चारधाम यात्रा में अभी तक लगभग आठ लाख श्रद्धालु पहुंचे

अभी तक आठ लाख लोग चार धाम के दर्शन कर चुके है। लाखों लोगों ने दर्शन हेतु चारधामों के लिए ऑनलाइन ऑफलाइन अपना रजिस्ट्रेशन करा दिया है अभी तक मई माह तक रजिस्ट्रेशन के स्लॉट पूरे हो गये है। 22 मई से श्री हेमकुंट साहिब एवं लोकपाल तीर्थ के कपाट खुल रहे है। सभी तीर्थों में व्यवस्थायें अनुकूल रहे इसके लिए तीर्थयात्रियों की संख्या सरकार ने निर्धारित की हुई है।
विगत 19 मई को प्रदेश के राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल ( रिटायर्ड) गुरमीत सिंह एवं मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने पंचप्यारों के साथ श्रद्धालुओं के पहले जत्थे को ऋषिकेश से श्री हेमकुंट साहिब के लिए रवाना कर दिया।
20 मई को पहला जत्था गुरूद्वारा गोविंद घाट पहुंचा। आज जत्था हेमकुंट के लिए प्रस्थान होकर घांघरिया पहुंच रहा है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि सभी तीर्थ यात्री सकुशल तीर्थयात्रा करें यह उनकी प्राथमिकता में है। विगत दिनों कैबिनेट मंत्री डा. धन सिंह रावत को श्री केदारनाथ यात्रा तथा कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल को बदरीनाथ धाम यात्रा हेतु यात्रा पर्यवेकक्षण का प्रभार दिया गया ताकि तीर्थयात्रियों को किसी भी स्तर पर दिक्कत न हो।
पर्यटन-तीर्थाटन मंत्री सतपाल महाराज ने कहा कि श्रद्धालु बड़ी संख्या में देवभूमि उत्तराखंड पहुंच रहे है। सरकार का प्रयास है की श्रद्धालुओं को कोई परेशानी न हो।
श्री बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति के अध्यक्ष अजेंद्र अजय ने बताया कि मंदिर समिति द्वारा तीर्थयात्रियों को धामों में सरलता- सुगमता से दर्शन हो इसके लिए समिति ने अपने स्तर पर प्रयास किये है।
धर्मस्व- तीर्थाटन सचिव हरिचंद सेमवाल ने कहा कि सरकार द्वारा तीर्थयात्रियों की समस्याओं का त्वरित निराकरण के आदेश दिये गये है।
पर्यटन सचिव दिलीप जावलकर के निर्देशन में उत्तराखंड पर्यटन विकास परिषद द्वारा निरंतर आन लाईन एवं आफ लाईन रजिस्ट्रेशन/ काउंटरों की मॉनिटरिंग की जा रही है।
गढ़वाल आयुक्त सुशील कुमार के निर्दैश पर चारधाम यात्रा प्रशासन संगठन ने ऋषिकेश बस अड्डे पर यात्री हेल्प डेस्क यात्रियों का मार्गदर्शन कर रहे हैं।
सभी जिला प्रशासन, स्थानीय निकायों, मंदिर समितियों द्वारा संबंधित धामों राज्य चिकित्सा विभाग सहित सभी विभागों के आपसी तालमेल से चारधाम यात्रा संचालित हो रही है। किसी भी आपात स्थिति में एनडीआरएफ सहित हेली एंबुलेंस की भी सुविधायें दी जा रही है।
श्री बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति के मीडिया प्रभारी डा. हरीश गौड़ द्वारा 20 मई रात्रि तक के चारधाम दर्शन हेतु पहुंचे यात्रियों के आंकड़े जारी किये हैं बताया कि अभी तक आठ लाख तीर्थयात्री चारधाम पहुंच गये है। विस्तृत विवरण निम्नानुसार है।
उत्तराखंड चारधाम यात्रा वर्ष 2022
दर्शनार्थियों /तीर्थयात्रियों की संख्या
1-श्री बदरीनाथ धाम कपाट खुलने की तिथि 8 मई से 20 मई शाम तक 240064
2- श्री केदारनाथ धाम कपाट खुलने की तिथि 6 मई से 20 मई शायं तक 269169
3-श्री गंगोत्री धाम
कपाट खुलने की तिथि 3 मई से 20 मई तक 149856
4-श्री यमुनोत्री धाम
कपाट खुलने की तिथि 3 मई से 20 मई तक 116753
20 मई तक श्री बदरीनाथ-केदारनाथ पहुंचने वाले कुल तीर्थयात्रियों की संख्या का योग- 509233
मई तक श्री गंगोत्री-यमुनोत्री पहुंचे तीर्थ यात्रियों की संख्या 266609
20 मई रात्रि तक उत्तराखंड चारधाम पहुंचे संपूर्ण तीर्थयात्रियों की संख्या 775842 ( सात लाख पिचहत्तर हजार आठ सौ बयालीस ) इस तरह आज शाम तक चारधाम पहुंचनेवाले तीर्थयात्रियों की संख्या आठ लाख से अधिक हो जायेगी।
बताया गया है कि चारधाम तीर्थयात्रियों के आंकड़े श्री बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति/ पुलिस- प्रशासन/ आपदा प्रबंधन के सहयोग से जारी किये जा गये है।

पौराणिक भगवान भरत की शहरी विकास मंत्री ने की सपरिवार परिक्रमा

अक्षय तृतीया के पावन अवसर पर काबीना मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने सपरिवार ऋषिकेश नारायण भगवान भरत जी के दर्शन कर परिक्रमा की।

ऋषिकेश नारायण भगवान भरत के दर्शन और परिक्रमा करने के बाद काबीना मंत्री ने कहा कि आज बहुत शुभ दिन है। आज के दिन पौराणिक भगवान भरत जी के मंदिर की 108 परिक्रमा करने से भगवान बदरीनाथ के दर्शनों का जितना पुण्य प्राप्त होता है। उन्होंने भगवान भरत से दो वर्ष बाद संचालित चारधाम यात्रा के सकुशल होने की कामना की। साथ ही देश-प्रदेश की खुशहाली, सुख, सृमद्धि की कामना की।

महंत वत्सल प्रपन्नाचार्य महाराज ने बताया कि भरत भगवान की मूर्ति भी उसी शालीग्राम पत्थर से बनी है, जिससे बद्रीनाथ भगवान की मूर्ति बनाई गई है। इसके अलावा अक्षय तृतीया के दिन ही भरत भगवान के चरणों के दर्शन करने का सौभाग्य श्रद्धालुओं को प्राप्त होता है। अक्षय तृतीया के दिन से ही चार धाम यात्रा का विधिवत शुभारंभ हो जाता है। आज के दिन ही यमुनोत्री और गंगोत्री धाम के कपाट भी खोले जाते हैं।

इस मौके पर शशिप्रभा अग्रवाल, पीयूष अग्रवाल, श्री भरत मंदिर के प्रबंधक हर्षवर्धन शर्मा, वरुण शर्मा, मेजर गोविंद सिंह रावत, पार्षद लक्ष्मी रावत, राम कृपाल गौतम, रूपेश गुप्ता, राजपाल ठाकुर सहित कई श्रद्धालु आदि मौजूद रहे।

गंगा तट पर होली मिलन कार्यक्रम हर्षाेल्लास के साथ मनाया गया

श्री गंगा सेवा एवं पर्यावरण सुरक्षा समिति की ओर से होली मिलन समारोह धूमधाम से होली मिलन समारोह मनाया गया। नगर पालिका मुनी की रेती अध्यक्ष रोशन रतूड़ी जी ने कार्यक्रम में अहम भूमिका निभाई व संस्था के सचिव एवं महंत रवि प्रपन्नाचार्य महाराज ने संचालन किया। कार्यक्रम का शुभारंभ सभी ने सामूहिक दीप प्रज्वलन कर किया। अध्यक्ष श्री दिनेश डबराल ने ऋषिकेश गंगा आरती ट्रस्ट की महिलाओं का स्वागत माला पहनाकर किया।

संस्था के संरक्षक चंद्रवीर पोखरियाल ने अपने उद्बोधन में कहा कि जीवन दायिनी मां गंगा की निर्मलता व स्वच्छता बनाए रखना हमारा कर्तव्य है। मां गंगा हमारी आस्था ही नहीं संस्कार व भारतीय संस्कृति की भी पहचान है। उन्होंने कहा कि गंगा की पवित्रता निर्मलता व अखंडता को बनाए रखना हम सबका कर्तव्य ही नहीं हमारी पूर्ण जिम्मेवारी भी है हमें गंगा के तटों के किनारे पौधारोपण के साथ-साथ सब को जागरूक करना है जिससे पर्यावरण भी शुद्ध हो सके।हम अपने जन्मदिन वह किसी भी प्रकार के आयोजन में पौधारोपण जरूर करें।

कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे कमल सिंह राणा ने कहा कि आज जहां महिला पुरुषों से आगे बढ़कर कार्य कर रही है वहीं आज महिलाएं गंगा की स्वच्छता के लिए भी निरंतर निस्वार्थ भाव से मां गंगा की सेवा कर रही है हम सदैव उनके ऋणी रहेंगे हमें मातृशक्ति से सीखना चाहिए हर संभव संस्था एवं महिलाओं द्वारा की जा रही गंगा आरती को सहयोग एवं स्वच्छता के लिए सदैव साथ मिलकर कार्य करने को विश्वास दिलाया।

श्री गंगा सेवा एवं पर्यावरण सुरक्षा समिति के अध्यक्ष दिनेश डबराल ने कहा कि आज समिति द्वारा महिलाओं एवं पर्यावरण संरक्षण के लिए किये जा रहे कार्य पर्यावरण व नारी शक्ति को साथ लायेंगे एवं जन जागरण के माध्यम से गंगा आरती में आए हुए श्रद्धालुओं को गंगा की निर्मलता एवं स्वच्छता के लिए जागरूक भी फैलेगी। आज संस्था ने गंगा की स्वच्छता एवं पर्यावरण संरक्षण के लिए सभी गंगा प्रेमियों को सम्मानित किया। सभी का आभार प्रकट करते हुए समय-समय पर गंगा को स्वच्छता अभियान, श्रमदान और निर्मल बनाने के लिए संकल्प भी लिया गया।
इस अवसर पर संस्था ने सर्वप्रथम पर्यावरण संरक्षक में पूरा जीवन समर्पित कर चुके पर्यावरणविद श्री एम एन मिश्रा को सम्मानित करते हुए पुष्प हार, स्मृति चिन्ह एवं प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया।

गंगा भक्त निर्देशक सोनल पांड्या ने लोगों से पौधरोपण कर उसका संरक्षण करने की अपील करते हुए कहा वृक्ष न सिर्फ हमारे पर्यावरण को शुद्ध करते हैं, बल्कि मानव जीवन के लिए भी उपयोगी है। उन्होंने कहा कि हम पेड़ पौधे, नदी को स्वच्छ रखकर वातावरण को बेहतर बना सकते हैं।

पांड्या ने कहा इस बात की तत्काल आवश्यकता है कि प्रदूषित पानी को स्वच्छ करने के सस्ते तरीके ढूंढ़े जाएं। कम लागत की तकनीक विकसित हो। पानी रिसाइकिल होकर पुनः उपयोग लायक बन सके। कचरे के उपयोग कम लागत की तकनीक से विकसित हो।
इस अवसर पर गंगा भक्त निर्देशक सोनल पांड्या, शांति सिंह, डॉक्टर ज्योति शर्मा, प्रमिला देवी, गायत्री देवी, सरोज देवी, वंदना देवी ,सुनीता देवी, रीता देवी, सुनीता आप जरा बताना हर्ष पाल मिश्रा आरती चौतन्य उमाया चौतन्य आदि को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया।
इस अवसर पर संस्था के संरक्षक कमल सिंह राणा संस्था के अध्यक्ष दिनेश डबराल, संस्था के सचिव महंत रवि प्रपन्नाचार्य, संस्था के ललित पवार, अशोक क्रेजी, गंगा आरती ट्रस्ट के प्रवक्ता हरिओम शर्मा, ज्ञानी जी, सत्येंद्र चौहान, ललित पवार, मनोज मालासी आदि लोग उपस्थित थे।

चारधाम यात्रा शुरु, तीर्थयात्रियों के साथ ही कारेाबारियों के खिले चेहरे

केदारनाथ, बदरीनाथ सहित चार धाम में वैदिक मंत्रोच्चार के साथ प्रदेश में यात्रा का श्रीगणेश हो गया। पहले दिन बदरीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री और यमनोत्री धाम में 700 से ज्यादा श्रद्धालुओं ने दर्शन किया। यात्रा शुरू होने से श्रद्धालुओं में उत्साह है तो दूसरी ओर, चारधाम रूट के पर्यटन और परिवहन कारोबारी भी बेहद खुश नजर आ रहे हैं। केदारनाथ धाम के दर्शन के लिए दोपहर 12 बजे तक 352 तीर्थयात्री प्रस्थान कर चुके थे। केदारधाम में प्रतिदिन 800 लोगों को ही जाने की अनुमति दी गई है।
देवस्थानम बोर्ड के अनुसार, केदारनाथ में गर्भ गृह में भी व्यवस्थाएं बहाल कर दी गई हैं। गर्भ गृह में किसी को प्रवेश की अनुमति नही हैं। सभी यात्रियों को सभा मंडप से ही दर्शन की अनुमति दी गई है। बदरीनाथ में ब्रह़्म मुर्हुत में भगवान बदरी विशाल का पूजन अभिषेक शुरू हुआ। मुख्य रावल ईश्वरी प्रसाद नम्बूदरी ने नियमानुसार भगवान का स्नान, श्रृंगार, अभिषेक किया। धर्माधिकारी भुवन उनियाल अपर धर्माधिकारियों ने वेद ऋचाओं का वाचन किया। कपाट खुलते ही श्रद्धालुओं ने जय बदरीविशाल के जयघोष के साथ मंदिर परिसर में प्रवेश किया। दोपहर तक 250 श्रद्धालु भगवान बदरीनाथ के दर्शन कर चुके थे। अभी सिलसिला जारी है। उधर, उत्तरकाशी में दोपहर तक गंगोत्री धाम में 73 श्रद्धालु दर्शन कर चुके थे। यमुनोत्री में भी श्रद्धालुओं ने मां यमुना की पूजा अर्चना की। दोनों धामों में शाम तक 302 श्रद्धालुओं ने दर्शन कर पूजा अर्चना की।

कोविड जांच के लिए सख्त इंतजाम
भगवान बदरीनाथ के दर्शन के लिए आने वाले श्रद्धालुओं के स्वास्थ्य जांच के लिये जिले के प्रवेश द्वार गौचर, मोहन खाल, मेहलचौरी से ही बैरियर पर कोविड जांच की व्यवस्था की गई है। पांडुकेश्वर में भी कोविड जांच यात्रियों की जांच हो रही है । हेमकुंड जाने वाले यात्रियों की भी कोविड जांच की जा रही है। बदरीनाथ आने वाले यात्रियों कोविड प्रपत्रों की जांच देवदर्शनी में भी हो रही है। उधर,केदारनाथ के दर्शन के लिए जाने वाले महाराष्ट्र, केरल और आंध्रप्रदेश के श्रद्धालुओं के लिए सोनप्रयाग में आरटीपीसीआर कोविड टेस्ट की अलग से व्यवस्था की है।

कल खुलने जा रहे बदरी विशाल के कपाट, मुख्यमंत्री ने दी शुभकामनायें

आदि गुरू शंकराचार्य की गद्दी, उद्धव, कुबेर रावल ईश्वरीय प्रसाद नंबूदरी एवं श्री डिमरी धार्मिक केंद्रीय पंचायत के प्रतिनिधि तेल कलश गाडू घड़ा सहित श्री योगध्यान बदरी मंदिर पांडुकेश्वर से श्री बदरीनाथ धाम पहुंचे।

कल ब्रह्म मुहुर्त 4 बजकर 15 मिनट में श्री बदरीनाथ धाम के कपाट खुलेंगे। इस अवसर हेतु श्री बदरी-केदार पुष्प सेवा समिति ने श्री बदरीनाथ धाम को फूलों से सजाया है।

मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने श्रद्धालुओं को शुभकामनायें देते हुए घर से ही पूजा अर्चना करने का आग्रह किया है।

देवस्थानम बोर्ड के मीडिया प्रभारी डा. हरीश गौड़ ने बताया कि कपाट खुलने की तैयारिया पूर्ण कर दी गयी है। आदिगुरू शंकराचार्य की जयंती पर आज श्री नृसिंह मंदिर जोशीमठ में सादगी पूर्वक आदि गुरू शंकराचार्य का स्मरण किया गया। रावल ईश्वरी प्रसाद नंबूदरी ने आदि गुरू शंकराचार्य महाराज की वैदिक परंपराओं को अक्षुण बनाये रखने का आवह्वान किया।
इस अवसर पर उप मुख्य कार्याधिकारी सुनील तिवारी, धर्माधिकारी भुवन चंद्र उनियाल, डिम्मर उम्मटा डिमरी पंचायत अध्यक्ष आशुतोष डिमरी, डिमरी केंद्रीय पंचायत अध्यक्ष विनोद डिमरी आदि मौजूद रहे।

पीएम मोदी के मार्गदर्शन में आपदा के बाद पुनर्निमाण के कार्य अब अंतिम चरण मेंः तीरथ सिहं रावत

मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत व केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान की मौजूदगी में श्री केदारनाथ उत्थान ट्रस्ट व तेल एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय की पब्लिक सेक्टर कंपनियों के मध्य श्री बद्रीनाथ धाम को स्मार्ट स्प्रीचवल टाउन के रूप में विकसित करने को लेकर लगभग 100 करोड़ के कार्यों के समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर हुए। समझौता पत्र पर पेट्रोलियम मंत्रालय की ओर से सचिव तन्नू कपूर व उत्तराखंड की ओर से पर्यटन सचिव दिलीप जावलकर ने हस्ताक्षर किए।

सचिवालय में वर्चुअल रूप से आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की प्रेरणा व मार्गदर्शन में वर्ष 2013 में आई आपदा के बाद पुनर्निर्माण के कार्य शुरू हुए थे जो कि अब अपने अंतिम चरणों में हैं। इसी कड़ी में प्रधानमंत्री ने बदरीनाथ धाम के कायाकल्प का भी निर्णय लिया। यहां आगामी 100 वर्षों की आवश्यकताओं के मद्देनजर सुविधाओं का विकास कुल 85 हेक्टेयर भूमि में चरणबद्ध तरीके से कार्य किये जाने हैं। बदरीनाथ धाम में यात्रियों के लिए सुविधाएं बढ़ाने के विशेष प्रयास किये जा रहे हैं।

इसी के साथ यहां पर व्यास गुफा, गणेश गुफा व चरण पादुका आदि का भी पुनर्विकास किया जाना है। मुख्यमंत्री ने कहा कि बदरीनाथ धाम के विकास में तेल कंपनियों का योगदान सराहनीय है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार का फोकस क्षेत्र में होमस्टे को बढ़ावा देने पर है ताकि श्रद्धालुओं को यहां आने पर सस्ती सुविधाएं उपलब्ध हो सकें। मुख्यमंत्री ने कहा कि आगामी तीन वर्षों में बदरीनाथ धाम के कायाकल्प के लिए सरकार प्रतिबद्ध है। उन्होंने बदरीनाथ धाम में किये जा रहे कार्यों के लिए विशेष तौर पर प्रधानमंत्री जी व पेट्रोलियम मंत्री का विशेष आभार जताया।

केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि उत्तराखण्ड के चार धामों का विशेष महत्त्व है। बदरीनाथ धाम के कायाकल्प को लेकर तेल कंपनियां प्रतिबद्ध हैं। उन्होंने कहा कि आने वाले समय में बदरीनाथ व केदारनाथ धामों की भांति ही उत्तरकाशी में गंगोत्री व यमनोत्री धामों के लिए भी कुछ कार्य कराए जाएंगे। उन्होंने कहा कि बदरीनाथ धाम को प्रधानमंत्री मोदी के विजन के अनुरूप स्मार्ट स्प्रीचवल टाउन के रूप में विकसित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि यहां पर अलकनंदा नदी के तटबंध कार्यों के अलावा प्लाजा, जल निकासी, सीवेज, लाइट, सीसीटीवी, पीए सिस्टम, शौचालय, पुल आदि के सौंदर्यीकरण व पुनर्निर्माण के कार्य होने प्रस्तावित हैं।

प्रदेश के पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने कहा कि श्री बदरीनाथ धाम का धार्मिक के साथ ही आर्थिक महत्व भी है। यहां से हजारों लोगों को रोजगार भी मिलता है। उन्होंने कहा कि पुनर्निर्माण कार्यो के दौरान हमें इस बात का भी ध्यान रखना है कि यहां पर पर्यावरण को नुकसान न पहुँचे। प्रथम चरण में यहां पर अस्पताल के विस्तारीकरण का कार्य प्रस्तावित है। इसके अलावा रिवर फ्रंट डेवलपमेंट, तटबंधों में सुदृढ़ीकरण, लैंड सकेपिंग, भीड़ होने पर होल्डिंग एरिया, पुलों की रेट्रोफिटिंग आदि कार्य होने हैं। मौके पर मुख्य सचिव ओमप्रकाश भी उपस्थित थे।
इस अवसर पर पेट्रोलियम मंत्रालय की ओर से एक वीडियो भी दिखाया गया जिसमें यहां होने वाले विभिन्न कार्यों के बारे में बताया गया।

महंत रामकृपालु को श्रद्धांजलि देकर नए महंत बने श्याम चरण महाराज

श्री भरत मिलाप आश्रम में आज ब्रह्मलीन महंत रामकृपालु महाराज को श्रद्धांजलि अर्पित की गई। वहीं, श्याम चरण दास महाराज नए महंत बनाए गए।

मायाकुंड में श्री भरत मिलाप आश्रम में आयोजित पट्टाभिषेक कार्यक्रम के शुभारंभ में सभी आगन्तुकों ने ब्रह्मलीन महंत रामकृपालु महाराज को श्रद्धांजलि अर्पित की। श्री विरक्त वैष्णव षड्दर्शन संप्रदाय के महामंडलेश्वर रामानंद आश्रम के महंत स्वामी अभिराम दास महाराज की अध्यक्षता एवं महामंडलेश्वर ईश्वर दास महाराज के संचालन में श्याम चरण दास महाराज का पट्टाभिषेक किया गया। उन्हें महंताई की चादर ओढ़ाकर श्री भरत मिलाप आश्रम के महंत की जिम्मेदारी सौंपी गई। ब्रह्मलीन राम कृपालु दास महाराज के शिष्य गोपाल बाबा ने बताया कि श्याम चरण दास महाराज उनके गुरु भाई हैं और उन्हें आश्रम की जिम्मेदारी मिली है।

मौके पर महामंडलेश्वर अभिराम दास महाराज, रामेश्वर दास महाराज, महामंडलेश्वर दयाराम दास महाराज, महामंडलेश्वर ईश्वर दास महाराज, रामानुजाचार्य गोपाल आचार्य महाराज, डॉ. नारायण दास महाराज, महंत दुर्गादास, महंत विष्णु दास, महामंडलेश्वर राम नरेश आचार्य, लोकेश दास महाराज, पुजारी वृंदावन दास महाराज, सुरेश दास महाराज, केदारनाथ श्रीनिवास, विजयानंद महाराज, मां साध्वी वंदना मिश्रा, मेयर अनीता मंमगाईं, अरविंद पांडे, परमानंद दास महाराज, पंडित रवि शास्त्री, राम चैबे, अभिषेक शर्मा, गुरविंदर सलूजा, आईडी जोशी, रमाकांत भारद्वाज, धीरेंद्र जोशी, अमित गांधी, मनोज तिवारी आदि उपस्थित रहे।

मुख्यमंत्री ने कुंभनगरी हरिद्वार में 153.73 करोड़ की योजनाओं का किया लोकार्पण


मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने मीडिया सेन्टर नीलधारा में कुम्भ मेले की व्यवस्थाओं से संबंधित विभिन्न विभागों की 153.73 करोड़ की 31 योजनाओं का शुभारम्भ के साथ ही मीडिया सेन्टर का भी लोकार्पण किया। मुख्यमंत्री ने चंडीघाट, हर की पैड़ी, विभिन्न शिविरों, घाटों, मीडिया सेंटर सहित कुम्भ क्षेत्र का निरीक्षण किया। उन्होंने अधिकारियों को कहा कि कुम्भ के कार्यों में किसी भी तरह की कमी बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि इस वर्ष का कुम्भ कोरोना के बावजूद, पूरी सर्तकता बरतते हुए दिव्य और भव्य होगा। कुम्भ में आये साधु सन्तो और अखाड़ो को हर सुविधा का ख्याल रखा जायेगा। इसके लिए हमारी सरकार रात-दिन जुटी हुई है। समय अल्प है परंतु व्यवस्थाओं के लिए निरंतर भरसक प्रयास किए जा रहे हैं। संत समाज के लिए जगह की कोई कमी नहीं है। सरकार संत समाज के साथ है।

मुख्यमंत्री ने नीलधारा स्थित मीडिया सेंटर में महाकुंभ 2021 हेतु एक सौ तिरपन करोड़, तिहत्तर लाख रूपये की जिन योजनाओं का लोकार्पण किया उनमें विकास कार्यो जैसे लोकनिर्माण विभाग, सिंचाई, गृहविभाग, परिवहन निगम आदि की कुल 31 योजनाओं का लोकार्पण शामिल है।

अपने संबोधन में मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने शपथ लेने के अगले ही दिन महाशिवरात्रि के शाही स्नान पर हरिद्वार में आकर मां गंगा के पूजन, दर्शन किया और उन्हें संतों का आशीर्वाद लेने का सौभाग्य प्राप्त हुआ। शाही स्नान में आने वाले साधु संतों पर हेलीकॉप्टर से पुष्प वर्षा कराई गई। महाकुंभ बारह साल में ही होता है। हरिद्वार का कुंभ ऐतिहासिक और पौराणिक महत्व का है। यह भव्य दिव्य होना ही चाहिए, परंतु साथ ही साथ कोविड की गाइडलाइंस का पालन भी आवश्यक है। आज प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में देश के 130 करोड़ से अधिक जनता सुरक्षित महसूस कर रही है। उन्होंने कहा कि कुम्भ स्नान करने के लिए जिन लोगों ने बारह वर्ष पूर्व मन्नत मांगी थी, वे हरिद्वार और ऋषिकेश के गंगा घाटों पर गंगा स्नान कर पुण्य लाभ प्राप्त करें। आज कुंभ क्षेत्र में हर ओर साधु संत दिख रहे हैं। साधु संतों के शिविरों और आश्रमों में पानी, बिजली, शौचालय, घाटों पर सभी प्रबंधन के लिए कुंभ क्षेत्र से संबंधित चार जिलों के अधिकारियों को निर्देशित किया गया है। उन्होंने कहा कि कोविड काल में अधिकारियों ने खुद व अपने परिवार की चिंता न कर सबकी सेवा की है। अच्छा कार्य करने वाले अधिकारियों का सम्मान किया जाएगा। हम साधु संतों की सेवा के लिए दिनरात एक कर अधिकारियों के माध्यम से जुटे हैं और जुटे रहेंगे। उन्होंने अनुरोध किया कि अधिकारियों का भी मनोबल न टूटे, ये आशीर्वाद संत समाज से प्रार्थनीय है। उन्होंने सभी को दिव्य,भव्य कुंभ के लिए शुभकामनाएं देते हुए कहा कि मीडिया कर्मियों को शत प्रतिशत कोविड वैक्सीनेशन कराया जा रहा है।

इस अवसर पर संसदीय कार्य व शहरी विकास मंत्री बंशीधर भगत ने कहा कि आज मुख्यमंत्री ने गंगा पूजन कर हरिद्वार में कुंभ का शुभारंभ कर दिया है। उनके हाथों से आज होने वाली योजनाओं व कार्यों के लोकार्पण से हरिद्वार और प्रदेश के विकास को बहुत गति मिलेगी। विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल ने कहा कि हरकी पैड़ी पर गंगा पूजन व शंखनाद से कुंभ के सकुशल होने की सभी ने कामना की है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री कोरोना को मात देने के बाद सीधे कुंभ के आयोजन में शामिल होने आए हैं, इससे उनकी आस्था व गंभीरता खुद झलकती है।

इस अवसर पर ज्वालापुर विधायक सुरेश राठौर, मुख्य सचिव ओमप्रकाश, सचिव शैलेश बगोली, गढ़वाल मंडल आयुक्त रविनाथ रमन, मेलाधिकारी दीपक रावत, जिलाधिकारी सी. रविशंकर, महानिदेशक सूचना रणवीर सिंह चैहान, एसएसपी कुंभ जन्मेजय खंडूरी, अपर मेलाधिकारी डा ललित नारायण मिश्र, भाजपा हरिद्वार जिलाध्यक्ष डा जयपाल सिंह चैहान, सांसद प्रतिनिधि ओमप्रकाश जमदग्नि, पूर्व महापौर मनोज गर्ग, शोभाराम प्रजापति सहित अन्य लोग उपस्थित थे।

इन योजनाओं का हुआ लोकार्पण 1-कुम्भ मेला 2021 के अंतर्गत जनपद हरिद्वार में शंकराचार्य चैक से कनखल की ओर देश रक्षक तिराहे तक मार्ग का नवीनीकरण एवं सुधारीकरण का कार्य लागत 290.11 लाख रूपये। 2-कुम्भ मेला 2021 के अंतर्गत जनपद हरिद्वार में बंगाली मोड़ से झंडा चैक होते हुए श्रीयंत्र मंदिर तक मार्ग का नवीनीकरण एवं सुधारीकरण का कार्य लागत 139.96 लाख रूपये। 3-कुम्भ मेला 2021 के अंतर्गत जनपद हरिद्वार में पुराना दिल्ली नितिपास मार्ग व हरिद्वार शहर में लोकनिर्माण विभाग के अधीन अन्य आंतरिक मार्गों का बीसी द्वारा नवीनीकरण कार्य, लागत 946.28 लाख रूपये । 4-कुम्भ मेला 2021 के अंतर्गत जनपद हरिद्वार में हिल बाईपास मोटरमार्ग का पुर्न निर्माण एवं सुदृढ़ीकरण का कार्य लागत 170.37 लाख रूपये। 5-कुम्भ मेला 2021 के अंतर्गत जनपद हरिद्वार में ज्वालापुर, ललतारौ, चंडीघाट मार्ग का बीसी द्वारा नवीनीकरण का कार्य लागत 534.94 लाख रूपये। 6-कुम्भ मेला 2021 के अंतर्गत पिरान कलियर मार्ग का एसडीबीसी द्वारा नवीनीकरण का कार्य लागत 97.19 लाख रूपये। 7-कुम्भ मेला 2021 के अंतर्गत रूड़की में गणेश पुल से रेलवे स्टेशन मार्ग एसडीबीसी द्वारा नवीनीकरण का कार्य लागत 47.56 लाख रूपये। 8-कुम्भ मेला 2021 के अंतर्गत पुहाना-इकबालपुर-झबरेड़ा-गुरूकुल नारसन मार्ग का एसडीबीसी द्वारा नवीनीकरण का कार्य लागत 189.95 लाख रूपये। 9-कुम्भ मेला 2021 के अंतर्गत बहादराबाद-धनौरी-ईमलीखेड़ा-भगवानपुर मार्ग का एसडीबीसी द्वारा नवीनीकरण का कार्य लागत 169.69 लाख रूपये। 10-माननीय मुख्यमंत्री घोषणा संख्या-606ध्2018 जनपद टिहरी गढ़वाल के विधानसभा क्षेत्र के तपोवन की सड़कों का पुर्न निर्माण कार्य लागत 313.96 लाख रूपये। 11-विधानसभा क्षेत्र में बीएचईएल मध्य मार्ग हरिद्वार का बैरियर नंबर 06 तक एसडीबीसी एवं सुधारीकरण का कार्य लागत 265.39 लाख रूपये। 12-सुल्तानपुर-निहंदपुर से मैहतोली-भोपुर-शेरपुर मार्ग लंबाई 4.90 किलो मीटर के नवीनीकरण कार्य लागत 97.27 लाख रूपये। 13-एक्कड़ कलां गांव (नगर कुमार पुलिया) से पेशवाई मार्ग का निर्माण हरिद्वार ग्रामीण क्षेत्र को श्री पंचायती निर्मल अखाड़ा से जोड़ने हेतु लंबाई 600 मीटर, लागत 64.31 लाख रूपये। 14-फाउंड्री गेट से बैरियर नंबर 5 गुघाल मंदिर तक सड़क का पुर्न निर्माण लंबाई 800 मीटर, लागत 37.82 लाख रूपये। 15-जनपद हरिद्वार में एनएच-58 आयरिस सेतु से बैरागी कैंप, विश्व कल्याण आश्रम, मात्र सदन होते हुए पुरकाजी, लक्सर, ज्वालापुर राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या-334-ए को जोड़ने वाले मार्ग का निर्माण कार्य लागत 1017.31 लाख रूपये। …………………………………………….
योग – 4382.11 लाख रूपये…………………………………………….
सिंचाई विभाग16-कुम्भ मेला 2021 के अंतर्गत जनपद हरिद्वार में जटवाड़ा पुल से मोहम्मदपुर पावर हाउस (उत्तराखंड राज्य की सीमा) तक गंगनहर कांवड़ पटरी का चैड़ीकरण एवं सुदृढ़ीकरण का कार्य लागत 5617.46 लाख रूपये। 17-दीनदयाल पार्किंग से चंडीदेवी पुल तक गंगा नदी के दाएं किनारे पर आस्था पथ का निर्माण लागत 2070.60 लाख रूपये। 18-जनपद देहरादून के विकासखंड डोईवाला के अंतर्गत ऋषिकेश क्षेत्र में आस्था पथ का पुनरोद्वार, बाढ़ सुरक्षा कार्य लागत 1157.65 लाख रूपये।19-जनपद देहरादून के विकासखंड डोईवाला के अंतर्गत ऋषिकेश क्षेत्र में त्रिवेणी घाट पर सरस्वती नाले की टेपिंग किए जाने के कारण क्षतिग्रस्त एवं प्लेटफार्म की पुर्ननिर्माण कार्य की योजना लागत 99.45 लाख रूपये। 20-महाकुम्भ 2021 के अंतर्गत गंगा जल धारा को भीमगोड़ा कुंड में लाने तथा भीमगोड़ा कुंड के सौंदर्यीकरण की योजना लागत 18.33 लाख रूपये। ………………………………… योग – 8963.49 लाख रूपये……………………………………. गृह विभाग के कार्य 21-कुम्भ मेला 2021 के अंतर्गत मायापुर चैकी हरिद्वार में पुलिस कार्यालय एवं सीएपीएफ के लिए ट्रांजिट हॉस्टल का निर्माण कार्य लागत 405.87 लाख रूपये।22-एटीसी हरिद्वार में 50 व्यक्तियों की क्षमता वाली एनजीओ मैस मय ट्रांजिट हॉस्टल का निर्माण कार्य लागत 279.12 लाख रूपये। 23-40वीं वाहिनी पीएसी हरिद्वार में सीएपीएफ एवं पुलिस के 50 व्यक्तियों हेतु एनजीओ मैस मय ट्रांजिट हॉस्टल का निर्माण कार्य लागत 271.59 लाख रूपये।24-जनपद हरिद्वार औद्योगिक क्षेत्र के अंतर्गत पुलिस चैकी अभिसूचना शाखा के प्रशासानिक भवन, ट्रांजिट हॉस्टल एवं बैरक मय मैस का निर्माण कार्य लागत 246.68 लाख रूपये।25-मायापुर पुलिस चैकी के निकट स्थित कुम्भ मेला 2010 में निर्मित भवन, जिसमें अधिकारियों के कार्यालय, स्टोर, रिकार्ड रूम व अस्थायी ट्रांजिट स्थापित किए जाते हैं, इसमें सुदृढ़ीकरण, पानी, बिजली, सीवरेज, रंगाई-पुताई तथा साज-सज्जा आदि का कार्य लागत 50.00 लाख रूपये।26-फायर स्टेशन हरिद्वार फायरकर्मियों, अभिसूचना एवं अन्य अनुशांगिक शाखाओं हेतु ट्रांजिट हॉस्टल का निर्माण कार्य लागत 113.97 लाख रूपये।27-जनपद हरिद्वार में पुलिस थाना रानीपुर में जीआरपी के बहुउददेशीय भवन का निर्माण कार्य लागत 207.74 लाख रूपये।28-40वीं वाहिनी पीएसी, हरिद्वार एवं एटीसी में प्रशिक्षण सुविधाओं को बढ़ाने हेतु सम्मेलन कक्ष में एकोस्टीक का कार्य, पैनलिंग, फलोरिंग, वैंटीलेशन कार्य, शौचालय निर्माण, प्रशिक्षण सम्बंधी उपकरणों यथा हीट पंप आदि की स्थापना, वातानुकुलनध्पंखे तथा साज-सज्जा कार्य लागत 48.86 लाख रूपये। 29-पुलिस लाइन हरिद्वार में महिला पुलिसकर्मियों हेतु बैरक का निर्माण कार्य लागत 193.06 लाख रूपये।30-फायर स्टेशन ऋषिकेश में फायरकर्मियों अभिसूचना एवं अन्य अनुशांगिक शाखाओं हेतु ट्रांजिट हॉस्टल का निर्माण कार्य लागत 85.33 लाख रूपये कुल कार्यों की कुल लागत रू 1902.22 लाख रूपये……………………… परिवहन निगम 31- हरिद्वार में रोडवेज वर्कशॉप में कंस्ट्रशन व रिपेयर वर्क लागत 125.58 लाख।…………………. महायोग – 15373.40 लाख रूपये।

मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत हरिद्वार भ्रमण के दौरान कनखल स्थित जगद्गुरू आश्रम पहुंचे। जहां उन्होंने सबसे पहले विश्व हिन्दू परिषद के अंतराष्ट्रीय संरक्षक दिनेश जी से शिष्टाचार भेंट की। इसके बाद उन्होंने जगद्गुरू शंकराचार्य स्वामी राजराजेश्वराश्रम से आशीर्वाद लिया।

कुंभ मेला क्षेत्र में व्यवस्थाओं को दो दिन में पूरा करें अधिकारीः मुख्य सचिव

आस्था का महापर्व कुंभ मेला शुरू होने में केवल चार दिन शेष रह गए हैं। बावजूद इसके अभी तक ऋषिकेश और आसपास के क्षेत्र में श्रद्धालुओं के लिए जुटाई जाने वाली व्यवस्थाएं अधूरी हैं। मुख्य सचिव ओमप्रकाश ने निरीक्षण के बाद यह तमाम बातों को उजागर किया।

दरअसल आज मुख्य सचिव ओमप्रकाश ने ऋषिकेश के त्रिवेणी घाट, सरकारी अस्पताल मुनीकीरेती और स्वर्गाश्रम क्षेत्र में तमाम व्यवस्थाओं का बारीकी से निरीक्षण किया। इस दौरान काफी सारी कमियां मुख्य सचिव को दिखाई दी। जिस पर उन्होंने अधिकारियों को फटकार भी लगाई। मौके पर 2 दिन में व्यवस्थाओं को दुरुस्त करने के निर्देश भी दिए। इस दौरान कुंभ मेला अधिकारी दीपक रावत भी साथ में उपस्थित रहे। कुंभ मेला अधिकारी ने निरीक्षण से पहले गढ़वाल मंडल विकास निगम के रिसोर्ट में तमाम विभागों के अधिकारियों के साथ बैठक भी की। जिसमें कुंभ मेले की व्यवस्थाओं में दिखाई दे रही कमियों को लेकर सवाल जवाब किए गए। इस मामले में सबसे बड़ा सवाल यह उठता है कि कुंभ की व्यवस्थाओं को लगातार बैठक दर बैठक हो रही है, फिर भी कमियां दुरुस्त होने का नाम नहीं ले रही हैं। ऐसे में मुख्य सचिव के द्वारा 2 दिन में कमियों को पूरा करने के दिए गए निर्देश कितने कारगर साबित होंगे। वही नगर की महापौर अनीता ममगाई ने मुख्य सचिव को एक ज्ञापन देकर गंगा की जलधारा त्रिवेणी घाट तक लाने के लिए तटबंध बनाने की मांग की है।

निरीक्षण में मेलाधिकारी कुम्भ दीपक रावत, जिलाधिकारी गढ़वाल डाॅ0 विजय कुमार जोगदण्डे, जिलाधिकारी देहरादून डॉ आशीष कुमार श्रीवास्तव, जिलाधिकारी ईवा आशीष श्रीवास्तव आदि अधिकारी मौजूद थे।

शहरी विकास विभाग ने की महाकुंभ 2021 की अधिसूचना जारी

महाकुंभ 2021 के लिए शहरी विकास विभाग ने मेला क्षेत्र को अधिसूचित कर दिया है। सरकार की ओर से जारी अधिसूचना में एक अप्रैल से 30 अप्रैल तक की अवधि को कुंभ मेला अवधि घोषित किया गया है। साथ ही रूड़की से नीलकंठ तक के क्षेत्र को कुंभ मेला एरिया घोषित किया है। अधिसूचना सचिव शहरी विकास शैलेश बगौली की ओर से जारी की गई है।

कुंभ क्षेत्र की सीमा
उत्तर – नीरगढ़, तपोवन, विट्ठल आश्रम मार्ग, नरेंद्र नगर मुनिकी रेती मार्ग तक।
पश्चिम – नरेंद्र नगर- ऋषिकेश बाईपास, देहरादून- ऋषिकेश मार्ग वन चैकी तक, हरिद्वार बाईपास, हरिद्वार हाईवे, हिल बाईपास, मंशादेवी मंदिर, बीएचईएल आवासीय कॉलोनी, हरिद्वार- दिल्ली मार्ग पर 13 किमी तक।
दक्षिण – बहादराबाद गांव, हरिद्वार बाईपास मार्ग पर सीतापुर गांव की सीमा तक, हरिद्वार- ऋषिकेश बाईपास पर रेलवे पुल तक, जियापोता गांव से गंगा पार करते हुए नजीबाबाद मार्ग पर सिद्ध सोत तक।
पूरब – चंडी देवी मंदिर, चीला मार्ग, चीला नहर होते हुए वीरभद्र बैराज, लक्ष्मणझूला- दुगड्डा मार्ग पर पीपलकोटी तक, पैदल मार्ग से होते हुए नीलकंठ मंदिर तक।

केंद्र सरकार कुंभ मेले में कोविड प्रोटोकॉल सख्ती से लागू करने के निर्देश दे चुकी है। अब विधिवत कुंभ मेला अधिसूचित होने के बाद आगामी स्नान पर राज्य सरकार को कोविड प्रोटोकॉल का पालन करना होगा। तब तक चूंकि सरकार ने विधिवत नोटिफिकेशन जारी नहीं किया था, इस कारण पूर्व में आयोजित स्नान पर उक्त मानक लागू नहीं हो पाए थे। अब 12 और 14 अप्रैल को क्रमश साोमवती अमावस्या और बैशाखी के दो प्रमुख शाही स्नान पड़ रहे हैं।