लंदन दौरे से लौटे मुख्यमंत्री धामी के स्वागत के लिए पहुंचे मंत्री अग्रवाल, सतपाल, उनियाल आर्य

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का लंदन दौरे के बाद देहरादून पहुंचने पर कैबिनेट मंत्रियों सतपाल महाराज, प्रेमचंद अग्रवाल, गणेश जोशी, सुबोध उनियाल तथा रेखा आर्या द्वारा उनका स्वागत किया गया। राज्य में निवेश को तेजी से बढ़ावा देने के लिए लंदन और बर्मिंघम में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में हुए रोड शो और बैठकों में 12 हजार 05 सौ करोड़ से अधिक के प्रस्तावों पर सहमति बनने पर सभी ने मुख्यमंत्री के प्रयासों की सराहना करते हुए उनका आभार व्यक्त किया।

कैबिनेट मंत्रियों ने मुख्यमंत्री के ब्रिटेन दौरे को निवेश की दृष्टि से राज्य की आर्थिकी को मजबूत करने वाला बताया। मुख्यमंत्री के यू.के. भ्रमण से वहां के उद्यमियों के साथ ही प्रवासी उत्तराखंड वासियों द्वारा राज्य में निवेश के लिये की गई पहल निश्चित रूप से मुख्यमंत्री की अन्य देशों के प्रस्तावित दौरे तथा देश के प्रमुख शहरों में आयोजित होने वाले रोड शो में भी राज्य के प्रति और अधिक निवेशक आकर्षित होंगे। ये प्रयास माह दिसंबर में होने वाले ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में 2.50 लाख करोड़ के निवेश के लक्ष्यों को प्राप्त करने में भी मददगार होंगे।

उन्होंने प्रवासी उत्तराखंड वासियों और उत्तराखंड सरकार के बीच बेहतर सामंजस्य स्थापित करने तथा उनके निवेश प्रस्तावों पर त्वरित कार्यवाही करने के लिए मुख्यमंत्री कार्यालय में एक उत्तराखण्ड अप्रवासी सेल बनाये जाने के मुख्यमंत्री के निर्णय की भी सराहना की है। सभी मंत्रीगणों का मानना है कि मुख्यमंत्री द्वारा राज्यहित में की गई पहल निश्चित रूप से राज्य के पर्यटन तथा उद्योगों को भी गति प्रदान करने वाला होगा। इससे राज्य के युवाओं को रोजगार के अवसर तो उपलब्ध होंगे ही साथ ही प्रदेश की आर्थिकी को भी नया संबल प्राप्त होगा।

ज्ञातव्य है कि मुख्यमंत्री द्वारा फ्रांस के पोमा ग्रुप के साथ हुई बैठक में उत्तराखंड के पर्यटन क्षेत्रों और सुदूर क्षेत्रों को रोपवे द्वारा जोड़ने तथा जन परिवहन की दृष्टि से इस माध्यम को प्रयोग में लाने के लिये 02 हजार करोड़ रुपए का करार किया गया। पोमा ग्रुप द्वारा राज्य में देश का पहला रोपवे मैन्युफैक्चरिंग पार्क विकसित किए जाने के संदर्भ में संभावनाएं तलाशने हेतु कार्य करने का भी प्रस्ताव दिया गया। उसके बाद इंग्लैंड में स्थित भारतीय दूतावास में पर्यटन क्षेत्र की विभिन्न गतिविधियों में शामिल लोगों के साथ बैठक में उत्तराखंड में पर्यटन गतिविधियों में तेजी लाने हेतु कार्ययोजना पर मंथन किया गया तथा उन्हें प्रदेश की नई पर्यटन नीति के संबंध में जानकारी दी गई।

यही नही उत्तराखंड में विभिन्न स्थानों पर केबल कार परिवहन व्यवस्था विकसित करने तथा औली, दयारा बुग्याल और मुनस्यारी में शीतकालीन खेलों को बढ़ावा देने हेतु विंटर स्पोर्ट्स डेस्टिनेशन विकसित किए जाने हेतु सहमति जताते हुए अमेरिका के के.एन. ग्रुप के साथ 4800 करोड़ रुपए का निवेश करार किया गया। ब्रिटिश पार्लियामेंट के लार्ड मेयर तथा बर्मिंघम विश्वविद्यालय के कुलपति बिली मोरया के साथ हुई बैठक में उत्तराखंड में शिक्षा के क्षेत्र में निवेश की संभावनाओं के विषय में चर्चा की गई। तथा उत्तराखंड में एक सेंटर ऑफ एक्सीलेंस विकसित किए जाने हेतु सहमति जताई गई। उत्तराखण्ड में निवेश हेतु विभिन्न कंपनियों के 80 डेलिगेशनों के साथ ही सघन बैठक (लंदन रोड शो) में लगभग 1250 करोड़ रूपये के प्रस्तावों पर हस्ताक्षर किये गये।

मुख्यमंत्री द्वारा ब्रिटेन के बर्मिंघम शहर में आयोजित, उत्तराखंड में निवेश हेतु विभिन्न कंपनियों के 250 डेलिगेशनों के साथ हुई सघन बैठक (बर्मिघम रोड शो) में लगभग 1500 करोड़ रुपए के निवेश प्रस्तावों पर हस्ताक्षर किए गए। तथा ब्रिटेन में कार्यरत विभिन्न उद्योग समूहों के साथ हुई बैठक में पर्यटन एवं विनिर्माण क्षेत्रों में हुए करार के अंर्तगत 3300 करोड़ रुपए के अनुबंध पत्रों पर हस्ताक्षर किए गए।

राज्य की प्रमुख घाटियों की भी की जाय पर्यटन की दृष्टि से ब्रांडिंगः मुख्यमंत्री

प्रदेश में पर्यटन गतिविधियों को बढावा देकर रोजगार एवं स्वरोजगार के संसाधन बढ़ाए जाएं। नई पर्यटन नीति का आम जनमानस तक व्यापक स्तर पर प्रचार प्रसार किया जाए। पर्यटन विभाग द्वारा संचालित योजनाओं का लोग कितना लाभ ले पा रहे हैं, इसका पूरा आंकलन किया जाए। जिन योजनाओं में आम जन का रूझान बढ़ा है, इनमें यदि टॉपअप लोन अथवा सब्सिडी की धनराशि बढ़ाने की आवश्यकता प्रतीत हो रही है, तो इसका भी प्रस्ताव तैयार किया जाए। ये निर्देश मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सचिवालय में सशक्त उत्तराखण्ड /25 के लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए पर्यटन विभाग द्वारा तैयार किये गये अल्प, मध्य एवं दीर्घकालिक रोडमैप की समीक्षा के दौरान अधिकारियों को दिये।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि सरकार द्वारा जो योजनाएं चलाई जा रही हैं, इन योजनाओं का लाभ राज्य के सभी पात्र लोगों को मिले, इसके लिए ऐसा सिस्टम विकसित किया जाए, जिससे यह पता चले सके कि कौन सा परिवार किन योजनाओं का लाभ लेने का पात्र है, और कितने परिवार योजनाओं का लाभ ले रहे हैं। जो जरूरतमंद लोग सरकार की विभिन्न जन कल्याणकारी योजनाओं का पूरा लाभ नहीं उठा पा रहे हैं, उनको विभिन्न संचार एवं प्रचार माध्यमों से योजनाओं की जानकारी दी जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में होम स्टे को और बढ़ावा देने की जरूरत है। होम स्टे को बढ़ावा देकर लोगों की आर्थिकी को तेजी से बढ़ावा मिलेगा। मुख्यमंत्री ने जनप्रतिनिधियों एवं अधिकारियों से भी अपील की है, कि अपने जनपद भ्रमण के दौरान होम स्टे में जरूर रूकें, इससे इनको और बढ़ावा मिलेगा। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिये कि होम स्टे चलाने वालों को समय-समय पर प्रशिक्षण भी दिया जाए।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अधिकारियों को निर्देश दिये कि अगले 10 सालों का विभागों द्वारा जो रोडमैप तैयार किया जा रहा है, उसमें भविष्य की सभी संभावनाओं को ध्यान में रखते हुए रोडमैप पर चरणबद्ध तरीके से कार्य किये जाएं। 2025 तक जिन कार्यों एवं योजनाओं को पूर्ण करने का लक्ष्य रखा गया है, उनमें अभी से कार्य धरातल पर दिखने शुरू हो जाए। उन्होंने 2030 तक के पूरे रोडमैप पर सुनियोजित तरीके से कार्य किये जाने के निर्देश देते हुए कहा कि राज्य में पर्यटन आधारित जो भी नई गतिविधियां की जा रही है और जिन स्थानों पर की जा रही है, पर्यटन विभाग द्वारा उनका वृहद स्तर पर प्रचार प्रसार की भी व्यवस्था सुनिश्चित करें। राज्य के समग्र विकास के लिए हर क्षेत्र में विभागों को आपसी समन्वय के साथ तेजी से आगे बढना होगा। विकास के लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिये भी यह जरूरी है।

मुख्यमंत्री ने निर्देश दिये कि शीघ्र ही पर्यटन विभाग एवं लोक निर्माण विभाग की संयुक्त बैठक की जाए। पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए बेहतर सड़क कनेक्टिविटी का होना जरूरी है। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिये कि राज्य के चिन्हित वाइब्रेंट विलेज के आस-पास भी पर्यटन गतिविधियों को तेजी से बढ़ावा दिया जाए। पर्यटक स्थलों के आस-पास हेलीपैड की भी व्यवस्थाएं रखी जाएं। मानसखण्ड मन्दिर परियोजना के कार्यों में तेजी लाने के निर्देश भी मुख्यमंत्री ने अधिकरियों दिये। उन्होंने कहा कि इसके तहत प्रथम चरण में जिन 16 मन्दिरों को चिन्हित किया गया है, उन पर मिशन मोड में कार्य किये जाएं। विभिन्न पर्यटक एवं धार्मिक स्थलों पर जिन पौराणिक गुफाओं को विकसित किये जाने की योजना है उन पर भी तेजी से कार्य किया जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमें राज्य की प्रमुख वैलियों की पर्यटन की दृष्टि से ब्राडिंग करनी होगी। इसके लिए प्रत्येक जनपद में स्थित घाटियों के महत्व एवं प्राकृतिक उत्पादों को पहचान दिलाने के लिए भी कार्ययोजना बनाई जाए।

पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने कहा कि राज्य में ट्रैकिंग, पैराग्लाइडिंग, राफ्टिंग के क्षेत्र में अनेक संभावनाएं हैं। इस दिशा में तेजी से कार्य भी हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि धार्मिक एवं पर्यटक स्थलों पर स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा दिया जा रहा है। राज्य में धार्मिक पर्यटन के साथ-साथ आध्यात्मिक और साहसिक पर्यटन को भी तेजी से बढ़ावा दिया जा रहा है। वन डिस्ट्रिक्ट, वन डेस्टिनेशन के क्षेत्र में तेजी से कार्य किये जा रहे हैं।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सशक्त उत्तराखण्ड /25 के लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा तैयार किये गये अल्प, मध्य एवं दीर्घकालिक रोडमैप की समीक्षा के दौरान अधिकारियों को निर्देश दिये कि राज्य में मातृत्व मृत्युदर को और कम करने के लिए प्रयास किये जाएं। इसके लिए सभी विभागों को समन्वय के साथ कार्य करना होगा। सरकार द्वारा चलाई जा रही मिशन खुशियों की संवारी का व्यापक स्तर पर प्रचार किया जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि अस्पतालों में मरीजों को लंबी लाईन पर खड़ा न रहना पड़ें, इसके लिए ऑनलाईन रजिस्ट्रेशन की प्रभावी व्यवस्था की जाए। ई-संजीवनी एप का वृहद स्तर पर प्रचार किया जाए। जिससे अधिकांश लोग घर से ही चिकित्सकों से परामर्श ले सकें। उन्होंने कहा कि 2025 तक देवभूमि उत्तराखण्ड को नशा मुक्त बनाने का लक्ष्य रखा गया है। इसके लिए सभी विभागों द्वारा क्या प्रयास किये गये हैं, इसकी भी समीक्षा की जायेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं मिले, इसके लिए स्वास्थ्य निदेशालय में आईटी सेल बनाया जाए।

बैठक में अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, सचिव आर. मीनाक्षी सुदंरम, दीपेन्द्र चौधरी, सचिव कार्यक्रम क्रियान्वयन दीपक गैरोला, अपर सचिव सी. रविशंकर, मनोज पंत, महानिदेशक स्वास्थ्य डॉ. वितीता शाह, प्राचार्य दून मेडिकल कॉलेज डॉ. आशुतोष सयाना उपस्थित थे।

चारधाम आने वाले तीर्थ यात्रियों को मिलेगा बीमा कवर

बदरीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री मंदिर परिसर में दुर्घटना होने पर तीर्थ यात्रियों को एक लाख रुपये का बीमा कवर मिलेगा। पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज के प्रयासों से यह संभव हो पाया है। बदरीनाथ-केदार मंदिर समिति के मीडिया प्रभारी डा हरीश गौड़ ने बताया कि आध्यात्मिक संस्था मानव उत्थान सेवा समिति की ओर से बीमा की प्रीमियम राशि युनाइटेड इंडिया इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड को दी गयी है। उन्होंने बताया कि मानव उत्थान सेवा समिति के संस्थापक पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज हैं। बदरीनाथ- केदारनाथ मंदिर समिति के अध्यक्ष अजेंद्र अजय ने पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज एवं मानव उत्थान सेवा समिति का आभार जताया है। उन्होंने कहा कि पहली बार चारधाम आने वाले तीर्थयात्रियों को बीमा कवर दिया जा रहा है।
मीडिया प्रभारी डॉ हरीश गौड ने बताया कि मंदिर समिति के मुख्य कार्याधिकारी बीडी सिंह ने इस संबंध में उपजिलाधिकारी जोशीमठ, उखीमठ, बड़कोट और भटवाड़ी को पत्र लिखकर सूचित किया है। उन्होंने लिखा है कि मंदिर परिसर में किसी दुर्घटना पर तीर्थ यात्रियों को यह बीमा कवर दिया जायेगा है। उन्होंने बताया कि बीमा राशि का भुगतान बदरीनाथ- केदारनाथ मंदिर समिति के माध्यम से युनाईटेड इंडिया इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड द्वारा दिया जाएगा।

विंटर पर्यटन को बढ़ावा देगी राज्य सरकार-सतपाल महाराज

उत्तराखंड के पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री सतपाल महाराज ने कहा है कि चार धाम की यात्रा के बाद अब हमारा ध्यान प्रदेश में विटंर टूरिज्म को प्रमोट करने पर है। हजारों लोग उत्तराखंड की सांस्कृतिक विरासत को देखने आते हैं इसलिए हम ऐसे डेस्टिनेशन को प्रचारित कर रहे हैं जो लोगों की आस्था से भी जुड़े हों। इसके साथ ही पर्यटक सर्दियों में उत्तराखंड की वादियों का लुत्फ भी उठा सकेंगे। सतपाल महाराज ने प्रगति मैदान में चल रहे अंतरराष्ट्रीय व्यापार मेले में शुक्रवार को उत्तराखंड डे का उद्घाटन किया।
इस अवसर पर सतपाल महाराज ने कहा कि व्यापार मेले में उत्तराखंड की सांस्कृतिक विरासत की छटा देखने को मिल रही है। लोगों का उत्साह देखकर लग रहा है ​कि उत्तराखंड के उत्पाद लोगों को बहुत पसंद आ रहे हैं। उन्होंने कहा कि हथकरघा तथा हस्तशिल्प उत्पाद, बाल मिठाई, पहाड़ी दालें, मसाले तथा जड़ी-बूटियां, शहद बैम्बू प्राकृतिक रेशा रामबॉस तथा भीमल से बने उत्पाद भी लोगों के आकर्षण का केंद्र बने हुए हैं। ​कोविड19 के पश्चात पहली बार आयोजित हो रहे भारतीय अंतराष्ट्रीय व्यापार मेले में राज्य दिवस के अवसर पर सतपाल महाराज ने बताया कि राज्य सरकार राज्य में निवेश को बढ़ावा देने तथा रोजगार सृजन के लिए कृत संकल्प है। राज्य में निवेश अनुकूल वातावरण तैयार कर अधिकाधिक निवेश आक​र्षित करने की दिशा में सरकार निरंतर कार्य कर रही है। एकल खिड़की व्यवस्था के अंतर्गत् उद्योगों को निर्धारित समय सीमा में सभी प्रकार की स्वीकृतियां तथा अनापत्तियां प्रदान किए जाने हेतु एकल खिड़की अधिनियम लागू किया गया है। इज आफ डुइंग बिजनेस कार्यक्रम में राज्य देश के अग्रणी औद्योगिकी राज्यों के साथ शीर्ष राज्यों में शामिल है। महाराज ने कहा कि शीतकालीन पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए गंगा मैया के प्रवास मुखबा और यमुना मैया के लिए खरसाली गांव को विशेष रूप से सजाया जाता है।
सतपाल महाराज ने कहा कि एक ओर जहां बड़े निवेशकों को आकर्षित करने के लिए राज्य सरकार प्रयास कर रही है वहीं दूसरी ओर स्वरोजगार को बढ़ावा देने के लिए राज्य के युवाओं विशेषकर कोविड 19 से प्रभावित राज्य के प्रवासियों के लिए मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना तथा नैनो स्वरोजगार योजना लागू की गई है। हरित प्रदेश की अवधारणा को मूर्त रूप देने में सरकार सतत प्रयत्नशील है और मुख्यमंत्री सौर स्वरोजगार योजना लागू ​की गई है।
राज्य के समस्त जनपदों के पोटेंशियल को देखते हुए एक जनपद दो उत्पाद योजना लागू की गई है​ जिससे राज्य के विशिष्ट उत्पाद राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी अलग पहचान स्थापित करने में सफल होंगे। पर्यटन के क्षेत्र में राज्य की राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी अलग पहचान है राज्य सरकार प्रसिद्व पर्यटन स्थलों के अतिरिक्त 13 जनपद 13 डेस्टिनेशन के अंतर्गत तेजी से कार्य कर रही है।
बुनियादी ढांचे के अंतर्गत राज्य में रेल लाइन, वायुसेवा तथा राजमार्गों के निर्माण के क्षेत्र तेजी से कार्य किया जा रहा है। इस वर्ष मेले की थीम है आत्मनिर्भर भारत और राज्य सरकार इसी तर्ज पर आत्मनिर्भर उत्तराखंड की दिशा में सरकार निरंतर काम कर रही है।
भारत अंतरराष्ट्रीय व्यापार मेले में प्रगति मैदान के हॉल नंबर 4 में उत्तराखंड पैवेलियन में इस वर्ष हथकरघा एवं हस्तशिल्प विकास परिषद के तत्वाधान में राज्य के विभिन्न क्षेत्रों के कुल 34 स्टाल लगे हैं। इस वर्ष मेले का मुख्य आकर्षण उत्तराखंड के शिल्प आधारित सोवेनियर उत्पाद हैं, जिन्हें उत्तराखंड सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम विभाग द्वारा विस्तृत स्तर पर शोध एवं भ्रमण कर राज्य के परंपरागत विभागों में पर्यटन, हिमाद्री, हिलांस, बैम्बू बोर्ड, खादी तथा ग्रामोद्योग बोर्ड, ग्राम विकास एवं सिडकुल मुख्य रूप से प्रतिभाग कर रहे हैं।
इस अवसर पर मुख्य सचिव, उत्तराखंड शासन एस.एस संधू, महानिदेशक एवं आयुक्त उद्योग रोहित मीणा निदेशक उद्योग सुधीर चंद्र नौटियाल, उप निदेशक उद्योग शैली डबराल, उप निदेशक, राजेंद्र कुमार, मेलाधिकारी के.सी. चमोली, प्रदीप सिंह नेगी, गिरिश चंद्र आदि उपस्थित थे।

टिहरी विस्थापित प्रत्येक परिवार को मिलेगा 74.4 लाख का मुआवजा

प्रदेश के पर्यटन, सिंचाई, लोक निर्माण, धर्मस्व एवं संस्कृति मंत्री सतपाल महाराज के अथक प्रयासों से आखिरकार 20 वर्ष बाद टिहरी बांध परियोजना से प्रभावित 415 विस्थापित परिवारों को न्याय मिलना संभव हो पाया है।

टिहरी बांध परियोजना से प्रभावित 415 विस्थापित परिवारों के पुनर्वास संबंधी समस्याओं के निराकरण हेतु 22 जनवरी 2021 को प्रदेश के पर्यटन, सिंचाई, लोक निर्माण, धर्मस्व एवं संस्कृति मंत्री सतपाल महाराज ने टिहरी के जनप्रतिनियों और राज्य सरकार के अधिकारियों को साथ लेकर नई दिल्ली में केंद्रीय ऊर्जा मंत्री राजकुमार सिंह के साथ एक बैठक की थी। बैठक में सतपाल महाराज के साथ टिहरी सांसद माला राज्य लक्ष्मी शाह, विधायक धन सिंह नेगी, घनसाली विधायक शक्ति लाल शाह, प्रताप नगर विधायक विजय सिंह पवार सहित अनेक विभागीय अधिकारी मौजूद थे।

केंद्रीय ऊर्जा मंत्री राजकुमार सिंह के साथ हुई उस ऐतिहासिक बैठक में तय किया गया था कि टिहरी बांध परियोजना से प्रभावित 415 विस्थापित परिवारों के पुनर्वास संबंधी समस्याओं का समाधान न्यायालय की परिधि से बाहर किया जाएगा।

पर्यटन, सिंचाई, लोक निर्माण, धर्मस्व एवं संस्कृति मंत्री सतपाल महाराज की देखरेख में टिहरी बांध विस्थापित 415 परिवारों को न्याय दिलाने के लिए लगातार चल रहे प्रयासों के तहत जनवरी से मैराथन बैठकों का दौर जारी रहा। जनवरी से अब तक टीएचडीसी अधिकारियों, सचिव सिंचाई उत्तराखंड और जिलाधिकारी टिहरी के बीच हुई अनेक बैठकों का परिणाम यह रहा कि टीएचडीसी ने उत्तराखंड सरकार को एक अंडरटेकिंग दी है। जिसमें कहा गया है कि वह संपार्श्विक क्षति नीति 2013 के तहत गठित तकनीकी समिति की संरचना के लिए उत्तराखंड सरकार द्वारा संशोधित आदेश जारी होने के बाद माननीय उच्च न्यायालय उत्तराखंड में दायर अपनी रिट याचिका को वापस ले लेंगा।

साथ ही टिहरी बांध परियोजना प्रभावित 415 परिवारों के पुनर्वास को लेकर प्रदेश सरकार की ओर से जो मुआवजा राशि तय की गई है वह प्रभावित क्षेत्र के तत्समय बाजारी दरों, सोलेशशियम, एक्सग्रेशिया, ब्याज और विकास लागत को जोड़कर प्रति परिवार 74.4 लाख रूपये आंकी गई है। टीएचडीसी और उत्तराखंड सरकार दोनों की सहमति से तय हुआ है कि बांध प्रभावित 415 परिवारों के पुनर्वास हेतु 74.4 लाख का मुआवजा प्रति परिवार के अनुसार दिया जाएगा।

इस समझौते के तहत रौलाकोट गांव के पुनर्वास के बारे में भी तय हुआ है कि ग्राम रौलाकोट के विस्थापन हेतु पुनर्वास निदेशालय के पास लगभग 70 एकड़ भूमि रोशनाबाद, रायवाला, घमंडपुर, आदि गांव में उपलब्ध है जो कि पहले टिहरी बांध प्रभावित लोगों के पुनर्वास के लिए अधिग्रहित की गई थी। इसके अलावा लगभग 20 एकड़ भूमि विभिन्न स्थानों पर टीएचडीसी के स्वामित्व में है। क्योंकि उक्त भूमि को विकसित करने की आवश्यकता है इसलिए टीएचडीसी 10.5 करोड़ की राशि इसके लिए वहन करेगा।

कुल मिलाकर प्रदेश के कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज के अथक प्रयासों से 20 वर्षों के लम्बे इन्तजार के बाद अब कहीं जाकर टिहरी बांध परियोजना प्रभावित 415 परिवारों की पुनर्वास संबंधित समस्याओं को लेकर एक बड़ी सफलता मिलती दिखाई दे रही है।

साहसिक खेलों को बढ़ावा देने के लिए निम का प्रशिक्षण शिविर शुरु

उत्तराखंड में साहसिक खेलों को बढ़ावा देने के लिए देश-दुनिया को दर्जनों नामचीन पर्वतारोही देने वाले उत्तरकाशी स्थित नेहरू पर्वतारोहण संस्थान (निम) प्रदेश के युवाओं को कम ऊंचाई पर ट्रेकिंग, पहाड़ पर चढ़ने और राहत व बचाव की बारीकियां सिखाएंगे। सात दिन तक चलने वाले कम ऊंचाई पर ट्रेकिंग गाइड प्रशिक्षण कार्यक्रम का सोमवार को शुभारंभ हुआ।

पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने यूटीडीबी व निम के संयुक्त तत्वावधान में चलने वाले सात दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम में भाग ले रहे अभ्यर्थियों को शुभकामनाऐं दी। पर्यटन मंत्री ने कहा कि उत्तराखंड में साहसिक खेलों की अपार संभावनाऐं हैं। साहसिक पर्यटन उत्तराखंड के पर्यटन उद्योग में महत्वपूर्ण हिस्सेदारी रखता है। प्रशिक्षण कार्यक्रम ग्रामीण के लिए रोजगार सृजित करने में अहम भूमिका निभाएगा। यह राज्य के साहसिक पर्यटन क्षेत्र मंू एक नवीनतम कदम है, जो राज्य में साहसिक पर्यटन को नई ऊचाईयां देगा। इससे उत्तराखंड में साहसिक पर्यटन को एक नई पहचान मिलेगी। प्रदेश भर के युवाओं को इससे जोड़कर उन्हें साहसिक खेलों में भविष्य बनाने में मदद मिलेगी।

यूटीडीबी के अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी (साहसिक पर्यटन) कर्नल अश्विन पुंडीर ने प्रशिक्षण कार्यक्रम के शुभारंभ अवसर पर बताया कि प्रदेश में स्थानीय स्तर पर स्वरोजगार उपलब्ध कराये जाने के उद्देश्य से ट्रेकिंग ट्रक्शन सेंटर होम स्टे अनुदान योजना को लागू किया गया था। योजना के तहत प्रदेश के छह जिलों में 13 ट्रेकिंग ट्रक्शन सेंटर में 73 गांवों को अधिसूचित किया गया है। इन अधिसूचित गांवों से इच्छुक युवाओं को रोजगार से जोड़ने के लिए विभाग की ओर से निम के साथ मिलकर सात दिन का प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया है। पहले चरण में पिथौरागढ़, बागेश्वर, चमोली, रुद्रप्रयाग और टिहरी गढ़वाल के 49 प्रतिभागी भाग ले रहे हैं। उन्होंने कहा कि प्रशिक्षण कार्यक्रम के लिए निम और यूटीडीबी के बीच जुलाई माह में समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर हुए थे।

उन्होंने बताया कि वित्तीय वर्ष 2021-22 में कम ऊंचाई पर ट्रेकिंग गाइड प्रशिक्षण के लिए 4 बैच संचालित किए जाने प्रस्तावित है, जिसमें लगभग 260 युवा व युवतियों को स्वरोजगार से जोड़े जाने की योजना है। प्रशिक्षण का पाठ्यक्रम पूरा होने के बाद युवाओं को निम और यूटीडीबी द्वारा संयुक्त रूप से पाठ्यक्रम पूर्णता प्रमाण पत्र प्रदान किया जाएगा।

प्रशिक्षण कार्यक्रम के शुभारंभ के अवसर पर मयूर दीक्षित जिलाधिकारी उत्तरकाशी, ले. कर्नल योगेश धूमल, वाइस प्रिंसिपल नेहरू पर्वतारोहण संस्थान, रनवीर सिंह नेगी थल क्रीड़ा विशेषज्ञ, जगमोहन सिंह रावत मुख्य प्रशिक्षक नेहरू पर्वतारोहण संस्थान, प्रकाश खत्री जिला पर्यटन अधिकारी उत्तरकाशी, निम क्यूरेटर विशाल रंजन मौजूद रहे।

छेड़छाड़ मामले में महाराज ने अज्ञात हमलावर को शीघ्र गिरफ्तार करने का दिया निर्देश

सतपुली/देहरादून। विधानसभा क्षेत्र चैबट्टाखाल के अंतर्गत ग्राम धरासू, पट्टी मवालस्यूं में 21 वर्षीय बालिका से छेड़छाड़ एवं मारपीट के मामले में काबीना मंत्री सतपाल महाराज ने जिलाधिकारी पौड़ी से बात की। दूरभाष पर हुई बात में उन्होंने अज्ञात हमलावर को शीघ्र गिरफ्तार करने को कहा है।

जनपद पौड़ी गढ़वाल के चैबट्टाखाल विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत ग्राम धरासू, पट्टी मवालस्यूं की 21 वर्षीय छात्रा पर कॉलेज से आते हुये गत 21 अक्टूबर को लटीबा बस स्टाप के पास एक अज्ञात व्यक्ति द्वारा छेड़छाड़ करने के साथ ही जानलेवा हमला कर उसे गंभीर रूप से घायल कर दिया गया था। जिसकी रिपोर्ट राजस्व पुलिस से की गई। क्षेत्रीय विधायक एवं काबीना मंत्री सतपाल महाराज ने घटना की गंभीरता को समझते हुए इस पूरे प्रकरण को निमित पुलिस को सौंपे जाने के साथ ही जिलाधिकारी पौड़ी को दूरभाष पर निर्देश दिए हैं कि छात्रा से छेड़छाड़ व जानलेवा हमला कर उसे गंभीर रूप से घायल करने वाले अज्ञात हमलावर को तुरंत गिरफ्तार किया जाए।

सुरकंडा रोपवे में चाइनीस उपकरणों के स्थान पर स्वदेशी उपकरणों को प्रयोग में लाएंः पर्यटन मंत्री

पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज की अध्यक्षता में पर्यटन विभाग के अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक हुई। पर्यटन मंत्री ने कहा कि राज्य सरकार उत्तराखण्ड के पर्यटन व्यवसाइयों को कोरोना संकट की परिस्थितियों से उबारने के लिए प्रतिबद्ध है। इसके मद्देनजर पूर्व में 75 करोड़ की आर्थिक सहायता पर कैबिनेट अपनी मुहर लगा चुकी है। नेगेटिव कोरोना टेस्ट रिपोर्ट वाले पयर्टक अब आराम से चारधाम यात्रा तथा अन्य पर्यटक स्थलों की यात्रा कर सकते हैं। मेरा अनुरोध है कि सभी लोग सामाजिक दूरी तथा आत्म अनुशासन का परिचय दें। उन्होंने विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिए कि यथाशीघ्र विकास कार्यों को पूरा कर राज्य की जनता को समर्पित किय जाये।

पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने कैरवान पार्क बनाने के साथ-साथ यात्रियों के लिए सभी तरह की आधुनिक सुविधाएं विकसित करने के लिए भी अधिकारियों को आवश्यक दिशा निर्देश दिए। उन्होंने बताया कि कोविड- 19 को देखते हुए तय किया गया है कि 72 घण्टे पूर्व कोविड टेस्ट करवाने वाले यात्री की रिपोर्ट यदि नेगेटिव पाई जाती है तो वह कहीं भी घूम सकता है। पर्यटन मंत्री ने कहा कि सुरकंडा रोपवे निर्माण कंपनी को स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं कि वह चाइनीस उपकरणों के स्थान पर स्वदेश निर्मित उपकरणों को रोपवे निर्माण में प्रयोग करे। इसीलिए उसे एक वर्ष का अतिरिक्त समय दिया गया है।

सतपाल महाराज ने बताया कि पंडित दीनदयाल उपाध्याय ग्रह आवास (होम स्टे) योजना जो कि कोविड-19 के चलते हुए लॉकडाउन की वजह से काफी प्रभावित हुई है उससे जुड़े व्यक्तियों एवं कार्मिकों को राहत पहुंचाने के उद्देश्य से मुख्यमंत्री राहत कोष से स्वीकृत 24. 30 करोड़ रुपए की धनराशि के सापेक्ष 11. 85 करोड़ की धनराशि उपलब्ध करवाई गई है। पर्यटन मंत्री ने बताया कि वीर चंद्र सिंह गढ़वाली पर्यटन स्वरोजगार योजना को और अधिक आकर्षक बनाए जाने के उद्देश्य से प्रदेश के मार्गों पर संचालन हेतु एक वित्तीय वर्ष में अधिकतम 50 बसों-इलेक्ट्रॉनिक बसों के क्रय हेतु ऊंची संक्रम की लागत के 50 प्रतिशत किंतु अधिकतम 15 लाख रुपए की राजकीय सहायता देने का निर्णय लिया गया है।

पर्यटन मंत्री ने कहा कि प्रसाद योजना के तहत केदारनाथ विकास कार्यों का लगभग 90 प्रतिशत कार्य पूर्ण हो चुका है। बद्रीनाथ में भी विकास कार्य किए जा रहे हैं गंगोत्री एवं यमुनोत्री के लिए डीपीआर तैयार की जा रही है। बाह्य सहायतित योजनाओं में झील के समग्र पर्यटन विकास हेतु 1210 करोड रुपए के ऋण प्रदान किए जाने पर नेशनल डेवलपमेंट बैंक द्वारा सैद्धांतिक सहमति प्रदान की गई है।

पर्यटन मंत्री जी कहा कि शीतकालीन डेस्टिनेशन के रूप में टिबरसैंण महादेव के मंदिर को विकसित करने के लिए कंेन्द्र सरकार से अनुमति मांगी है। टिबरसैंण महादेव में अमरनाथ की तरह बहुत बड़े शिवलिंग की रचना होती है। उन्होंने कहा कि उत्तरकाशी से मोरी हरकीदून एवं जखोल सर्किट को पर्यटन एवं ट्रैकिंग के रूप में विकसित करने के लिए कनैक्टिविटी को ध्यान रखते हुए दिशा निर्देश बोर्ड लगाने चाहिए। रोप वे परियोजनाओं के अंतर्गत हम शीतकालीन में भगवान केदारनाथ के दूर से दर्शन करते हुए केदारनाथ घाटी के सुन्दर व रमणीक पर्वतीय पहाड़ों के दर्शन कर सकते हैं।

प्रदेश के पर्यटन धर्मस्व एवं संस्कृति मंत्री सतपाल महाराज ने संस्कृति विभाग के अधिकारियों को भी निर्देशित किया कि वह सभी कार्यों को समय पर पूरा करें। संस्कृति विभाग द्वारा किये जा रहे कार्यों जानकारी देते हुए संस्कृति मंत्री श्री सतपाल महाराज ने बताया कि कैलाश मानसरोवर यात्रा के तीर्थ यात्रियों को दी जाने वाली धनराशि को 25000 से बढ़ाकर 50,000 कर दिया गया है। इसके अलावा लोक कलाकारों का मानदेय भी दुगना कर दिया गया है। बताया कि प्रदेश में विरासत की अंगीकार योजना लागू की गई है। उन्होंने बताया कि तीलू रौतेली के नाम पर संग्रहालय बनाने की स्वीकृति मिल गई है। बागेश्वर, चंपावत, जोशीमठ, नरेंद्र नगर एवं उधम सिंह नगर में प्रेक्षाग्रह का निर्माण जारी है। सुमित्रानंदन पंत वीथिका कौसानी, जनपद बागेश्वर में उनके घर का जीर्णोद्धार का काम पूरा हो चुका है। जबकि अनाशक्ति आश्रम, कौसानी के जीर्णोद्धार का कार्य प्रगति पर है। ऋषिकेश में हिमालय संग्रहालय का निर्माण कार्य और गड़ीकैट में हिमालयन सांस्कृतिक केंद्र का कार्य भी प्रगति पर है।

बाढ़ सुरक्षा के तहत सिंचाई विभाग मुस्तैद, मंत्री ने दी जानकारी

(एनएन सर्विस)
बरसाती मौसम में उत्तराखंड की प्रमुख नदियों में बढ़ते जलस्तर से बाढ़ के खतरों को भांपते हुए राज्य का सिंचाई विभाग पूरी तैयारियों के साथ बाढ़ सुरक्षा की दृष्टि मुस्तैद है। उत्तराखंड में बाढ़ सुरक्षा सम्बन्धी तैयारियों की जानकारी देते हुए प्रदेश के सिंचाई मंत्री सतपाल महाराज ने बताया कि बरसात के मौसम में राज्य की प्रमुख नदियों के बढ़ते जलस्तर के खतरे को देखते हुए सिंचाई विभाग ने समय से अपनी पूरी तैयारियां कर दी हैं।
सिंचाई मंत्री सतपाल महाराज ने जानकारी देते हुए बताया कि राज्य की प्रमुख नदियों भागीरथी, अलकनंदा, पिंडर, मंदाकिनी, नयार और गंगा जिनका कि बरसात में जलस्तर बढ़ जाने से कई स्थानों पर भवन, भूमि, फसलों, मार्गों आदि को हमेशा खतरा बना रहता है। उस खतरे से निपटने के लिए सिंचाई विभाग ने बाढ़ सुरक्षा के तहत अपनी योजनाओं का काम पूरा कर लिया है।
श्री केदारनाथ धाम स्थित केदारपुरी में मंदाकिनी नदी से सुरक्षा, श्री केदारनाथ के सीतापुर/गौरीकण्ड के पूर्ननिर्माण कार्य, सौंग नदी के दायें तट पर स्थित गौरी माफी ग्राम में जल भराव से निजात दिलाने के लिए 379.49 लाख रूपये की लागत से लगभग 500 मीटर के बन्दे का निर्माण किया गया है। अल्मोडा के विकासखण्ड चैखुटिया में शीर्ष बन्धों का पुनर्निमार्ण कराया गया है। विकासखण्ड स्याल्दे, विकासखण्ड मुनस्यारी एवं चमोली जनपद के विकासखण्ड घाट में भी पुनर्निमार्ण के कार्य गतिमान हैं।
सतपाल महाराज ने बताया कि मानसून में बाढ़ तथा जल भराव की दृष्टि से हरिद्वार, पौड़ी, रूद्रप्रयाग, चमोली, पिथौरागढ, चम्पावत, उधमसिंह नगर, देहरादून और उत्तरकाशी जनपदों के सभी संवेदनशील स्थलों का चिन्हीकरण कर बाढ़ सुरक्षा की तैयारियां पूर्ण की जा चुकी हैं। उन्होने बताया कि देहरादून के सिंचाई खण्ड परिसर में राज्य का केन्द्रीय बाढ़ नियंत्रण कक्ष बनाने के अलावा दोनों मण्डलों सहित जिला स्तर पर भी बाढ़ नियंत्रण कक्ष स्थापित किये गये हैं। इतना ही नहीं प्रदेश स्तर पर सभी अधिकारियों का बाढ़ से सम्बन्धित सूचनाओं के आदान प्रदान हेतु एक वाट्सऐप ग्रुप भी बनाया गया है। जिसके माध्यम से सुबह के समय नदी का डिसचार्ज एवं क्षेत्र में हुई वर्षा की माप की सूचना केन्द्रीय बाढ़ नियंत्रण कक्ष को करवाई जायेगी।
सिंचाई मंत्री सतपाल महाराज ने बाढ़ सुरक्षा तैयारियों के बारे में बताया केन्द्रीय जल आयोग से प्राप्त नदियों के जलस्तर का पूर्वानुमान शासन द्वारा सम्बन्धित जिलाधिकारी एवं विभाग के क्षेत्रीय एवं स्थानीय अधिकारियों को उपलब्ध करवाने के साथ-साथ केन्द्रीय बाढ़ नियंत्रण कक्ष के द्वारा प्रतिदिन बाढ़ संबंधित सूचनाएं शासन और उच्चाधिकारियों को भी पहुंचाई जायेंगी।
सतपाल महाराज ने बताया कि नैनीताल, उधमसिंह नगर, चम्पावत, हरिद्वार और टिहरी जनपदों में कुल 72 बाढ़ चैकियां स्थापित कर दी गई हैं जिनके माध्यम से ग्रामीणों को सजग रहने की व्यवस्था की गई है। सिंचाई मंत्री ने बताया कि बाढ़ सम्बन्धी सूचनाओं के लिए अल्मोडा, श्रीनगर और देहरादून में नोडल अधिकारियों की तैनाती भी की गई है। उन्होने बताया कि बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों की मानिटरिंग के लिए जनपदों में एक स्टीयरिंग ग्रुप का भी गठन किया गया है।

सतपाल महाराज ने उत्तराखंड के विकास में केन्द्र का सहयोग मांगा

विज्ञान भवन नई दिल्ली में केन्द्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमन की अध्यक्षता में आयोजित “प्री-बजट कंसल्टेशन” संबंधी बैठक में उत्तराखण्ड के पर्यटन, तीर्थाटन एवं संस्कृति मंत्री सतपाल महाराज ने प्रतिभाग किया। बैठक में केबिनेट मंत्री सतपाल महाराज ने प्रदेश की वित्तीय स्थिति एवं अर्थव्यवस्था से संबंधित विषयों पर चर्चा करते हुए कहा कि हरिद्वार में 2021 में आयोजित होने वाले महाकुम्भ के लिए अब लगभग 1 वर्ष 7 माह का ही समय शेष है, जिसके दृष्टिगत कुम्भ मेले के आयोजन से संबंधित स्थायी प्रकृति के कार्यों की स्वीकृतियां प्राथमिकता के आधार पर निर्गत की जानी आवश्यक होगी, ताकि कुम्भ मेले के आयोजन से पूर्व ही माह अक्टूबर/नवम्बर 2020 तक समस्त कार्य पूर्ण कराया जाना सम्भव हो सके। हरिद्वार में आगामी महाकुम्भ मेला का अयोजन माह जनवरी 2021 के प्रथम सप्ताह से प्रारम्भ हो जायेगा। इस महत्वपूर्ण आयोजन के लिये उन्होंने रूपये 5000 करोड़ की वित्तीय सहायता उपलब्ध कराये जाने का अनुरोध किया।
केबिनेट मंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड को 38वें राष्ट्रीय खेल के आयोजन का अवसर प्रदान किया गया है। जिसे वर्ष 2021 में आयोजित किया जाना है। राष्ट्रीय खेलों में 38वें संस्करण के 39 खेल विधाओं में खेल प्रतियोगितायें आयोजित की जायेंगी। खेलों के आयोजन हेतु परिसम्पतियों के निर्माण में समय लगेगा। इसलिए राष्ट्रीय खेलों को राज्य में सफलतापूर्वक आयोजित किये जाने एवं अवस्थापना विकास हेतु रूपये 682 करोड़ की धनराशि वर्ष 2019-20 में उपलब्ध कराई जाये।

सतपाल महाराज ने बताया कि राज्य की दुर्गम भौगोलिक स्थिति के दृष्टिगत निर्माण सामग्री को निर्माण स्थल तक पहुचाने में ढुलान आदि पर अत्याधिक व्यय होने के कारण हिमालयी राज्यों हेतु प्रधानमंत्री आवास योजनान्तर्गत आवास निर्माण हेतु प्रति लाभार्थी रूपये 1.30 लाख को बढ़ाकर प्रति लाभार्थी रूपये 2 लाख की सहायता राशि का प्रावधान किया जाय। साथ ही प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण के लाभार्थी परिवार हेतु 30 अतिरिक्त मानव दिवस स्वीकृत कर युगपतिकरण के अन्तर्गत मनरेगा के तहत अकुशल श्रमांश के दिवसों को 95 दिन से बढ़ाकर 125 दिन किया जाये। उन्होंने कहा कि महात्मा गांधी नरेगा में पर्वतीय क्षेत्र होने के कारण उत्तराखण्ड में सामग्री ढुलान अत्यन्त मंहगा होता है, जिससे दूरस्थ क्षेत्रों में पहुचने पर सामग्री की वास्तविक लागत में काफी बढ़ोत्तरी हो जाती है। इस कारण महात्मा गांधी नरेगा अन्तर्गत टिकाऊ प्रवृत्ति के कार्य कराने में कठिनाई होती है। इसलिऐ पर्वतीय राज्यों हेतु श्रम सामग्री अनुपात 60ः40 के बजाय 50ः50 किया जाना गुणवत्तापूर्ण स्थायी परिसम्पत्तियों के निर्माण में सहायक सिद्व होगा।
सतपाल महाराज ने कहा कि प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के अन्तर्गत वर्तमान में योजना के दिशा-निर्देशों के अनुसार पर्वतीय राज्यों में 250 से अधिक आबादी की पात्र बसावटों को ही संयोजित किये जाने का लक्ष्य है, जबकि पर्वतीय राज्य की भौगोलिक परिस्थितियों एवं जनसख्यां के विरल घनत्व को दृष्टिगत रखते हुए योजनान्तर्गत 250 के स्थान पर 150 किया जाय।
सतपाल महाराज ने यह भी सुझाव दिया कि प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना का नाम प्रधानमंत्री सम्पर्क सड़क योजना रखा जाये जिससे रोपवे सेक्टर में भी इसका लाभ उठाया जा सके क्योंकि गर्मी के दौरान सभी पहाड़ी राज्यों में पर्यटकों की भारी आवाजाही होती है इससे लंबे टै्रफिक जाम और भारी प्रदूषण का खतरा पैदा होता है। इसके अलावा, पहाड़ियों में रोपवे लोगां को माल ढोने तथा परिवहन का बहुत अच्छा साधन हो सकता है जो यात्रा के समय को कम कर सकता है और साथ ही दुर्घटनाओं में भी कमी ला सकता है, उन्होंने भारत सरकार से रोपवे सैक्टर में गौरीकुण्ड से केदारनाथ, नैनीताल रोपवे, गोविन्दघाट से हेमकुण्ड के लिए एक अलग केन्द्र सहायतित योजना शुरू करने का अनुरोध किया।

कैबिनेट मंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड राज्य में वर्तमान में कुल 7797 ग्राम पंचायतें है जिसमें 1599 ग्राम पंचायतों ऐसी हैं जिनके पास अपना कोई भी भवन नहीं है। पंचायत भवन ग्रामीण क्रियाकलापों का महत्वपूर्ण केन्द्र है। भविष्य में ग्राम पंचायतों को ई-पंचायत के रूप में भी विकसित किया जाना है तथा सभी पंचायतों का डिजिटलाईजेशन भी किया जाना है। पंचायतीराज मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा एक पंचायत भवन की लागत रूपये 20 लाख निर्धारित की गयी है। इस प्रकार 1449 पंचायत भवनों पर रू. 28980 लाख की आवश्यकता होगी, जिसे चरणबद्व रूप से तीन चरणों में निर्मित किये जाने का प्रस्ताव है। प्रथम चरण के रूप में वित्तीय वर्ष 2019-20 में 483 पंचायत भवनों का निर्माण का किया जायेगा, जिस पर एक वर्ष में रूपये 20 लाख प्रति पंचायत भवन की दर से 483 पंचायत भवनों के निर्माण हेतु कुल रूपये 9660 लाख की आवश्कता होगी।
उन्होंने कहा कि पहाड़ी राज्यों में जनसंख्या का घनत्व कम होता है तथा क्षेत्रफल ज्यादा है, जहां तक उत्तराखण्ड का सवाल है राज्य से नेपाल तथा चीन की अर्न्तराष्ट्रीय सीमाऐं जुड़ी हुई है, तथा इन क्षेत्रों में अवस्थापना सुविधाओं का विकास अन्य क्षेत्रों के मुकाबले कम हुआ है जिसके कारण यहां से लोगों का पलायन हो रहा है जो कि सुरक्षा की दृष्टि से अनुकूल नहीं है अतः हिमालयी राज्य हेतु सीमान्त क्षेत्र विकास कार्यक्रम के अर्न्तगत भारत सरकार द्वारा दिये जाने वाले आंवटन को बढ़ाया जाये।
केबिनेट मंत्री सतपाल महाराज ने प्रदेश में समग्र शिक्षा योजना में राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा के अन्तर्गत संचालित विद्यालयों में कार्यरत शिक्षकों के वेतन की सम्पूर्ण धनराशि का वहन पूर्व की भांति भारत सरकार एवं राज्य सरकार द्वारा 90ः10 के अनुपात में किये जाने के साथ ही भारत सरकार द्वारा वर्तमान में वृद्वावस्था पेंशन प्रति लाभार्थी रूपये 200 की दर से दिया जा रहा है, जिसे बढ़ाकर अधिकतम रूपये 1000 या कम से कम 500 रूपये किये जाने का भी अनुरोध किया है।
बैठक में केन्द्रीय वित्त और कॉरपोरेट कार्य राज्यमंत्री अनुराग सिंह ठाकुर व अन्य राज्यों के मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री, वित्तमंत्री एवं केन्द्र व राज्यों के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।