निर्माण कार्यों को समय से पूर्ण करे पीडब्ल्यूडी विभाग-सीएस

मुख्य सचिव डॉ. एस. एस. संधु ने सचिवालय में पूर्व में जिलाधिकारियों के साथ हुई बैठकों में लोक निर्माण विभाग से सम्बन्धित प्राप्त सुझावों एवं समस्याओं के निस्तारण के सम्बन्ध में बैठक आयोजित की। मुख्य सचिव ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि जनपदों से प्राप्त सुझावों एवं समस्याओं के शीघ्र निस्तारण हेतु विभाग एवं शासन स्तर पर डेडीकेटेड अधिकारी सुनिश्चित कर लिया जाए।
मुख्य सचिव ने बागेश्वर जनपद के अंतर्गत पीडब्ल्यूडी और पीएमजीएसवाई में अमीनो की शीघ्र तैनाती एवं चमोली में जोशीमठ-औली मोटरमार्ग का डामरीकरण और चौड़ीकरण कार्य में तेजी लाने के निर्देश दिए।
मुख्य सचिव ने चंपावत में मानसून के दौरान मुख्य मार्ग के बंद रहने वाले के कारण सूखीडांग-डाडामिनार मार्ग को वैकल्पिक मोटर मार्ग के रूप मिले जाने हेतु आवश्यक कार्यवाही किए जाने के निर्देश दिए, साथ ही कार्य की टाइमलाइन निर्धारित की जाए। उन्होंने सभी कार्यों के महत्व के अनुरूप उनका वर्गीकरण कर अधिक महत्त्वपूर्ण कार्यों को प्राथमिकता देते हुए शीघ्र निस्तारण के निर्देश दिए।
मुख्य सचिव ने प्रदेश में पार्किंग की समस्या विशेषकर पर्वतीय जनपदों में मल्टीलेवल पार्किंग, टनल पार्किंग की दिशा में तेजी से कार्य करने के निर्देश दिए। उन्होंने बीआरओ से सम्बन्धित प्रकरणों को उनके साथ मुख्य सचिव स्तर से अलग से बैठक आयोजित कर निस्तारित करने के भी निर्देश दिए।
मुख्य सचिव ने कहा कि जिलाधिकारियों द्वारा जनपदों में मार्ग सुधारीकरण की मांग की गई है, उन्हें प्राथमिकता पर लेते हुए शीघ्र से शीघ्र कार्यवाही की जाए। शासन स्तर पर लंबित प्रकरणों को भी तेजी से निस्तारित किया जाए।
इस अवसर पर प्रमुख सचिव आर. के. सुधांशु सहित अन्य विभागीय वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

मुख्य सचिव ने समय से निर्माण कार्य करने के निर्देश दिये

मुख्य सचिव डॉ. एस. एस. संधु ने सोमवार को सचिवालय में मसूरी के जीर्णाेद्धार एवं सौंदर्यीकरण से सम्बन्धित कार्यों की प्रगति की जानकारी ली। बैठक के दौरान मुख्य सचिव ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि मसूरी के जीर्णाेद्धार एवं सौंदर्यीकरण से सम्बन्धित सभी कार्यों की समय सीमा निर्धारित की जाए एवं कार्यों को निर्धारित समय सीमा तक पूर्ण कर लिया जाए।
मुख्य सचिव ने पीडब्ल्यूडी को निर्देश दिए कि सड़क निर्माण कार्य करने से पहले पेयजल, जल संस्थान और यूपीसीएल से सामंजस्य स्थापित कर लिया जाए, ताकि सड़कों को फिर से न खोदना पड़े। उन्होंने यह भी निर्देश दिए कि सड़कों के स्क्रैपिंग एवं पुनः पक्कीकरण का कार्य पैचेज में किया जाए, एक साथ पूरी सड़क खोद कर पर्यटकों एवं स्थानीय लोगों को बहुत असुविधा होती है। उन्होंने कहा कि प्रत्येक 500 मीटर में शौचालय स्थापित किया जाए एवं साइनेज आदि की उचित व्यवस्था की जाए ताकि पर्यटकों एवं स्थानीय लोगों को समस्याओं का सामना न करना पड़े।
मुख्य सचिव ने कहा कि पीक सीजन में पर्यटकों को असुविधा न हो इसका विशेष ध्यान रखते हुए प्रत्येक कार्य को उसकी प्रकृति और कम से कम समय में पूर्ण किए जाने को देखते हुए अलग-अलग तिथि निर्धारित की जाएं। उन्होंने कहा कि शीघ्र कार्य पूर्ण करने के साथ ही कार्यों की गुणवत्ता में किसी प्रकार समझौता न किया जाए।
इस अवसर पर उपाध्यक्ष एमडीडीए बृजेश कुमार संत एवं सचिव शहरी विकास विनोद कुमार सुमन सहित अन्य सम्बन्धित विभागों के अधिकारी उपस्थित रहे।

राज्यपाल की ममता से दिव्यांग को मिला सहारा

(एनएन सर्विस)
सही समय पर किसी को दी जाने वाली सहायता उसके जीवन में आमूल चूल परिवर्तन ला सकती है। इसका एक उदाहरण देवरी रोड आगरा के निवासी जितेंद्र कुमार है, जो एक दुर्घटना में दोनो पैर खो चुके थे। उत्तराखंड की राज्यपाल बेबी रानी मौर्य ने राज्यपाल बनने के पहले वर्ष 2018 में जितेंद्र को एक ट्राई साइकल भेंट की थी। कुछ माह बाद उनके प्रयासों से जितेंद्र को कृत्रिम पैर भी मिल गए। अपनी दिव्यंगता से हार न मानते हुए जितेंद्र ने एक नया जीवन प्रारम्भ किया और ई रिक्शा के माध्यम से अपना रोजगार शुरू किया। लॉकडाउन में भी जितेंद्र ने हार नहीं मानी।
लॉकडाउन के उपरांत जितेंद्र ने फिर से ई रिक्शा चलाना शुरू कर दिया है। अपने आगरा प्रवास पर राज्यपाल बेबी रानी मौर्य ने जितेंद्र की कुशल क्षेम पूछी और उनको सम्मानित भी किया। राज्यपाल ने कहा कि कोरोना महामारी के दौर में जब समाज का हर वर्ग परेशान है, ऐसे में दिव्यांगों के समक्ष भी चुनौतियाँ है। जितेंद्र ने अपने साहस और धैर्य से यह दिखा दिया है कि दिव्यांग भी किसी से कम नहीं हैं, बस उन्हें सही समय पर सही मदद मिल जाय। दिव्यांग भी आत्मनिर्भर हो सकते हैं। राज्यपाल ने कहा कि दिव्यांगता शारीरिक अथवा मानसिक हो सकती है किन्तु सबसे बड़ी दिव्यांगता समाज की उस सोच में होती है जो दिव्यांग जनों के प्रति हीन भाव रखती है।
अब दिव्यांग लोगों के प्रति अपनी सोच को बदलने का समय आ गया है। दिव्यांगों को समाज की मुख्यधारा में तभी शामिल किया जा सकता है जब समाज इन्हें अपना हिस्सा समझें। दिव्यांग को किसी बहुत बड़ी मदद की जरूरत नहीं होती बल्कि थोड़ी मदद और प्रोत्साहन से वो अपना मार्ग खुद बनाने में सक्षम हैं। हाल के वर्षों में दिव्यांगो के कल्याण के प्रति प्रधानमंत्री के नेतृत्व में केंद्र सरकार ने कई योजनाएँ लागू की है। राज्यपाल ने कहा कि जितेंद्र के उदाहरण ने दिव्यांगों के कल्याण के प्रति उनकी संकल्प शक्ति को और मजबूती दी है । उन्होंने कहा कि शीघ्र ही वे उत्तराखंड में दिव्यांग और अशक्तजनों के कल्याण और पुनर्वास की योजनाओं की भी समीक्षा करेंगी।
राज्यपाल ने दिव्यांगजनो का भी आह्वान किया है कि वे समाज की मुख्यधारा का अभिन्न अंग हैं और किसी भी स्थिति में अपने को किसी से कम न समझें।

23 करोड़ की लागत से 13 सड़कें होंगी चकाचक

कांग्रेस प्रदेश महासचिव राजपाल खरोला नेने सीएम से मिलकर दिलाई स्वीकृति

ऋषिकेश।
ऋषिकेश विधानसभा क्षेत्र में 43 किलोमीटर लंबी 13 सड़कों का पुनर्निर्माण होगा। इस संबंध में शासनादेश जारी हो गया है। सड़क निर्माण के लिए 23 करोड़ रुपये का बजट जारी होना शेष है। सड़कों के निर्माण का काम लोक निर्माण विभाग करेगा। इसमें आईडीपीएल क्षेत्र की सबसे लंबी 10 किलोमीटर आंतरिक मार्गों की मरम्मत होगी।
कांग्रेस प्रदेश महासचिव राजपाल खरोला ने शासनादेश की प्रति भेजकर बताया कि फाइल वित्त विभाग को भेज दी गई है। नवबंर माह से सड़क पुनर्निर्माण शुरू हो जाएगा। इस समस्या को लेकर उन्होंने सीएम को अवगत कराया। शुक्रवार को शासन ने आदेश जारी कर दिए हैं। आरोप लगाया कि क्षेत्रीय विधायक ने बीते पांच साल में कोई भी सड़क नहीं बनाई।

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इन सड़कों का होगा पुनर्निर्माण
बापूग्राम-बीस बीघा मुख्य मार्ग, खदरी चोपड़ा फार्म, छिद्दरवाला संपर्क मार्ग, मालवीय नगर-गीतानगर मार्ग, आईडीपीएल की आंतरिक सड़कें, श्यामपुर रेलवे फाटक से भट्टोवाला मार्ग, स्टील गार्डर सेतु निर्माण, मंशादेवी मार्ग, प्रतीतनगर मुख्यमार्ग, नई बस्ती मोतीचूर, भरत विहार संपर्क मार्ग, गढ़ी मयचक, खैरीखुर्द मार्ग।