संस्कार भारती के कार्यक्रम से ललित कलाओं को मिला संरक्षण-सीएम

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी शनिवार को हरिद्वार रोड स्थित संस्कृति विभाग के प्रेक्षागृह में संस्कार भारती द्वारा स्वाधीनता के अमृत महोत्सव के उपलक्ष्य में आयोजित उत्तराखण्ड कला दर्शन कार्यक्रम में प्रतिभाग किया। इस अवसर पर पूर्व मुख्यमंत्री एवं सांसद डॉ.रमेश पोखरियाल ‘निशंक‘, विधायक सविता कपूर, ओजस हिरानी, पंकज अग्रवाल भी उपस्थित रहे।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि संस्कार भारती के प्रयास राष्ट्रप्रेम, साहित्य कला व पुरातन समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को समर्पित भाव से बढ़ावा देने वाले रहे है। संस्कार भारती की ललित कलाओं के संरक्षण क्षेत्र में भी सबसे बड़े केन्द्र के रूप में पहचान बनी है। इस क्षेत्र के कलाकारों को संगठन से जोड़ कर राष्ट्रीय एकता को बढ़ावा देने का भी कार्य हो रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड कला संस्कृति एवं साहित्य का संगम है, इसके उत्थान के लिये राज्य सरकार कृत संकल्पित है। उन्होंने कहा कि राज्य की सांस्कृतिक विरासत के संरक्षण के लिये उपयुक्त स्थल की पहचान कर इसके लिये भवन बनाने के भी प्रयास किये जायेंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि 2014 से पहले देश में निराशा एवं मायूसी का वातावरण था। प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में देश को नई पहचान मिली है। हमारे देश की कला, आध्यात्म व योग के साथ ही सांस्कृतिक पहचान भी बनी है। उन्होंने कहा कि पौराणिक कलाकृतियों एवं परम्पराओं के संरक्षण की दिशा में काशी विश्वनाथ कोरडोर का निर्माण सबके सामने है। उन्होंने कहा कि पहले काशी विश्वनाथ के दर्शन के लिये एक पतला और संकरा रास्ता हुआ करता था, आज वह दिव्य एवं भव्य रूप ले चुका है। प्रधानमंत्री के दृढ़ निश्चय से हमारी समृद्ध संस्कृति को पूरा विश्व जानने लगा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जब 90 के दशक में अयोध्या गये थे तो रामलला के टेन्ट में दर्शन होते थे, आज भव्य राममन्दिर का निर्माण प्रारम्भ हो चुका है। राममन्दिर के निर्माण से पूरी अयोध्या का महत्व देश व दुनिया में जा रहा है। इससे पूरे विश्व में हमारी कला व संस्कृति को नई पहचान मिलेगी तथा कला संस्कृति एवं आध्यात्म का समन्वय स्थल बनेगा। इसी प्रकार केदारनाथ मन्दिर परिसर के पुनर्निर्माण से लाखो श्रद्धालु वहां की दिव्यता से अविभूत है। बद्रीनाथ मन्दिर का भी सौन्दर्यीकरण किया जा रहा है।

हरिद्वार कुंभ के साथ ही अयोध्या में बन रहा भगवान राम का मंदिरः तीरथ सिंह रावत

मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने रविवार को संस्कार भारती उत्तराखंड एवं रामकृष्ण सेवा समिति द्वारा वर्चुअल आयोजित विचार कुम्भ में प्रतिभाग किया।

मुख्यमंत्री ने कुम्भ मंथन दिशाबोध 2021 के अंतर्गत “राममंदिर से राष्ट्रनिर्माण एवं विश्वकल्याण “के ध्येय को लेकर संस्कार भारती उत्तराखंड हरिद्वार में बाल कुम्भ, कवि कुम्भ, विचार कुम्भ और दीप कुम्भ का भव्य आयोजन के लिए बधाई दी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि यह अद्भुत संयोग है कि हरिद्वार कुम्भ के साथ इसी समय वर्षों के संघर्ष और लाखों रामभक्तों के त्याग एवं बलिदान के पश्चात अयोध्या में भगवान राम का मंदिर बन रहा है। उन्होंने आशा व्यक्त की कि देश के अग्रणी,प्रखर और मूर्धन्य विद्वानों द्वारा इस विचार कुम्भ में राममंदिर से राष्ट्र निर्माण एवं विश्व कल्याण पर की जा रही परिचर्चा से जो वैचारिक अमृत की प्राप्ति होगी। उससे निश्चित ही समाज का पथप्रदर्शन होगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि भगवान श्रीराम पूरे विश्व के आदर्श हैं। वे करुणा, त्याग और मर्यादा की प्रतिमूर्ति हैं। उन्होने संसार को मानवता के मार्ग पर चलना सिखाया। सनातन धर्म मानवता, विश्व कल्याण और बंधुत्व में विश्वास रखता है। अयोध्या में राम मंदिर निर्माण से राष्ट्र निर्माण का मार्ग प्रशस्त होगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कोविड की विकट परिस्थितियों में हमें एकजुट होकर अनुशासन का परिचय देना होगा। हरिद्वार कुम्भ के स्नान सभी के सहयोग से आवश्यक सावधानियाँ रखते हुए सफलतापूर्वक सम्पन्न हुए है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के प्रतीकात्मक कुम्भ स्नान के आह्वान में संतों का सहयोग भी मिल रहा है।

इस वर्चुअल परिचर्चा में इन्द्रेश कुमार, डा महेश शर्मा, अमीरचंद सहस्त्रबुद्धि, सुरेश सुयाल, प्रोफेसर महावीर आदि उपस्थित थे।