हरेला पर्व उत्तराखंड की संस्कृति व पर्यावरण का प्रतीक

देहरादून।
हरेला पर्व संस्कृति एवं पर्यावरण का प्रतीक है। हरेला से घी संग्रांद तक वृक्षारोपण का अभियान चलाया जा रहा है। इस वर्ष जन सहभागिता से हरेला वृहद स्तर पर मनाया जा रहा है। बुधवार को महाराणा प्रताप स्पोर्ट्स कालेज, रायपुर में वन विभाग द्वारा आयोजित हरेला पर्व के अन्तर्गत वृक्षारोपण एवं पौध वितरण कार्यक्रम में मुख्यमंत्री हरीश रावत ने ने शिरकत की।
इस अवसर पर हरेला के तहत मुख्यमंत्री रावत ने रूद्राक्ष का पौधा लगाया। उन्होंने स्कूली बच्चों को पौधे भी वितरित किए। मुख्यमंत्री रावत ने कहा कि पिछली बार हरेला पर्व राज्य सरकार की ओर से मनाया गया था। किन्तु इस बार जन संगठनों द्वारा हरेला को वृहद स्तर पर मनाया जा रहा है। इस बार राज्य सरकार की भूमिका इसमें एक सहयोगी की है। हरेला संस्कृति एवं पर्यावरण का प्रतीक है।
मुख्यमंत्री रावत ने वन विभाग की प्रशंसा करते हुए कहा कि वन विभाग द्वारा मांग के अनुरूप पौधे उपलब्ध कराए गए है। उन्होंने कहा कि वृक्षारोपण हमारी आदत का हिस्सा होना चाहिए। हम सभी को वृक्षारोपण के प्रति दूसरो को भी जागरूक करना चाहिए। एक वृक्ष भी जीवन में परिवर्तन ला सकता है। अधिक से अधिक पौधे लगाए एवं पर्यावरण संरक्षण में सहायक बनें। मुख्यमंत्री रावत ने जिला प्रशासन, एम.डी.डी.ए. एवं वन विभाग को निर्देश दिए कि देहरादून के सभी शिवालयों में रूद्राक्ष का पौधा जरूर लगाएं। उन्होंने वन विकास निगम को निर्देश दिए कि जहां भी वन विकास निगम के डिपो है, वे डिपो के चारों ओर काष्ठ उद्योग में सहायक वृक्ष लगाए। इसके साथ ही रामगंगा घाटी में गैरसैंण से भिकियासैंण तक तून के पेड़ लगाए।
इस अवसर पर पूर्व विधायक जोत सिंह गुनसोला, सचिव, खेल शैलेश बगोली, प्रमुख वन संरक्षक राजेन्द्र कुमार महाजन, डी.बी.एस. खाती सहित स्कूली बच्चे व अन्य उपस्थित थे।