राज्य मंत्रिमंडल ने कई फैसलों पर लगाई मुहर

प्रदेश में प्रारंभिक शिक्षा के स्तर में सुधार दिखाई देगा। मंत्रिमंडल ने 603 राजकीय प्राथमिक और 76 राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालयों को उत्कृष्ट विद्यालय (सेंटर आफ एक्सीलेंस) बनाने का निर्णय लिया है। इन विद्यालयों में स्मार्ट क्लास, कंप्यूटर लैब, फर्नीचर जैसी समस्त सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी।
प्रदेश सरकार अब शिक्षा की गुणवत्ता पर विशेष ध्यान दे रही है। सरकारी प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालयों में छात्रसंख्या घटने और अभिभावकों की घटती रुचि को देखते हुए सरकार को अब गुणात्मक सुधार के लिए कदम उठाने पड़ रहे हैं। इसे देखते हुए प्रदेश के ऐसे राजकीय प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालयों को उत्कृष्ट बनाने का निर्णय लिया गया है, जहां छात्रसंख्या अच्छी है।
विद्यालयों के प्रति स्थानीय समुदाय की अच्छी धारणा को देखते हुए सरकार ने 679 प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालयों को शिक्षा की उत्कृष्टता के केंद्र के रूप में विकसित करने का निर्णय लिया। इन विद्यालयों में अध्ययनरत विद्यार्थियों को कक्षाकक्षों में बैठने से लेकर अन्य सभी आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध हो जाएंगी।
विद्यालय भवनों में नए कक्षाकक्षों का निर्माण किया जा सकेगा। पांच किमी की परिधि में राज्य के इन 679 विद्यालयों को कई भौतिक संसाधनों व सुविधाओं का तोहफा मिल सकेगा।

लोक सेवा आयोग में 30 अस्थायी पद होंगे सृजित
लोक सेवा आयोग के बढ़ते कार्य को देखते हुए सरकार ने यहां 30 नए अस्थायी पद सृजित करने का निर्णय लिया है। इन पदों पर संविदा के आधार पर कार्मिकों की नियुक्ति की जाएगी। ये पद एक वर्ष के लिए सृजित किए जा रहे हैं।

कैंपस बने कालेजों में यथावत रहेगी व्यवस्था
मंत्रिमंडल ने अन्य निर्णय में तकनीकी शिक्षा विभाग के अंतर्गत संचालित छह राजकीय इंजीनियरिंग कालेज अब वीर माधो सिंह भंडारी उत्तराखंड प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के कैंपस होंगे। इनमें प्रौद्योगिकी संस्थान गोपेश्वर, महिला प्रौद्योगिकी संस्थान देहरादून, डा एपीजे अब्दुल कलाम प्रौद्योगिकी संस्थान टनकपुर, नन्हीं परी सीमांत प्रौद्योगिकी संस्थान पिथौरागढ़, टीएचडीसी-आइएचटी नई टिहरी और बौन इंजीनियरिंग कालेज उत्तरकाशी सम्मिलित हैं।
मंत्रिमंडल ने इन कालेजों को जैसे हैं, जहां है के आधार पर कुछ शर्तों के साथ यह स्वीकृति दी है। इन सभी स्ववित्तपोषित संस्थानों को राज्य सरकार से वित्तीय सहायता नहीं दी जाएगी। साथ में सभी संस्थानों में निदेशक मंडल (बीओजी) यथावत कार्य करता रहेगा।

उपनल कार्मिकों को मासिक आधार पर मिलेगी प्रोत्साहन
राशि मंत्रिमंडल ने उपनल कर्मचारियों को अब मासिक आधार पर प्रोत्साहन राशि देने का निर्णय लिया है। प्रदेश में अभी तक उपनल कर्मियों को त्रैमासिक आधार पर प्रोत्साहन भत्ता दिया जाता है। इसके तहत 10 साल की सेवा पूरी कर चुके कार्मिकों को 17,400 रुपये और 10 साल से कम सेवा वालों को 14,400 रुपये प्रोत्साहन राशि दी जाती है।
इस संबंध में पूर्व में भी निर्णय लिया गया था लेकिन तब वित्त विभाग ने इस पर आपत्ति लगा दी थी। इसके बाद से ही उपनल कर्मी प्रतिमाह प्रोत्साहन राशि देने की मांग कर रहे थे। ऐसे में अब मंत्रिमंडल ने इन्हें प्रतिमाह 5800 रुपये और 4800 रुपये प्रोत्साहन राशि देने का निर्णय लिया है।
भवन मानचित्र पर आवास विभाग ने दिया प्रस्तुतिकरण मंत्रिमंडल की बैठक में पर्वतीय क्षेत्रों में राजमार्गों के किनारे बनने वाले भवनों के मानचित्र स्वीकृत करने के संबंध में आवास विभाग ने विस्तृत प्रस्तुतिकरण दिया। सूत्रों की मानें तो इसमें जोशीमठ की घटना का हवाला देते हुए पर्यटन व औद्योगिक दृष्टि से विकसित हो रहे पर्वतीय क्षेत्रों में जिला विकास प्राधिकरणों को सक्रिय करने की बात कही गई।
कहा गया कि इन क्षेत्रों में सुनियोजित तरीके से विकास को गति देने के लिए भवन मानचित्र अनिवार्य किए जाएं। इसी में यातायात की दृष्टि से सड़कों के किनारे भवन निर्माण में भी मानचित्र बनाने की बात कही गई। इसके लिए 200 मीटर का दायरा प्रस्तावित किया गया, जिस पर मंत्रिमंडल में आमराय नहीं बन पाई।

मंत्रिमंडल ने लिए ये निर्णय
देहरादून के तरला नागल में तिब्बती शरणार्थियों की आवासीय योजना में 65 लाख की कंपाउंडिंग फीस में छूट।
सिंचाई विभाग के संरचनात्मक ढांचे में बदलाव को मंजूरी। शोध अधिकारी के 24 और सहायक शोध अधिकारी के 12 पदों को दी गई स्वीकृति।
हाईकोर्ट के निर्देशानुसार सिरौलीकलां को नगर पंचायत के रूप में गठित करने की अधिसूचना ली वापस।
गैरसैंण में आयोजित विधानसभा सत्र के सत्रावसान को दिया गया अनुमोदन

अभ्यर्थियों को धामी सरकार की राहत, आवेदन शुल्क नही और ट्रांसपोर्ट का खर्च भी नही लेगी सरकार

मुख्य सचिव डॉ. एस.एस. संधु ने बताया कि कैबिनेट में निर्णय लिया गया है कि भर्तियों में भ्रष्टाचार को रोकने के लिए सरकार द्वारा शीघ्र ही एक सख्त नकल विरोधी कानून लाया जाएगा, जिसमें दोषी को उम्रकैद तक की सजा का प्राविधान किया जाएगा। साथ ही, इस कार्य में अर्जित की गयी सम्पत्ति को भी जब्त किया जाएगा। उन्होंने कहा कि लोक सेवा आयोग द्वारा लेखपाल की परीक्षा को दोबारा आयोजित किया जाएगा। जिन अभ्यर्थियों ने पूर्व में इसके लिए आवेदन किया है, उन्हें दोबारा आवेदन नहीं करना होगा। न ही इसके लिए कोई फीस देनी होगी। साथ ही यह भी निर्णय लिया गया कि उत्तराखण्ड ट्रांसपोर्ट कार्पाेरेशन की बसों में अभ्यर्थियों को किराया नहीं देना होगा, अभ्यर्थियों का प्रवेश पत्र ही उनका यूटीसी की बसों में टिकट माना जाएगा।

पारदर्शी प्रक्रिया अपनाकर युवाओं को रोजगार का भरपूर अवसर देगी सरकार-धामी

उत्तराखंड राज्य अधीनस्थ सेवा चयन आयोग द्वारा लगभग 7000 पदों पर गतिमान भर्ती प्रक्रिया राज्य लोक सेवा आयोग को हस्तांतरित करने के सम्बंध में आज कैबिनेट से प्रस्ताव पारित हो गया है। मुख्यमंत्री धामी के निर्देश हैं कि भर्ती परीक्षाओं की शुचिता और गरिमा बनाए रखने के लिए राज्य सरकार हर संभव कदम उठाएगी।

इसी दिशा में आगे बढ़ते हुए सरकार ने इन भर्तियों को राज्य लोक सेवा आयोग से कराने का निर्णय लिया है। मुख्यमंत्री ने शीघ्र ही भर्ती परीक्षाओं का एक कैलेंडर जारी कर भर्ती प्रक्रिया प्रारंभ करने के निर्देश दिए हैं।

सीएम ने भविष्य की परीक्षाओं का भी एडवांस कैलेंडर जारी करने के निर्देश दिये
मुख्यमंत्री धामी के निर्देश है कि वर्तमान विज्ञापित पदों के साथ-साथ राज्य सरकार के सभी विभाग एक निश्चित समय सीमा के भीतर अपने यहां सीधी भर्तियों के रिक्त पदों की सूची बनाते हुए आयोग को उपलब्ध कराएं जिससे भविष्य की परीक्षाओं का भी एडवांस कैलेंडर जारी किया जा सके।

वे समस्त परीक्षाएं जिनमें अधीनस्थ सेवा चयन आयोग द्वारा किसी भी चरण की परीक्षा आयोजित कर परिणाम घोषित कर दिया गया है, किन्तु चयन प्रक्रिया पूर्ण नहीं हुई है. उन परीक्षाओं की अवशेष कार्यवाही उत्तराखण्ड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग द्वारा की जायेगी। वे समस्त परीक्षाएं जिनमें अधीनस्थ सेवा चयन आयोग द्वारा आवेदन आमंत्रित किये जा चुके हैं तथा कोई भी परीक्षा आयोजित नहीं की गयी है; उनमें लोक सेवा आयोग की परिधि में जाने के पश्चात् पुनः विज्ञप्ति प्रकाशित किए जाने की दशा में अभ्याथियों को आवेदन शुल्क से मुक्त रखा जाएगा। राज्य सरकार सरकारी नौकरियों में भर्ती प्रक्रिया की पारदर्शिता और स्वच्छता के लिए प्रतिबद्ध है

शीघ्र से शीघ्र परीक्षाएं कराकर युवाओं को नौकरी देना सरकार की पहली प्राथमिकताः सीएम
युवाओं का मनोबल बनाए रखने के लिए राज्य लोक सेवा आयोग के माध्यम से शीघ्र से शीघ्र परीक्षाएं कराकर युवाओं को नौकरी देना सरकार की पहली प्राथमिकता है। युवा बेरोजगारों को स्वस्थ प्रतिस्पर्धी माहौल देने के लिए सरकार कृतसंकल्प है।

सभी विभाग प्रत्येक वर्ष भर्ती वर्ष 1 जुलाई से 30 जून के अनुसार समय से अधियाचन भेजना सुनिश्चित करेंः सीएम

मुख्य सचिव डॉ. एस. एस. संधु ने विभागों द्वारा आयोग को भेजी जाने वाली रिक्तियों के अधियाचन के सम्बन्ध में बैठक ली। मुख्य सचिव ने सभी विभागों को निर्देश दिए कि सभी विभाग प्रत्येक वर्ष भर्ती वर्ष 1 जुलाई से 30 जून के अनुसार समय से अधियाचन भेजना सुनिश्चित करें। उन्होंने विभागों को यह भी निर्देश दिए कि आयोगों को त्रुटिरहित अधियाचन भेजे जाएं।

मुख्य सचिव ने कार्मिक विभाग को निर्देश दिए कि त्रुटिरहित अधियाचन भेजे जाने के लिए पोर्टल बेस्ड व्यवस्था बनाई जाए। पोर्टल के माध्यम से अधियाचन भेजे जाने से त्रुटि होने की संभावना समाप्त हो जायेगी, साथ ही पोर्टल होने से समय की भी बचत होगी।

मुख्य सचिव ने सभी विभागों को अपना कैलेंडर भी तैयार करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि विभागों के ढांचे भी बहुत पुरानी व्यवस्था पर चल रहे हैं, विभागों में बहुत से ऐसे पद भी हैं जिनकी आधुनिक परिस्थितियों में आवश्यकता नहीं है और लंबे समय से रिक्त भी चल रहे हैं, जबकि जिन पदों की आवश्यकता है उन पदों का सृजन ही नहीं हुआ है। उन्होंने कहा कि एक ऐसा सिस्टम विकसित किया जाए कि प्रत्येक विभाग 2, 3 साल में अपने ढांचे की समीक्षा कर, आवश्यक पदों का सृजन करे और अनावश्यक पदों को समाप्त करे।

मुख्य सचिव ने लोक सेवा आयोग द्वारा की जाने वाली डीपीसी बैठकों हेतु सचिवालय में कमरे की व्यवस्था किए जाने के भी निर्देश दिए। कहा कि इससे अधिकारियों का भी समय बचेगा। उन्होंने सभी विभागों को निर्देश दिए कि जिन विभागों द्वारा इस भर्ती वर्ष हेतु अधियाचन भेजे जाने हैं, और अभी तक नहीं भेजे हैं, अगले एक सप्ताह के भीतर अधियाचन आयोगों को भेज दें।

इस अवसर पर सचिव शैलेश बगोली, डॉ. पंकज कुमार पांडेय, रविनाथ रमन एवं वीवीआरसी पुरुषोत्तम सहित अन्य विभागीय उच्चाधिकारी उपस्थित थे।

पदोन्नति में आरक्षण पर कर्मचारी संगठन मुखर

जिला पंचायत सभागार में फेडरेशन की अन्य कर्मचारी संघों की प्रांतीय कार्यकारिणी के पदाधिकारियों के साथ बैठक हुई। बैठक में रोस्टर के पुर्ननिर्धारण में एक पक्ष का समर्थन करने पर परिवहन मंत्री यशपाल आर्य की कड़ी निंदा की गई। वक्ताओं ने कहा कि रोस्टर पुर्ननिर्धारण की समस्त कार्रवाई परिवहन मंत्री आर्य की देखरेख में हुई। अब आर्य का जीओ का विरोध करना गलत है। गुस्साए कर्मियों ने सर्वसम्मति से फैसला लिया कि 17 सितंबर को सभी जिलों में आर्य का पुतला फूंका जाएगा। वहीं रोस्टर के पुर्ननिर्धारण के जीओ में छेड़छाड़ हुई तो बिना पूर्व नोटिस के ही कर्मी हड़ताल पर चले जाएंगे। फेडरेशन के प्रांतीय अध्यक्ष दीपक जोशी और महामंत्री वीरेंद्र गुसाईं ने कहा कि पदोन्नति में आरक्षण किसी भी दशा में स्वीकार नहीं है।
पूर्ववर्ती राज्य उप्र की भांति लोकसेवा आयोग की परिधि में आने वाले और आयोग की परिधि के बाहर के पदों की सेवा नियमावली में नियम 5 (क) को तत्काल निरस्त किया जाए। पदोन्नति में रोक लगाकर सभी विभागों में डीपीसी शुरू कराई जाए। वहीं, दूसरे सत्र में फेडरेशन ने जिला कार्यकारिणी के पदाधिकारियों के साथ वार्ता की। इसके बाद तय हुआ कि 16 सितंबर को मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत और मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह से मुलाकात की जाएगी। बैठक में पर्वतीय कर्मचारी शिक्षक संघ के प्रांतीय अध्यक्ष प्रताप सिंह पंवार और महामंत्री पंचम सिंह बिष्ट, उत्तराखंड मिनिस्ट्रीयल फेडरेशन के महामंत्री पूर्णानंद नौटियाल, कर्मचारी महासंघ अध्यक्ष सूर्य शंकर राणाकोटी, राजकीय वाहन चालक संघ के महामंत्री संदीप मौर्या, मिनिस्ट्रीयल बाल विकास विभाग के मोतीराम खंडूरी, उद्यान तकनीकी कर्मचारी संघ के महामंत्री दीपक पुरोहित, सुपरवाइजर यूनियन बाल विकास की प्रांतीय अध्यक्ष अंजू बडोला एवं महामंत्री रेनू लांबा, डिप्लोमा इंजीनियर्स संघ के अनिल सिंह, वैयक्तिक कर्मचारी संगठन अध्यक्ष मंजू पुंडीर, अखिल भारतीय समानता मंच के डिप्टी सेकेट्री अजीत कुमार, राष्ट्रीय महासचिव विनोद प्रकाश नौटियाल, केंद्रीय सचिव एलपी रतूड़ी, प्रांतीय अध्यक्ष एसएल शर्मा, जेपी कुकरेती, कल्पना बिष्ट, सुभाष देवलियाल आदि मौजूद थे।

13 जिलों से पहुंचे प्रतिनिधि
टिहरी के जिलाध्यक्ष डीपी चमोली, देहरादून जिला संयोजक मुकेश बहुगुणा, नैनीताल जिलाध्यक्ष मनोज तिवारी, कुमाऊं संयोजक पीसी तिवारी, उत्तरकाशी जिलाध्यक्ष नत्थी सिंह रावत, अल्मोड़ा जिलाध्यक्ष धीरेंद्र पाठक, रुद्रप्रयाग जिलाध्यक्ष विक्रम सिंह ङिांक्वाण, ऊधमसिंह नगर संयोजक मोहन सिंह राठौर, चमोली संयोजक महेश सिंह, सचिवालय के जीतराम पैन्यूली, मंडलीय अध्यक्ष राजेंद्र सिंह चैहान, सीएल असवाल, वीके धस्माना आदि मौजूद थे।