आयोग के अध्यक्ष ने कहा-परीक्षार्थियों के हितों का पूरा ध्यान रखा जा रहा

उत्तराखण्ड लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष डॉ0 राकेश कुमार द्वारा अवगत कराया गया है कि अभ्यर्थियों के भविष्य एवं हितों को ध्यान में रखते हुए वर्ष 2023 के दौरान आयोग द्वारा लगभग 32 परीक्षाओं का आयोजन कराया जाना प्रस्तावित किया गया है। जिसके दृष्टिगत ही राजस्व उप निरीक्षक (पटवारी व लेखपाल) परीक्षा-2022 अपनी निर्धारित तिथि 12 फरवरी, 2023 को राज्य भर के विभिन्न परीक्षा केन्द्रों पर कड़ी सुरक्षा के बीच आयोजित की जाएगी।
कतिपय लोगों द्वारा विभिन्न मंचों एवं विशेष तौर पर मीडिया के माध्यम से दिनांक 08 जनवरी, 2023 को आयोजित इस पटवारी व लेखपाल परीक्षा के परीक्षा के पेपर लीक प्रकरण का उल्लेख करते हुए आगामी परीक्षाओं के बारे में अनेक शंकाएं व्यक्त की जा रही हैं। इस बारे में स्पष्ट करना है कि जैसे ही पुलिस विभाग से इस बारे में आयोग को पुष्ट सूचना दी गई, आयोग द्वारा त्वरित कार्यवाही करते हुए दिनांक 08 जनवरी, 2023 को आयोजित पटवारी व लेखपाल परीक्षा-2022 को निरस्त किया गया तथा अभ्यर्थियों की सुविधार्थ लगभग एक माह का समय देते हुए एवं उनकी परीक्षा तैयारियों को ध्यान में रखते हुए पटवारी परीक्षा हेतु 12 फरवरी, 2023 तिथि घोषित कर दी गई थी।
साथ ही वर्ष 2022 में हुई एई व जेई परीक्षा के बारे में भी विभिन्न माध्यमों द्वारा संदेह जाहिर करने के उपरान्त एक आन्तरिक जांच के लिए आदेश दिए गए। आन्तरिक जांच में संदेह व्यक्त करने के दृष्टिगत आयोग द्वारा भी एसएसपी, हरिद्वार व एसआईटी को एई व जेई के मामले की गहन जांच एवं कठोर कार्यवाही हेतु अनुरोध किया गया था। चूँकि पेपर लीक प्रकरण में आरोपित संजीव चतुर्वेदी, जिन्हें आयोग द्वारा निलम्बित कर दिया गया है, के द्वारा पटवारी परीक्षा के अलावा वन आरक्षी परीक्षा-2022 के प्रश्नबैंक व प्रश्नपत्र निर्माण भी कराये गये थे, अतः आयोग द्वारा परीक्षा की शुचिता एवं गोपनीयता सुनिश्चित करने के दृष्टिगत नये प्रश्न-पत्रों का निर्माण कराते हुए आयोजित कराये जाने का निर्णय लिया गया। साथ ही वन आरक्षी परीक्षा एवं पीसीएस मुख्य परीक्षा हेतु पूर्व में छपे सभी प्रश्न-पत्रों एवं प्रश्न बैंक को आयोग के एक सदस्य की अध्यक्षता में गठित उच्च स्तरीय समिति की देखरेख में नियमानुसार विनष्टीकरण किया जाना सुनिश्चित किया गया।
यह भी उल्लेखनीय है कि आगामी समस्त परीक्षाओं को सम्पन्न कराने हेतु आयोग द्वारा नई टीम तैनात की गई है। साथ ही परिसर में पुलिस व ईण्टेलीजेन्स विभाग द्वारा स्थापित की गई दोहरे सुरक्षा चक्र के माध्यम से कड़ी सुरक्षा के बीच नई टीम द्वारा नये प्रश्न बैंक एवं नये प्रश्नपत्र तैयार कराये गये हैं और कराये जा रहे हैं तथा नये प्रश्न-पत्रों के अनुसार ही फरवरी से अप्रैल, 2023 के मध्य पटवारीध्लेखपाल परीक्षा-2022 को 12 फरवरी, 2023, पी0सी0एस0 मुख्य परीक्षा-2021 को दिनांक 23 से 26 फरवरी, 2023 एवं वन आरक्षी परीक्षा- 2022 को दिनांक 09 अप्रैल, 2023 को आयोजित किया जाएगा।
यह भी अवगत कराना है कि पुलिस विभाग द्वारा पटवारी परीक्षा पेपर लीक प्रकरण में गतिमान जाँच के तहत वर्तमान में आयोग को 44 संलिप्त अभ्यर्थियों एवं एई व जेई परीक्षा पेपर लीक में 12 संलिप्त अभ्यर्थियों की सूची उपलब्ध कराई गई है, जिनका मिलान व सत्यापन करते हुए यथासम्भव आज ही उक्त सूची आयोग की वेबसाईट पर अपलोड कर दी जाएगी। साथ ही इन अभ्यर्थियों को नियमानुसार नोटिस जारी करने एवं आगामी परीक्षा से प्रतिवारित किये जाने हेतु आवश्यक कार्यवाही प्रारम्भ की जा रही है।
समस्त अभ्यर्थियों को आश्वस्त किया जाता है कि आयोग उनके हितों को सदैव प्राथमिकता देता है। इसलिए वह किसी भी प्रकार की भ्रामक सूचनाओं व अफवाहों पर ध्यान न देते हुए पूरे मनोयोग से आगामी परीक्षाओं की तैयारी करें।

भर्ती परीक्षाओं को लेकर सीएम के निर्देश, हर 15 दिन में समीक्षा की जाए

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी को निर्देश दिए हैं कि भर्ती परीक्षाओं में तेजी लाने के लिए शासन स्तर पर प्रत्येक 15 दिन में समीक्षा बैठक की जाय। सभी विभागों से रिक्त पदों का पूरा ब्यौरा लेकर जल्द से जल्द अधियाचन भेजे जाएं। जहां पर तदर्थ और आउटसोर्सिंग आदि के माध्यम से नियुक्तियां होनी हैं उसमें भर्ती प्रक्रिया में भी तेजी लायी जाये। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा राज्य के युवाओं को रोजगार के पर्याप्त अवसर दिए जायेंगे। उन्होंने कहा कि सभी भर्ती प्रक्रियाएं पूर्ण पारदर्शिता के साथ सुनिश्चित की जाएं। भर्ती प्रक्रियाओं में अगर कोई भी गड़बड़ी के प्रयास करे तो उन्हें सख्त से सख्त सजा दिलाई जाए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि 2025 तक उत्तराखंड को ड्रग्स फ्री राज्य बनाने का लक्ष्य रखा गया। इसके लिए विभिन्न विभागों द्वारा किए जा रहे प्रयासों की भी लगातार समीक्षा की जाय। अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी को ड्रग्स फ्री उत्तराखंड बनाने के लिए 15 दिनों में संबंधित विभागों के साथ बैठक करने के निर्देश मुख्यमंत्री ने दिए हैं।

धामी सरकार परीक्षाओं में नकल रोकने के लिए बनाने जा रही नियम, मिलेगी इतने साल की सजा

भर्तियों में नकल रोकने के लिए बनेगा कानून, मसौदा तैयार, विधानसभा में पास कराने की तैयारी सरकार ने किसी एक आयोग के बजाए प्रदेश में सभी भर्ती कराने वाली संस्थाओं के लिए ‘उत्तराखंड सरकारी सेवाओं में नकल निषेध अधिनियम 2022’ तैयार कर लिया है। शासन स्तर पर हुई बैठक में इस अधिनियम के सभी बिंदुओं पर विस्तार से चर्चा की गई।
उत्तराखंड में सभी आयोग, बोर्ड, परिषद या विश्वविद्यालय की ओर से होने वाली भर्ती परीक्षाओं में नकल रोकने के लिए सख्त कानून का मसौदा तैयार कर लिया गया है। आगामी विधानसभा सत्र के दौरान सरकार इसे पटल पर रखने की तैयारी में है। शासन स्तर पर हुई बैठक में सभी बिंदुओं पर चर्चा के बाद इसे अंतिम रूप दे दिया गया है।
सरकार ने किसी एक आयोग के बजाए प्रदेश में सभी भर्ती कराने वाली संस्थाओं के लिए ‘उत्तराखंड सरकारी सेवाओं में नकल निषेध अधिनियम 2022’ तैयार कर लिया है। शासन स्तर पर हुई बैठक में इस अधिनियम के सभी बिंदुओं पर विस्तार से चर्चा की गई बैठक में तय किया गया कि कानून में उम्मीदवारों, परीक्षा कराने वाली संस्थाओं और नकल माफियाओं के लिए सजा के अलग-अलग प्रावधान होंगे।
अपर सचिव कार्मिक कर्मेन्द्र सिंह ने बताया कि प्रदेशभर में होने वाली सरकारी भर्तियों के लिए अधिनियम को लेकर हुई बैठक में न्याय विभाग सहित तमाम संबधित विभागों ने अपने सुझाव दे दिए हैं। दरअसल, अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की स्नातक स्तरीय के साथ ही कई भर्तियों में बड़े पैमाने पर नकल सामने आने के बाद प्रदेश में सख्त नकलरोधी कानून की जरूरत महसूस हुई। आयोग ने बोर्ड बैठक में ऐसे कानून का प्रस्ताव तैयार कर शासन को भेजा था।

प्रदेश में पहली बार ऐसे लागू होगा नकलनिषेध कानून
उत्तराखंड सरकार प्रदेश में पहली बार सख्त नकल निषेध कानून लाने जा रही है। जो मसौदा तैयार हुआ है, उसे कैबिनेट बैठक में लाया जाएगा। यहां से मुहर लगने के बाद विधानसभा सत्र के दौरान पटल पर रखा जाएगा। पास होने के साथ ही यह अधिनियम कानून के रूप में लागू हो जाएगा।

अभी तक यह है प्रावधान
अभी तक पेपर लीक का कोई भी मामला प्रकाश में आने के बाद उत्तराखंड के नकल रोधी कानून के तहत आरोपियों पर आईपीसी की धारा 420, 120 बी या हाईटेक नकल होने पर आईटी एक्ट में ही मुकदमे दर्ज होते हैं। आयोग का मानना है कि इन अपराधियों के लिए कानून के यह प्रावधान कमतर हैं।

अब ये सजा संभव
-उम्मीदवारों पर जुर्माने के साथ ही दो से तीन साल की सजा और परीक्षाओं से दो साल तक डिबार करना।
-संस्था की पेपर लीक में भूमिका होने पर भारी भरकम जुर्माना और पांच से सात साल तक की सजा।
-नकल माफिया या गिरोह की भूमिका पर दस साल तक सजा के अलावा संपत्ति कुर्की व दस लाख तक जुर्माना।
-नकल को संज्ञेय और गैर जमानती अपराध मानकर इसकी जांच एडिशनल एसपी स्तर के अधिकारी ही करेंगे।

कानून न होने पर पेपर लीक के 42 में से 18 आरोपियों की हो चुकी जमानत
प्रदेश में नकल निषेध का कोई सख्त कानून न होने की वजह से अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की भर्तियों में पेपर लीक के 42 आरोपियों में से 18 की जमानत हो चुकी है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी पहले से ही भर्तियों का पूर्ण पारदर्शी सिस्टम तैयार करने और नकल-पेपर लीक रोकने के लिए बड़ा फैसला लेने की बात कह चुके हैं।

23 परीक्षाओं हेतु अतिरिक्त परीक्षा कलेण्डर जारी

उत्तराखंड लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष डॉ राकेश कुमार ने कार्यालय में अधिकारियों के साथ परीक्षा कैलेंडर को लेकर बैठक ली और शासन द्वारा हाल ही में आयोग को प्रेषित समूह ग की 23 परीक्षाओं हेतु अतिरिक्त परीक्षा कलेण्डर जारी कर दिया गया है। इस प्रकार संलग्न लिस्ट में उल्लेखित 16 परिक्षाओ की प्रस्तावित विज्ञापन तिथि और परीक्षा तिथि निर्धारित की गई हैं।
आयोग ने यह संकल्प दोहराया है कि उपर्युक्त समस्त परीक्षाएं समयबद्ध तरीके से वर्ष 2022 एवं 2023 के दौरान आयोजित की जाएंगी।
अध्यक्ष द्वारा वर्ष 2022 के प्रारंभ में निर्गत यूकेपीएससी के मुख्य वार्षिक परीक्षा कलेण्डर के बारे में अवगत कराया गया है कि आयोग के उक्त परीक्षा कलेण्डर में उल्लिखित 23 परीक्षाएं निर्धारित की गयी थी, जिनमें से अब तक 18 परीक्षाएं सफलतापूर्वक सम्पन्न की जा चुकी हैं तथा 4 परीक्षाओं का आयोजन इस वर्ष के अंत तक पूरा कर लिया जाएगा।
इनमें पीसीएस मुख्य परीक्षा-2021 का आयोजन दिनांक 12 से 15 नवम्बर, 2022 के दौरान किया जाना सम्मिलित है तथा शेष एक वन क्षेत्राधिकारी परीक्षा को स्थगित किया गया है।
सिविल जज जू.डि. परीक्षा, एई परीक्षा, सहायक अभियोजन अधिकारी परीक्षा, असिस्टेंट प्रोफेसर, वन क्षेत्राधिकारी एवं सहायक भूवैज्ञानिक परीक्षा के संदर्भ में आयोग द्वारा अग्रेतर कार्यवाही तभी की जा सकेगी जब क्षैतिज आरक्षण के संदर्भ में उच्च न्यायालय, उत्तराखण्ड द्वारा हाल ही में पारित आदेश के आलोक में शासन द्वारा आरक्षण प्रक्रिया सुनिश्चित करते हुए आयोग को अवगत कराया जाएगा।
आयोग के अध्यक्ष डॉ राकेश कुमार द्वारा यह भी जानकारी दी गई है कि आरक्षण से सम्बन्धित उत्पन्न कतिपय विसंगतियों के निस्तारण हेतु आयोग द्वारा प्राप्त लगभग 29 अधियाचनों को शासन को प्रत्यावर्तित कर दिया गया है तथा शासन से संशोधित अधियाचन प्राप्त होने के पश्चात् आयोग द्वारा उनके लिए पृथक से एक परीक्षा कलेण्डर जारी करते हुए समानान्तर ढंग से परीक्षाएं आयोजित की जाएंगी। वर्तमान में उक्त 29 अधियाचनों को संशोधित किये जाने की कार्यवाही शासन स्तर पर गतिमान है।

धाकड़ धामी की बल्लेबाजी से पहली बार जड़ तक पहुंच रही जांच

लोकराज लोकलाज से चलता है। यह संदेश दिया है सूबे के मुखिया पुष्कर सिंह धामी ने। धाकड़ धामी ने विधानसभा सचिवालय में भर्ती के मामले में स्पीकर ऋतु खंडूड़ी को जो दो दिन पहले पत्र लिखा। उस पत्र पर संज्ञान लेते हुए स्पीकर खंडूड़ी ने तीन सदस्यीय जांच समिति बिठा दी। समिति एक माह में अपनी रिपोर्ट देगी। इस मामले में विवादित सचिव मुकेश सिंघल को एक माह के लंबे अवकाश पर भेज दिया है।
आम जनमानस मान रहा था कि इस मामले में लीपा-पोती हो सकती है क्योंकि इसमें कई दिग्गज नेताओं के नाम सामने आ रहे थे। लेकिन अपने निर्णयों से सबको चौंकाने वाले सूबे के मुखिया पुष्कर सिंह धामी ने सख्त कदम उठाया और यह संदेश दिया कि मौजूदा सरकार भ्रष्टाचार को किसी भी आधार पर बर्दाश्त नहीं करेगी। मुख्यमंत्री धामी ने जनभावनाओं के अनुरूप यह कदम उठा कर लोगों का विश्वास बरकरार रखा है। उनके इस फैसले की पूरे देश में प्रशंसा हो रही है।
गौरतलब है कि मौजूदा समय में यूकेएसएसएससी पेपर लीक कांड और पूर्व में हुई भर्तियों के मामले ने तूल पकड़ा है। मुख्यमंत्री ने इस मामले में सख्त कदम उठाते हुए एसटीएफ को जांच के आदेश दिये। पेपर लीक कांड में अब तक 32 लोग गिरफ्तार हो चुके हैं और जांच जारी है। सीएम धामी ने स्पष्ट कहा है कि एसटीएफ मामले की तह तक जाएगी और दोषियों को कतई बख्शा नहीं जाएगा। धामी के भ्रष्टाचार पर चोट करने वाले इन दो फैसले इस बात की तस्दीक कर रहे हैं कि उत्तराखंड 2025 में देश के अग्रणी राज्यों में शुमार होगा।