50 प्रतिशत यात्री क्षमता के साथ खुलेंगे सार्वजनिक परिवहन

राज्य सरकार ने ऑरेंज और ग्रीन जोन वाले जिलों में वाहनों को आधी क्षमता के साथ संचालन की अनुमति दे दी है। परिवहन विभाग इसके लिए जल्द ही एसओपी जारी करने वाला है। किसी जिले के रेड जोन में आने की स्थिति में वहां सार्वजनिक परिवहन पूरी तरह से बंद रहेगा। जबकि इंटर स्टेट परिवहन सामान्य तौर पर प्रतिबंधित है, लेकिन राज्यों की आपसी सहमति के आधार पर प्रवासियों को लाने के लिए बसें चलाई जा सकेंगी।
अभी प्रदेश में कोई भी जिला रेड जोन में नहीं होने से पूरे प्रदेश में बसों सहित अन्य सार्वजनिक परिवहन का संचालन करने का निर्णय ले लिया गया है। एक जिले से दूसरे जिले के बीच बसों के संचालन से लोगों को बड़ी राहत मिलेगी। हालांकि वाहन की क्षमता से आधी सवारी को ही लेकर जाया जा सकेगा।
राज्य सरकार ने इंटर स्टेट परिवहन के संचालन को भी सहमति दी है, जिसके लिए नोडल अधिकारी, मंडलायुक्त और जिला मजिस्ट्रेट की अनुमति अनिवार्य है। मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह की ओर से जारी आदेश में परिवहन विभाग को निर्देशित किया गया है कि सार्वजनिक परिवहन की एसओपी (स्टेंडर्ड ऑपरेंटिंग प्रोसिजर) तैयार कर लें, जिसके बाद संचालन शुरू हो सकेगा। संचालन में सोशल डिस्टेंसिंग के मानकों का पूरी तरह से पालन होगा।
इस नियम का करना होगा पालन
उत्तराखंड में लॉकडाउन-4 में अब वाहनों का संचालन होने लगेगा। लेकिन अधिक आबादी वाले आठ शहरों में निजी वाहनों का संचालन ऑड-ईवन नंबर प्लेट के हिसाब से होगा। एक दिन ऑड नंबर और दूसरे दिन ईवन नंबर के चैपहिया वाहन चलाएं जा सकते हैं। वहीं, दोपहिया वाहन सभी दिन चल सकेंगे। उल्लंघन करने वालों पर सख्त कदम उठाए जा सकते हैं।
मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह ने बताया कि देहरादून, हल्द्वानी, रुद्रपुर, काशीपुर, हरिद्वार, कोटद्वार, रुड़की, ऋषिकेश में सरकार ने सड़कों पर वाहनों की सीमित संख्या रखने के लिए ऑड-ईवन की व्यवस्था बनाई है। जिलों को इस संबंध में निर्देश जारी किए जाएंगे, जिसके बाद यह व्यवस्था लागू कर दी जाएगी। यह व्यवस्था प्राइवेट वाहनों के लिए रहेगी।

रोडवेज में बीस ड्राइवरों का टोटा

ऋषिकेश।
रोडवेज डिपो में ड्राइवर का टोटा बना है। बीस ड्राइवर कम होने से लोकल रूटों पर चलने वाली बसें बंद पड़ी है। इससे हररोज निगम को एक लाख रुपए राजस्व का नुकसान उठाना पड़ रहा है। वहीं लोकल रूटों पर चलने वाली सवारियां परेशान है।

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ऋषिकेश रोडवेज डिपो में बीस ड्राइवरों के पद खाली होने से दस बसों का संचालन ठप है। सहारनपुर, रुड़की, हरिद्वार, देहरादून, छुटमलपुर सहित अन्य रूटों पर सवारियों की भीड़ को देखते हुए जितनी बसें चलनी चाहिए थी। वह बसें नहीं चल पा रही है। ऐसे में इन रूटों पर चलने वाली सवारियां बहुत परेशान है। बसों के न चलने से जहां यात्री परेशान है वहीं रोडवेज को भी हररोज एक लाख रुपए का नुकसान उठाना पड़ रहा है। एआरएम नेतराम गौतम ने कहा आठ नई बसें भी डिपो को मिल गई है। ड्राइवरों के न होने के कारण संचालन नहीं हो पा रहा है। इन सभी स्थितियों से मुख्यालय को अवगत कराया जा चुका है।