प्रातः 6 बजकर 25 मिनट पर विधि-विधान से खुले श्री केदारनाथ धाम के कपाट

श्री केदारनाथ धाम के कपाट आज बाबा केदारनाथ की जय उदघोष के साथ आज वृष लग्न में प्रातः 6 बजकर 25 मिनट पर खुल गये है। इस अवसर पर मंदिर को भब्य रूप से नौ क्विंटल फूलों से सजाया गया था। सेना की मराठा रेजीमेंट के बैंड की भक्तिमय धुनों के साथ देश-विदेश से आये 10 हजार से अधिक श्रद्धालुजन कपाट खुलने के गवाह बने। प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी कपाट खुलने के साक्षी बने।
आज प्रात साढ़े चार बजे से श्री बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति ने कपाटोद्घाटन की तैयारी शुरू कर दी थी। श्री केदारनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति के अध्यक्ष अजेंद्र अजय सहित धाम के रावल भीमाशंकर लिंग, केदारनाथ धाम के पुजारी टी गंगाधर लिंग, आयुक्त गढवाल सुशील कुमार, जिलाधिकारी मयूर दीक्षित सहित मंदिर समिति मुख्य कार्याधिकारी बी.डी. सिंह, वेदपाठी आचार्यगणों ने मंदिर के पूरब द्वार से मंदिर के सभामंडप में प्रवेश किया। पांच बजे से मंदिर के गर्भगृह के द्वार का पूजन शुरू हुआ।
श्री केदारनाथ धाम के रक्षक क्षेत्रपाल श्री भकुंट भैरव के आव्हान के साथ ठीक प्रातः6 बजकर 25 मिनट पर श्री केदारनाथ धाम के मुख्य द्वार के कपाट खोल दिये गये।
कपाट खुलते ही श्री केदारनाथ भगवान के स्वयंभू शिवलिंग को समाधि रूप से जागृत किया। कुछ ही पल बाद बाबा के निर्वाण दर्शन हुए। कुछ अंतराल में बाबा का श्रृंगार दर्शन शुरू हुए तथा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी के नाम से पहला रूद्राभिषेक किया गया।

इस अवसर पर मंदिर को विभिन्न प्रकार के फूलों से सजाया गया तथा समस्त केदारनाथ धाम में मराठा रेजीमेन्ट के बैंड की भक्तिमय धुनों से वातावरण गुंजायमान हो रहा था। दानीदाताओं ने भंडारे आयोजित किये हेली सेवा एवं पैदल मार्ग से श्रद्धालुओं का आने का सिलसिला जारी है। प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी सहित पर्यटन धर्मस्व संस्कति मंत्री सतपाल महाराज ने श्री केदारनाथ धाम के कपाट खुलने के अवसर पर देश-विदेश के तीर्थयात्रियों को शुभकामनाएं दी है कहा कि श्री केदारनाथ भगवान की कृपा जनमानस पर बनी रहे। प्रदेश के मुख्यमंत्री पष्कर सिंह धामी इस अवसर पर विशेष रूप से केदारनाथ धाम दर्शन को पहुंचे है।

उल्लेखनीय है कि कपाट खुलने की प्रक्रिया के अंतर्गत श्री केदारनाथ भगवान की पंचमुखी डोली 2 मई को शीतकालीन गद्दीस्थल श्री ओंकारेश्वर मंदिर उखीमठ से पैदल मार्ग से चलकर गुप्तकाशी, फाटा, गौरीकुंड होते हुए 5 मई शाम को श्री केदारनाथ धाम पहुंची थी आज 6 मई को प्रातः श्री केदारनाथ धाम के कपाट यात्राकाल ग्रीष्मकाल 6 माह के लिए खुल गये। शनिवार को भैरवनाथ जी की पूजा के पश्चात भगवान केदारनाथ जी की आरती शुरू हो जायेगी। श्री केदारनाथ धाम के कपाट खुलने के अवसर पर श्री केदारनाथ मंदिर परिसर भक्तिमय भजनों से गुंजायमान हो रहा था।
इस अवसर पर प़कज मोदी, पूर्व विधायक मनोज रावत, मंदिर समिति सदस्य क्रमश निवास पोस्ती, आशुतोष डिमरी, सज्जन जिंदल वीरेंद्र असवाल अतिरिक्त मुख्य सचिव आनंद वर्धन, सचिव धर्मस्व हरिचंद सेमवाल, केदार सभा अध्यक्ष विनोद शुक्ला, पुलिस अधीक्षक आयुष अग्रवाल, एसडीएम जितेंद्र वर्मा, कृष्णनाथ गोस्वामी सहित मंदिर समिति प्रभारी अधिकारी आर. सी. तिवारी, गिरीश देवली, आरके नौटियाल, आचार्य ओंकार शुक्ला, यदुवीर पुष्पवान, प्रदीप सेमवाल, अरविंद शुक्ला डा. हरीश गौड़, अमित शुक्ला, विपिन तिवारी राजकुमार तिवारी आदि मौजूद रहे।

पौराणिक भगवान भरत की शहरी विकास मंत्री ने की सपरिवार परिक्रमा

अक्षय तृतीया के पावन अवसर पर काबीना मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने सपरिवार ऋषिकेश नारायण भगवान भरत जी के दर्शन कर परिक्रमा की।

ऋषिकेश नारायण भगवान भरत के दर्शन और परिक्रमा करने के बाद काबीना मंत्री ने कहा कि आज बहुत शुभ दिन है। आज के दिन पौराणिक भगवान भरत जी के मंदिर की 108 परिक्रमा करने से भगवान बदरीनाथ के दर्शनों का जितना पुण्य प्राप्त होता है। उन्होंने भगवान भरत से दो वर्ष बाद संचालित चारधाम यात्रा के सकुशल होने की कामना की। साथ ही देश-प्रदेश की खुशहाली, सुख, सृमद्धि की कामना की।

महंत वत्सल प्रपन्नाचार्य महाराज ने बताया कि भरत भगवान की मूर्ति भी उसी शालीग्राम पत्थर से बनी है, जिससे बद्रीनाथ भगवान की मूर्ति बनाई गई है। इसके अलावा अक्षय तृतीया के दिन ही भरत भगवान के चरणों के दर्शन करने का सौभाग्य श्रद्धालुओं को प्राप्त होता है। अक्षय तृतीया के दिन से ही चार धाम यात्रा का विधिवत शुभारंभ हो जाता है। आज के दिन ही यमुनोत्री और गंगोत्री धाम के कपाट भी खोले जाते हैं।

इस मौके पर शशिप्रभा अग्रवाल, पीयूष अग्रवाल, श्री भरत मंदिर के प्रबंधक हर्षवर्धन शर्मा, वरुण शर्मा, मेजर गोविंद सिंह रावत, पार्षद लक्ष्मी रावत, राम कृपाल गौतम, रूपेश गुप्ता, राजपाल ठाकुर सहित कई श्रद्धालु आदि मौजूद रहे।

केदारनाथ धाम के कपाट छह मई, बदरीनाथ धाम के कपाट आठ मई को खुलेंगे

विश्वप्रसिद्ध 11वें ज्योर्तिलिंग श्री केदारनाथ धाम के कपाट इस यात्रा वर्ष के लिए शुक्रवार 6 मई प्रात: 6 बजकर 25 मिनट पर वृश्चिक लग्न में खुलेंगे। (Portals of Kedarnath dham to open on 6th May) बद्रीनाथ धाम के कपाट 8 मई को खोले जाएंगे।

पंचकालीन गद्दीस्थल श्री ओंकारेश्वर मंदिर उखीमठ में शिवरात्रि के पावन अवसर पर संक्षिप्त धार्मिक समारोह आयोजित हुआ। जिसमें श्री केदारधाम के कपाट खुलने की तिथि घोषित हुई। इस अवसर पर रावल भीमाशंकर की उपस्थिति में पूजा- अर्चना की गई। पंचाग गणना के पश्चात यात्रा वर्ष 2022 हेतु श्री केदारनाथ धाम के कपाट खुलने की तिथि घोषित हुई।

भगवान श्री केदारनाथ जी की पंचमुखी उत्सव डोली 2 मई को पंचकेदार गद्दी स्थल श्री ओंकारेश्वर मंदिर उखीमठ से केदारनाथ धाम को प्रस्थान करेगी जबकि 1 मई को भैरवनाथ जी की पूजा की जायेगी।

डोली 2 मई गुप्तकाशी, 3 मई फाटा, 4 मई गौरीकुंड 5 मई को पंचमुखी डोली श्री केदारनाथ धाम पहुंचेगी। 6 मई शुक्रवार प्रातर 6 बजकर 25 मिनट पर श्री केदारनाथ धाम के कपाट खुलेंगे।

युद्ध समाप्ति को लेकर भगवान शिव से करें प्रार्थनाः यूक्रेनी राजदूत


महाशिवरात्रि का पर्व देशभर में श्रद्धा और उल्लास के साथ मनाया जा रहा है। (ukraine ambassador says lord shiva can save from war).एक तरफ देश के तमाम शिवालयों में भक्तों की भीड़ देखी जा रही है। वहीं दूसरी तरफ यूक्रेन में रूस के हमलों से बर्बादी की आग बरस रही है। भारत मे यूक्रेन के राजदूत इगोर पोलिखा का मानना है कि भगवान शिव ही इस युद्ध को जल्द से जल्द खत्म कर सकते हैं। आप सभी इसके लिए प्रार्थना करें।
यूक्रेन के राजदूत इगोर पोलिखा ने कहा कि ‘आज महाशिवरात्रि का पावन पर्व है। भारत मे हर इंसान में शिव का निवास है। शिव ही ऐसे विकट हालात से निकाल सकते हैं। प्लीज आप सभी भगवान शिव से प्रार्थना करें कि इस युद्ध को जल्द से जल्द खत्म करें।’
इससे पहले यूक्रेन में फंसे भारतीयों के साथ बॉर्डर पर हो रहे दुर्व्यवहार पर जब पोलिखा से सवाल किया गया यो उन्होंने कहा कि यूक्रेन किसी के साथ भेदभाव नहीं करता है। यूक्रेन के लिए सभी देशों के नागरिक एक समान हैं और सभी भारतीय को सुरक्षित भेजने की कोशिश की जा रही है। जो कुछ घटनाएं सामने आई हैं जिसमें शरणार्थियों के साथ बॉर्डर-गार्ड्स ने बदसूलकी की है। ऐसे में बेहद जरूरी है कि सभी शरणार्थी अनुशासन का पालन करें। इस सब के लिए रूस जिम्मेदार है। हमारी कोशिश है कि सभी को सुरक्षित निकाला जाए।

हरिनाम कथा जीवन की व्यथाओं का हरण करती हैं-कथा व्यास

गुमानीवाला कैनाल रोड़ गली नम्बर 6 में आयोजित श्रीमद्भागवत कथा का रसपान कराते हुए कथा व्यास वैष्णवाचार्य पंडित शिव स्वरूप नौटियाल ने द्वितीय दिवस की कथा में कहा कि हरिनाम कथा जीवन की व्यथाओं का हरण करती हैं। जो सच्चे मन से प्रभु नाम का स्मरण करता है, उसके सभी कष्ट दूर हो जाते हैं।
कथा श्रवण करने वालों में धनी राम नौटियाल, नन्द लाल यादव, उदय पैन्यूली, जगदीश नौटियाल, रोशन लाल बेलवाल, विजय राम जोशी, प्रमोद चौहान, पुष्कर सिंह रावत, मंगला देवी, अनुराधा नौटियाल, रेखा सिलस्वाल, शोभा नेगी, मंगसीरी रावत सहित सैकड़ों श्रद्धालु उपस्थित रहे।

देश, काल और परिस्थिति को देखकर लिया निर्णय-सीएम

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मंगलवार को सांय मुख्यमंत्री आवास में मीडिया प्रतिनिधियों से वार्ता करते हुए कहा कि राज्य सरकार द्वारा व्यापक जनहित को ध्यान में रखते हुए उत्तराखण्ड देवस्थानम प्रबन्धन बोर्ड अधिनियम को वापस लिये जाने का निर्णय लिया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस वर्ष 4 जुलाई को प्रदेश के मुख्य सेवक के रूप में कार्यभार ग्रहण करने के पश्चात् देवस्थानम बोर्ड के सम्बन्ध में चारधाम से जुडे तीर्थ पुरोहित, रावल, पंडा समाज, हक हकूधारियों एवं जनप्रतिनिधियों के स्तर पर अलग अलग प्रकार की प्रतिक्रिया सामने आयी। इस सम्बन्ध में सभी तथ्यों पर विचार करने के पश्चात् राज्य सरकार द्वारा पूर्व सांसद मनोहर कान्त ध्यानी की अध्यक्षता में उच्च स्तरीय समिति का गठन किया गया, समिति द्वारा तीन माह में अपनी अन्तरिम रिपोर्ट राज्य सरकार को उपलब्ध कराने के साथ ही अन्तिम प्रत्यावेदन भी राज्य सरकार को उपलब्ध कराया गया। राज्य सरकार द्वारा मंत्रिमण्डलीय उपसमिति का भी इसके लिये गठन किया गया। उच्च स्तरीय समिति एवं मंत्रिमण्डलीय उप समिति की रिपोर्ट प्राप्त होने के पश्चात् राज्य सरकार द्वारा इस सम्बन्ध में सम्यक विचारोपरान्त देवस्थानम प्रबन्धन बोर्ड अधिनियम को वापस लेने का निर्णय लिया गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार चार धामो सहित अन्य स्थानों में सभी सम्बन्धित लोगों से परामर्श कर इन स्थानों पर बेहतर व्यवस्था सम्पादित हो सके इसके प्रयास किये जायेंगे। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड देवभूमि के साथ ही देश की सांस्कृतिक व आध्यात्मिक राजधानी के रूप में अपनी पहचान बनाये इसके लिये राज्य सरकार सन्त समाज का भी सहयोग लेगी। उन्होंने कहा कि इस दिशा में राज्य की आर्थिकी का भी ध्यान रखना जरूरी है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री के वीजन के अनुरूप उत्तराखण्ड को 2025 तक देश के अग्रणी राज्यों में शामिल करना हमारा उद्देश्य है। उन्होंने अधिनियम वापस लिये जाने की घोषणा के साथ चारधाम तीर्थ पुरोहित हक हकूकधारी महापंचायत के साथ ही अन्य सम्बन्धित लोगों से अपना आन्दोलन वापस लेने का भी अनुरोध किया। उन्होंने सभी से चार धाम सहित अन्य तीर्थ स्थलों पर बेहतर व्यवस्थायें सुनिश्चित किये जाने के लिये सहयोग की भी अपेक्षा की। मुख्यमंत्री ने कहा कि देशकाल परिस्थिति के अनुसार सभी सम्बन्धित विषयों को ध्यान में रखते हुए यह निर्णय लिया गया है। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि सभी के सहयोग से इन स्थानों पर बेहतर व्यवस्थायें बनाने का हमारा प्रयास रहेगा।

बदरीनाथ पहुंचे सीएम ने पूजा अर्चना कर कार्यों में तेजा लाने के दिए निर्देश

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आज बद्रीनाथ धाम पहुंचकर भगवान श्री बद्रीनाथ की विशेष पूजा अर्चना करते हुए देश और प्रदेश की खुशहाली की कामना की। इस दौरान रावल ईश्वर प्रसाद नंबूदरी, धर्माधिकारी भुवन चंद्र उनियाल ने पूजा अर्चना कराई। मुख्यमंत्री अपने कार्यक्रम के तहत गुरुवार को बद्रीनाथ धाम पहुॅचे। उन्होंने भगवान बद्रीनारायण की पूजा की। इस दौरान उन्होंने बद्रीनाथ धाम में तीर्थयात्रियों से भी बातचीत करते हुए यात्रा व्यवस्थाओं के संबंध में जानकारी भी ली।
पत्रकारों से वार्ता करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट के तहत बद्रीनाथ धाम के लिए मास्टर प्लान के तहत कार्य चल रहा है। इसके लिए 250 करोड़ की धनराशि भी प्राप्त हो गई है। मुख्यमंत्री ने बद्रीनाथ धाम में मास्टर प्लान के तहत संचालित कार्यों का निरीक्षण करते हुए प्रस्तावित कार्याे में तेजी लाने के भी निर्देश दिए।

सनकादिक पीठ में श्रीमद् भागवत ज्ञान महायज्ञ के पाचवें दिन नंद महोत्सव मनाया

ब्रह्मपुरी राम तपस्थली सनकादिक पीठ में आयोजित श्रीमद् भागवत ज्ञान महायज्ञ के पाचवें दिन नंद महोत्सव में भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक पहुंचे और कथा का लाभ उठाया। इस दौरान ऋषि कुमारों ने उनका पुष्प वर्षा और स्वस्तिवाचन से स्वागत किया।
तुलसी मानस मंदिर के अध्यक्ष रवि शास्त्री ने बताया कि मदन कौशिक के पहुंचने पर ब्रह्मपुरी राम तपस्थली के संस्थापक अध्यक्ष महामंडलेश्वर दयाराम दास महाराज ने उत्तरीय एवं तुलसी का पौधा भेंट किया। इस अवसर पर प्रदेश अध्यक्ष कौशिक ने सभी आए हुए महामंडलेश्वर संत महात्माओं का आशीर्वाद प्राप्त किया। वहीं व्यासपीठ पर विराजमान आचार्य सतीश कौशिक महाराज को पुष्पहार पहनाकर आशीर्वाद लिया।
उन्होंने कहा कि आज पृथ्वी पर अगर धर्म बचा है तो आज उसका श्रेय घर-घर हो रही भागवत कथा, राम कथाओं को जाता है। जो इन संत महात्माओं के द्वारा की जा रही हैं। उन्होंने कहा कि हमे अपने बच्चों को संस्कार देने चाहिए, जिससे धर्म की रक्षा की सके। हम सभी धर्म अनुरागी भक्तों आज मां गंगा के तट पर संकल्प लें कि गंगा को स्वच्छ और निर्मल बनाने के साथ-साथ हम अपने क्षेत्र के आसपास पौधारोपण जरूर करेंगे। अपने घर जन्मदिन मनाए किंतु पौधा जरूर लगाएं। कौशिक ने भगवत कथा में सभी भक्तों के साथ मिलकर नंद महोत्सव भी मनाया।
इस अवसर पर महामंडलेश्वर दया राम दास महाराज, संदीप गुप्ता, संजय व्यास, महावीर दास, प्रमोद दास, मीना श्रीवास्तव, डॉ राहुल श्रीवास्तव, आरती श्रीवास्तव, विकास श्रीवास्तव, निधि श्रीवास्तव, गौरव पुष्पेंद्र, राखी, मनीष, सुनील, आहूजा आदि श्रद्धालु उपस्थित रहे।

ऋषिकेश पहुंचे मुरारी बापू का विरक्त वैष्णव मंडल ने किया भव्य स्वागत

अखिल भारतीय संत समिति विरक्त वैष्णव मंडल के सभी महामंडलेश्वर महंतो ने मुरारी बापू का स्वागत किया।

राम तपस्थली आश्रम के संस्थापक अध्यक्ष महामंडलेश्वर दयाराम दास महाराज की अध्यक्षता में वैदिक मंत्रोचार के साथ ऋषि कुमारों ने मुरारी बापू का पुष्प वर्षा कर स्वागत किया। महामंडलेश्वर दया रामदास महाराज, महामंडलेश्वर ईश्वर दास महाराज ने समस्त संत समाज की ओर से मुरारी बापू को उत्तरीय उड़ा कर उनका अभिवादन किया। सभी संत समाज ने मिलकर मुरारी बापू को तुलसी का पौधा भेंट किया। इस अवसर पर मुरारी बापू ने ब्रह्मपुरी में आधा घंटा बैठकर गंगा तट के किनारे मां गंगा की पूजा अर्चना, दूधाभिषेक व मां गंगा की आरती की।

मुरारी बापू ने कहा कि संत समागम, हरि कथा, मिले ना बारंबार, संतों का जहां भी सत्संग हो जहां भी संतों का दर्शन हो, वह स्थान कभी भी किसी मानव को छोड़ना नहीं चाहिए। तुरंत संतो के दर्शन कर लेनी चाहिए। यह बड़े भाग्य से प्राप्त होते हैं क्योंकि संतों का ह्रदय गंगा के जैसे पवित्र निर्मल व सरल सदा रहता है। बापू की रामकथा देवप्रयाग जाने से पूर्व ब्रह्मपुरी में सभी संतो के साथ बैठकर राम नाम संकीर्तन व सभी संतो से संत मिलन बापू श्री के द्वारा किया गया।

महामंडलेश्वर अभिराम दास महाराज ने सभी संतो के प्रतिनिधि के रूप में बापू श्री का अभिनंदन किया। मौके पर महामंडलेश्वर दया रामदास महाराज, महामंडलेश्वर ईश्वर दास महाराज, महंत महावीर दास, महंत सुरेश दास, महंत चक्रपाणि दास, महंत लोकेश दास, तुलसी मानस मंदिर के अध्यक्ष पंडित रवि शास्त्री, दीपक दास, महंत सतुआ बाबा वाराणसी, अभिषेक शर्मा ‌आदि मौजूद थे।

विश्वप्रसिद्ध श्री बदरीनाथ धाम के खुले कपाट, अखंड ज्योति के हुए दर्शन


श्री बदरीनाथ धाम के कपाट आज मंगलवार को वैदिक मंत्रोचार एवं शास्त्रोक्त विधि-विधान से आज मेष लग्न पुष्य नक्षत्र में प्रातः 4 बजकर 15 मिनट पर खोल दिये गये है। ग्रीष्म काल में निरंतर भगवान बदरीविशाल की पूजा- अर्चना होगी।

मंदिर तथा मंदिर मार्ग को श्री बदरी-केदार पुष्प सेवा समिति द्वारा लगभग 20 क्विंटल फूलों से सजाया गया था‌। प्रातः तीन बजे से ही कपाट खुलने की प्रक्रिया शुरू हो गयी श्री कुबेर जी बामणी गांव से लक्ष्मी द्वार से मंदिर प्रांगण पहुंचे। श्री उद्धव जी भी मुख्य द्वार से अंदर पहुंचे। ठीक प्रातः 4 बजकर 15 मिनट पर श्री बदरीनाथ धाम के कपाट खुले इस अवसर पर कुछ ही लोग अखंड ज्योति के गवाह बने। रावल द्वारा गर्भगृह में प्रवेशकर मां लक्ष्मी को उनके परिक्रमा स्थित मंदिर में विराजमान किया तत्पश्चात भगवान के सखा उद्धव जी एवं देवताओं के खजांची श्री कुबेर मंदिर गर्भगृह में विराजमान हो गये। डिमरी पंचायत प्रतिधियों द्वारा भगवान बदरीविशाल के अभिषेक हेतु राजमहल नरेन्द्र नगर से लाये गये तेल कलश( गाडू घड़ा) को गर्भ गृह में समर्पित किया।

इसके साथ ही भगवान को माणा गांव के महिला मंडल द्वारा शीतकाल में कपाट बंद करते समय औढाया गया घृतरू कंबल उतारा गया तथा प्रसाद स्वरूप बांटा गया। भगवान के निर्वाण दर्शन के बाद अभिषेक किया गया। तत्पश्चात भगवान बदरीविशाल का श्रृंगार किया गया। इस तरह निर्वाण दर्शन से श्रृंगार दर्शन की प्रक्रिया पूरी होती है। इस संपूर्ण पूजा प्रक्रिया में रावल, डिमरी भीतरी वडुवा, आचार्यों, हक हकूकधारियों, तीर्थ पुरोहितों की भूमिका रही।
श्री बदरीनाथ धाम के कपाट खुलने पर प्रथम महाभिषेक प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नाम से जनकल्याण एवं आरोग्यता की भावना से समर्पित किया गया है। श्री बदरीनाथ धाम के कपाट खुलने पर मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने सभी श्रद्धालुजनों को बधाई दी है तथा सभी के आरोग्यता की कामना की। कहा कि लोग अपने घरों में रहकर पूजापाठ करें।

पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने कपाट खुलने पर प्रसन्नता जताई कहा कि कोरोना की समाप्ति के बाद चारधाम यात्रा पुनः शुरू होगी।

पर्यटन सचिव दिलीप जावलकर ने श्री बदरीनाथ धाम के कपाट खुलने के अवसर पर बधाई दी है कहा कि श्री बदरीनाथ धाम को आध्यात्मिक हब के रूप में विकसित करने हेतु शासन के स्तर पर प्रयास जारी है। कई संस्थाये इसके लिए आगे आ रही है।

गढ़वाल आयुक्त व उत्तराखंड चारधाम देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी रविनाथ रमन ने कहा कि श्री बदरीनाध धाम के कपाट खुलने के साथ ही चारों धामों के कपाट खुलने पर प्रसन्नता जताई। कहा अभी यात्रियों को यात्रा की अनुमति नहीं है लेकिन स्थितियां सामान्य होने पर यात्रा को चरणबद्ध तरीके से शुरू किया जा सकता है।
कपाट खुलने के अवसर पर रावल ईश्वरीप्रसाद नंबूदरी, देवस्थानम बोर्ड के अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी बी.डी.सिंह, उपजिलाधिकारी कुमकुम जोशी, धर्माधिकारी भुवन चंद्र उनियाल, पुलिस अधीक्षक यशवंत सिंह चैहान, उप मुख्य कार्याधिकारी सुनील तिवारी, डिमरी पंचायत पदाधिकारी आशुतोष डिमरी, विनोद डिमरी, तहसील दार चंद्रशेखर वरिष्ठ पुलिस जिला प्रशासन आईटीबीपी, सेना के अधिकारी मौजूद रहे।

देवस्थानम बोर्ड के अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी बी. डी. सिंह ने बताया कि देवस्थानम बोर्ड द्वारा मंदिर परिसर,बस टर्मिनल तथा स्वागत कार्यालय, आवासों में पर्याप्त सेनिटाईजेशन किया है, कपाट खुलने के दौरान कोविड बचाव मानकों का पालन हुआ मास्क पहनना, सोशियल डिस्टेंसिंग, सेनिटाईजर, थर्मल स्क्रीनिंग का प्रयोग हो रहा है।
देवस्थानम बोर्ड के मीडिया प्रभारी डा. हरीश गौड़ ने जानकारी दी कि श्री बदरीनाथ धाम के कपाट खुलने के साथ ही मंदिर परिक्रमा स्थित मंदिरों माता लक्ष्मी मंदिर, हनुमान जी, गणेश जी, श्री आदि केदारेश्वर, श्री शंकराचार्य मंदिर, माता मूर्ति मंदिर माणा तथा पंच बदरी में एक श्री भविष्य बदरी मंदिर के कपाट भी खुल गये है जबकि चारधामों में से श्री यमुनोत्री धाम के कपाट 14 मई, श्री गंगोत्री धाम के 15 मई, श्री केदारनाथ धाम के कपाट 17 मई को खुल चुके है। तृतीय केदार तुंगनाथ जी एवं चतुर्थ केदार रूद्रनाथ जी के कपाट भी 17 मई को खुल गये है। द्वितीय केदार श्री मदमहेश्वर के कपाट 24 मई को खुल रहे हैं जबकि श्री हेमकुंड गुरूद्वारा साहिब तथा लोकपाल श्री लक्ष्मण मंदिर के कपाट खुलने की तिथि अभी तय नहीं है।