उत्तराखंड की निकिता और कविता को राष्ट्रपति ने किया सम्मानित

जल शक्ति मंत्रालय द्वारा नई दिल्ली में आयोजित स्वच्छ सुजल शक्ति सम्मान 2023 समारोह में ग्रामीण पेयजल एवं स्वच्छता के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने वाली “विमेन चौंपियन“ को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू द्वारा सम्मानित किया गया। जिस में उत्तराखंड राज्य की 2 ग्राम प्रधानों निकिता चौहान ग्राम प्रधान ग्राम पंचायत जोशी गोठान देहरादून एवं कविता गोस्वामी ग्राम प्रधान ग्राम पंचायत बागेश्वर को स्वच्छ सुजल शक्ति सम्मान से सम्मानित किया गया। इस कार्यक्रम में देश की अट्ठारह चयनित विमेन चौंपियंस को राष्ट्रपति द्वारा सम्मानित किया गया।
स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण के अंतर्गत किए जाने वाले कार्यों हेतु विभिन्न श्रेणियों में पुरस्कार प्रदान किए गए। जिसमें ओडीएफ प्लस गांव, गोवर्धन बायोडिग्रेडेबल अपशिष्ट और प्लास्टिक अपशिष्ट प्रबंधन तथा ग्रे-वाटर या मल कीचड़ प्रबंधन के अंतर्गत पुरस्कार प्रदान किए गए। जिसमें नीता चौहान को प्लास्टिक वेस्ट प्रबंधन एवं कविता गोस्वामी को ओडीएफ मॉडल विलेज की श्रेणी में पुरस्कार प्रदान किया गया। इस कार्यक्रम में गजेंद्र सिंह शेखावत जल शक्ति मंत्री भारत सरकार विश्वेश्वर टूडू राज्य मंत्री जल शक्ति मंत्रालय प्रहलाद सिंह पटेल राज्य मंत्री जल शक्ति मंत्रालय भारत सरकार देवु सिंह चौहान राज्यमंत्री संचार मंत्रालय भारत सरकार, विनी महाजन सचिव पेयजल एवं स्वच्छता विभाग पंकज कुमार, सचिव जल संसाधन नदी विकास और गंगा संरक्षण विभाग द्वारा राष्ट्रपति के साथ पुरस्कार वितरण किया गया।

कार्यक्रम में राज्य की ओर से अनुराधा पाल जिलाधिकारी बागेश्वर हिमाली जोशी पेटवाल इकाई समन्वयक स्वजल, सुशील मोहन डोभाल जिला विकास अधिकारी देहरादून, नमित रमोला अधीक्षण अभियंता जल जीवन मिशन, संजय पांडे, सुरेश पांडे, मंजू जोशी, गिरजा शंकर भट्ट, लक्ष्मी कुमारी स्वजल एवं विभिन्न ग्राम पंचायतों की महिला प्रधानों,महिला समूह की प्रतिनिधियों आदि के द्वारा प्रतिभाग किया गया।
नितेश कुमार झा सचिव पेयजल एवं स्वच्छता विभाग उत्तराखंड शासन एवं उदय राज सिंह निदेशक द्वारा सभी सम्मानित विमेन चौंपियनों को बधाई व शुभकामनाएं दी गई है।

उत्तराखंड की राज्यपाल ने दिया इस्तीफा, यूपी में बड़ी जिम्मेदारी दिए जाने की चर्चा

उत्तराखंड की राज्यपाल बेबी रानी मौर्य ने राष्ट्रपति को अपना इस्तीफा सौंप दिया है। राज्यपाल के सचिव बीके संत ने इसकी पुष्टि की है। बेनी रानी मौर्य उत्तराखंड की राज्यपाल के तौर पर बीती 26 अगस्त को अपने तीन साल का कार्यकाल पूरा कर चुकी हैं।
दो दिन पहले नई दिल्ली में गृह मंत्री अमित शाह के साथ मुलाकात के बाद से ही उनके इस्तीफा देने की चर्चाएं तेज होने लगी थीं। उन्हें उत्तर प्रदेश बीजेपी में बड़ी जिम्मेदारी देने की चर्चाएं हैं। वहीं, अब प्रदेश के नए राज्यपाल की जिम्मेदारी किसे मिलेगी इसको लेकर भी चर्चा शुरू हो गई है।

महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने पर दिया जोर
हाल ही में बेबी रानी मौर्य राज्यपाल पद पर तीन साल का कार्यकाल पूरा होने के बाद मीडिया से रूबरू हुई थीं। उन्होंने प्रदेश में महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने के मुद्दों पर जोर दिया था। उनका कहना था कि प्रदेश की महिलाएं मेहनती और जुझारू हैं। महिलाओं को राजभवन से जो बेहतर सहयोग किया जा सकता है उसके लिए आगे भी ठोस प्रयास किए जाएंगे।

उत्तराखंड की दूसरी महिला राज्यपाल थीं बेबी रानी मौर्य
तीन साल पहले उत्तराखंड में राज्यपाल की कमान संभालने वालीं आगरा निवासी बेबी रानी मौर्य प्रदेश की दूसरी महिला राज्यपाल थीं। उनसे पहले मारग्रेट आल्वा प्रदेश की राज्यपाल रह चुकी थीं।

ये है उनका सार्वजनिक-राजनीतिक जीवन
– वर्ष 1995 से वर्ष 2000 तक आगरा की महापौर।
– वर्ष 1997 में वर्तमान राष्ट्रपति और तत्कालीन अध्यक्ष राष्ट्रीय अनुसूचित मोर्चा राम नाथ कोविंद के साथ बतौर कोषाध्यक्ष कार्य।
– वर्ष 2001 में प्रदेश, सामाजिक कल्याण बोर्ड की सदस्य।
– वर्ष 2002 में राष्ट्रीय महिला आयोग की सदस्य।

सम्मान
– वर्ष 1996 में सामाजिक कार्यों के लिए समाज रत्न।
– 1997 में उत्तर प्रदेश रत्न।
– 1998 नारी रत्न।

उत्तराखंड में अब तक रहे राज्यपाल, ये रहा कार्यकाल
सुरजीत सिंह बरनाला-09 नवंबर 2000-07 जनवरी 2003
सुदर्शन अग्रवाल-08 जनवरी 2003-28 अक्तूबर 2007
बनवारी लाल जोशी-29 अक्तूबर 2007-05 अगस्त 2009
मार्गरेट अल्वा-06 अगस्त 2009-14 मई 2012
अज़ीज़ कुरैशी-15 मई 2012-08 जनवरी 2015
कृष्ण कांत पॉल-08 जनवरी 2015-25 अगस्त 2018
बेबी रानी मौर्य-26 अगस्त 2018-08 सितंबर 2021

केन्द्रीय कैबिनेट ने सांसदों का वेतन एक वर्ष के लिए 30 प्रतिशत कम किया

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने संसद सदस्य के वेतन, भत्ते और पेंशन अधिनियम 1954 में संशोधन के लिए अध्यादेश को मंजूरी दे दी। इसके तहत सांसदों का वेतन एक वर्ष के लिए 30 प्रतिशत कम हो जाएगा।
यह अध्यादेश पहली अप्रैल से प्रभावी हो गया। मंत्रिमंडल के फैसलों के बारे में सूचना और प्रसारण मंत्री प्रकाश जावडेकर ने संवाददाताओं को बताया कि केंद्रीय मंत्रियों और सांसदों का वेतन एक वर्ष के लिए 30 प्रतिशत घट जाएगा।
जावड़ेकर ने बताया कि मंत्रिमंडल ने 2020-21 से 2021-22 तक दो वर्ष के लिए सांसद क्षेत्रीय विकास निधि को निलंबित करने का फैसला किया है। उन्होंने कहा कि यह 79 अरब रुपये की राशि कोविड-19 से निपटने के लिए भारत की समेकित निधि में जमा कराई जाएगी।
मंत्रिमंडल के फैसलों के बारे में सूचना और प्रसारण मंत्री प्रकाश जावडेकर ने संवाददाताओं को बताया कि राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति और राज्यों के राज्यपालों ने सामाजिक उत्तरदायित्व के रूप में एक वर्ष तक अपने वेतन में एच्छिक रूप से 30 प्रतिशत कमी करने का फैसला किया है। यह राशि भी भारत की समेकित निधि में जमा कराई जाएगी।

देश को मिला 45वां मुख्य न्यायधीश, कोविंद ने दिलाई शपथ

भारत के उच्चतम न्यायालय के 45वें मुख्य न्यायधीश के रूप में जस्टिस दीपक मिश्रा ने अपने पद व गोपनीयता की शपथ ले ली है। राष्ट्रपति भवन में आयोजित एक समारोह में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने उन्हें पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई। जस्टिस मिश्रा मुख्य न्यायाधीश के रूप में करीब 14 महीने तक बने रहेंगे, क्योंकि अक्टूबर 2018 में उनका कार्यकाल समाप्त हो रहा है। देश के 44वें चीफ जस्टिस जेएस खेहर 27 अगस्त को रिटायर हो गए हैं।
जस्टिस मिश्रा ओडिशा से तीसरे ऐेसे जज है, जो मुख्य न्यायाधीश बन गए है। जस्टिस दीपक मिश्रा ने साल 1977 में ओडिशा हाईकोर्ट से अपनी वकालत शुरू की थी और साल 1996 में ओडिशा हाईकोर्ट में जज बने थे। 1977 से 1996 तक वो उड़ीसा हाईकोर्ट के कामयाब वकीलों में से एक थे। वो साल 1997 में एमपी हाईकोर्ट के जज बने थे। जस्टिस मिश्रा सुप्रीम कोर्ट के पूर्व चीफ जस्टिस रंगनाथ मिश्रा के भतीजे हैं। जस्टिस मिश्रा मुख्य न्यायाधीश के पद पर 2 अक्टूबर, 2018 तक बने रहेंगे। इससे पूर्व जस्टिस दीपक मिश्रा पटना हाईकोर्ट के भी मुख्य न्यायाधीश रह चुके हैं। 24 मई 2010 को वो दिल्ली हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस बने थे और 10 अक्टूबर 2011 को सुप्रीम कोर्ट में जज के तौर पर प्रमोट हुए थे। सीजेआई के तौर पर दीपक मिश्रा का कार्यकाल 28 अगस्त, 2017 से 2 अक्टूबर, 2018 तक रहेगा।

हरिद्वार डोईवाला के बीच नहीं चले वाहन

कई स्थानों पर पुलिस ने अवरोधक लगा रोके वाहन
राष्ट्रपति की सुरक्षा को दो घंटे जीरो जोन रहा डोईवाला हाईवे
गुरूवार शाम 6 से 8 बजे तक मार्ग रहा बंद
रायवाला।
राष्ट्रपति का काफिला लगभग शाम छह बजकर चालीस मिनट पर जौलीग्रांट के लिए निकला। शाम सात बजकर दस मिनट पर राष्ट्रपति नेपाली फार्म तिराह क्रास किया। राष्ट्रपति के जाने पर हरिद्वार ऋषिकेश बीच वाहन चलने शुरू हो गए। जबकि करीब आधा घंटे बाद रोके गए वाहन नेपाली फार्म से डोईवाला के लिए छोड़े गए। सुरक्षा के चलते पुलिस ने शाम चार बजे से ही वाहनों का रूट डायवर्ट कर चीला बैराज से हरिद्वार भेजना शुरू कर दिया। जबकि हरिद्वार से ऋषिकेश व देहरादून जाने वाले वाहन भी चीला बैराज रानीपोखरी होकर देहरादून भेजे गए। शाम छह बजे बाद हरिद्वार जौलीग्रांट के बीच जीरो जोन होने से लोगों को परेशानी उठानी पड़ी। खासकर लोकल वाहन चालकों को भी पुलिस रोके रखा। इसको लेकर दुपहिया चालकों की पुलिस से झड़पें भी हुई। सीओ चक्रधर अंथवाल ने बताया कि राष्ट्रपति की सुरक्षा को लेकर कड़े प्रतिबंध किए गए। जिससे हरिद्वार जौलीग्रांट हाईवे को दो घंटे तक जीरो जोन में रखा गया।

महामहिम के लिए बनाई हाफ सडक

रायवाला।
महामहिम राष्ट्रपति के उत्तराखण्ड दौरे को लेकर जिला प्रशासन ने अधूरी तैयारियां की हैं। गुरूवार को राष्ट्रपति हर की पैडी से गंगा आरती के बाद सड़क मार्ग से देहरादून जायेंगे। इसके लिए जिला प्रशासन ने खस्ताहाल राजमार्ग को वन-वे ही तैयार किया है।
राष्ट्रपति की उत्तराखण्ड यात्रा को लेकर जिला प्रशासन सुरक्षा को लेकर पूरी सतर्कता बरत रहा है। पुलिस विभाग ने इसके लिए पूरी रिहर्सल भी की है। हरिद्वार से देहरादून के बीच राजमार्ग बदहाल स्थिति में था। चार धाम यात्रा सीजन व कांवड़ यात्रा के लिए भी प्रशासन ने राजमार्ग की सुध नहीं ली। महामहिम का उत्तराखण्ड दौरा लगभग एक माह पूर्व से प्रस्तावित है। इसके बावजूद प्रशासन ने दो दिन पूर्व ही हाइवे के गड्ढों को भरने का बीडा उठाया। प्रशासन ने बडे ही शातिर अंदाज में काम कराया। इसके लिए हाइवे से हरिद्वार से देहरादून जाने के लिए आधी सडक को ही ठीक किया गया। जिससे राष्ट्रपति को उत्तराखण्ड के विकास का अहसास हो सके। इस सम्बन्ध में उपजिलाधिकारी कुश्म चौहान का कहना है कि हाइवे के सम्बन्ध में उन्हें जानकारी नहीं है। एनएचएआई ही इस बारे जानकारी दे सकता है। जबकि एरा कंपनी उक्त हाइवे विस्तारीकरण का काम कर रही है।

110