सहकारी बैंक किसान का ऋण लेने को तैयार नही

आरबीआई के निर्देश पर पुराने नोट जमा नही कर रहा बैंक
किसान पर नोट बंदी से दोहरी मार

ऋषिकेश।
नोटबंदी का असर ऋषिनगरी से सटे ग्रामीण इलाकों के किसानों पर भी पड़ता दिख रहा है। पांच सौ हजार के नोट से बीज, खाद आदि की खरीददारी किसान कर नही सकता है। सहकारी बैंक खाताधारकों से जमा स्वीकार नही कर रहा है। इसका सीधा असर उन किसानों पर पड रहा है। जिन्होंने बैंक से खेती के लिए ऋण लिया है। सहकारी समिति बैंक के अन्तरगत कार्य करती है।
श्यामपुर सहकारी समिति ने छिद्दरवाला, श्यामपुर, भट्टोवाला आदि क्षेत्रों के 145 किसानों को करीब 70 लाख रुपये का कृषि ऋण दिया था। धान की फसल होने के बाद किसानों ने समिति का ऋण वापस देना था। ऋण की समय अवधि होने के बावजूद भी करीब 8 किसान की अब नोट बंदी की मार झेल रहे है। सहकारी समिति और सहकारी बैंक ऋण की धनराशि स्वीकार नही कर रहा है।
चकजोगी वाला के हरजीत सिंह, छिद्दरवाला के हरीश कुमार, खैरीकलां श्यामपुर के ऋषिराम ध्यानी, खैरीखुर्द श्यामपुर के विजयराम पेटवाल, गढी मयचक श्यामपुर के राजपाल पंवार ने सहकारी समिति से कृषि ऋण लिया था। फसल की बिक्री के बाद अगली फसल की बुआई होने तक ऋण की अवधि शेष रहने पर उन्होंने ऋण नवंबर माह के अंत में देने का निर्णय लिया था। लेकिन अब नोट बंदी के चलते 8 किसान न तो पुराने नोट से बुआई का सामान नही खरीद पा रहे है।101
वहीं बैंक व सहकारी समिति का ऋण देने जा रहे किसानों का ऋण भी स्वीकार नही किया जा रहा है। किसानों का कहना है कि उनके लिए तो जीने और मरने की बात हो गई है। पुराने नोट की नकदी का क्या करे? कैसे बुआई करें और ऋण की समय अवधि खत्म हो जायेगी तो क्या करेंगे। समस्या यह है कि आरबीआई के निर्देश पर सहकारी समिति ने 10 नवंबर और सहकारी बैंक ने 14 नवंबर से पुराने पांच सौ व हजार के नोट जमा में स्वीकार करने बंद कर दिये है।