आपदा कंट्रोल रूम का सीएम ने किया औचक निरीक्षण, बारिश की स्थिति का लिया जायजा

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सचिवालय स्थित राज्य आपदा प्रबंधन कन्ट्रोल रूम का औचक निरीक्षण कर प्रदेश भर में जारी भारी बारिश की स्थिति के संबंध में जानकारी प्राप्त की।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आपदा कंट्रोल रूम से प्रदेश में मौसम की वर्तमान स्थिति, बारिश की स्थिति, बारिश से हुए जलभराव एवं नुकसान के बारे में जानकारी प्राप्त की।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अधिकारियों को निर्देशित करते हुए कहा कि राज्य के अंतर्गत जिन जिलों में अत्यधिक बारिश जारी है एवं आगे भी भारी वर्षा की संभावना है। उन सभी जिलों के साथ परस्पर संवाद एवं समन्वय बनाकर रखें। ताकि आपातकाल की स्थितियों से समय रहते निपटा जा सके। उन्होंने अधिकारियों को आपदा राहत एवं बचाव कार्यों हेतु हमेशा अलर्ट मोड के रहने के निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि प्रदेश भर में नदी एवं नालों के इर्द-गिर्द रहने वाले लोगों को सतर्कता बरतने को कहा जाए। लोगों को पुनर्वास करने की स्थिति में प्रत्येक जिले में पर्याप्त मात्रा में रैन बसेरा, राहत सामग्री हो। इसका भी विशेष ध्यान रखा जाए। उन्होंने कहा जलभराव की स्थिति में पानी निकासी की पर्याप्त व्यवस्था हो। आपदा की दृष्टि से संवेदनशील स्थलों पर एडवांस में जेसीबी मशीन की भी व्यवस्था हो। उन्होंने कहा स्वास्थ्य, पुलिस, एस.डी.आर.एफ कर्मियों की आपदा की दृष्टि से पर्याप्त व्यवस्था की जाए।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने चारों धामों में यात्रियों की संख्या, भारी बारिश के बीच चार धामों की वर्तमान स्थिति की भी जानकारी प्राप्त की। उन्होंने श्री केदारनाथ धाम का ऑनलाइन माध्यम से लाइव अवलोकन भी किया।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने जिला अधिकारी हरिद्वार, जिलाधिकारी पिथौरागढ़, जिलाधिकारी चमोली से फोन से वार्ता कर वर्तमान स्थिति के बारे में जानकारी प्राप्त की मुख्यमंत्री ने हरिद्वार शहर के विभिन्न इलाकों में हो रहे जलभराव की स्थिति से जल्द निपटने के निर्देश दिए। उन्होंने आपदा की दृष्टि से संवेदनशील सीमांत क्षेत्र चमोली एवं पिथौरागढ़ में भी अधिकारियों को अलर्ट रहने के निर्देश दिए।
इस दौरान सचिव आपदा प्रबंधन डॉ. रंजीत कुमार सिन्हा, एवं अन्य लोग मौजूद रहे।

अतिवृष्टि में 13 लोग लापता, तलाश जारी, भारी नुकसान का आंकलन

उत्तराखंड में लगातार हो रही बारिश मुसीबत बनती जा रही है। बरसात के बाद उत्तराखंड में आपदा जैसे हालात हैं। बरसात के बाद मलबे में दबकर टिहरी जिले में तीन और पौड़ी जिले में भी एक व्यक्ति की मौत हुई। देहरादून में अतिवृष्टि के बाद पांच सहित प्रदेशभर में 13 लोग लापता हो गए हैं। मलबे में करीब एक दर्जन मकानों को भी नुकसान पहुंचा है। कई जिलों में नालों के उफान पर आने के बाद सड़कें भी बह गईं हैं।
भारी बरसात के बाद गंगा, काली, सरयू आदि नदियां उफान पर हैं। भूस्खलन से केदारनाथ हाईवे सहित प्रदेशभर में कई सड़कें बंद हो गईं हैं। नदियों के उफान पर आने से प्रशासन ने तटीय इलाकों में अलर्ट जारी किया है। बरसात के बाद भूस्खलन से कई मकान भी मलबे में दब गए हैं।
अतिवृष्टि से देहरादून, पौड़ी, टिहरी, चमोली, पिथौरागढ़ आदि जिलों में नुकसान हुआ है। प्रशासन द्वारा राहत व बचाव का कार्य किया जा रहा है। लेकिन, खराब मौसम प्रशासन के लिए चुनौती बना हुआ है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रदेश के विभिन्न स्थानों पर हो रही भारी वर्षा के कारण उत्पन्न परिस्थितियों के बारे में आपदा प्रबंधन विभाग से जानकारी ली। प्रशासन पूरी तरह अलर्ट मोड पर है। प्रभावित क्षेत्रों में आपदा प्रबंधन की टीमें लगातार कार्य कर रही हैं।

देहरादून में देहरादून में अतिवृष्टि से सरखेत में भारी नुकसान
शनिवार तड़के देहरादून और आसपास के इलाकों में भारी बारिश ने कहर बरपाया है। मालदेवता के सरखेत में बादल फटने जैसे हालात हैं। यहां तड़के कई घरों में मलबा और पानी भर गया। एक रिसोर्ट परिवार के महिलाओं बच्चों समेत कुछ लोग फंस गए। वहीं रायपुर-थानो रोड पर क्रिकेट स्टेडियम के पास सौंग नदी में बना पुल बह गया। इससे एक कार और तीन स्कूटी सवार नदी में जा गिरे। गनीमत रही कि उन्हें समय रहते रेस्क्यू कर लिया गया। घायल आठ लोगों को जौलीग्रांट अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
प्रेमनगर नदी में एक मजदूर को भी एसडीआरएफ की टीम ने बचाया। वहीं टपकेश्वर मंदिर क्षेत्र में भी तमसा नदी उफान पर है। यहां मंदिर परिसर में भी पानी घुस गया है। एसडीआरएफ़ के मुताबिक आपदा कंट्रोल रूम देहरादून द्वारा बताया गया कि एक व्यक्ति ने पौने तीन बजे बताया गया कि ग्राम सरखेत रायपुर में बादल फट गया है। कई लोग फंसे हैं। पोस्ट सहस्त्रधारा से निरीक्षक अनिरुद्ध भंडारी अपनी टीम के साथ रवाना हुए। लगातार हो रही मूसलाधार बारिश के कारण मार्ग मालदेवता पर बाधित मिला। वाहन के किसी सूरत में आगे न जाने की सूरत में टीम द्वारा बिना वक़्त गवाये तत्काल पैदल ही आगे बढ़ने का निर्णय लिया गया।
घटनास्थल पर पहुंचकर पता चला कि बादल फटने के कारण नदी एवं कुवा खाला में ज्यादा पानी आने से ग्राम सरखेत में कुछ मकानों में पानी घुस आया। टीम द्वारा ग्राम सरखेत में फंसे सभी लोगों को रेस्क्यू कर सुरक्षित कर दिया गया है। किसी भी प्रकार की जनहानि नही हुई है। चार-पांच किलोमीटर आगे कुछ लोग रिसॉर्ट में रुके हुए थे।
फोर्ट बेनियन रिसॉर्ट्स से करीब 20 लोगों को रेस्क्यू किया गया है। उन्हें पंचायत भवन तक एसडीआरएफकी टीम ले आई है। रेस्क्यू अभियान अभी जारी है। उधर, भारी बारिश के कारण सुबह शिक्षा विभाग ने स्कूल बंद रखने का आदेश सोशल मीडिया में जारी किया। हालांकि कई स्कूल जहां खुले हैं, वहीं कुछ ने बंद किया। कई जगह स्कूल से बच्चों को लौटाया गया।

टिहरी में भारी बारिश के बाद नुकसान
तहसील धनोल्टी के कुमाल्डा मालदेवता क्षेत्र में भारी वर्षा व अतिवृष्टि से नुकसान की सूचना है। राजस्व उपनिरीक्षक क्षेत्र भुत्शी और लॉर्खा में अतिवृष्टि के कारण लोगों का काफी नुकसान बताया जा रहा है। जनमानस की किसी भी प्रकार से हानि नहीं हुई है। लोगों को सुरक्षित स्थानों पर जाने की अपील की गई है। तौलिया काटल तहसील धनोल्टी क्षेत्रान्तर्गत कुमालड़ा, मालदेवता, भुत्सी, ल्वार्खा, सीतापुर में अतिवृष्टि से क्षति की सूचनाएं प्राप्त हो रही है।
क्षेत्र के लिए डीएम, एसडीएम व एडीएम रवाना हुये हैं, साथ ही जल संस्थान व विद्युत विभाग की टीम कुमालड़ा के लिए रवाना हुई है। सिंचाई विभाग की टीम भी रवाना। सोंग नदी के उफान से इंटर कॉलेज रगड़ गांव व मार्केट में नुकसान की सूचना। 12 गांवो को जोड़ने वाले पुल को भी नुकसान। 3 परिवारों को सिप्ट किया गया है। नरेंद्रनगर से रानीपोखरी जाने वाला स्टेट हाईवे 77 किमी 1, 5, 6 व 7 के पास बंद हो गया है।
थाना नरेंद्रनगर से प्राप्त जानकारी के अनुसार पीटीसी नरेंद्रनगर, हिंडोलाखाल और तचिला चाचा-भतीजा होटल के पास एनएच 94 बंद होने के कारण ट्रैफिक आगरखाल में रोका गया है। सकलाना पट्टी के ग्राम पंचायत कुमालडा, भरवा काटल और ग्राम पंचायत धौलागिरी के सीतापुर में भारी बारिश से नुकसान बताया जा रहा है। यहां पर भगवान सिंह पंवार की सरकारी गल्ला विक्रेता की दुकान, दुकान में भरा हुआ राशन और एक मोटरसाइकिल बहने की सूचना है।

17 मई से एक बार फिर मौसम बदलने के आसार

मौसम विभाग ने उत्तराखंड में अगले चार दिन तक मौसम साफ रहने का पूर्वानुमान लगाया है। खासकर बद्रीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री और यमनोत्री रूट पर मौसम साफ रहेगा। लेकिन कहीं-कहीं आंशिक बादल छा सकते हैं। 17 मई से एक बार फिर मौसम के करवट लेने और बारिश की संभावना जताई है।
निदेशक बिक्रम सिंह के मुताबिक उत्तराखंड में एक ताजा पश्चिमी विक्षोभ जल्द प्रभावी होगा। इससे एक बार फिर मौसम बदलने के आसार हैं। 13 से 16 मई के बीच आसमान में आंशिक बादलों की मौजूदगी के बीच आमतौर पर मौसम साफ रहने का अनुमान है। वहीं, कुमाऊं मंडल के पर्वतीय जिलों में गुरुवार को जमकर मेघ बरसे। मौसम विभाग ने इन इलाकों के लिए येलो अलर्ट जारी किया था।
पिथौरागढ़ के बेरीनाग में सर्वाधिक 112 एमएम, डीडीहाट में 28.6, धारचृला में 25.8 एमएम, पिथौरागढ़ में 9.1 एमएम बारिश दर्ज की गई। बागेश्वर के कांडा में 14, अल्मोड़ा में 15, चम्पावत में 20 एमएम बारिश हुई। उत्तरकाशी के डुंडा में 15 व चमोली के थराली में 5.5 एमएम बारिश दर्ज की गई। उत्तराखंड में गुरुवार को सामान्य से 54 फीसदी अधिक बारिश दर्ज की गई।
वहीं, दून शहर और आसपास के इलाकों में दोपहर के समय झमाझम बारिश से मौसम सुहाना हो गया। दून में दिन का अधिकतम तापमान 35.2 डिग्री सेल्सियस रहा, जो सामान्य से एक डिग्री अधिक था। न्यूनतम तापमान 24.1 डिग्री सेल्सियस रहा, जो सामान्य से 4 डिग्री अधिक था। दून में 17 और 18 को आसमान बादलों से भरा रह सकता है। तेज हवाओं के चलने की भी संभावना है।

पनियाली नाले में आए उफान से मलबा फैला, करंट फैलने से तीन की मौत

पनियाली नाले में आए उफान से कौडिया के एक घर में मलबा घुसने के बाद करंट फैल गया। इसकी चपेट में आने से तीन लोगों की मौत हो गई। यह तीनों उस वक्त कमरों से सामान बाहर निकाल रहे थे। बरसाती नाले का पानी और इसके साथ आया मलबा आमपड़ाव और कौडिया के आधा दर्जन से ज्यादा घरों में घुसा। गुजरे तीन सालों से पनियाली नाला आसपास के इलाकों में कहर बरपा रहा है, लेकिन सिंचाई विभाग यहां बाढ़ सुरक्षा प्रबंध नहीं कर पाया। इससे नाराज क्षेत्रवासियों ने मंगलवार को सिंचाई विभाग के कार्यालय में तालाबंदी की।
कोटद्वार में सुबह सात बजे से शुरू हुई मूसलाधार बारिश करीब डेढ़ घंटे चली। इससे आसपास के इलाकों के नदी-नाले उफान पर आ गए। पनियाली नाले के पानी के साथ काफी मात्रा में मलबा आम पड़ाव और कौडिया स्थित कुछ घरों में घुस गया। इस नाले में सुरक्षा दीवार बनाने के लिए यहां से निकाला गया मलबा वहीं नाले के दोनों किनारों पर एकत्र किया गया था, यही मलबा पानी के बहाव के साथ लोगों के घरों तक पहुंचा। तेज हवाएं चलने और बारिश होने के चलते उस वक्त पूरे इलाके में बिजली भी गुल हो गई।
अफरा-तफरी में लोग घरों को छोड़कर सुरक्षित स्थानों पर चले गए। इसी दरम्यान कौडिया निवासी रणजीत सिंह (30) पुत्र बलवीर अपने घर से सामान बाहर निकाल रहा था। उसकी मदद के लिए पड़ोस में रहने वाले अरुण (28) पुत्र कमल और शाकुन (23) पुत्र गुलशन भी वहां पहुंचे थे। तीनों कमरों से सामान निकाल ही रहे थे, तभी इलाके में बिजली की आपूर्ति बहाल हो गई। घर में मलबा भर जाने की वजह से रणजीत के घर में करंट फैल गया। तीनों लोग इसकी चपेट में आ गए। उन्हें तत्काल बेस चिकित्सालय कोटद्वार ले जाया गया, जहां चिकित्सकों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।
रणजीत बैंक में कार्यरत था। हादसे में मारे जाने वाले अन्य दोनों युवकों में अरुण मूल रूप से उत्तर प्रदेश के बिजनौर जिले के ढाकी (नजीबाबाद) और शाकुन इसी जिले सिकरौड़ा नवादा का रहने वाला था। अरुण भारत इलेक्ट्रानिक्स लिमिटेड की कोटद्वार इकाई में कार्यरत था, जबकि शाकुन कोटद्वार में नगर निगम के ट्रेचिग ग्राउंड में कूड़ा निस्तारण के कार्य करता था।