निशंक के सक्रिय होने से भाजपा को मिल रहा बल, मैनेजमेंट के गुरु माने जाते है पूर्व सीएम

पूर्व मुख्यमंत्री व पूर्व केंद्रीय शिक्षा मंत्री डॉ रमेश पोखरियाल निशंक ने आज देहरादून से हल्द्वानी में आयोजित वर्चुअल पत्रकार वार्ता संबोधित करते हुए कहा कि प्रदेश की जनता भाजपा के ‘अबकी बार 60 पार’ की अपील पर मुहर लगाने वाली है। मौसम खराब होने के कारण वहाँ नहीं पहुँच पाने पर खेद जताने के बाद उन्होने विश्वास जताया कि लोग भाजपा द्धारा राज्य बनाने के लिए किए संघर्ष और उनकी पार्टी की सरकारों के विकास कार्यों को नहीं भूले हैं और न ही कॉंग्रेस पार्टी की राज्य निर्माण विरोधी सोच और उनकी सरकारों के कुशासन को।
देहरादून में बलबीर रोड स्थित प्रदेश भाजपा कार्यालय से वर्चुअली पत्रकारों से मुखातिब होते हुए पूर्व सीएम ने कहा कि राज्य निर्माण को लेकर भाजपा की भावना और प्रयास तभी से स्पष्ट नज़र आते हैं जब अविभाजित उत्तरप्रदेश के कार्यकाल में ही पार्टी ने उत्तरांचल को अलग प्रदेश संग़ठन का दर्जा दे दिया था। वहीं कॉंग्रेस को शर्म आनी चाहिए, जिन्होने हमेशा पृथक राज्य का विरोध किया। उत्तराखंड के सच्चे सपूत तो अटल जी थे जिन्होने राज्य की जनता के सम्मान में न केवल अलग राज्य की दशकों पुरानी मांग को पूरा किया साथ ही उसके विकास के लिए विशेष पैकेज भी दिया। कॉंग्रेस की सरकारों ने तो सूबे के लिए न कोई विकास का कार्य किया अपितु विशेष राज्य की सौगात को भी मनमोहन सरकार में तय अविधि से पहले ही वापिस ले लिया।
अपने मुख्यमंत्री काल के अनुभवों को याद करते हुए उन्होने कहा कि 100-200 करोड़ की योजनाओं के लिए भी उन्हे केंद्र की कॉंग्रेस सरकार के सामने गिड्गिड़ाना पड़ता था। वहीं आज मोदी सरकार ने 1 लाख करोड़ के कार्य राज्य में करवाए हैं, हाल में ही हल्द्वानी में लगभग 17.50 हज़ार करोड़ और देहरादून में 18.50 हज़ार करोड़ की योजनाओं का शिलान्यास और लोकार्पण इसकी एक बानगी है। वहीं हल्द्वानी के लिए ही 2000 करोड़ के विकास योजनाओं को स्वीकृति दी, इतनी स्वीकृति तो कॉंग्रेस की सरकारों ने समूचे राज्य के लिए भी कभी नहीं दी होगी। आज बड़ी बेशर्मी से सैनिक प्रेमी होने का स्वांग रच रहे हैं। वहीं दिवंगत जनरल रावत को सड़क का गुंडा कहने वाले, सर्जिकल स्ट्राइक पर सबूत मांगकर भारतीय सेना के शौर्य का अपमान करने वाले, कश्मीर में हमारे जवानों को बलात्कारी कहने वाले इनकी पार्टी में खुलेआम बड़े-बड़े पदों पर बैठे हैं।
पीएम मोदी के मार्गदर्शन में प्रदेश की भाजपा सरकार द्धारा किए विकास कार्यों से राज्य अब उस मुकाम की और है जब वर्ष 2025 में राज्य रजत जयंती आते आते देश में उत्तराखंड का दशक होगा । केंद्र ने अटल आयुष्मान से देश में गरीबों के स्वास्थ्य की चिंता की तो प्रदेश सरकार ने उसे प्रत्येक राज्यवासी तक उसे पहुंचा दिया। चाहे उज्ज्वला से माँ बहनों को धुएँ से निजात दिलाने की बात हो या किसान सम्मान और श्रमिक कार्ड से प्रदेशवासियों का स्वाभिमान दिलाने की बात हो या फिर हर घर बिजली और हर नल पानी की बात हो ।विकास के सभी मोर्चों पर प्रदेश की भाजपा सरकार ने बेहतर कार्य किया है। उत्तराखंड की जनता देशभक्त है और वह नहीं भूल सकती कि उसके एक वोट से आज़ादी के समय से कश्मीर से धारा 370 हटाने की मांग पूरी हुई, एक वोट से पाकिस्तान में घुसकर सर्जिकल स्ट्राइक हुई, एक वोट से सैकड़ों वर्ष पुरानी राष्ट्रीय स्वाभिमान से जुड़ी श्री राम जन्मभूमि पर मंदिर निर्माण की मांग पूरी हुई, एक वोट से तीन तलाक पर रोक लगी और मुस्लिम बहिनों को न्याय मिला । ऐसा और भी बहुत कुछ है जिससे साबित होता है मोदी जी ने और उनके मार्गदर्शन में चल रही प्रदेश की भाजपा सरकार ने जो कहा था वो किया है और अब जो कह रही है उसे भी अवश्य पूरा करेगी।
इस अवसर पर पूर्व सीएम निशंक के साथ प्रदेश कार्यालय से पार्टी प्रदेश महामंत्री कुलदीप कुमार एवं राजेन्द्र भण्डारी, पुनीत मित्तल, कौस्तुभानन्द जोशी, अजीत नेगी आदि पार्टी पदाधिकारी मौजूद थे ।

शिक्षा नीति में पूरे देश से अध्यापकों और छात्रों में दिख रहा उत्साहः नमो

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के तहत 21 वीं सदी में स्कूली शिक्षा को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि पिछले तीन दशकों में दुनिया का हर क्षेत्र बदल गया, हर व्यवस्था बदल गई। अब हमें राष्ट्रीय शिक्षा नीति को उतने ही प्रभावी तरीके से लागू करना है, और ये काम हम सब मिलकर करेंगे। उन्होंने खुशी जाहिर करते हुए कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति को लागू करने पर प्रिंसिपल्स और अध्यापक पूरे उत्साह में दिख रहे हैं।

उन्होंने कहा कि बच्चों में मैथमेटिकल्स थिकिंग और साइंटिफिक टेम्परामेंट विकसित हो, ये बहुत आवश्यक है। मैथमेटिकल्स थिकिंग का मतलब केवल यही नहीं है कि बच्चे मैथमेटिकल्स के प्रॉब्लम ही सॉल्व करें. बल्कि ये सोचने का एक तरीका है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति के ऐलान होने के बाद बहुत से लोगों के मन में कई सवाल आ रहे हैं, सवाल जायज भी हैं और जरूरी भी हैं। आज हम सभी एक ऐसे क्षण का हिस्सा बन रहे हैं जो देश के भविष्य निर्माण की नींव डाल रहा है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति 21 वी सदी के भारत को नई दिशा देने वाली है। कितने ही प्रोफेशन हैं जिनके लिए डीप स्किल्स की जरूरत होती है, लेकिन हम उन्हें महत्व ही नहीं देते। एनईपी को इसी तरह तैयार किया गया है ताकि सैलेबस को कम किया जा सके और फंडामेंटल्स चीजों पर ध्यान केन्द्रित किया जा सके।

एनआईटी के स्थाई कैंपस के निर्माण से प्रदेश में क्वालिटी एजुकेशन को मिलेगा बढ़ावा

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने सुमाङी में एनआईटी के स्थाई केम्पस के लिए 909.85 करोङ रूपए की स्वीकृति पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री डा. रमेश पोखरियाल निशंक का आभार व्यक्त किया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार अपने व्यय पर संस्थान के लिए बिजली व पानी की व्यवस्था करेगी और सङक का निर्माण करेगी। प्रदेशवासियों की लम्बे समय से चली आ रही मांग पूरी हुई है। एनआईटी के स्थाई कैम्पस के निर्माण से प्रदेश में क्वालिटी एजुकेशन को बढावा मिलेगा। साथ ही क्षेत्रवासियों की आर्थिकी भी मजबूत होगी।

उच्च शिक्षा राज्य मंत्री डा. धन सिंह रावत ने भी प्रसन्नता जताते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, केंद्रीय मानव संसाधन मंत्री डा.रमेश पोखरियाल निशंक और मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत का धन्यवाद करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री और वे स्वयं भी इसके लिए प्रयासरत थे और केंद्र सरकार से अनुरोध किया था। अब संस्थान के लिये धनराशि की मंजूरी से राज्य की बङी मांग पूरी हुई है। कुल 909.85 करोङ रूपए में से 78.81 करोङ रूपए वर्तमान के अस्थायी कैम्पस के सुदृढ़ीकरण के लिए स्वीकृत किए गए हैं।