चार धाम को फाइबर कनेक्टिविटी का हुआ लोकार्पण

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी एवं केंद्रीय संचार एवं रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बुधवार को मुख्यमंत्री आवास स्थित मुख्य सेवक सदन में आयोजित कार्यक्रम में उत्तराखण्ड के पवित्र धाम गंगोत्री में संपूर्ण देश के 2 लाख वीं 5जी साइट का शुभारंभ किया। साथ ही संपूर्ण देश की आस्था के केंद्र चारधाम (बद्रीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री, यमुनोत्री) में फाइबर कनेक्टिविटी (ऑप्टिकल फाइबर) के कार्य का शुभारंभ भी किया। जिससे चार धाम को सीधे तौर पर 5 जी नेटवर्क से आच्छादित किया जा सकेगा। मोबाइल व इंटरनेट नेटवर्क की गुणवत्ता में सुधार से चार धाम मंदिर परिसरों के आस पास श्रद्धालुओं को बेहतर कॉल कनेक्टिविटी वीडियो कॉल इंटरनेट कनेक्टिविटी की उपलब्धता हो सकेगी। इस दौरान उनके द्वारा चार धाम फाइबर कनेक्टिविटी एवं 5 जी के विस्तार पर आधारित लघु फिल्म का अवलोकन किया।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने उत्तराखण्ड के डिजिटल परिदृश्य में क्रांतिकारी बदलाव लाने के लिये केंद्रीय संचार एवं रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि आज देवभूमि आने वाले श्रद्धालुओं को 5 जी के तौर पर एक शानदार उपहार मिल रहा है। चारधाम में से एक गंगोत्री धाम में 5 जी सेवाओं की 2,00,000 वीं साइट में 5 जी सेवाएं प्रारंभ हो रही हैं। यह सेवा न केवल चार धाम यात्रा के लिए लाभकारी सिद्ध होगी बल्कि आसपास के क्षेत्र के गांवों में संचार सेवा के विस्तार के लिए भी मील का पत्थर साबित होगी। यह देवभूमि में “संचार के अनंत आकाश“ की शुरुआत भी है, जो 21वीं सदी के विकसित होते भारत के सामर्थ्य का परिचय भी कराता है। उन्होंने कहा कि हमने पहाड़ में हाई स्पीड नेटवर्क का कभी जो सपना देखा था, वह आज सच साबित हो रहा है क्योंकि इस सुविधा के प्रारंभ होने से प्रदेश के साथ ही देश-विदेश के विभिन्न हिस्सों से आने वाले लाखों तीर्थयात्री हाई-स्पीड डेटा नेटवर्क का लाभ उठा सकेंगे। इससे चारधाम यात्रा के दौरान डिजास्टर मैनेजमेंट, सर्विलांस और रियल टाइम बेसिस पर यात्रा की निगरानी रखने में हमें सहायता मिलेगी। आज अधिकतर मोबाइल फोंस पर “मेड इन इंडिया“ लिखा होना हमारे लिये गर्व की बात है। भविष्य की वायरलैस टेक्नोलॉजी को डिजाइन करने में और उससे जुड़ी मैन्युफैक्चरिंग में भी हमारे देश की बड़ी भूमिका होगी। 5 जी के साथ भारत पहली बार टेलीकॉम टेक्नॉलजी में ग्लोबल स्टेंडर्ड तय कर रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि “डिजिटल इंडिया“ सिर्फ एक नाम नहीं है बल्कि ये देश के विकास के विस्तृत विजन का एक महत्वपूर्ण अंग है। इस विजन का लक्ष्य है उस टेक्नोलॉजी को आम लोगों तक पहुंचाना है जो लोगों के लिए काम करे, लोगों के साथ जुड़कर काम करे। उन्होंने कहा कि हमने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में 4 क्षेत्रों पर ध्यान दिया है। पहला है, “डिवाइस की कीमत“, दूसरा है, “डिजिटल कनेक्टिविटी“, तीसरा, “डेटा की कीमत“, चौथा, और सबसे जरूरी, ‘डिजिटल फर्स्ट’ की सोच। इसका नतीजा है कि 2014 में जीरो मोबाइल फोन निर्यात करने से लेकर आज हम हजारों करोड़ के मोबाइल फोन निर्यात करने वाले देश बन चुके हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार ने “घर-घर बिजली“ पहुंचाने की मुहिम प्रारंभ की, जैसे “हर घर नल से जल अभियान“ के जरिए देश के हर व्यक्ति तक साफ पानी पहुंचाने के लिए मिशन मोड में काम किया, जैसे उज्जवला योजना के जरिए गरीब से गरीब आदमी के घर में भी गैस सिलेंडर पहुंचाया, वैसे ही ये सरकार “इंटरनेट फोर ऑल“ के लक्ष्य पर काम कर रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आज हमारे छोटे व्यापारी हों, छोटे उद्यमी हों, लोकल कलाकार और कारीगर हों सबको डिजिटल इंडिया ने एक मंच प्रदान किया है, एक बाजार उपलब्ध कराया है। यह डिजिटल इंडिया की नींव है। यह अंतिम छोर पर खड़े व्यक्ति तक डिजिटल सेवाएं पहुंचाने का माध्यम है। 5 जी सेवा से कई क्षेत्रों जैसे शिक्षा, स्वास्थ्य, कृषि, लॉजिस्टिक्स और बैंकिंग में मूलभूत परिवर्तन आएगा और नई संभावनायें पैदा होंगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हम लगातार देवभूमि में संचार व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए प्रयासरत हैं। इसमें सभी संचार सेवा प्रदाता कंपनियों के प्रयास भी संचार सेवाओं के विस्तार में मील का पत्थर साबित होंगे। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री के नेतृत्व में भारत की विश्व में विशिष्ट पहचान बनी है। देवभूमि उत्तराखण्ड से भी उनका विशेष लगाव है। उनका देवभूमि उत्तराखण्ड से कर्म एवं मर्म का रिश्ता है। प्रधानमंत्री के 9 साल के कार्यकाल में उन्होंने उत्तराखण्ड के लिए लाखों करोड़ रूपये के कार्यों की स्वीकृतियां प्रदान की। उन्होंने 21 वीं सदी के तीसरे दशक को उत्तराखण्ड का दशक बताया है। सबका विकास, सबका विश्वास एवं सबके प्रयास से हम इसे सार्थक करने में प्राण प्रण से जुटे हैं।
इस अवसर पर केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने अक्टूबर 2022 को देश में 5-जी की यात्रा का शुभारंभ किया। देश ने टेलीकॉम क्रांति के विभिन्न स्वरूप देखे हैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में टेलीकॉम क्षेत्र में अभूतपूर्व कार्य किए जा रहे हैं। यह समय टेलीकॉम क्षेत्र का स्वर्णिम काल है। यह हमारे लिए सौभाग्य का विषय है कि हम चार धामों को भी 5 जी और फाइबर कनेक्टिविटी से भी जोड़ रहे हैं। देश से लाखों की संख्या में लोग यहां आते हैं। मुख्यमंत्री के विशेष आग्रह पर चार धाम को ऑप्टिकल फाइबर एवं 5 जी से जोड़ने का कार्य शुरू किया गया था। टेलीकॉम क्षेत्र में होने वाले कार्यों में मुख्यमंत्री धामी का हमेशा सहयोग मिला है। आज देश में हर एक मिनट में 5 जी की साइट रेडियेट हो रही है।
केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि आज भारत 5 जी के क्षेत्र में दुनिया की बराबरी कर रहा है परंतु 6 जी के क्षेत्र में भारत दुनिया का नेतृत्व करेगा। आज विश्व में भारत की छवि एक नई टेक्नोलॉजी हब के रूप में उभर रही है भारत टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में निरंतर विश्व का नेतृत्व कर रहा है। 6 जी के लिये देश के प्रबुद्ध ब्रेन को 100 पेटेंट मिल चुके हैं।
ऋषिकेश कर्णप्रयाग रेलवे लाइन पर बोलते हुए मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि यह प्रोजेक्ट नए भारत का एक बड़ा उदाहरण है। यह रेल लाइन अत्यधिक आधुनिक टेक्नोलॉजी पर आधारित हिमालयन टनलिंग मेथड पर अधारित है। इस रेल परियोजना में प्रकृति का विशेष ध्यान रखा जा रहा है हम प्रकृति के साथ आगे बढ़कर विकास करने पर विश्वास करते हैं। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने हमेशा उत्तराखंड के लिए तत्परता से कार्य किया है।
इस दौरान कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी, रेखा आर्या, मेयर सुनील उनियाल गामा, विधायक मुन्ना सिंह चौहान, खजान दास, सविता कपूर, डी.जी. टेलिकॉम एस.के. जैन, सचिव शैलेश बगौली एवं अन्य लोग मौजूद रहे।

पर्वतीय शिल्प कला के अनुरूप हो ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल लाइन के स्टेशन

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से शुक्रवार को सचिवालय में प्रधानमंत्री के सलाहकार भाष्कर खुल्बे ने भेंट की। उन्होंने मुख्यमंत्री से केदारनाथ पुनर्निर्माण कार्यों तथा बद्रीनाथ के सौन्दर्यीकरण से सम्बन्धित मास्टर प्लान पर चर्चा की। खुल्बे ने मुख्यमंत्री से ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल लाइन के अन्तर्गत निर्मित होने वाले स्टेशनों को पर्वतीय शिल्प कला के अनुरूप बनाये जाने की बात कही, उन्होंने कहा कि इससे पर्वतीय क्षेत्र के शिल्पियों को रोजगार के अवसर भी उपलब्ध होंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्तमान में उत्तराखण्ड की राजधानी देहरादून से विश्वस्तरीय टिहरी झील जाने हेतु मसूरी-चम्बा कोटी कालोनी मोटर मार्ग के द्वारा कुल 105 किमी० की दूरी तय करनी पड़ती है, जिसमें सम्पूर्ण मार्ग पर्वतीय क्षेत्र में होने के कारण लगभग 3.30 घण्टे का समय लगता है। उक्त टनल देहरादून के राजपुर के निकट से प्रस्तावित है, जो कि टिहरी झील के निकट कोटी कालोनी में समाप्त होगी। टनल की कुल लंबाई लगभग 35 किमी० आयेगी। टनल के निर्माण की अनुमानित लागत 8750 करोड़ रूपए आयेगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि एम्स ऋषिकेश होने के पश्चात भी राज्य के पर्वतीय दूरदराज कुमाऊं मंडल के इलाके, भौगोलिक दूरी होने के कारण सुपरस्पेशियलिटी स्वास्थ्य सेवाओं से वंचित हैं। राज्य के कुमाऊं मंडल में एम्स की स्थापना करने से कुमाऊं के नागरिकों के साथ ही उत्तर प्रदेश के निकटवर्ती जनपदों के लोगों को भी विश्वस्तरीय चिकित्सा सुविधायें उपलब्ध होगी। एम्स के लिए भूमि उत्तराखंड राज्य सरकार द्वारा उपलब्ध कराई जाएगी। पूर्व में भी एक राज्य में दो एम्स जैसे विश्व स्तरीय संस्थान स्थापित किए गये हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के क्षेत्रीय सामाजिक सांस्कृतिक तथा पर्यटन के विकास और सामरिक दृष्टिकोण से रेल मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा टनकपुर और बागेश्वर के बीच नैरो गेज रेलवे लाइन हेतु सर्वे का आदेश निर्गत किया गया है। यह लाइन ब्राडगेज में होनी चाहिये। चीन और नेपाल की अंतर्राष्ट्रीय सीमा के निकट स्थित होने के कारण यह रेल लाइन सामरिक रूप से बहुत महत्वपूर्ण है। साथ ही यह नये व्यापार केन्द्रों को भी जोड़ेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि सामरिक उद्देश्य और सीमांत जनपदों के विकास की आवश्यकता को देखते हुए टनकपुर बागेश्वर रेलवे लाईन का नैरोगेज की बजाय ब्राडगेज लाईन का सर्वे किया जाए।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि चार धाम सड़क परियोजना के साथ ही ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल परियोजना प्रधानमंत्री की उत्तराखण्ड को बड़ी देन है। वह समय दूर नहीं, जब पहाड़ में रेल का सपना पूरा होगा। इससे राज्य की आर्थिकी में बड़ा बदलाव देखने को मिलेगा। मार्च 2024 तक परियोजना को पूर्ण किए जाने के लक्ष्य के साथ काम किया जा रहा है। ऋषिकेश के बाद परियोजना मुख्यतः अंडरग्राउंड है। भूमि अधिग्रहण किया जा चुका है। इस रेल लाइन पर 12 स्टेशन और 17 टनल बनाये जा रहे हैं। काम निर्धारित समयावधि में पूरा किया जा सके, इसके लिए विभिन्न स्थानों पर एक साथ काम चल रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आगामी 7 अक्टूबर को जौलीग्रांट, देहरादून में बने नये टर्मिनल का लोकार्पण किया जायेगा। हेली समिट के दौरान देहरादून-पंतनगर-पिथौरागढ़-पंतनगर- देहरादून हवाई सेवा का फ्लैग ऑफ भी किया जायेगा। यह सेवा पवनहंस द्वारा दी जायेगी। देहरादून-पिथौरागढ़ हेली सेवा को जल्द स्वीकृति दिये जाने तथा नैनीसेनी हवाई पट्टी के विस्तार की उन्होंने जरूरत बतायी। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड में उड़ान के तहत देहरादून-श्रीनगर-देहरादून, देहरादून- गौचर- देहरादून, हल्द्वानी-हरिद्वार हल्द्वानी, पंतनगर-पिथौरागढ़-पंतनगर, चिन्यालीसौड़-सहस्त्रधारा-चिन्यालीयौड़, गौचर-सहस्त्रधारा-गौचर, हल्द्वानी-धारचूला-हल्द्वानी तथा गौचर-सहस्त्रधारा-गौचर हेली सेवाओं को स्वीकृति प्रदान की गई है। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड के लिए जो 13 हेलीपोर्ट चिन्हित किये गये हैं, उनमें से 11 की डीपीआर तैयार हो चुकी है।
उन्होंने कहा कि देहरादून-पिथौरागढ़ हेली सेवा शुरू होने से सीमान्त क्षेत्र पिथौरागढ़ के विकास के लिए यह मील का पत्थर साबित होगा। प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन एवं केन्द्र सरकार के सहयोग से राज्य में कनेक्टिविटी के क्षेत्र में तेजी से विकास हो रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जी.एस.टी. क्षतिपूर्ति दिये जाने की अवधि जून 2022 में समाप्त हो रही है, राज्य की आर्थिक स्थिति की मजबूती के लिये जी.एस.टी कन्सेसन की अवधि को बढ़ाया जाना राज्य हित में है। इस सम्बन्ध में आवश्यक सहयोग का अनुरोध भी मुख्यमंत्री ने किया है।
इस अवसर पर मुख्य सचिव डॉ. एस.एस. सन्धु, अपर मुख्य सचिव आनन्द बर्द्धन, सचिव दिलीप जावलकर, विशेष सचिव मुख्यमंत्री डॉ. पराग मधुकर धकाते, प्रधानमंत्री कार्यालय के उप सचिव मंगेश घिल्डियाल भी उपस्थित थे।

तहसील भवनों के निर्माण हेतु मुख्यमंत्री ने स्वीकृत की धनराशि

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने राजकीय इंटर कॉलेज बगियाल विकास खण्ड थौलधार एवं राजकीय इंटर कॉलेज क्यारी में 2 कक्षा कक्षों के निर्माण हेतु कुल 84.56 लाख की धनराशि स्वीकृत की है।

मुख्यमंत्री ने तहसील कीर्तिनगर की 6 राजस्व उप निरीक्षक चैकियों की मरम्मत एवं अवशेष निर्माण कार्यों हेतु 30.93 लाख की धनराशि स्वीकृत की है। इसके साथ ही तहसील रानीखेत के क्षतिग्रस्त आवासों के पुनर्निर्माण, मरम्मत एवं तहसील के कॉफ्रेंस हॉल के निर्माण हेतु 4.14 करोड़ की वित्तीय स्वीकृति प्रदान करने के साथ ही प्रथम किस्त के रूप में एक करोड़ की स्वीकृति प्रदान की है।
मुख्यमंत्री ने बंजारावाला में शहीद जीत बहादुर की स्मृति में निर्मित किये जाने वाले शहीद द्वार के निर्माण हेतु 28.99 लाख की धनराशि स्वीकृत की है। इसके अतिरिक्त मुख्यमंत्री ने श्रीनगर गढ़वाल में पार्किंग एवं ऑडिटोरियम के निर्माण हेतु 9.76 लाख की धनराशि स्वीकृत की है। मुख्यमंत्री ने कपीरी छाँतेश्वर महादेव के सौन्दर्यीकरण एवं पैदल मार्ग निर्माण हेतु 46.15 लाख की धनराशि स्वीकृत की है।

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने नगर पालिका परिषद टनकपुर कलस्टर की ठोस अपशिष्ट प्रबंधन परियोजना एवं विकेन्द्रीकृत सेग्रीगेशन हॉल निर्माण हेतु 4.70 करोड़ की धनराशि स्वीकृत की है।

औद्योगिक आस्थान रूद्रपुर एवं काशीपुर में अवस्थापना सुविधाओं हेतु 3.97 करोड़ स्वीकृत
मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने औद्योगिक आस्थान रूद्रपुर एवं काशीपुर से अवस्थापना विकास कार्यों हेतु 3.97 करोड़ की धनराशि स्वीकृत की है। इसके साथ ही मुख्यमंत्री द्वारा मेगा इंडस्ट्रियल व मेगा टेक्सटाईल नीति के तहत सिडकुल को 6 करोड़ की धनराशि भी स्वीकृत की है।

मुख्यमंत्री ने ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल लाइन हेतु भारतीय रेल को भूमि हस्तान्तरण की दी स्वीकृति
मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल लाइन परियोजना हेतु जनपद रूद्रप्रयाग के ग्राम रतूड़ा में सुरंगध्पोर्टल के निर्माण हेतु 1.455 हेक्टेयर भूमि भारतीय रेल को हस्तान्तरित करने की स्वीकृति प्रदान की है। इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने उक्त योजना हेतु जनपद टिहरी गढ़वाल के अन्तर्गत ग्राम लक्षमोली की 0.110 हेक्टेयर एवं रानीहार की 0.041 हेक्टेयर की अधिसूचना निर्गत करने की भी स्वीकृति प्रदान कर दी है।

कोविड-19 के दृष्टिगत कुम्भ मेले में डी.आर.डी.ओ. बनायेगा 2 हजार बेड का अस्पताल
इससे सम्बन्धित एम.ओ.यू को भी मुख्यमंत्री ने किया अनुमोदित
कुम्भ मेला 2021 में कोविड-19 के दृष्टिगत दो हजार बेड का हास्पिटल डी.आर.डी.ओ. द्वारा निर्मित किया जायेगा। इसकी सहमति रक्षा मंत्रालय भारत सरकार से भी प्राप्त हो गयी है। इस सम्बन्ध में होने वाले एमओयू को मुख्यमंत्री द्वारा अनुमोदित कर दिया गया है। इस हॉस्पिटल के निर्माण से कुम्भ में आने वाले श्रद्धालुओं के बेहतर स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध हो सकेगी। इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने चिकित्सा प्रबन्ध समिति के अधीन क्रियाधीन चिकित्सालयों के लिये आवश्यक व्यवस्थाओं के लिये 10 करोड़ की धनराशि अनुमोदित की है।

ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल लाइन निर्माण कार्य में और तेजी लाने के निर्देश

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने मुख्यमंत्री आवास में रेल विकास निगम लि. के अधिकारियों से ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल लाइन निर्माण के कार्यों की प्रगति की जानकारी ली। 125.20 किमी की ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल लाइन में 12 स्टेशन बनाये जा रहे हैं। जिसमें कुल 105.47 किमी में 17 टनल बनाई जा रही हैं। ऋषिकेश में रेलवे स्टेशन का निर्माण कार्य पूरा हो चुका है। एक सुरंग का निर्माण कार्य पूर्ण हो चुका है, जबकि 5 में निर्माण कार्य प्रगति पर है। तीन प्रमुख रेलवे ब्रिज पर कार्य प्रारम्भ हो चुका है। जिन 3 ब्रिज पर कार्य शुरू किया गया है उनमें चन्द्रभागा नदी पर 300 मीटर का ब्रिज, लछमोली में अलकनन्दा नदी पर 275 मीटर का ब्रिज एवं श्रीनगर में अलकनन्दा पर 450 मीटर का ब्रिज शामिल है। शेष पुलों का कार्य टनल निर्माण के साथ ही किया जायेगा। श्रीनगर, गौचर एवं सिवाई (कालेश्वर)में एप्रोच रोड ब्रिजेज का कार्य प्रगति पर है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि रेलवे लाइन निर्माण कार्य में और तेजी लाई जाय। किसी भी समस्या के समाधान के लिए राज्य सरकार की ओर से पूरा सहयोग दिया जायेगा। कार्यों में गुणवत्ता, गति एवं पारदर्शिता का विशेष ध्यान रखा जाय। उन्होंने कहा कि इस रेलवे लाइन का निर्माण कार्य पूर्ण होने के बाद उत्तराखण्ड की जनता एवं राज्य में आने वाले श्रद्धालुओं एवं पर्यटकों को काफी सुविधा होगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि ऋषिकेश रेलवे स्टेशन पर एक गुलाब की वाटिका विकसित की जाय। जिसमें विभिन्न प्रजातियों के गुलाब हों।
इस अवसर पर रेल विकास निगम लि. द्वारा डोईवाला-उत्तरकाशी-बड़कोड़ रेलवे लाइन पर भी प्रस्तुतीकरण दिया गया। बैठक में जानकारी दी गई की इस रेल लाइन का सर्वे किया जा चुका है। सर्वे का कार्य मार्च 2018 से किया जा रहा था। इस प्रोजेक्ट में कुल 24 हजार करोड़ रूपये की लागत का अनुमान है। उत्तरकाशी से डोईवाला तक कुल 10 स्टेशन के लिए सर्वे किया गया है। इस रेल लाइन के लिए 24 टनल एवं 19 ब्रिज के लिये सर्वे किया गया है। यह रेल लाइन लगभग 122 किमी की होगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह रेल लाइन उत्तराखण्ड में पर्यटन को बढ़ावा देने एवं कृषि बागवानी एवं स्थानीय उत्पादों की मार्केटिंग के लिए भी मददगार साबित होगी।
इस अवसर पर रेल विकास निगम लि. के चीफ प्रोजेक्ट मैनेजर हिमांशु बडोनी, एडिशनल जनरल मैनेजर विजय डंगवाल, प्रोजेक्ट डायरेक्टर सुरेन्द्र कुमार, विकास बहुगुणा आदि उपस्थित थे।