राशन कार्ड धारकों की मासिक आय मानक में वृद्धि की जाए

उत्तराखंड जन विकास मंच के कार्यकर्ताओं ने उप जिलाधिकारी ऋषिकेश के माध्यम से मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को राशन कार्ड धारकों की मासिक आय मानक में वृद्धि करने के संबंध में ज्ञापन दिया।

मंच के अध्यक्ष आशुतोष शर्मा ने कहा कि भारत सरकार द्वारा राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना 2013 मैं लागू की गई। जिसका उद्देश्य मानव को गरिमा पूर्ण व सम्मानजनक जीवन व्यतीत करने के उद्देश्य से उचित दरों पर गुणवत्ता पूर्ण आहार सुनिश्चित करते हुए खाद्य व पोषण सुरक्षा प्रदान करना है। इस योजना का लाभ देश की लगभग दो-तिहाई आबादी को प्राप्त हो रहा है। इससे एक कदम आगे बढ़ते हुए सितंबर 2021 से प्रवासी श्रमिकों हेतु एक राष्ट्र,एक राशन कार्ड योजना के अंतर्गतराष्ट्रीय पोर्टेबिलिटी की सुविधा 34 राज्यों /केंद्र शासित प्रदेशों में निर्बाध रूप से चल रही है।

कहा कि वर्तमान में उत्तराखंड सरकार द्वारा पात्र राशन कार्ड धारकों को जिनकी वार्षिक आय/ मासिक आय राशन कार्ड मानकों के अनुसार अधिक हो रही है उन्हें 31 मई,2022 तक अपना राशन कार्ड सरेंडर करने को कहा गया है, जो एक सराहनीय कदम है। परंतु इस संबंध में मंच का यह मानना है कि राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम जो कि 2013 में प्रभावी हुआ। जिसको लगभग 10 वर्ष का समय व्यतीत हो रहा है इस समयावधि में महंगाई दर में काफी बढ़ोतरी हुई है और मुद्रा की क्रय शक्ति बहुत घट गई है क्रय शक्ति समता नियम का पालन करते हुए राशन कार्ड धारकों की आय के मानकों में उनकी सूची के अनुसार परिवर्तन पर दोगुना किया जाए और प्राथमिक परिवार जिनकी मासिक आय 15000 से कम मानक वाली बाध्यता को समाप्त किया जाए। तभी जाकर सही अर्थों में समाज के सभी लक्षित समूह व वर्ग को राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना का लाभ प्राप्त हो सकेगा।

ज्ञापन देने वालों में योगेश शर्मा, जतिन जाटव, चंदन सिंह राणा, राकेश थपलियाल, कुंवर सिंह, राजेंद्र पाल, आकाश, हरीश आदि उपस्थित रहे।

यहां जाकर, अब मसूर की दाल भी सस्ती खरीदों

मुख्यमंत्री दाल पोषित योजना के तहत उत्तराखंड के 23 लाख राशन कार्ड धारकों को इसी माह से सरकारी सस्ते गल्ले की दुकानों पर सस्ती दरों पर मसूर दाल मिलेगी। सरकार ने मसूर दाल के रेट 50 रुपये प्रति किलो. तय किया है। इसमें सरकार आठ रुपये की सब्सिडी देगी।
प्रदेश के राशन कार्ड धारकों को सस्ती दरों पर दालें वितरित करने के लिए 12 सितंबर को मुख्यमंत्री दाल पोषित योजना शुरू की गई थी। योजना में प्रत्येक राशन कार्ड पर प्रति माह दो प्रकार की दाल एक-एक किलो देने की व्यवस्था है, लेकिन अभी तक कार्ड धारकों को 41 रुपये प्रति किलो के हिसाब से दो किलो चना दाल ही दी जा रही थी। योजना में अब सरकार ने मसूर दाल के रेट निर्धारित कर दिए हैं। सस्ते गल्ले की दुकानों पर राशन कार्ड धारकों को 50 रुपये प्रति किलो की दर से मसूर दाल उपलब्ध होगी। जबकि बाजार में इस दाल की कीमत 65 से 70 रुपये प्रति किलो है।

सब्सिडी-आठ रुपये
दाल के रेट अधिक होने से सरकार ने भी अपने संसाधनों से मसूर दाल पर आठ रुपये की सब्सिडी दी है। सचिव खाद्य एवं आपूर्ति सुशील कुमार ने बताया कि मसूर दाल के रेट पर सरकार की अनुमति मिल गई है।
राशन कार्ड धारकों की संख्या के अनुसार 23 हजार क्विंटल मसूर दाल की डिमांड केंद्र सरकार को भेजी गई है। जल्द ही दाल की आपूर्ति होते ही उपभोक्ताओं को सस्ते गल्ले की दुकानों पर चना के साथ मसूर की दाल भी मिलेगी।