नैनीताल में दुष्कर्म के बाद धर्म परिवर्तन का मामला, मुकदमा दर्ज

नैनीताल में नाम बदलकर युवती से दोस्ती और फिर दुष्कर्म के बाद धर्म परिवर्तन के लिए दबाव बनाने का मामला सामने आया है। मामले में पुलिस ने पीड़ित युवती की तहरीर पर आरोपी समेत पांच पर धर्मांतरण के लिए दबाव बनाने समेत अन्य धाराओं में रिपोर्ट दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। पुलिस के मुताबिक उत्तराखंड धार्मिक स्वतंत्रता अधिनियम 2018 के तहत कुमाऊं में दर्ज यह पहला मुकदमा है।

कोतवाल अरुण कुमार सैनी ने बताया कि क्षेत्र निवासी एक युवती ने पुलिस को तहरीर देकर आरोप लगाया कि साकिब सैफी उर्फ शिव ठाकुर निवासी बंबाघेर ने उसके साथ नाम बदलकर दोस्ती की। जान पहचान होने पर साकिब ने उसके साथ दुष्कर्म किया। जब उसे साकिब की असलियत पता चली तो उसने विरोध किया।

आरोप है कि युवक ने उसे पीटा और जान से मारने की धमकी दी। इसके बाद साकिब ने अपने दोस्तों के साथ उसकी बहन का भी पीछा करवाया। तहरीर में बताया कि आरोपी के परिजन भी उस पर धर्म परिवर्तन का दबाव बना रहे हैं।

कोतवाल ने बताया कि तहरीर के आधार पर पुलिस ने साकिब सैफी ऊर्फ शिव ठाकुर, सबा, यूनुस, राहिला और गजाला के खिलाफ धारा 323/354/354डी/376/504/506 व उत्तराखंड धार्मिक स्वतंत्रता अधिनियम 2018 के तहत मुकदमा दर्ज किया है।
बताया कि आरोपी की ओर से भी तहरीर दी गई है जिसमें युवती ने शादी के लिए धर्म परिवर्तन करने की बात कही है। प्रताड़ित करने का भी आरोप लगाया है। इधर, सीओ बलजीत सिंह भाकुनी ने कहा कि मामले की जांच की जा रही है।

सदन मे पेश विधेयक लोक कल्याणकारी और जनहित के अनुरूप-महेन्द्र भट्ट

भाजपा ने विधानसभा में पेश महिला आरक्षण विधेयक, धार्मिक स्वतंत्रता कानून को अधिक कड़ा करने वाले संसोधन विधेयक समेत सदन पटल पर रखे सभी विधेयकों का स्वागत किया है।
पार्टी प्रदेश अध्यक्ष महेन्द्र भट्ट ने सीएम पुष्कर सिंह धामी का धन्यवाद करते हुए कहा कि मातृ शक्ति को 30 फीसदी क्षैतिज आरक्षण, प्रदेश की आधी आबादी को उसका पूरा हक दिलाने वाला है। साथ ही उम्मीद जतायी कि जबरन धर्मान्तरण पर 10 साल की सजा ऐसे अपराधियों में कानून का खौफ पैदा करने का काम करेगी।
पार्टी प्रदेश अध्यक्ष ने विधानसभा में पेश भाजपा सरकार द्वारा पेश सभी विधेयकों को लोक कल्याणकारी एवं जन भावनाओं को पूरा करने वाला बताया। उन्होंने बहु प्रत्याशित महिलाओं को नौकरी में 30 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण देने के विधेयक पर प्रसन्नता जाहिर करते हुए कहा कि इस कदम के साथ भाजपा ने जनता से किये एक और संकल्प को पूरा करने का काम किया है। पहले सुप्रीम कोर्ट में पैरवी कर आरक्षण के खिलाफ हाईकोर्ट के निर्णय पर स्टे लिया और अब सदन में अध्यादेश लाकर धामी सरकार ने साबित किया है कि मातृशक्ति के सम्मान, स्वभिमान और सशक्तिकरण से बढ़कर हमारे लिए कुछ भी नही है। इसी तरह धार्मिक आधार पर प्रदेश में जनसांख्यिक परिवर्तन लाने के षड़यंत्र में लगे लोगों पर लगाम कसने के लिए धार्मिक स्वतंत्रता कानून उल्लंघन्न में 10 वर्ष तक की सजा एवं पीड़ित को 5 लाख तक के मुआवजे का प्रावधान भी हमारी प्रतिबद्धता को दर्शाता है। उन्होंने कहा, कूड़ा निस्तारण, पंचायती राज कानून एवं दुकान एवं स्थापन कानून के सजा प्रावधानों को लेकर जनहित में किये बदलाव, जिला योजना समिति में क्षेत्र पंचायत प्रमुख को शामिल करना, स्टाम्प व राज्य अधिकार के अंतर्गत जीएसटी कानून आदि सभी विधेयकों को राज्यवासियों को राहत देने के उद्देश्य से लाये गए है।