सीएम ने कैबिनेट सहयोगियों के साथ की श्रीराम मंदिर अयोध्या में पूजा व अर्चना

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अपने कैबिनेट सहयोगियों के साथ अयोध्या में रामलला के दर्शन किए। इस दौरान सभी बेहद उत्साहित और भक्ति भाव में डूबे हुए नजर आए।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी मंत्रिमंडल में अपने सहयोगियों सतपाल महाराज, प्रेमचंद अग्रवाल, सुबोध उनियाल, डॉ धन सिंह रावत, रेखा आर्य एवं राज्यसभा सांसद नरेश बंसल के साथ जॉलीग्रांट एयरपोर्ट पहुंचे, जहां से वे श्री अयोध्या धाम के लिए रवाना हुए। अयोध्या में महर्षि वाल्मीकि अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा में पहुंचे पर मुख्यमंत्री धामी और उनके सहयोगियों का भव्य स्वागत हुआ। इस दौरान पूरा परिसर जय श्रीराम के नारों से गूंज उठा। यहां से वह राम जन्मभूमि के लिए रवाना हुए। मुख्यमंत्री एवं उनके सहयोगी श्री अयोध्या धाम में प्रभु राम को साष्टांग नमन कर पूजा अर्चना की। दर्शन करने के बाद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी भावुक हो गए। मुख्यमंत्री ने कहा कि श्री रामलला के दर्शन से रोम-रोम भक्तिमय और मन प्रफुल्लित है। उन्होंने कहा कि रामलला को कई वर्षों तक टेंट में रहना पड़ा। आज भव्य मंदिर में रामलाला के दर्शन किए। मैं भाव विह्वल हूं और प्रभु श्रीराम के चरणों में समर्पित हूं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रभु श्री राम की नगरी अयोध्या में उत्तराखंड वासियों के लिए उत्तराखंड सरकार राज्य अतिथि गृह बनाने की तैयारी कर चुकी है। 4700 वर्ग मीटर में बनने वाले इस राज्य अतिथि गृह को बनाने के लिए हमारी सरकार ने भूमि की खरीद को लेकर 32 करोड़ रुपए की धनराशि स्वीकृत की है। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड से भगवान श्री राम के दर्शन करने के लिए अयोध्या पहुंचने वाले श्रीराम भक्तों को इस राज्य अतिथि गृह में सुविधा मुहैया करवाई जाएगी।

सीएम धामी ने साध्वी ऋतंभरा को दी शुभकामनाएं, की सुदीर्घ जीवन की कामना

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी मथुरा में साध्वी ऋतंभरा के षष्ठिपूर्ति महोत्सव में शामिल हुए। मुख्यमंत्री ने साध्वी ऋतंभरा को वात्सल्य और ममता की प्रतिमूर्ति बताते हुए शुभकामना दी तथा उनके सुदीर्घ जीवन की कामना की। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर उपस्थित संत महात्माओं को भी नमन कर उनका आशीर्वाद लिया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि साध्वी ऋतंभरा का व्यक्तित्व अद्भुत और कृतित्व अकल्पनीय है। उनकी वात्सल्य शक्ति से न जाने कितनी बच्चियों को प्रेरणा और नया जीवन मिला। उनसे सदैव वात्सल्य और ममता का सानिध्य प्राप्त होता हे। मुख्यमंत्री ने कहा कि साध्वी ऋतंभरा के स्नेह और आशीर्वाद से उन्हें व्यक्तिगत रूप से हमेशा लोगों की सेवा करने की शक्ति मिलती है। वे स्वयं उनसे सबसे पहले तब प्रभावित हुए थे जब उनके मुखारबिंदु से श्रीराम जन्मभूमि आंदोलन के समय प्रखर उद्बोधन सुना था। उनके ओजस्वी उद्बोधन ने लाखों लोगों को हृदय की गहराइयों तक प्रभावित किया था।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आगामी 22 जनवरी को करोड़ों देशवासियों का रामलला को उनकी जन्मस्थली पर विराजमान करने का संकल्प पूर्ण होने जा रहा है। आज रामलला उस समय अपने जन्मस्थान में विराजमान हो रहे हैं, जब भारत दुनिया की पांचवी अर्थव्यवस्था बन चुका है, सनातन संस्कृति का परचम चारों ओर लहरा रहा है, चाँद पर भारत का चंद्रयान उतर चुका है, सूर्य के चारों ओर आदित्य एल वन चक्कर लगा रहा है, पूरा विश्व, भारत की बात कर रहा है, सनातन का भगवा ध्वज चारों ओर फिर से लहरा रहा है, हम दुनिया को कोरोना की मुफ्त वैक्सीन प्रदान करने में सक्षम हो चुके हैं, हम सफलतम जी-20 सम्मेलन की अध्यक्षता करने में सफल हुए हैं और जब हमारे देश के नेतृत्व का लोहा सारे विश्व के नेता मान रहे हैं, यही नहीं प्रधानमंत्री श्री मोदी के नेतृत्व में देश पहली बार गुलामी की मानसिकता से बाहर आने में सफल हुआ है। आज काशी में बाबा विश्वनाथ मंदिर के भव्य कॉरिडोर का बनना, उज्जैन में महाकाललोक कॉरिडोर का बनना, केदारनाथ और बद्रीनाथ धाम का सौंदर्यीकरण होना, केदारनाथ तथा हेमकुन्ट साहिब के लिये रोपवे का निर्माण इस बात का स्पष्ट संकेत है कि आज हमारे मंदिरों का ही नहीं बल्कि हमारी संस्कृति का भी संरक्षण और संवर्धन हो रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि रामभक्तों पर गोली चलाने वाले न तो राम मंदिर बना पाते, न धारा 370 हटा पाते और न ही तीन तलाक हटा पाते। यह प्रधानमंत्री मोदी की ही क्षमता है जो बिना झुके, थके, व डिगे अपने कर्तव्यपथ पर आगे बढ़ते ही रहे। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी की प्रेरणा से ही वे भी बिना थके, बिना डिगे उत्तराखण्ड की जनता की सेवा कर रहे हैं। उत्तराखंड में विगत ढाई वर्षों में अनेक ऐसे महत्वपूर्ण और कठोर निर्णय हमने लिए हैं, जो विगत 23 वर्षों में संभव नहीं हो पाये थे। हमने एक ओर जहां उत्तराखंड में देश का सबसे कठोर नकल विरोधी कानून लागू किया, वहीं धर्मांतरण रोकने के लिए भी कानून बनाया, प्रदेश में पहली बार लैंड जिहाद के खिलाफ कार्रवाई कर पांच हजार हेक्टेयर सरकारी भूमि को अतिक्रमण से मुक्त किया गया है। भ्रष्टाचारियों के खिलाफ भी पहली बार कार्रवाई करने से हम पीछे नहीं हटे,यही नहीं अब हम देवभूमि में समान नागरिक आचार संहिता को भी लागू करने की तैयारी कर रहे हैं, शीघ्र ही इसे विधानसभा में प्रस्तुत किया जायेगा। उत्तराखण्ड देवभूमि है, हमारी देवभूमि का मूल स्वरूप बना रहे इस दिशा में प्रभावी कदम उठाये गये हैं।
मुख्यमंत्री ने उपस्थित जन समूह से अनुरोध किया कि यहां से हम अपने संतों का आशीर्वाद पाकर भगवान श्री राम को स्वयं में धारण करने की यात्रा पर आगे बढ़ें, राम को स्वयं में धारण करने के लिए प्रेम से बढ़कर कोई दूसरा मार्ग नहीं है। राम चरित मानस में कहा भी गया है ‘रामहि केवल प्रेम पियारा’ उन्होंने कहा कि यह तभी संभव होगा जब हम श्री राम और श्री कृष्ण को मानने के साथ साथ उनके द्वारा दिखाए गए मार्ग का अनुसरण भी करेंगे।
इस अवसर पर बड़ी संख्या में संत महात्मा एवं गणमान्य लोग उपस्थित थे।

श्रावण मास की नीलकंठ यात्रा को लेकर पुलिस अलर्ट, हुई बैठक

श्रावण मास की श्री नीलकंठ महादेव मंदिर यात्रा के दौरान पैदल मार्ग पर जंगली जानवरों का खतरा बना रहता है। जिसको देखते हुए पुलिस और प्रशासन ने शाम छह बजे से सुबह पांच बजे तक को बंद रखने का निर्णय लिया है। पैदल मार्ग का यह क्षेत्र राजाजी टाइगर रिजर्व वन क्षेत्र के अंतर्गत आता है।

वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक पौड़ी गढ़वाल श्वेता चौबे ने कावड़ यात्रा के दौरान क्षेत्र में ट्रैफिक प्लान की जानकारी देते हुए बताया कि पैदल मार्ग पर पार्क प्रशासन को नियमित गश्त बढ़ाने के लिए कहा गया है। बैराज-चीला शक्ति नहर पर कावड़ यात्रियों के नहाने के कारण दुर्घटनाओं को रोकने के लिए फोर्स की तैनाती अलग से की जा रही है।

कांवड़ मेले के दौरान वाहनों के जाने का मार्ग
यातायात व्यवस्था को सुचारु बनाये रखने हेतु श्री नीलकंठ महादेव मन्दिर जाने के लिए ऋषिकेश- मुनिकीरेती-गरुड़ चट्टी- पीपलकोटी- नीलकंठ मंदिर मार्ग को निर्धारित किया गया है।

कांवड़ मेले के दौरान वाहनों के जाने का मार्ग
मंदिर से वापसी में निकासी हेतु नीलकंठ – पीपलकोटी- गरुड़ चट्टी- बैराज बाईपास- पशुलोक बैराज- ऋषिकेश-हरिद्वार मार्ग निर्धारित किया गया है।

श्री नीलकंठ मन्दिर आने का पैदल मार्ग
मेले के सामान्य दिनों में रामझूला व जानकी पुल कांवड़ यात्रियों के लिये खुले रहेंगे। भीड़ की अधिकता होने पर यात्रियों के लिये ऋषिकेश- रामझूला- बागखाला- पुण्डरासू- नीलकंठ मन्दिर का मार्ग निर्धारित किया गया है।

पैदल वापसी का मार्ग
श्री नीलकंठ मन्दिर से वापस जाने हेतु श्री नीलकंठ मन्दिर- पुण्डरासू- बागखाला- जानकी पुल- ऋषिकेश मार्ग निर्धारित किया गया है।

वाहनों के अव्यवस्थित रूप से खड़े पाए जाने पर उन्हें हटाने के लिए क्रेन की व्यवस्था की गयी है। साथ ही नीलकंठ क्षेत्र में पार्किंग फुल होने की दशा में वाहनों को पीपल कोटी- दिउली मार्ग पर डायवर्ट कर पार्क कराया जाएगा। 15 से 17 जुलाई तक मेला क्षेत्र में भारी वाहनों के आवागमन पर रोक लगायी गयी है।

मेला क्षेत्र में 894 अधिकारी और कर्मचारी तैनात
सम्पूर्ण मेला क्षेत्र की सुरक्षा के दृष्टिगत कांवड़ मेले में लगा 894 अधिकारी और कर्मचारियों की तैनाती की गई है।

जनपद का कुल फोर्स- 551

अपर पुलिस अधीक्षक एक, क्षेत्राधिकारी दो, निरीक्षक पांच, थानाध्यक्ष 11, उप निरीक्षक 27, महिला उपनिरीक्षक आठ, अपर उप निरीक्षक 15, हेड कांस्टेबल 80, कांस्टेबल 91, महिला कांस्टेबल 20, होमगार्ड 207, पीआरडी 84,

बाहरी जनपद से प्राप्त कुल फोर्स- 300

अपर पुलिस अधीक्षक एक, क्षेत्राधिकारी पांच, निरीक्षक तीन, थानाध्यक्ष तीन, उप निरीक्षक सात, महिला उपनिरीक्षक छह, अपर उप निरीक्षक 156, महिला अपर उप निरीक्षक दो हेड कांस्टेबल 38, कांस्टेबल 52, महिला कांस्टेबल 27, एक कम्पनी, दो प्लाटून, दो सैक्शन पीएसी

रिजर्व कुल फोर्स

निरीक्षक तीन, थानाध्यक्ष तीन, उपनिरीक्षक चार, महिला उपनिरीक्षक एक, अपर उपनिरीक्षक 18, महिला अपर उप निरीक्षक एक, हेड कांस्टेबल तीन

74 सीसीटीवी कैमरा और तीन ड्रोन की निगरानी
बीते वर्ष की तुलना में इस वर्ष बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं के यहां पहुंचने की संभावना है। सुरक्षा की दृष्टि से पुलिस प्रशासन की ओर से इस बार यहां अतिरिक्त पुलिस फोर्स तैनात किया गया है। 74 सीसीटीवी कैमरा और तीन ड्रोन की निगरानी में मेला संचालित होगा। सुरक्षा व्यवस्था के तहत सम्पूर्ण मेला क्षेत्र को एक सुपर जोन, सात जोन व 23 सेक्टरों में विभाजित किया गया है।

वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक पौड़ी श्वेता चौबे ने ड्यूटी पर लगे समस्त पुलिस बल को परमार्थ निकेतन में ब्रीफिंग ली। पुलिस कप्तान ने कहा कि इंटरनेट मीडिया और विभिन्न माध्यम से अफवाह फैलाने वालों पर कड़ी नजर रखी जाएगी और सख्त कार्रवाई होगी।

सभी अधिकारी और कर्मचारी अनुशासित और संयमित होकर अपनी ड्यूटी दें। उन्होंने बताया कि पौड़ी जनपद के सम्पूर्ण मेला क्षेत्र को एक सुपर जोन, सात जोन व 23 सेक्टरों में विभाजित किया गया है। प्रत्येक सुपर जोन में अपर पुलिस अधीक्षक स्तर के अधिकारी, जोन में पुलिस उपाधीक्षक स्तर के अधिकारी तथा सेक्टरों में निरीक्षक, थानाध्यक्ष, वरिष्ठ उपनिरीक्षक, उपनिरीक्षक एवं अपर उपनिरीक्षक स्तर के अधिकारियों को नियुक्त किया गया है।

उन्होंने बताया कि किसी भी आपातकालीन स्थिति से निपटने के लिए एसडीआरएफ की दो टीम, जल पुलिस,गोताखोर टीम, दो क्यूआरटी टीम, पीएससी फ्लड टीम के साथ-साथ आतंकी घटनाओं की रोकथाम हेतु एक टीम एंटी टेरेरिस्ट स्क्वाड को मेला क्षेत्र में चौबीस घण्टे के लिये एक्टिव रखा गया है।

बैठक में अपर पुलिस अधीक्षक कोटद्वार शेखर चंद्र सुयाल, अपर पुलिस अधीक्षक अनिल काला, सीओ श्रीनगर श्याम दत्त नौटियाल, सहायक सेनानायक एसडीआरएफ दीपक सिंह, पुलिस उपाधीक्षक सतर्कता अनिल मनराल, एसएस सामंत, सहायक सेनानायक पीटीसी सुनीता वर्मा, उप सेनानायक आइआरबी राजन सिंह आदि मौजूद रहे।

सीएम ने केदारनाथ धाम के सेवादार सदस्यों के दल के वाहनों को किया फ्लैग ऑफ

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने श्री केदारनाथ धाम के सेवादार सदस्यों के दल के वाहनों का फ्लैग ऑफ किया। इन सेवादारों द्वारा श्री केदारनाथ यात्रा मार्ग पर 21 से 25 अप्रैल तक श्रद्धालुओं के लिए उत्तराखण्ड के मुख्य सेवक के नाम पर भंडारे का आयोजन किया जायेगा। बाबा केदार की डोली के गुप्तकाशी से केदारनाथ पहुंचने तक यात्रा पड़ावों पर श्रद्धालुओं के लिए भंडारे का आयोजन किया जाएगा। 24 और 25 अप्रैल को हेलीकॉप्टर से पुष्प वर्षा भी की जाएगी।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि उत्तराखण्ड की चारधाम यात्रा के लिए श्रद्धालुओं की सुविधा के दृष्टिगत सभी तैयारियां की गई है। चारधाम यात्रा की नियमित समीक्षा की जा रही है। चारधाम यात्रा के प्रति लोगों में काफी उत्साह हैं। अभी तक 16 लाख से अधिक पंजीकरण हो चुके हैं। स्वयं सेवी संगठनों एवं सामाजिक संगठनों का पूरा सहयोग मिल रहा है। उन्होंने कहा की देवभूमि उत्तराखण्ड आने वाले सभी श्रद्धालुओं को हर संभव सुविधा दी जाएगी।
इस अवसर पर कर्नल अजय कोठियाल (से.नि) भी उपस्थित थे।

चारधाम यात्रा की तैयारियों को लेकर सीएम के निर्देश पर हुई बैठक

उत्तराखण्ड में आगामी माह से शुरू होने चारधाम यात्रा की तैयारियों को लेकर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी की अध्यक्षता में शुक्रवार को सचिवालय में चारधाम यात्रा से जुड़े होटल व्यवसायियों, तीर्थपुरोहित समाज व टूर ऑपरेटर्स के साथ बैठक आयोजित की गई।

अपर मुख्य सचिव ने कहा कि पिछले वर्ष चारधाम यात्रा में जितनी संख्या में श्रद्धालु पहुँचे थे, इस बार उससे अधिक आने की संभावना है, लिहाज़ा सरकार हर स्तर पर तैयारियों की समीक्षा कर रही है। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि केदारनाथ, बदरीनाथ, गंगोत्री, यमुनोत्री धाम में कपाट खुलने से पहले बिजली- पानी की व्यवस्था को सुचारू कर दिया जाए। अपर मुख्य सचिव ने ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया को और भी सुलभ बनाए जाने के निर्देश दिए। अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने चारधाम यात्रा से जुड़े सभी प्रतिनिधियों से अपील करते हुए कहा कि चारधाम यात्रा को लेकर पूरे देश में सकारात्मक संदेश जाए उस दिशा में हम सबको सामूहिक प्रयास करना होगा। उन्होंने कहा कि देश दुनिया में हमारे प्रदेश की छवि पर्यटन प्रदेश कि रूप में है ऐसे में हम सबको को इस बात को ध्यान रखना होगा कि जो भी यात्री प्रदेश में आए वह एक अच्छा अनुभव लेकर वापस जाए।

बैठक में सचिव पर्यटन सचिन कुर्वे ने कहा जानकारी देते हुए बताया कि इस वर्ष चारधाम यात्रा के लिए गुरुवार तक 2 लाख 12 हज़ार से अधिक पंजीकरण हो चुके हैं। चारधाम यात्रियों को पंजीकरण के लिए 65 दिनों का समय दिया गया है, इसके अलावा यात्रियों की सुविधा हेतु ऑन कॉल पंजीकरण और व्हास्ट्सएप्प के माध्यम से पंजीकरण की व्यवस्था भी लागू की गई है।

सचिव पर्यटन ने बताया कि हेलीकॉप्टर सेवा के पंजीकरण के लिए और भी बेहतर और पारदर्शी व्यवस्था इस वर्ष लागू की जा रही है।

बैठक के दौरान गंगा सभा के अध्यक्ष संजीव सेमवाल ने गंगोत्री धाम में नए घाट निर्माण को लेकर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और राज्य सरकार का आभार प्रकट किया। उत्तरकाशी होटल एसोसिएशन के अध्यक्ष शैलेंद्र मटूड़ा ने पार्किंग संबंधी सुझाव दिए। इस दौरान उत्तराखण्ड टूर ऑपरेटर एसोसिएशन के अभिषेक आहलूवालिया, चारधाम महापंचायत से डॉ बृजेश सती, गंगोत्री तीर्थपुरोहित समाज से रजनीकांत सेमवाल ने भी महत्वपूर्ण सुझाव दिये। इस दौरान अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने कहा कि बैठक में विभिन्न धामों से आये प्रतिनिधियों द्वारा जो भी महत्वपूर्ण सुझाव दिये गये हैं उन्हें माननीय मुख्यमंत्री को भी अवगत कराया जाएगा।

इस दौरान मुख्यमंत्री के पूर्व जनसंपर्क अधिकारी किशोर भट्ट, बदरीनाथ होटल एसोसिएशन के अध्यक्ष राजेश मेहता समेत चारों धामों के प्रतिनिधि मौजूद रहे।

सोमेश्वर मंदिर से आरंभ हुई शिव बारात

क्षेत्रीय विधायक व कैबिनेट मंत्री डॉ प्रेमचंद अग्रवाल ने प्राचीन सोमेश्वर महादेव मंदिर द्वारा आयोजित श्री बरात कार्यक्रम का शुभारंभ किया।

इस मौके पर मंत्री डॉ अग्रवाल ने महाशिवरात्रि पर्व की शिव भक्तों को बधाई दी। उन्होंने कहा कि भगवान शंकर सभी देवी-देवताओं में सबसे भोले है, भक्तों द्वारा सच्चे मन से मनोकामना मांगने पर शीघ्र पूरी करते हैं, इसके चलते उन्हें भोलेनाथ भी कहा जाता है।

डा. अग्रवाल ने कहा कि भगवान शिव को जगत का पालनहार कहा जाता है, जब समस्त सृष्टि के समय विपत्ति आती है तो भगवान शंकर उसका निदान करते है। उन्होंने कहा कि समुद्र मंथन के दौरान निकले जहरीले विष को भगवान शंकर ने ही पीकर अपने गले में ही रोक दिया था, इस कारण उनका नाम नीलकंठ भी पड़ा।

मंत्री डा. अग्रवाल ने कहा कि महाशिवरात्रि मनाने के पीछे का कारण यह भी है कि आज के दिन देवो के देव महादेव का विवाह माता पार्वती के साथ हुआ था। जिसे शिवभक्त आज भी धूमधाम से मनाते हैं।

इस मौके पर महाराज रामेश्वर गिरी, भाजपा मण्डल अध्यक्ष सुमित पंवार, जिला उपाध्यक्ष दिनेश सती, अल्पसंख्यक मोर्चा के जिला अध्यक्ष सतीश सिंह, पार्षद राजेश दिवाकर, रूपेश गुप्ता, गोपाल सती, विवेक शर्मा, महंत विनय सारस्वत सहित शिव भक्त उपस्थित रहे।

भैया दूज पर शीतकाल के लिए बंद हुए बाबा केदारनाथ के कपाट

भैया दूज के पावन अवसर पर प्रात: 8.30 बजे 11वें ज्योर्तिलिंग भगवान केदारनाथ के कपाट शीतकाल के लिए बंद हो गए। वैदिक मंत्रोच्चार के बीच बाबा के कपाट बंद हुए और सेना के बैंड की मधुर धुन के बीच बाबा केदार की चल विग्रह डोली को मंदिर से बाहर लाकर ऊखीमठ के लिए प्रस्थान कराया गया। इस अवसर पर 2500 से ज्यादा श्रद्धालु कपाट बंद होने के साक्षी बने। (portal of shri kedarnath dham closed for winter season)

प्रांत 3.30 बजे ही केदारनाथ मंदिर खुल गया था। चार बजे से कपाट बंद करने की समाधि पूजन प्रक्रिया शुरू हो गयी। पुजारी टी गंगाधर लिंग ने भगवान केदारनाथ के स्यंभू ज्योर्तिलिंग को श्रृंगार रूप से समाधि रूप दिया गया ज्योर्तिलिंग को बाघंबर, भृंगराज फूल,भस्म, स्थानीय शुष्क फूलों- पत्तों, आदि से ढ़क दिया गया।इसके साथ ही भकुंट भैरव नाथ के आव्हान के साथ ही गर्भगृह तथा मुख्य द्वार को जिला प्रशासन की मौजूदगी में बंद किया गया। इसके साथ ही पूरब द्वार को भी सीलबंद किया गया।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने केदारनाथ धाम के कपाट बंद होने के अवसर पर तीर्थयात्रियों का आभार जताया। कहा कि इस बार चारधाम यात्रा रिकार्ड पैंतालीस लाख से अधिक श्रद्धालु पहुंचे है। देश के यशस्वी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मार्गदर्शन में नयी केदार पुरी अस्तित्व में आ चुकी है जहां तीर्थयात्रियों को हर संभव सुविधाएं मुहैया हो रही है। गौरीकुंड- केदारनाथ रोप वे के बनने से केदारनाथ यात्रा अधिक सुगम हो जायेगी।

इस अवसर पर सेना की 11 मराठा लाईट इ़फ्रंट्री रूद्रप्रयाग के बैंड की भक्तिमय धुनों तथा बाबा केदार की जय उदघोष से केदारनाथ धाम गुंजायमान रहा। मंदिर समिति अध्यक्ष अजेंद्र अजय ने कहा कि सामूहिक सहयोग समन्वय से यात्रा का सफलतापूर्वक समापन हुआ है।

कपाट बंद होने के बाद भगवान केदारनाथ जी की पंचमुखी डोली शीतकालीन गद्दी स्थल श्री ओंकारेश्वर मंदिर उखीमठ के लिए प्रस्थान हुई। आज पंचमुखी डोली प्रथम पड़ाल राम पुर पहुंचेगी। कल 28 अक्टूबर शुक्रवार को देवडोली श्री विश्वनाथ मंदिर गुप्तकाशी प्रवास करेगी तथा 29 अक्टूबर शनिवारको श्री ओंकारेश्वर मंदिर उखीमठ पहुंचेगी। इसी के साथ इस वर्ष श्री केदारनाथ यात्रा का समापन हो जायेगा तथा पंचकेदार गद्दी स्थल श्री ओंकारेश्वर मंदिर उखीमठ में भगवान केदारनाथ जी की शीतकालीन पूजाएं शुरू हो जायेगी।

इस यात्रा वर्ष चार धाम यात्रा में 43 लाख से अधिक तीर्थ यात्री दर्शन को पहुंचे। हेमकुंट साहिब को मिला कर यह संख्या पौने छयालीस लाख पहुंच गयी। 26 अक्टूबर गौवर्धन पूजा के अवसर पर श्री गंगोत्री धाम के कपाट शीतकाल हेतु बंद हो गये है। आज दोपहर में श्री यमुनोत्री धाम के कपाट शीतकाल हेतु बंद हो जायेंगे।

बलदेव, सुभद्रा और श्रीकृष्ण की झांकियों ने मोहा मन, मधुबन आश्रम से निकली झांकी

शरद पूर्णिमा के पावन अवसर पर श्री मधुबन आश्रम द्वारा नगर में भव्य श्री जगन्नाथ यात्रा निकाली गई। आश्रम के परमाध्यक्ष परमानंद दास जी महाराज, कैबिनेट मंत्री डॉ प्रेमचंद अग्रवाल, श्री कृष्णाचार्य जी महाराज, महंत वत्सल शर्मा, पंडित रवि शास्त्री आदि ने जगन्नाथ भगवान की विधिवत पूजा-अर्चना की।

मुनिकीरेती स्थित मंदिर परिसर से यात्रा की रवानगी से पूर्व मंत्री डॉ अग्रवाल ने जगन्नाथ भगवान की विधिवत पूजा-अर्चना और छप्पन भोग चढ़ाया गया। मंत्री डॉ अग्रवाल जी ने भगवान बलदेव, सुभद्रा और श्रीकृष्ण जी की 25वीं झांकी निकालने पर मधुबन आश्रम को बधाई दी।

डॉ अग्रवाल ने कहा कि रथ यात्रा का विशेष महत्व है ऐसी मान्यता है कि रथ के आगे झाड़ू लगाने तथा रथ को रस्सी के सहारे खींचने से इस सांसारिक जीवन में दोबारा जन्म नहीं लेना पड़ता। भगवान उन्हें इस जन्म के बाद मोक्ष प्रदान करते हैं।

इस मौके पर डॉ अग्रवाल ने श्रद्धालुओं के साथ रथयात्रा के आगे झाड़ू लगाया और भगवान जगन्नाथ जी के दर्शन कर देश और प्रदेश की उन्नति की कामना की। साथ ही रस्सी के सहारे रथ को खींचा।

मधुबन आश्रम से शुरू हुई 25वीं रथयात्रा का हरिद्वार व लक्ष्मण झूला मुख्य मार्ग पर विभिन्न संस्थाओं द्वारा पुष्प वर्षा के साथ विधिवत पूजा की गई।

यात्रा में डांडिया सहित राधा माधव कीर्तन मंडली के भजनों की प्रस्तुति आकर्षण का केंद्र बनी रही। यात्रा में साधु-संत सहित नगर तथा आस-पास क्षेत्र जाए श्रद्धालु शामिल हुए।

हरिद्वार में कांवड़ मेले की तैयारियों को लेकर सीएम ने की समीक्षा बैठक

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सीसीआर हरिद्वार में कांवड़ मेले की तैयारियों को लेकर समीक्षा बैठक ली। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिये कि कांवड़ मेला शुरू होने से पहले सभी आवश्यक व्यवस्थाएं पूर्ण की जाएं। सकुशल कांवड़ मेला सम्पन्न कराने के लिए कांवड़ मेले से संबधित अन्य राज्यों के अधिकारियों से भी निरन्तर समन्वय बनाकर रखें। यह सुनिश्चित किया जाए कि 14 जुलाई से 26 जुलाई 2022 तक होने वाले कांवड़ मेले में स्वास्थ्य, विद्युत, पेयजल, पार्किंग, स्वच्छता एवं अन्य सभी आवश्यक व्यवस्थाएं अच्छी हों। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस बार कांवड़ यात्रा में 04 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं के आने की संभावना है। उन्होंने सभी शिवभक्तों से अपील की कि देवभूमि उत्तराखण्ड में कांवड यात्रा पर आने वाले शिवभक्त एक-एक पौधा लगाएं। मुख्यमंत्री ने जिलाधिकारी हरिद्वार को निर्देश दिये कि कांवड़ यात्रा के लिए सभी आवश्यक व्यवस्थाओं के लिए जिलास्तरीय अधिकारियों को नोडल अधिकारी बनाया जाए।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि कांवड़ यात्रा के लिए श्रद्धालुओं की सुविधा के दृष्टिगत जो एडवाइजरी बनाई गई है, उसका व्यापक स्तर पर प्रचार-प्रसार किया जाए। मुख्यमंत्री ने बैठक के दौरान निर्देश दिये कि कांवड़ मेले में जिन अधिकारियों एवं कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई गई, जिनकी कोविड की बूस्टर डोज नहीं लगी है, उनकी बूस्टर डोज लगवाई जाए। कांवड़ यात्रा सुव्यवस्थित हो इसके लिए एक व्हाट्सएप ग्रुप बनाया जाए, जिसमें शासन के वरिष्ठ अधिकारी, पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी एवं कांवड़ मेले से संबंधित जिलों के अधिकारी शामिल किये जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि कांवड़ मेला अवधि में हरिद्वार में कांवड़ मेले से संबंधित सभी व्यवस्थाओं का पर्यवेक्षण प्रमुख सचिव श्री आर.के. सुधांशु करेंगे।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अधिकारियों को निर्देश दिये कि पार्किंग स्थलों में पेयजल की पूर्ण व्यवस्था रखी जाए। स्वच्छता का विशेष ध्यान रखा जाए। यह सुनिश्चित किया जाए कि कांवड़ यात्रा मार्गों पर शाइनेज की पूर्ण व्यवस्था हो। कांवड़ पटरी पर विद्युत की पर्याप्त व्यवस्था हो। वन क्षेत्र में जंगली जानवरों से सुरक्षा हेतु चेतावनी बोर्ड लगाये जाएं। कांवड़ मेला के दौरान यात्रा रूटों का पूरा चार्ट दिया जाए। भण्डारे एवं लंगर के लिए हाइवे से दूरी पर स्थान चिन्हित किये जाएं। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह भी सुनिश्चित किया जाए कि कांवड़ मेले के दौरान पर्वतीय जनपदों में आवश्यक सेवाओं एवं सामग्रियों को भेजने के लिए कोई परेशानी न हो। होटलों एवं दुकानों में रेट लिस्ट चस्पा की जाए। स्थानीय स्तर पर लोगों को आवागमन में अधिक परेशानी का सामना न करने पड़े।

जिलाधिकारी हरिद्वार विनय शंकर पाण्डेय ने कांवड़ की तैयारियों को लेकर प्रस्तुतीकरण देते हुए कहा कि कांवड़ मेले के लिए 60 हजार वाहनों की क्षमता के लिए 13 पार्किंग स्थल बनाये गये हैं। इसके अलावा विशेष परिस्थितियों के लिए 03 अतिरिक्त पार्किंग स्थल आरक्षित हैं। कांवड़ यात्रा के सुचारू संचालन हेतु मेला क्षेत्र में 12 सुपर जोन, 32 जोन एवं 134 सेक्टर बनाये गये हैं। सम्पूर्ण मेला क्षेत्र में 17 अस्थाई स्वास्थ्य शिविरों की स्थापना की गई है। चिकित्सा केन्द्रों में एम्बुलेंस की पर्याप्त व्यवस्था की गई है। मेले से संबंधित सभी व्यवस्थाएं की गई हैं।

बैठक में कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज, विधायक प्रदीप बत्रा, आदेश चौहान, पूर्व कैबिनेट मंत्री स्वामी यतीश्वरानन्द, पूर्व विधायक संजय गुप्ता, अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, आनन्द बर्द्धन, प्रमुख सचिव आर. के सुधांशु, पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार, एडीजीपी डॉ. वी मुरूगेशन, सचिव आर. मीनाक्षी सुन्दरम, नितेश झा, राधिका झा, अरविन्द सिंह ह्यांकी, एच.सी. सेमवाल, आयुक्त परिवहन रणवीर सिंह चौहान, अपर सचिव सी. रविशंकर, गढ़वाल कमिश्नर सुशील कुमार, डीआईजी गढ़वाल के. एस. नगन्याल, एस.एस.पी. हरिद्वार डॉ. वाई.एस. रावत एवं विभिन्न विभागों के विभागाध्यक्ष एवं जिला स्तरीय अधिकारी उपस्थित थे।

केदानाथ का स्थलीय निरीक्षण कर मंत्री सौरभ बहुगुणा ने दिए आवश्यक निर्देश

जनपद में एक दिवसीय भ्रमण पर पहुँचे पशुपालन मंत्री सौरभ बहुगणा ने केदारनाथ यात्रा मार्ग सोनप्रयाग से गौरीकुण्ड तक स्थलीय निरीक्षण किया। उन्होंने यात्रा मार्ग में संचालित हो रहे घोड़े खच्चरों के संबंध में संबंधित अधिकारियों एवं घोडे़ खच्चर संचालको से घोड़े खच्चरों का विशेष ध्यान रखने के निर्देश दिये। उन्होनें यात्रा मार्ग में घोड़े खच्चरों के पानी, रखरखाव की उचित व्यवस्था करने एवं जानवरों के साथ क्रूरता न करने के निर्देश घोड़े खच्चर संचालकों एवं हॉकरों को दिए। उन्होंने यात्रा मार्ग पर संचालित घोडा खच्चरों में से पचास फीसदी का संचालन ही एक दिन में करने के निर्देश दिए, उन्होंने हराहाल में घोड़े खच्चरों को एक दिन का आराम देने के निर्देश दिए। किसी भी दशा में घोड़े खच्चरों से डबल चक्कर न लगाये जाय, इसके लिये उन्होने पुलिस एवं संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिये कि यदि किसी के द्वारा ऐसा किया जाता है तो उसके विरुद्व नियमानुसार आवश्यक कार्यवाही सुनिश्चित की जाय।

उन्होनें घोड़ा पड़ाव में घोडे खच्चरों के रहने के लिए शेड तैयार करने के हेतु उपजिलाधिकारी ऊखीमठ को प्रस्ताव तैयार करने के निर्देश दिये। इसके साथ ही चिकित्सकों के लिए सोनप्रयाग एंव गौरीकुण्ड में आवास व्यवस्था करने के भी निर्देश दिये गये। मा0 मंत्री द्वारा घोड़े खच्चर यूनियन के अध्यक्ष से वार्ता करते हुए कहा कि यात्रा मार्ग में संचालित हो रहे घोड़े खच्चरों का ध्यान रखने को कहा गया। उन्होनें यह भी कहा कि यदि किसी मालिक एवं हॉकर द्वारा घोड़े खच्चर की देख-भाल ठीक ढंग से नही की जाती है तो इसकी सूचना जिला प्रशासन को दी जाये, इसके लिये उन्होनें सभी के सहयोग की अपेक्षा की। उन्होनें यह भी निर्देश दिये है कि यदि किसी घोड़े खच्चर की मृत्यु हो जाती है तो सुलभ द्वारा उसको दफनाने की उचित व्यवस्था सुनिश्चित की जाय।

इस अवसर पर जिला पंचायत अध्यक्ष अमरदेई शाह, सचिव पशुपालन, सहकारिता, डेयरी डॉ बी.बी.आर.सी. पुरुषोतम, अपर पुलिस अधीक्षक स्वप्न किशोर सिंह, उपजिलाधिकारी ऊखीमठ जितेन्द्र वर्मा, मुख्य पशु चिकित्साधिकारी डॉ आशीष रावत, पुलिस उपाधीक्षक सोनप्रयाग योगेन्द्र गुसांई, गुप्तकाशी विमल रावत, घोडे खच्चर यूनियन के पदाधिकारी सहित संबंधित अधिकारी मौजूद रहे।