा कि इस प्रकार के प्रयासों से नवाचार को भी बढ़ावा मिलेगा। इस अवसर पर इस संबंध में प्रस्तुतीकरण भी प्रस्तुत किया गया।
बैठक में मुख्यमंत्री के तकनीकी सलाहकार नरेंद्र सिंह, मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह, सचिव अमित नेगी, नितेश झा, राधिका झा, तीनों ऊर्जा निगम के प्रबंध निदेशकों के साथ ही अन्य संस्थानों के अधिकारीगण आदि उपस्थित थे।