देशभर से कुंभ में पहुंचेंगे लोग, किसी की जिंदगी के साथ रिस्क नहीं लेना होगा

मुख्य सचिव ओमप्रकाश की अध्यक्षता में कोविड-19 वैक्सिनेशन हेतु स्पेशल टास्क फोर्स की बैठक संपन्न हुई। मुख्य सचिव ने जिलाधिकारी हरिद्वार को सख्त निर्देश दिए कि कुम्भ ड्यूटी में लगे लोगों का 100 प्रतिशत वैक्सिनेशन करवाना सुनिश्चित किया जाए। उन्होंने गर्भवती एवं धात्री महिला सहित कोन्ट्राइन्डिकेशन के मामलों को छोड़कर अन्य रिफ्यूजल पर सख्त कार्यवाही के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि पूरे देश से कुम्भ में लोग आएंगे, उनकी जिंदगी के साथ किसी भी प्रकार का रिस्क नहीं लिया जा सकता। उन्होंने कहा कि गर्भवती एवं धात्री महिला सहित कोन्ट्राइन्डिकेशन के मामलों को छोड़कर जो अधिकारी कर्मचारी वैक्सिनेशन नहीं करवा रहे हैं, उन्हें हरिद्वार कुम्भ क्षेत्र में न रखा जाए। कुम्भ को देखते हुए उनका स्थानान्तरण किया जाए।

मुख्य सचिव ने कहा कि अन्य राज्यों से आने वाले पुलिस और पैरामिलिट्री कार्मिकों का भी तुरंत वैक्सिनेशन किया जाना सुनिश्चित किया जाए। उन्होंने कहा कि 15 मार्च तक उत्तर प्रदेश से भी 100 डॉक्टर्स एवं 148 पैरामेडिकल स्टाफ पहुंच जाएगा, उनके रहने की व्यवस्था भी अस्पतालों के आसपास सुनिश्चित की जाए। दुधाधारी आश्रम में बनाए जाने वाले अस्पताल को 15 मार्च तक फंक्शनल किया जाए। उन्होंने हरिद्वार में अन्य जनपदों से आने वाले कार्मिकों के वैक्सिनेशन स्टेटस का पता कर उनका भी वैक्सिनेशन सुनिश्चित किए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने देहरादून में प्राईवेट सेक्टर के हेल्थ वर्कर्स के वैक्सीनेशन में गति लाने के निर्देश दिए।

इस अवसर पर सचिव अमित नेगी, पंकज कुमार पाण्डेय एवं महानिदेशक चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण अमिता उप्रेती सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी एवं वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से जनपदों से जिलाधिकारी उपस्थित थे।

महाकुंभ में देवत्व स्नान व शोभायात्रा का बनाएंगे भव्यः ब्लाक प्रमुख

हरिद्वार में होने जा रहे महा कुम्भ पर्व में देवत्व स्नान एवं शोभायात्रा को अत्यधिक भव्य बनाने हेतु देवडोली समिति द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों में जनसहभागिता व जनसहयोग हेतु जन-जागरण कार्यक्रम चलाया गया।

छिद्दरवाला में वरिष्ठ नागरिक समिति कार्यालय में सम्पन्न कार्यक्रम के मुख्य अतिथि डोईवाला ब्लॉक प्रमुख भगवान सिंह पोखरियाल ने कहा कि यह पर्व हमारी लोक संस्कृति ही नहीं अपितु हमारी भारतीय सनातनी संस्कृति तथा धार्मिक एवं संस्कृतिक विरासत का वाहक है। उन्होंने कहा कि देवडोली कार्यक्रम की सफलता हेतु हम डोईवाला विकासखण्ड की 16 न्याय पंचायत के सभी जनप्रतिनिधियों की बैठक कर उनकी कमेटी का गठन कर प्रतिनिधियों को दायित्व प्रदान करेंगे।

बैठक की अध्यक्षता वरिष्ठ नागरिक सामिति के अध्यक्ष हुकुम सिंह रावत व संचालन प्रवक्ता डॉ. धीरेंद्र रांगड़ ने किया। श्री देवभूमि लोक संस्कृति विरासतीय शोभायात्रा समिति के उपाध्यक्ष बंशीधर पोखरियाल व कार्यक्रम संयोजक संजय शास्त्री ने कहा कुल्लू दशहरा की तरह हमे इस पर्व को वर्ल्ड हेरिटेज बनाना है।

डॉ० धीरेंद्र रांगड़ ने कहा कि देश भर में कोरोना वायरस जैसी घातक बीमारी के संकट व भय के बावजूद देवडोली स्नान के पर्व को लेकर लोगों में जबरदस्त उत्साह देखने को मिल रहा है।
बैठक में ज्योती सजवाण, पूर्व प्रधान रवि पोखरियाल, प्रधान चंद्रमोहन पोखरियाल, गजेन्द्र सिंह कंडियाल, भगवान सिंह रांगड़, सुंदर सिंह कंडियाल, रघुवीर सिंह, प्रताप सिंह, उम्मेद सिंह सिंह पोखरियाल, देवराज पैन्यूली, दयाल सिंह रावत, गोविन्द सिंह बिष्ट, सते सिंह बिष्ट, बरफसिंह पोखरियाल, सुरेशी रावत, भगवान सिंह मेहर, सुरेंद्र रावत, रमेश पैन्यूली, विशाल मणि पैन्यूली, महिपाल बिष्ट, यतेंद्र कंडियाल आदि उपस्थित थे।

त्रिवेणी घाट पर संत समाज ने किया गंगा स्नान, निकाली शोभायात्रा

महाकुंभ के तहत बसंत पंचमी पर्व पर विभिन्न अखाड़ों के साधु संतों ने त्रिवेणी घाट पर आस्था की डुबकी लगाई। इस मौके पर हर हर महादेव के जयकारों से त्रिवेणी घाट गूंजायमान हो उठा। मौके पर साधु समाज ने भगवान शिव के शस्त्र त्रिशुल की भी पूजा अर्चना की।

इससे पूर्व सुबह से ही त्रिवेणी घाट पर जल पुलिस की टीम पूरी तैयारी के साथ तैनात दिखी। मौके पर जवानों ने राफ्ट आदि सुरक्षा किटों के साथ गंगा घाट पर मौजूद रहे।

मौके पर गंगा स्नान की व्यवस्थाओं को परखने के लिए मेयर अनिता ममगाईं, एसडीएम वरूण चैधरी और एसपी देहात स्वत्रंत कुमार ने त्रिवेणी घाट पर निरीक्षण किया। बता दें कि साधु संतों ने स्नान से पहले शहर में भव्य शोभायात्रा भी निकाली। शोभा यात्रा का श्रद्धालुओं ने जगह-जगह पुष्प वर्षा कर के स्वागत भी किया। इस दौरान गंगा घाटों पर जाने वाले सभी रास्तों पर पुलिस ने वाहनों को रोकने के लिए बैरिकेडिंग भी लगाकर रखी।

त्रिवेणी घाट पर गंगा सभा के सदस्य लगातार एलाउंसमेंट से श्रद्धालुओं को गंगा में किनारे पर ही रहकर स्नान करने के लिए आगाह भी करते रहे। इस खास पर्व पर सैकड़ों स्थानीय श्रद्धालुओं ने भी गंगा स्नान कर मोक्ष की प्राप्ति की, वही दान कर पुण्य अर्जित किया। एसपी देहात स्वतंत्र कुमार सिंह ने बताया कि सुरक्षा की दृष्टि से जल पुलिस के जवान भी गंगा घाटों पर तैनात किए गए हैं। महापौर अनीता ममगाईं ने बताया कि स्नान करने में किसी भी प्रकार की श्रद्धालुओं को परेशानी न हो इसके लिए व्यवस्था बनाई गई है।

श्रीभरत भगवान की शोभायात्रा पर उमड़े श्रद्धालु

बसंत पंचमी के पावन पर्व पर नगर यात्रा पर निकली श्री भरत भगवान की डोली नगर में गाजे-बाजे के साथ निकाली गई। पारंपरिक लोक वाद्य यंत्रों के साथ निकली धर्म यात्रा का श्रद्धालुओं ने पुष्प वर्षा कर जगह-जगह स्वागत किया। कोविड-19 का विशेष ध्यान रखते हुए इस बार की शोभायात्रा में श्रद्धालुओं ने नियमों का भी पालन किया।

मौके पर हजारों लोगों ने हृषिकेश नारायण भगवान के दर्शन कर पुण्य लाभ अर्जित किया। कोविड-19 की वजह से यात्रा में श्रद्धालुओं ने विशेष जगह पर ही रंगोली देखने को मिली। इसी बीच श्रद्धालुओं ने भरत भगवान को भोग लगाकर सुख समृद्धि की कामना की। ऐसी मान्यता है कि बसंत पंचमी से ही होली महोत्सव का शुभारंभ हो जाता है आज ही के दिन भरत जी महाराज को रंगों से होली भी खिलाई जाती है और सभी भक्तगण एक-दूसरे पर गुलाल फेंक कर भगवान के साथ होली भी मनाते हैं पितांबर रंग जिसे हम पीला रंग कहते हैं वह भगवान को बहुत ही प्रिय है इसलिए लोग गुलाल चढ़ाकर और भगवान को भेली का भोग बसंत पंचमी में लगाया जाता है।

उधर, बसंत पंचमी के अवसर पर प्राचीन श्री भरत मंदिर परिसर में आयोजित मेले में लोगों ने झूलों और विभिन्न व्यंजनों का भी जमकर लुफ्त उठाया। बसंत पंचमी पर्व पर ब्रह्म मुहूर्त में पौराणिक श्री भरत मंदिर में भगवान श्री नारायण की विधिवत पूजा अर्चना शुरू हुई। दोपहर में आरती पूजन के बाद मंदिर के श्री महंत वत्सल प्रपन्नाचार्य के परम सानिध्य में बैंड बाजे और पहाड़ के पारंपरिक लोक वाद्य यंत्र की थाप के बीच श्री भरत भगवान की उत्सव प्रतिमा की भव्य शोभायात्रा निकाली गई। शोभा यात्रा मायाकुंड स्थित गंगा तट पर श्री भरत नारायण भगवान की प्रतिमा को विशेष पूजा अर्चना के बाद मुख्य पुजारी धर्मानंद सेमवाल, रवि शास्त्री द्वारा शालिग्राम भगवान को गंगा में स्नान कराया गया। तत्पश्चात भगवान को नगर भ्रमण कराया गया धर्म यात्रा विभिन्न मार्गो से होती हुई संत समाज ने भगवान नारायण का स्वागत वेद मंत्र स्तुति से किया। इसके बाद मंदिर में भगवान की प्रतिमा को पुनः स्थापित किया गया नगर उत्सव यात्रा में हजारों श्रद्धालुओं ने प्रतिभाग किया।

इस दौरान यात्रा मार्गों में लोगों ने विभिन्न स्थानों पर खड़े होकर ढोली के दर्शन के लिए घंटों प्रतीक्षा की यात्रा में श्री भरत संस्कृत महाविद्यालय, भरत मंदिर पब्लिक स्कूल, श्री हेमकुंड गुरुद्वारा स्थित गुरमत संगीत विद्यालय, श्री भरत मंदिर इंटर कॉलेज संत समाज स्वयंसेवकों और श्रद्धालुओं ने बढ़-चढ़कर प्रतिभाग किया। धर्म यात्रा में हुए शामिल बसंत उत्सव के संयोजक हर्षवर्धन शर्मा, वरुण शर्मा, दीप शर्मा, मंदिर के मुख्य पुजारी धर्मानंद सेमवाल, विनय उनियाल, जयेंद्र रमोला, मधुसूदन शर्मा, पंडित सुरेंद्र दत्त भट्ट, गोविंद सिंह रावत, वचन पोखरियाल, डीबीपीएस रावत, रंजन अंथवाल, सुनील थपलियाल, सुधीर कुकरेती, बंशीधर पोखरियाल, अशोक अग्रवाल, तेजपाल पंवार, नरेंद्र जीत सिंह बिंद्रा, रामकृपाल गौतम, जगमोहन सकलानी, राजीव मोहन मनोज पवार, तेजपाल पंवार, हितेंद्र पंवार, अभिषेक शर्मा, राम चैबे ,धीरेंद्र जोशी आदि उपस्थित थे।

नगर क्षेत्र में निकली स्वामी रामानंदाचार्य की जयंती पर शोभायात्रा

जगतगुरु स्वामी रामानंन्दा चार्य महाराज की 721 वी जयंती महोत्सव माघ कृष्ण सप्तमी संवत 2077 कोविड-19 को ध्यान में रखते हुए बड़ी प्रेम और श्रद्धा के साथ मनाई गई। विरक्त श्री वैष्णव मंडल समिति के तत्वाधान में स्वामी रामानंद संत आश्रम मायाकुंड रामानंद घाट से संत बैरागी एवं विरक्त वैष्णव मंडल के सभी संत महात्माओं की अगुवाई में आज जगतगुरु रामानंन्दाचार्य महाराज की शोभायात्रा नगर भ्रमण के लिए सूक्ष्म रूप में निकाली गई। शोभायात्रा में मेयर अनिता मंमगाई में भी सम्मिलित होकर सभी संतों का आशीर्वाद लिया।

मेयर अनिता ने कहा कि संत समागम से ही हम अपने जीवन को बदल सकते हैं जिस प्रकार आज का युवा कल का भविष्य कहा जाता है उसी प्रकार संतों के आशीर्वाद से हम अपने जीवन में अनेकानेक बदलाव ला सकते हैं उन्हीं के आशीर्वाद के फल स्वरुप हम अपने जीवन में आध्यात्मिक एवं सामाजिक चेतना जगाकर जनमानस में वसुधैव कुटुंबकम की भावना के साथ आगे बढ़ कर कार्य कर सकते हैं उन्होंने सभी को जयंती की शुभकामनाएं देते हुए सभी संत महात्माओं का आभार प्रकट करते हुए कहा कि संतों का जन्म नहीं अवतार होता है समाज को एक दिशा दिखा कर वह अपनी दिव्य लोग में चले जाते हैं

शोभा यात्रा नगर भ्रमण करने के पश्चात पुनः रामानंन्द संत आश्रम मायाकुंड में पहुंचकर संत महात्माओं द्वारा संत सम्मेलन मैं सभी आए हुए संत महामंडलेश्वर ने अपने-अपने श्रद्धा सुमन अर्पित किए।

इस अवसर पर कार्याध्यक्ष महामंडलेश्वर दयाराम दास महाराज, महामंत्री महामंडलेश्वर महंत ईश्वर दास महाराज ईश्वर आश्रम, कोषाध्यक्ष महंत डॉ नारायण दास महाराज, महंत जय राम महाराज महंत प्रभु दास महाराज, महंत हरी चरण दास महाराज, मुरारी दास महाराज, संचालन एवं व्यवस्था पुजारी वृन्दावन दास महाराज, रामानुजाचार्य गोपालचार्य महाराज, शंकराचार्य परिषद के प्रदेश अध्यक्ष पंडित रवि शास्त्री, संगठन मंत्री महंत सुरेश दास महाराज, महंत निर्मल दास महाराज, महंत भारत भूषण दास महाराज, महंत सीताराम दास महाराज, महंत कृष्ण मुरारी दास महाराज, महंत ह्रयग्रिवाचार्य महाराज, महंत शांताराम दास, मौनी बाबा, चेतन शर्मा, विनोद शर्मा, पंकज शर्मा, संजय भट्ट, घनश्याम भट्ट, पूर्व राज्य मंत्री संदीप गुप्ता, विवेक गोस्वामी, अभिषेक शर्मा, राम चैबे, रमाकांत भारद्वाज, रामकृपाल गौतम, महंत दीपक दास महाराज, महावीर दास परमानंद महाराज आदि उपस्थित रहे।

महाकुंभ को लेकर केंद्र सरकार ने जारी की गाइडलाइन, अधिक पढ़ें…

केंद्र सरकार ने महाकुंभ को लेकर अपनी गाइडलाइंस जारी की है। केंद्र सरकार ने राज्य सरकार को निर्देश दिया है कि मेले में ऐसे हेल्थ केयर वर्कर को ही ड्यूटी पर तैनात करें, जिन्हें वैक्सीन दे दी गई हो। साथ ही कुंभ मेले में ड्यूटी करने वाले स्वास्थ्य कर्मचारियों को वैक्सीन लगाने के निर्देश भी दिए गए हैं

करवाना होगा रजिस्ट्रेशन
केंद्र सरकार की तरफ से जारी गाइडलाइन के मुताबिक महाकुंभ में आने वाले सभी भक्तों और श्रद्धालुओं को अनिवार्य रूप से रजिस्ट्रेशन करवाना होगा। इसके साथ ही कोरोना नेगेटिव मेडिकल सर्टिफिकेट लाना भी जरूरी होगा। गाइडलाइन में गर्भवती महिलाओं, 65 साल से अधिक उम्र के लोगों, 10 साल से कम उम्र के बच्चे और गंभीर बीमारियों से ग्रसित लोगों को महाकुंभ में नहीं आने के लिए प्रेरित करने की बात कही गई है। गौरतलब है कि, धर्मनगरी हरिद्वार को महाकुंभ के लिए खूब सजाया और संवारा जा रहा है। जगह-जगह दीवारों पर पेंटिंग्स की जा रही हैं, सड़कों का निर्माण हो रहा है। संत-महात्माओं के लिए टेंटों की व्यवस्था की जा रही है और अब ये भी माना जा रहा है कि 27 फरवरी से कुंभ की शुरुआत हो जाएगी. ऐसे में प्रशासन के पास महीने भर का वक्त बचा है और कई काम अधूरे भी पड़े हैं।

देवडोलियों के आयोजन को लेकर हुई बैठक

श्री देवभूमि लोक संस्कृति विरासतीय शोभायात्रा समिति द्वारा कुंभ महापर्व 2021 में देव डोलियों के दिव्य,भव्य एवं सुरक्षित स्नान व शोभायात्रा के आयोजन को लेकर बैठक हुई। इस दौरान देवी देवताओं के आमंत्रण को लेकर दायित्व बांटे गए।

भरत मंदिर, झण्डा चैक में आयोजित बैठक की शुरूआत स्वस्ति वचन से हुई। महिलाओं द्वारा पारंपरिक वेशभूषा में मङ्गल गीत प्रस्तुति दी गई। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए समिति के परमाध्यक्ष व पूर्व कैबिनेट मंत्री मोहन सिंह रावत गॉंववासी ने कहा कि यह कार्यक्रम हमारी आस्था एवं विश्वास का प्रतीक है। जो हमारी सांस्कृतिक विरास्त एवं लोकपरम्परा को संरक्षित रखें हुए है। उन्होंने कहा कि इस पुनीत कार्यक्रम को हमने दिव्य एवं अविस्मरणीय बनाना है। उपाध्यक्ष बंशीधर पोखरियाल ने सभी प्रतिनिधियों को उनके दायित्व की जानकारी दी।

संजय शास्त्री, दीप शर्मा (पूर्व नगर पालिकाध्यक्ष) ने कहा कि योगनागरी ऋषिकेश व धर्मनगरी हरिद्वार में होने वाले महा उत्सव को से ऐतिहासिक बनाया जायेगा। कार्यक्रम का संचालन प्रवक्ता डॉ. धीरेंद्र रांगड़ ने किया।

बैठक में सभी ने तय किया कि कोविड-19 को देखते हुए मास्क, सैनिटाइजर की व्यवस्था के साथ ही सामाजिक दूरी के नियमों का पालन किया जायेगा। वहीं, विभिन्न क्षेत्रों से पधारे प्रतिनिधियों को दायित्व सौपते हुए देवी देवताओं के आमंत्रण हेतु गजेन्द्र सिंह कंडियाल, भगवान सिंह रांगड़ एवं द्वारिका प्रसाद भट्ट के नेतृत्व में तीन टीमों का गठन किया गया। जो टिहरी, उत्तरकाशी, प्रतापनगर, पौड़ी, चकरोता, रुद्रप्रयाग, चमोली, कोटद्वार, नैनीताल, पिथौरागढ़, अल्मोड़ा आदि के देवस्थानों पर जाकर संपर्क करेगी। मांगलिक गीत की सुंदर प्रस्तुति दर्शनी भंडारी,शशि कण्डारी, सुरेश उनियाल एवं मीना मंदवाण ने दी।

श्रीभरत मंदिर के महंत वत्सल महाराज व हर्षवर्धन शर्मा ने 24 अप्रैल को आगन्तुक देवडोली का श्री भरत मन्दिर परिवार द्वारा मंदिर प्रंगङ्ग में सम्मान व स्वागत की सहमति प्रदान की।
बैठक नागेन्द्र गिरी महाराज, कुँवर ठाकुर भवानी प्रताप, पूर्व राज्यमंत्री उषा रावत, आशाराम व्यास, रंगकर्मी बलदेव राणा, हर्षमणी व्यास, लक्ष्मी प्रकाश सेमवाल,पुष्पा ध्यानी, विजयपाल रांगड़, सुनील कोठियाल, आशीष कुकरेती आदि उपस्थित रहे।

कार्यक्रम में सरोज डिमरी, विमला रावत, बी सी पंत, लक्ष्मी प्रसाद सेमवाल, उषा भंडारी,सूरत सिंह रौतेला, रमेश पैन्यूली, सुरेंद्र भंडारी, निर्मला शर्मा, विनय उनियाल,विशाल मणि पैन्यूली, विजय प्रसाद मैठानी, यतेंद्र कंडियाल आदि उपस्थित थे।

इस्लामिक राष्ट्र गाम्बिया से सीख लें भारतवासीः स्वामी आनंद

भरत मन्दिर सभागार में हिन्दू पंचायत आज सम्पन्न हुई। शंकराचार्य परिषद द्वारा आयोजित इस पंचायत की अध्यक्षता करते हुए परिषद के अध्यक्ष श्री स्वामी आनन्द स्वरूप महाराज ने कहा कि दुनिया में जहां-जहां मुस्लिमों की जनसंख्या 50 प्रतिशत से ऊपर हुई, वह देश इस्लामिक राष्ट्र बन गए। अभी कुछ महीने पहले ही गाम्बिया नाम का गैर-इस्लामिक देश 52 प्रतिशत मुस्लिम जनसंख्या होते ही विश्व का 56वां इस्लामिक राष्ट्र बन गया है। भारतवासियों को इससे सबक लेना चाहिए।

उन्होंने कहा कि हिन्दू पंचायतों का आयोजन भारत को हिन्दू गणराज्य बनाने के लिए किया गया है। हम चाहते हैं कि यह राष्ट्र हिन्दू राष्ट्र बने जिसका संविधान भगवदगीता बने। उन्होंने भारतीय धर्मतन्त्र को एकजुट होकर राष्ट्र निर्माण के लिए आगे बढ़ने का आह्वान किया।

इसके पूर्व उन्होंने विशिष्ट अतिथियों के साथ दीप प्रज्ज्वलन कर पंचायत सभा का उद्घाटन हुआ। मेयर अनिता ममगाई और पूर्व पालिकाध्यक्ष दीप शर्मा ने अतिथियों एवं उपस्थित जनसमुदाय का अभिनन्दन किया। मेयर ममगाई ने कहा कि किसी अभियान को जब मजबूत नेतृत्व मिल जाता है तब आधा कार्य पहले ही हो चुका होता है। आज स्पष्ट बोलने वाले व्यक्ति बहुत कम मिलते हैं, उन्होंने स्वामी आनन्द स्वरूप की गणना देश के मुखर, स्पष्टवादी व बहादुर संन्यासियों में की।

प्रख्यात साहित्यकार एवं इस्लाम विशेषज्ञ विनय कृष्ण चतुर्वेदी ‘तुफैल’ ने इस्लाम की विस्तृत व्याख्या की और कहा कि कुछ सदी पहले भारत के आसपास के अनेक देश भारत (हिन्दुस्थान) का अंग थे। लम्बे संघर्ष के बाद आजाद भारत में साल 1947 में पुनः हम बंटे, और हमारा हिस्सा इस्लामिक राष्ट्र बन गया, जिसका नाम पाकिस्तान रखा गया। उस समय पश्चिम पाकिस्तान में हिन्दुओं की संख्या 24 प्रतिशत थीं, आज वहां हिन्दू जनसंख्या मात्र 1 प्रतिशत रह गई है। इसी तरफ पूर्वी पाकिस्तान यानी आज के बांगलादेश की जनसंख्या 29.7 से घटकर 8 प्रतिशत रह गई है। दुःख है कि हमारे भारतवासी इस पर चिन्ता व चिन्तन नहीं करते। आज लोकतन्त्र इस्लाम को बढ़ाने और अत्याचार करने का टूल बना हुआ है।

भाग्योदय फाउण्डेशन के अध्यक्ष व संस्थापक आचार्य राम महेश मिश्र ने मुगलकाल से लेकर अंग्रेजों के काल तक के प्रमुख क्रांतिवीरों को श्रद्धापूर्वक याद किया। उन्होंने कहा कि उन्हीं के समर्पण एवं बलिदान के कारण आज हम भारतवासी आजादी की सांस ले रहे हैं। उन्होंने सभी हिन्दू जातियों व समूहों के एकीकरण पर जोर दिया।

इस अवसर पर राज्यमंत्री भगत राम कोठारी, संदीप गुप्ता, कृष्ण कुमार सिंघल, राजपाल खरोला, भरत मन्दिर के महंत वत्सल प्रपन्नाचार्य, वरुण शर्मा, हर्षवर्धन शर्मा, मधु जोशी, रीना शर्मा, विजय लक्ष्मी शर्मा, नर्मदा सेमवाल, एडवोकेट संजय दरमोड़ा, उत्तराखण्ड उद्योग व्यापार संघ के अध्यक्ष इन्द्र प्रकाश अग्रवाल आदि उपस्थित रहे।

पंचायत सभा का समापन शंकराचार्य परिषद के प्रदेश अध्यक्ष रवि शास्त्री के धन्यवाद ज्ञापन से हुआ। शंकराचार्य परिषद के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष मोनिका आनन्द, शंकराचार्य परिषद के पश्चिम बंगाल प्रदेश अध्यक्ष राजकिशोर यादव, परिषद के न्यासी व उद्योगपति नरेन्द्र खड़का, शंकराचार्य गुरुकुल संभाग के प्रतिनिधि डाॅ. सूरज शुक्ल, भाग्योदय फाउण्डेशन के न्यासी सचिव दिलीप कुमार नायक, एडवोकेट सुनीता शर्मा आदि उपस्थित रहे।

कुंभ मेला की समीक्षा कर सीएम ने दिए स्वच्छता पर विशेष ध्यान देने का निर्देश

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने आज कुंभ मेला की समीक्षा की और अधिकारियों अवशेष कार्यों को शीघ्र पूर्ण करने के निर्देश दिए। सफाई व्यवस्था पर विशेष ध्यान दिया जाय। श्रद्धालुओं की सुविधा के दृष्टिगत सभी व्यवस्थाएं समय पर पूर्ण कर ली जाय। स्वच्छता अभियान में स्वयं सेवी संस्थाओं, सामाजिक संस्थाओं एवं जनता का सहयोग भी लिया जाय। कोविड-19 के मानकों का पूर्णतः पालन कराया जाय। जनवरी के अन्त तक स्थाई प्रकृति के सभी कार्य पूर्ण किये जाए। कार्यों की गुणवत्ता में किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जायेगी। उन्होंने कुंभ के दृष्टिगत व्यापक जन जागरूकता अभियान संचालित करने के भी निर्देश दिये हैं।

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि स्वच्छ, सुन्दर एवं सुरक्षित कुंभ के आयोजन के लिए मेला प्रशासन के साथ सभी विभाग बेहतर समन्वय के साथ कार्य करें। मेला क्षेत्र में मास्क एवं सेनेटाइजर की उचित व्यवस्था की जाए। कोविड से सतर्कता के लिए भी मेला एवं जिला प्रशासन द्वारा विभिन्न माध्यमों से जागरूकता अभियान चलाया जाय। अस्थाई प्रकृति के अवशेष कार्यों को भी जल्द पूर्ण किया जाय एवं सौन्दर्यीकरण के कार्य भी समय से पूर्ण किए जाए। आगामी कुंभ पर्वों में श्रद्धालुओं की संख्या में तेजी से वृद्धि होगी। इसके दृष्टिगत भी सभी व्यवस्थाएं पहले से ही योजना बनाकर तैयार रखी जाय।

शहरी विकास मंत्री मदन कौशिक ने कहा कि कुंभ मेला श्रद्धालुओं की आस्था का प्रतीक होता है। उन्होंने कहा कि कुभ मेला में राष्ट्रीय एवं प्रदेश के धार्मिक, सांस्कृतिक एवं आस्था से संबंधित विभिन्न पक्षों को सामने लाया जायेगा। इस संबंध में अधिकारियों को निर्देश दिये कि दिव्य एवं भव्य कुंभ के आयोजन के संबंध में किसी प्रकार की कोताही न बरती जाय।
शासन स्तर पर कुंभ मेले की जानकारी देते हुए सचिव नगर विकास शैलेश बगोली ने कहा कि कुंभ मेले से संबधित कार्यों को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जा रही है। इस संबंध में स्वीकृत प्रस्तावों के सापेक्ष तत्काल निर्णय लेते हुए बजट आंवटित किया जा रहा है।

मेलाधिकारी दीपक रावत ने कुंभ में किये जा रहे कार्यों की जानकारी देते हुए कहा कि स्थाई प्रकृति के अधिकांश कार्य पूर्ण हो चुके हैं, अवशेष कार्य जल्द पूर्ण हो जायेंगे। सड़क एवं पुलों से संबधित अधिकतर कार्य पूर्ण किये जा चुके हैं। राष्ट्रीय राजमार्ग के सभी आवश्यक कार्य जल्द पूर्ण किये जायेंगे।

बैठक में मुख्य सचिव ओमप्रकाश, डीजीपी अशोक कुमार, सचिव अमित नेगी, नितेश झा, डॉ. पंकज पाण्डेय, एस.ए. मुरूगेशन, आईजी मेला संजय गुंज्याल आदि उपस्थित थे।

स्नान, दान, दक्षिणा देकर मकर संक्रांति पर्व पर श्रद्धालुओं ने कमाया पुण्य

तीर्थनगरी में मकर संक्रांति पर्व के मौके पर त्रिवेणी घाट पर आस्था का सैलाब देखने को मिला। मौके पर श्रद्धालुओं ने स्नान, दान, दक्षिणा देकर पुण्य कमाया। साथ ही महाकुंभ के आगाज पर गंगा में आस्था की डुबकी भी लगाई।

दरअसल, आज मकर संक्रांति पर्व के साथ महाकुंभ 2021 का प्रमुख पहला स्नान भी था। इसके चलते ऋषिकेश सहित आसपास क्षेत्र मुनिकीरेती, रानीपोखरी, डोईवाला, रायवाला, छिद्दरवाला, नेपाली फार्म, भानियावाला, नरेंद्रनगर, यमकेश्वर आदि आसपास क्षेत्रों से लोग गंगा घाटों पर पहुंचे और गंगा में स्नान कर भगवान सूर्य को अघ्र्य दिया। इसी के साथ श्रद्धालुओं ने कच्चे चावल, उरद की साबुत दाल, घी, मसाले तथा दक्षिणा दान में दी। त्रिवेणी घाट सहित तीर्थनगरी के विभिन्न घाट जैसे 72सीढ़ी, सांई घाट, नाव घाट, पूर्णानंद घाट, शत्रुघन घाट, रामझूला, लक्ष्मणझूला, रामानंद घाट आदि में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी रहीं। हालांकि आज गुरूवार की साप्ताहिक बंदी रही। मगर, फिर भी भीड़ उमड़ी रही।

देव डोलियों ने किया गंगा स्नान
त्रिवेणी घाट पर विभिन्न धामों की देव डोलियां नरेंद्रनगर, रानीपोखरी, देहरादून, डाट काली आदि देवियों की डोलियां पहुंची। यहां श्रद्धालुओं ने नाचती हुई डोलियों के दर्शन भी किए। तो श्रद्धालुओं ने देव डोलियों की परिक्रमा कर आर्शीवाद प्राप्त किया।

खिचड़ी प्रसाद बांटकर की सुख समृद्धि की कामना
नगरभर में मकर संक्रांति पर्व के मौके पर घाट रोड, त्रिवेणी घाट, बस अड्डा, देहरादून मार्ग, हरिद्वार मार्ग, लक्ष्मणझूला मार्ग, कैंप कार्यालय विधानसभा अध्यक्ष सहित ग्रामीण क्षेत्रों में खिचड़ी का प्रसाद वितरित किया गया। साथ ही मां गंगा से सुख समृद्धि की कामना भी की गई।