सितम्बर से गंगा में फिर शुरु होगी राफ्टिंग

ऋषिकेश में राफ्टिंग का बेसब्री से इंतजार करने वाले लोगों के लिए एक सितंबर से तीर्थनगरी में राफ्टिंग के संचालन पर लगी रोक हट जाएगी। जिसके बाद आप एक बार फिर राफ्टिंग का लुत्फ उठा सकते है।
आपको बता दें कि यहां 280 राफ्टिंग कंपनियां हैं और 575 राफ्टों का संचालन उन कंपनियों के तहत किया जाता है। ऋषिकेश में क्लब हाउस से राम झूला तक की राफ्टिंग की जाती है जो कि 9 किलोमीटर की दूरी तय करती है और इसका प्रति व्यक्ति रेट 600 है। ब्रह्मपुरी से रामझूला तक भी 600 प्रति व्यक्ति रेट है और यह भी 9 किलोमीटर की दूरी तय करती है। शिवपुरी से राम झूला तक 15 किलोमीटर की दूरी के हजार रुपए हर एक व्यक्ति से चार्ज किए जाते हैं। शिवपुरी से मरीन ड्राइव तक 10 किलोमीटर की राफ्टिंग में हर व्यक्ति से 600 रुपए चार्ज किए जाते हैं।
कोडियाला से राम झूला तक 35 किलोमीटर की राफ्टिंग में 2500 चार्ज किए जाते हैं तो वहीं कोडियाला से शिवपुरी तक 20 किलोमीटर की राफ्टिंग में हर व्यक्ति से 1500 रुपए लिए जाते हैं। बता दें कि कोडियाला से राम झूला तक तकरीबन 35 किलोमीटर के रास्ते में गंगा के सबसे अधिक खतरनाक और रोमांचक रैपिड पड़ाव पड़ते हैं और पर्यटक इनका खूब आनंद लेते हैं। ऋषिकेश में गंगा घाटी के कोडियाला मुनिकीरेती इको जोन में 1 जुलाई से मानसून के चलते रिवर राफ्टिंग का संचालन नहीं हो रहा है।
राफ्टिंग एक्टिविटी 1 जुलाई से 31 अगस्त तक बंद रहती है। ऐसे में राफ्टिंग के शौकीनों को दो माह का लंबा इंतजार करना पड़ता है। इस साल सीजन में जुलाई तक 5 लाख से ज्यादा सैलानी ऋषिकेश में राफ्टिंग का लुत्फ उठा चुके हैं। इससे करीब 25 हजार से ज्यादा परिवारों की आजी​विका चल रही है। मगर अब बरसात के बाद नए सत्र में राफ्ट एक बार फिर से गंगा नदी में उतरेंगे और लंबे समय के बाद पर्यटक राफ्टिंग का मजा ऋषिकेश में ले सकते हैं।

राफ्ट संचालकों में खुशी, साहसिक रोमांच का सफर हुआ शुरु

पर्यटन व्यवसाय से जुड़े 15 हजार लोगों को पर्यटन विभाग की ओर से अब तक 7 करोड़ की धनराशि वितरित की जा चुकी है। उक्त बात गंगा नदी राफ्टिंग रोटेशन समिति द्वारा साहसिक पर्यटन राफ्टिंग सीजन समारोह के शुभारंभ अवसर पर प्रदेश के पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने अपने संबोधन में कहीं।
प्रदेश के पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने रविवार को मुनिकीरेती स्थित खारास्रोत में गंगा नदी राफ्टिंग रोटेशन समिति द्वारा साहसिक पर्यटन राफ्टिंग सीजन समारोह का शुभारंभ किया।
इस अवसर पर राफ्टिंग, एयरो स्पोर्ट्स सेवा प्रदाताओं सहित समस्त पर्यटन कारोबारियों को संबोधित करते हुए पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने कहा कि साहसिक पर्यटन राफ्टिंग सीजन समारोह का शुभारंभ करते हुए उन्हें अपार प्रसन्नता हो रही है। उन्होंने आयोजन कर्ताओं को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि कोरोना काल के पश्चात साहसिक पर्यटन राफ्टिंग का प्रारंभ होना पर्यटन व्यवसायियों के लिए बेहद ही सुखद है।
पर्यटन मंत्री महाराज ने कहा कि कोविड संक्रमण के चलते आर्थिक मंदी से जूझ रहे चारधाम यात्रा और पर्यटन से जुड़े कारोबारियों के लिए राज्य सरकार ने 200 करोड़ रुपए के आर्थिक पैकेज की घोषणा की है। पर्यटन विभाग की ओर से अब तक पर्यटन व्यवसाय से जुड़े लगभग 15 हजार लोगों को 7 करोड़ की धनराशि वितरित की जा चुकी है।
महाराज ने कहा कि पर्यटन विभाग द्वारा विशेष क्षेत्र एवं गतिविधियों हेतु बनाई गई समितियों के पास अपने संसाधन से पर्यटन विभाग द्वारा स्वीकृत 631 राफ्टिंग प्रति गाइड के हिसाब से 10 हजार रूपये की एकमुश्त आर्थिक सहायता दी गई है। जिस पर 63 लाख 10 हजार की धनराशि व्यय की गयी।
पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने कहा कि राज्य सरकार ने सभी पंजीकृत 301 राफ्टिंग, एयरो स्पोर्टस सेवा प्रदाताओं को राहत देते हुए उत्तराखंड पर्यटन विभाग द्वारा लिए जाने वाले लाइसेंस नवीनीकरण शुल्क में भी छूट प्रदान की है। इस पर 65 लाख रुपये की धनराशि स्वीकृत की गई।
महाराज ने कहा कि पर्यटन विभाग द्वारा एडवेंचर टूर ऑपरेटरों को भी बड़ी राहत देते हुए 30 लाख 30 हजार रूपये का आर्थिक पैकेज दिया गया है। इसके तहत 303 एडवेंचर टूर ऑपरेटरों को 10 हजार रूपये प्रति फर्म के हिसाब से एकमुश्त आर्थिक सहायता दी गई है।
इस अवसर पर कृषि मंत्री सुबोध उनियाल, मुनिकीरेती नगर पालिका अध्यक्ष रोशन रतूड़ी, एसीईओ पर्यटन कर्नल अश्वनी पुंडीर, संयुक्त निदेशक पर्यटन विवेक चौहान, जिला साहसिक खेल अधिकारी सोवत राणा, दिनेश भट्ट, विकास भंडारी, हुकम सिंह रावत, रामपाल भंडारी, मदन बडोनी, धनवीर भंडारी, हेमंत चौहान, अनुराग रावत, राजेश पुंडीर, राजेंद्र भंडारी, अजय धमान्दा, लेखराज भंडारी, वीरेंद्र गुसाईं और पंकज भट्ट आदि उपस्थित थे।

संत समाज ने की नागरिकों से अपील, गंगा में न डालें पूजन सामाग्री

गंगा में राफ्टिंग का संत समाज विरोध नहीं करता है, मगर राफ्टिंग की आड़ में गंगा में मादक पदार्थ लेकर पर्यटकों का जाना से अमर्यादित है। इससे गंगा तो दूषित हो ही रही है, साथ ही आस्था पर भी ठेस पहुंचती है, तो ऐसे लोग जो गंगा में मादक पदार्थ लेकर आते है, इसका विरोध संत समाज करता है। संत समाज सरकार से यह भी मांग करता है कि इसके लिए कानून बनाया जाए। यह बात महामंडलेश्वर ईश्वरदार महाराज ने कही।

आज नमामि गंगे और अखिल भारतीय संत समिति की महाकुंभ 2021 को लेकर मायाकुंड स्थित कृष्ण कुंज आश्रम में आयोजित की गई। इसमें नमामि गंगे के प्रदेश प्रमुख कपिल गुप्ता व उनकी टीम ने संत समाज के साथ एक स्वर में ऋषिकेश में भी महाकुंभ को लेकर विकास कार्य किए जाने पर सहमति बनाई। साथ ही गंगा की अविरलता को बनाए रखने के लिए लोगों से भी अपील की। संत समाज ने कहा कि गंगा में पूजन सामग्री न प्रवाहित की जाए। संतों की ओर से निश्चित तिथि पर गंगा की सफाई के लिए प्रयास किए जाएं। कुंभ में स्नान के लिए त्रिवेणी घाट का विस्तार किया जाए।

इस मौके पर महामंडलेश्वर दयाराम दास, महामंडलेश्वर गणेश दास, महंत केशव स्वरूव ब्रह्मचारी, महंत बलवीर सिंह, महंत सुखवीर सिंह, महंत स्वामी अखंडानंद महाराज, महंत गोपाल गिरी, महंत लोकेश दास, पंडित रवि शास्त्री, जुगल किशोर शर्मा, संतोष मुनि, अभिषेक शर्मा, हर्षित गुप्ता, मिंटू तिवारी, पंकज गुप्ता, प्रदीप कोहली, सिमरन गाबा, दिनेश शर्मा, अशोक अग्रवाल आदि उपस्थित रहे।