राजकीय चिकित्सालय में नवजात की मौत पर परिजनों का हंगामा

राजकीय चिकित्सालय ऋषिकेश पर नगरक्षेत्र के अलावा अन्य जनपद जैसे टिहरी, पौड़ी के दुर्गम क्षेत्रों की स्वास्थ्य सेवा का भी बोझ है। ऐसे में इस अस्पताल को स्थानीय जनप्रतिनिधियों सहित सरकार ने हर मानकों में संतुलित करना चाहिए। मगर, समीपवर्ती एम्स होने के चलते इस अस्पताल की स्थिति बिगड़ती चली गई।

ताजा वाकया आज ही का है, जब एक दुर्गम क्षेत्र दोगी पट्टी का परिवार महिला की डिलीवरी के लिए राजकीय चिकित्सालय ऋषिकेश आता है। यहां महिला ने एक बच्चे को जन्म दिया। सभी के चेहरे पर मुस्कान आती है, मगर एकाएक बच्चा मृत हो जाता है। पलभर के लिए आई खुशी गम में बदल जाती है। ऐसे में परिजनों ने अस्पताल प्रशासन पर गंभीर आरोप लगा दिए।

नवजात के पिता अनिल सिंह ने बताया कि बच्चे के जन्म के बाद चिकित्सकों ने कहा कि बच्चे को लेकर हायर सेंटर जाइए। क्यों कि हमारे यहां पेट्रियोटिक वेंटिलेटर की सुविधा उपलब्ध नहीं है। इस वेंटिलेटर के अभाव में उनके बच्चे की जान चली गई। नवजात के पिता का आरोप है कि जब बच्चे का वजन ज्यादा था, उसका सिर भी बड़ा चिकित्सकों द्वारा बताया गया, तो फिर यह डिलीवरी केस लिया ही क्यों गया? उनका यह भी कहना है कि जब यहां बच्चे से संबंधित वेंटिलेटर ही नहीं है तो उन्हें पहले ही क्यों न बताया गया?

बता दें कि पीड़ित के एक बेटे का करीब 10 वर्ष पूर्व निधन हो गया था। उधर, सीएमएस रमेश सिंह राणा ने इस मामले में जांच की बात कही है।

कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी के निर्देश पर कल से सरकारी अस्पताल की खुलेगी ओपीडी

देहरादून जिले के कोविड प्रभारी व कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी ने आज राजकीय चिकित्सालय का निरीक्षण किया। यहां सामान्य रोगियों के चिकित्सकों की उपलब्धता न होने पर उन्होंने नाराजगी जताई और ओपीडी को 21 मई से ही खोलने के निर्देश कार्यवाहक चिकित्सा अधीक्षक डा. एमपी सिंह को दिए। इसके बाद अब शुक्रवार से राजकीय चिकित्सालय की ओपीडी खुलने जा रही है।

आज दोपहर तक लगातार तीर्थनगरी में बारिश होती रही। इसी बीच कोविड प्रभारी देहरादून व सैनिक एवं उद्योग विकास मंत्री गणेश जोशी सरकारी अस्पताल पहुंचे और स्वास्थ्य सेवाओं का बारिकी से निरीक्षण किया। उन्होंने केंद्रीय मंत्री व हरिद्वार सांसद के द्वारा वेंटिलेटर के लिए धनराशि अवमुक्त किए जाने के बाद भी अस्पताल में वेंटिलेटर न होने पर आक्रोश व्यक्त किया। तत्काल वेंटिलेटर अस्पताल के लिए मंगवाने के निर्देश जारी किए। इसके बाद कोविड प्रभारी गणेश जोशी ने आईडीपीएल में तैयार हुए कोविड अस्पताल का निरीक्षण किया। इस मौके पर उन्होंने एम्स के चिकित्सकों और सेना के जवानों से पूरी जानकारी हासिल की।

मौके पर स्पीकर उत्तराखंड प्रेमचंद अग्रवाल, सीएमओ अनुप डिमरी, एसडीएम वरूण कुमार चैधरी, डा. यूएस खरोला, फार्मेसिस्ट बीपी भट्ट, मंडल अध्यक्ष भाजपा दिनेश सती, पार्षद शिव कुमार गौतम आदि मौजूद रहे।

ऋषिकेश में सात और मरीजों में डेंगू की पुष्टि

तीन मरीज सरकारी और चार निजी अस्पताल में मिले
वायरल फीवर के मरीजों की संख्या में आने लगी कमी
ऋषिकेश।
सरकारी अस्पताल की ओपीडी में गुरुवार को 470 मरीजों ने पंजीकरण कराया। एकमात्र फिजीशियन डॉ. ऋचा रतूड़ी के पास मरीजों की भीड़ रही। वीवीआईपी ड्यूटी के चलते डेंगू के नोडल अधिकारी और फिजीशियन डॉ. महेश सैनी ओपीडी में नहीं बैठ सके। डॉ. ऋचा रतूड़ी ने बताया कि अन्य दिनों के मुकाबले गुरुवार को वायरल पीड़ितों की संख्या कम रही।
डेंगू की आशंका के चलते 35 मरीजों के ब्लड सैंपल लिए गए, जिसमें से तीन मरीजों की रिपोर्ट पॉजीटिव रही। वहीं, गुरुवार को प्राइवेट अस्पताल में ब्लड जांच के बाद डेंगू के चार मरीज मिले, जिन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है। उधर, नगर संक्रामक रोग नियंत्रक एसएस यादव ने बताया कि ब्लड जांच के बाद तीन मरीजों में डेंगू की पुष्टि हुई है। प्राइवेट अस्पताल से डेंगू पुष्टि की रिपोर्ट नहीं मिली है।

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एक डॉक्टर के सहारे वायरल पीड़ित

इमरजेंसी में ड्यूटी लगने पर डे ऑफ पर रहते है डॉक्टर
बैरंग लौटना पड़ रहा वायरल पीड़ित मरीजों को
ऋषिकेश।
मंगलवार को एक बार फिर सरकारी अस्पताल में मरीजों को फजीहत का सामना करना पड़ा। फिजिशियन डॉ. महेश सैनी डे ऑफ पर रहे। दूसरे फिजिशियन डॉ. ऋचा रतूड़ी की ओपीडी में भीड़ जुटी। मरीज सुबह 6 बजे से ही लाइन में लगने शुरु हो गये थे। बावजूद उनका नंबर 5 से 6 घंटे में आया। 635 लोगों ने मंगलवार को अपना पंजीकरण कराया। 42 लोगों में डेंगू आशंका के चलते ब्लड की जांच की गई। दो पीड़ितों में डेंगू पॉजीटिव मिला। मलेरिया के 115 व टाइफाइड के 111 ब्लड के सैंपल लिये गये। जिनमें क्रमश: 3 मलेरिया व 33 टाइफाइड से पीड़ित मिले।
वहीं, प्राइवेट अस्पतालों की ओपीडी में भी मंगलवार को भीड़ जुटी। ब्लड जांच को लेकर मरीजों ने सर्तकता दिखाई। डेंगू व चिकनगुनिया के चलते मरीज ब्लड की जांच कराने को लेकर प्राइवेट पैथोलॉजी के भी चक्कर काट रहे है। नगर संक्रामक रोग नियंत्रक एसएस यादव ने बताया कि मंगलवार को दो ओर मरीजों में डेंगू की पुष्टि हुई है।

हजार रुपये में चिकनगुनिया की जांच
सरकारी अस्पताल में आने वाले वायरल पीड़ितों में डेंगू के कम और चिकनगुनिया के लक्षण अधिक दिखाई दे रहे है। लेकिन हैरत की बात है कि जिस बीमारी के सबसे अधिक लक्षण मरीजों में दिखाई दे रहे है, उसकी जांच करने की जहमत स्वास्थ्य विभाग नही उठा रहा है। प्राइवेट पैथोलॉजी लैब में चिकनगुनिया जांच हजार रुपये से शुरु हो रही है। बड़ा सवाल है कि आर्थिक रुप से कमजोर तबके का व्यक्ति कैसे मंहगी जांच करवाये। इस ओर सरकारी अस्पताल द्वारा कोई पहल नही की जा रही है और न तो स्वास्थ्य विभाग के शीर्ष अधिकारी इसका संज्ञान ले रहे है।

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असमंजस में मरीज, रिपोर्ट किसे दिखाये
सरकारी अस्पताल की बानगी तो देखिये। वायरल पीड़ित मरीजों की संख्या कम होने का नाम नही ले रही है। ऐसे में जिम्मेदार अस्पताल प्रशासन फिजिशियन डॉक्टरों की ड्यूटी इमरजेंसी में लगा रहे है। गौर कीजिये कि इमरजेंसी में ड्यूटी के बाद डॉक्टर डे ऑफ पर चले जाते है। पहले दिन डॉक्टर को दिखाने वाले मरीज अगले दिन जब रिपोर्ट दिखाने आते है तो डॉक्टर नही मिलते। दूसरे डॉक्टर मरीज की रिपोर्ट यह कहकर कि आपके डॉक्टर दूसरे है, देखने में दिलचस्पी नही दिखाते है। ऐसे में मरीज के लिए असमंजस की स्थिति पैदा हो रही है।

पुलिस जवान को चिकनगुनिया
ढालवाला पुलिस चौकी में तैनात एक पुलिस जवान में चिकनुगनिया की पुष्टि हुई है। प्राइवेट अस्पताल की ब्लड रिपोर्ट में जवान को चिकनगुनिया पॉजीटिव आया है। जवान की डेंगू जांच की रिपोर्ट अभी आनी बाकी है।

बैरंग लौट रहे मरीज
सरकारी अस्पताल में लंबे इंतजार के बाद भी वायरल पीड़ितों का नंबर समय पर नही आ रहा है। मंगलवार को कई मरीजों ने घंटों इंतजार के बाद भी नंबर नही आने पर हंगामा काटा। कई तो बैरंग ही लौट गये। डॉक्टर की ओपीडी में सुरक्षा गार्ड ने भी कई मरीजों को वापस लौटाया। कहाकि डॉक्टर भी इंसान है, कितने मरीजों को देखेंगी।

गर्भवती महिला को डेंगू, अस्पताल में भर्ती

26 डेंगू के मरीज सरकारी अस्पताल में अब तक हो चुके हैं भर्ती

ऋषिकेश।
ऋषिकेश सरकारी अस्पताल में शनिवार को डेंगू के तीन नए मामले सामने आए। इनमें एक गर्भवती महिला भी शामिल है। गर्भवती महिला और एक अन्य मरीज अस्पताल के डेंगू वार्ड में भर्ती किया गया है। फिजीशियन डॉ. महेश कुमार सैनी की देखरेख में दोनों मरीजों का इलाज चल रहा है। आंकड़ों के अनुसार अब तक 26 डेंगू के मरीज अस्पताल में भर्ती हो चुके हैं।
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शीशमझाड़ी निवासी गर्भवती महिला को बुखार, बदन दर्द आदि की शिकायत पर परिजन सरकारी अस्पताल में इलाज कराने लाए। यहां ब्लड जांच कराने पर महिला में डेंगू की पुष्टि हुई। ऐसे में डॉक्टर की सलाह पर महिला को भर्ती कर लिया गया है। वहीं अस्पताल में एक मरीज का मलेरिया से पीड़ित होने पर इलाज चल रहा था, जांच कराने पर मरीज में डेंगू की भी पुष्टि हुई है। ऐसे में मरीज को भी डेंगू वार्ड भर्ती किया गया है। इसके अलावा शनिवार को ओपीडी में इलाज कराने आए अन्य एक मरीज में भी डेंगू की पुष्टि हुई।
सरकारी अस्पताल में डेंगू के नोडल अधिकारी और सीनियर फिजीशियन डॉ. महेश कुमार सैनी ने बताया कि दोनों मरीज चिकित्सीय निगरानी में हैं। दोनों के स्वास्थ्य में सुधार भी हो रहा है। उधर, शनिवार को सरकारी अस्पताल की ओपीडी में 695 मरीजों ने शनिवार को पंजीकरण कराया। भीड़ अधिक होने के चलते फिजीशियन की ओपीडी में बारी के लिए मरीजों को घंटों इंतजार करना पड़ा।
नगर संक्रामक नियंत्रक एसएस यादव ने बताया कि डेंगू की आंशका के चलते शनिवार को 48 मरीजों की ब्लड जांच की गई, जिसमें एक मरीज की रिपोर्ट पॉजीटिव आई है। 91 की टाइफाइड जांच की गई, इसमें 13 मरीजों में टाइफाइड की पुष्टि हुई। वहीं 93 मरीजों की मलेरिया जांच की गई, जिसमें तीन मरीज मलेरिया से पीड़ित मिले। बताया कि रिकॉर्ड के अनुसार अब तक 26 डेंगू के मरीज सरकारी अस्पताल में भर्ती हो चुके हैं।

ऋषिकेश में नहीं थम रहा डेंगू का कहर

सरकारी अस्पताल में डेंगू के चार और मरीज मिले
ऋषिकेश।
ऋषिकेश में डेंगू पीड़ित मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है। शुक्रवार को सरकारी अस्पताल में चार मरीजों की डेंगू रिपोर्ट पॉजीटिव आई। वहीं ओपीडी में मरीजों की भीड़ रही। प्राइवेट अस्पतालों में भी यही स्थिति रही।
सरकारी अस्पताल की ओपीडी में शुक्रवार को 670 नए मरीजों ने पंजीकरण कराया। इसमें डेंगू की आशंका पर 37 मरीजों के ब्लड जांच की गई। इसमें चार मरीजों की रिपोर्ट पॉजीटिव आई। फिजीशियन डा. ऋचा रतूड़ी ने बताया कि वायरल पीड़ितों के बाद अब डेंगू के मामले बढ़ने लगे हैं। इसके अलावा 50 मरीजों की मलेरिया की जांच की गई। इसमें तीन में मलेरिया की पुष्टि हुई। वहीं टाइफाइड की आशंका पर 63 मरीज के ब्लड सैंपल जांचे गए, जिनमें आठ मरीजों में टाइफाइड की पुष्टि हुई। दूसरी ओर प्राइवेट अस्पतालों में भी मरीजों की संख्या रिकार्ड तोड़ रही है। मायाकुंड स्थित निर्मल अस्पताल की ओपीडी में मरीजों की संख्या हर दिन हजार के आंकड़े को छू रही है। अन्य नर्सिंग होम और प्राइवेट अस्पतालों का भी यही हाल है।

कांग्रेस सभासद दल के नेता को चिकनगुनिया
संक्रामक बीमारियों की चपेट में जनप्रतिनिधि भी आ रहे हैं। नगर पालिका में कांग्रेस सभासद दल के नेता मनीष शर्मा में चिकनगुनिया के लक्षण मिले हैं। उनका इलाज एक प्राइवेट अस्पताल में चल रहा है। प्राइवेट अस्पताल की जांच में चिकनगुनिया की पुष्टि हुई है, लेकिन स्वास्थ्य विभाग ने आधिकारिक रूप से इसकी जानकारी से इनकार किया है। चिकनगुनिया और डेंगू मच्छर के काटने से होते हैं। इनमें तेज बुखार के साथ जोड़ों में दर्द होता है। दोनों बीमारियों को हड्डी तोड़ बुखार भी कहा जाता है।

हाथ.पाव में सूजन, अकड़न, जोड़ों में दर्द, खुजली व चिकते पड़ने से वायरल पीड़ित परेशान

ऋषिकेश।
वायरल पीड़ित मरीजों की संख्या दिन.प्रतिदिन बढ़ती जा रही है। गुरुवार को सरकारी अस्पताल की ओपीडी में 655 मरीज पहुंचे। पीड़ित मरीज हाथ.पाव में सूजनए सूजन, अकड़न, जोड़ों में दर्द, खुजली व चिकते पड़ने से परेशान थे। शंखनाद की टीम ने सरकारी अस्पताल के चिकित्सकों से बात की। बताया कि मौसमी वायरल में चिकन गुनिया के लक्षण दिखाई दे रहे है।
गुरुवार को सरकारी अस्पताल की ओपीडी में 33 मरीजों में डेंगू के लक्षण दिखाई देने पर ब्लड की जांच की गयी। दो मरीजों में डेंगू पॉजिटिव मिला। दोनों मरीज शीशमझाड़ी स्थित किसी आश्रम के बताये जा रहे है। दोनों मरीज सरकारी अस्पताल में भर्ती है। 66 मरीजों की मलेरिया व 81 मरीजों की टाइफाइड जांच की गयी। जिसमें से 10 मरीज टाइफाइड से पीड़ित मिले।
फिजिशियन डॉ. ऋचा रतूड़ी ने बताया कि पीड़ित मरीज हाथ.पाव में सूजन, अकड़न, जोड़ों में दर्द, खुजली व चिकते पड़ने की शिकायत कर रहे है। पीड़ित मरीजों में हर दूसरा मरीज इस प्रकार की शिकायत कर रहा है। यह चिकन गुनिया के लक्षण है। बताया कि चिकन गुनिया मच्छर के काटने से होता है। इसके कारण महीनों तक जोड़ो में दर्द रहता है। वहींए वायरल पीड़ित मरीज प्राइवेट अस्पतालों का अधिक रुख कर रहे है। नगर के प्राइवेट अस्पताल में पहुंचने वाले मरीजों की संख्या प्रतिदिन दो हजार से अधिक बतायी जा रही है। चिकन गुनिया व डेंगू की आंशका के चलते मरीज प्राइवेट अस्पताल का रुख करना ज्यादा बेहतर समझ रहे है।

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एमएसवीवाईएल के लिए सपंर्क करेगी आशा
मुख्यमंत्री स्वास्थ्य बीमा योजना के लिए आशाएं नगर पालिका के वार्ड सदस्यों से सपंर्क करेंगी। कार्यक्रम संयोजक एसएस यादव ने बताया कि एमएसवीवाईएल के तहत नगर का लक्ष्य पूरा करने के उद्देश्य से आशा कार्यकत्रियों को नगर पालिका के जनप्रतिनिधियों से संपर्क करने के निर्देश दिये गये है। जिला प्रशासन ने पात्र व्यक्ति छूट न जायेए इसके लिए संपर्क करने को कहा है। बताया कि गुरुवार को चूना भट्टा बनखंडी में कैंप भी लगाया गया।

टीकाकरण जारी
प्रदेश में एएनएम के कार्यबहिष्कार का असर सरकारी अस्पताल में देखने को नही मिला। एनजीओ के माध्यम से संचालित एएनएम सेंटर व सरकारी अस्पताल में महिलाओं व नौनिहालों का टीकाकरण सुचारु रुप से चल रहा है।

सरकारी अस्पताल में गुरुवार को दो मरीजों में डेंगू की पुष्टि हुई है। दोनों मरीज शीशमझाड़ी टिहरी क्षेत्र के रहने वाले है। अलग जिला होने के कारण सीएमओ देहरादून कार्यालय को टिहरी सीएमओ को सूचना देने के संदर्भ में सूचित कर दिया हैए ताकि नरेन्द्रनगर स्वास्थ्य विभाग की टीम संबधित क्षेत्र में दवा छिड़काव कर सकें।
एसएस यादव संक्रामक रोग नियंत्रक सरकारी अस्पताल नगरी क्षेत्र ऋषिकेश।

पालिका की दवा बेअसर
नगर पालिका ऋषिकेश के स्वास्थ्य विभाग के अनुसार नियमित रुप से नगर के कई वार्डों में दवा का छिड़काव किया जा रहा है। लेकिन लगातार वायरल पीड़ित मरीजों की संख्या बढ़ने से पालिका की दवा को लोग बेअसर बताने लगे है। वहींए सफाई निरीक्षक सचिन रावत ने बताया कि मायाकुंड क्षेत्र में टैंकर के द्वारा गुरुवार को दवा का छिड़काव किया गया।
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भीड़ का दबाब अधिक रहा
सरकारी अस्पताल में गुरुवार को भीड़ का दबाब अधिक रहा। नतीजन मरीजों को बैठने के लिए जगह भी नही मिल पा रही थी। कई मरीज बीमार होने के चलते जहां जगह मिली वही बैठ गये। पहाड़ से आयी एक बालिका स्वास्थ्य खराब होने के चलते फर्श में ही चादर डालकर लेट गयी। नबंर देर से आने पर छोटी सी बालिका को नींद भी आ गयी।

वायरल पीड़ित मरीजों में संक्रामक रोग का खतरा बढ़ा

मंगलवार को सरकारी अस्पताल की लैब ने दो ओर मरीजों में डेंगू की पुष्टि की
मलेरिया के 2 व टाइफाइड से 14 पीड़ित मरीज मिले
ऋषिकेश।
मंगलवार को सरकारी अस्पताल की पैथोलॉजी लैब ने दो ओर मरीजों में डेंगू की पुष्टि कर दी। मलेरिया के दो और टाइफाइड से 14 पीड़ित मरीज भी मिले। सरकारी अस्पताल के आंकड़ों को पर यकीन करें तो अब तक डेंगू के कुल 20 मामले सामने आ चुके है। सरकारी अस्पताल में मरीजों की ब्लड सैंपल रिपोर्ट बता रही कि वायरल पीड़ित मरीजों में मलेरिया व टाइफाइड के मामले भी बढे है। 111
मंगलवार को सरकारी अस्पताल की ओपीडी में वायरल पीड़ित मरीज की संख्या 200 के पार चली गई। पीड़ित मरीज लंबी लाइन लगाकर जांच कराते देखे गये। फिजिशियन डॉ. ऋचा रतूड़ी ने बताया कि मौसम में परिर्वतन के चलते ओपीडी में वायरल पीड़ित मरीजों की संख्या बढ़ रही है। मंगलवार को डेंगू की आशंका के चलते 22 मरीजों के सैंपल लिये गये थे, जिसमें से 2 मरीजों में डेंगू पॉजीटिव मिला है। 52 मरीजों में मलेरिया व 72 मरीजों में टाइफाइड के लक्षण दिखने पर ब्लड के सैंपल लिये गये।
दो मरीजों में मलेरिया व 14 मरीजों में टाइफाइड पॉजीटिव मिला है। संक्रामक रोग नियंत्रक एसएस यादव ने बताया कि सोमवार के 2 डेंगू पीड़ित मरीजों की पहचान कैलाशगेट व ऋषिकेश निवासी के रुप में हुई है। बताया कि दोनों मरीजों ने प्राईवेट अस्पताल में अपना इलाज करवा रहे है। मंगलवार को हुई जांच रिपोर्ट मरीज के द्वारा नही ली गयी है। जांच रिपोर्ट के लिए आने पर मरीज से संपर्क करने की बात कही।

मुख्यगेट पर अव्यवस्था का आलम
ऋषिकेश। सरकारी अस्पताल को स्वयं संजीवनी की जरुरत पड़ रही है। मरीज जिस मुख्य गेट से अस्पताल में प्रवेश करते है, कुछ रसूखदार लोग व स्टाफ कर्मी अपने वाहन वहीं पर खड़े कर अव्यवस्था फैलाने से बाज नही आ रहे। इन वाहनों के कारण मरीज व तीमारदारों को आने-जाने में परेशानियां झेलनी पड़ रही है। किसी का मरीज गंभीर बीमार है और वह अपनी गाड़ी या एंबुलेंस से मरीज को अस्पताल के मुख्य गेट तक लाना चाहे तो यह उसकी लाचारी ही कही जायेगी कि अव्यवस्थाओं के कारण वह मुख्यगेट तक वाहन से मरीज को नही ला सकता है।

मरीजों की संख्या बढ़ने से एक अतिरिक्त टेक्नीशियन की ड्यूटी लगाई

ओपीडी की संख्या में वायरल पीड़ित मरीज बढ़े
ऋषिकेश।
सरकारी अस्पताल की पैथोलाजी लैब में जांच को मरीजों की संख्या बढ़ने के बाद अस्पताल प्रशासन हरकत में आया है। पैथोलाजी लैब में टीबी विभाग की लैब टेक्नीशियन को भी जांच में लगाया गया है। अब लैब टेक्नीशियनों की संख्या तीन हो गयी है। बीते कई दिनों से पीलिया, टाइफाइड, मलेरिया व डेंगू आदि की जांच को मरीजों की संख्या बढ़ने के बाद अस्पताल प्रशासन को यह निर्णय लेना पड़ा।
शहर में वायरल, टाइफाइड, मलेरिया व डेंगू का खौफ है। जिस कारण मरीज खून की जांच करवा रहे है। इन दिनों प्रतिदिन संख्या 50 का आंकडा पार कर रही है। बुधवार को भी 38 लोगों के खून की जांच की गयी। पैथोलाजी लैब में दो ही लैब टेक्नीशियन होने के कारण मरीजों की जांच में दिककत आ रही थी। इसलिए सीएमएस डा. अशोक कुमार ने सीएमओ देहरादून से टीबी विभाग में तैनात लैब टेक्नीशियन को वैकल्पिक व्यवस्था के तहत खून की जांच में लगाने की अनुमति मांगी है। जिस पर देहरादून सीएमओ ने अपनी सहमति दे दी है। गुरुवार से लैब टेक्नीशिनों की संख्या अब तीन हो जायेगी।

पैथोलाजी लैब में दबाब
वायरल पीड़ितों की संख्या अधिक होने के चलते पैथोलाजी लैब में दबाब बढ गया है। सामान्य दिनों की अपेक्षा तीन गुना से अधिक मरीज जांच को लैबोरेट्री पहुंच रहे है। प्रतिदिन की तरह लैब में सामान्य जांच भी चल रही है। स्टाफ की कमी के चलते लैब में दबाब बढ़ गया है।
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वायरल पीड़ितों की संख्या बढ़ी
सरकारी अस्पताल में सामान्य दिनों के मुकाबले वायरल पीड़ितों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। वरिष्ठ फिजीशियन डा. महेश सैनी की ओपीडी में सामन्य दिनों में 60 से 70 मरीज पहुंचते थे, लेकिन मौसमी वायरल के चलते ओपीडी में मरीजों की संख्या 120 के पार पहुंच रही है। डा. सैनी ने बताया कि अधिकत्तर वायरल पीड़ित मरीज पहुंच रहे है।

अब चिकन गुनिया की दस्तक
वायरल, मलेरिया, टाइफाइड व डेंगू के बाद मरीजों में चिकन गुनिया के भी लक्षण दिखाई देने लगे है। सरकारी अस्पताल में कार्यरत एक आशा व नर्स चिकन गुनिया से ग्रसित है। बुखार में हाथ- पाव के जोड़ों में दर्द व ऐंठन इसके लक्षण है।

मरीजों के ब्लड सैंपल सामान्य
सरकारी अस्पताल में बुधवार को 38 वायरल पीड़ितों के ब्लड सैंपल लिये गये थे। संक्रमण रोग नियंत्रक एसएस यादव ने बताया कि सभी मरीजों के ब्लड सैंपल की डेंगू, मलेरिया व टाइफाइड जांच की गयी, सभी के सैंपल नेगेटिव रहे।

पालिका के नाला गैंग ने सफाई की
नगर पालिका ऋषिकेश के सफाई निरीक्षक सचिन रावत ने बताया कि बुधवार को छोटी सब्जी मंडी, जाटव बस्ती व वाल्मीकि बस्ती में नाला गैंग ने सफाई अभियान चलाया। पानी की निकासी नही होने के कारण इस ओर शिकायत मिल रही थी।

10 मरीजों में डेंगू की पुष्टि
संक्रामक रोग नियंत्रण केन्द्र देहरादून से मिली जानकारी के अनुसार निर्मल अस्पताल ऋषिकेश के 65 मरीजों के ब्लड सैंपल लिये गये थे, जिनमें से 5 मरीजों में डेंगू की पुष्टि हुई है। जबकि जौलीग्रांट स्थित हिमालयन अस्पताल में 25 मरीजों के सैंपल लिये गये थे, जिनमें 5 मरीजों में डेंगू की पुष्टि हुई है। इन मरीजों का संबंधित अस्पताल में इलाज चल रहा है।