धामी सरकार देने जा रही सरकारी स्कूलों के छात्रों को छात्रवृत्ति

उत्तराखंड के सरकारी स्कूलों में कक्षा 6 से 12वीं तक हर महीने छात्र-छात्राओं को 600 से लेकर 3000 तक छात्रवृत्ति दी जाएगी। शिक्षा विभाग ने इसका प्रस्ताव बनाकर शासन को भेज दिया है।

मुख्यमंत्री धामी के निर्देश पर शुरू होने वाली इस योजना में छात्र-छात्राओं की छात्रवृत्ति के लिए चयन प्रक्रिया दो प्रकार की होगी।

मेधावी छात्रों को दी जाने वाली यह छात्रवृत्ति के लिए दसवीं और बारहवीं कक्षा के छात्र छात्राओं का चयन उनकी बोर्ड परीक्षा की वरीयता सूची से होगा। जबकि कक्षा 6 से लेकर 8 तक छात्रों का चयन परीक्षा के आधार पर किया जाएगा। इसके अलावा दसवीं के छात्र को 2000 और 12वीं के छात्र को 3000 छात्रवृत्ति मिलेगी। आठवीं कक्षा तक हर महीने छात्रों को 800 छात्रवृत्ति मिलेगी, जिनको परीक्षा के आधार पर चुना जाएगा।
बताया जा रहा है कि, सरकार इस नई योजना के लिए बजट में 100 करोड रुपए की व्यवस्था करेगी।

ओबीसी प्रमाण पत्र को हर तीन साल में नवीनीकरण को लेकर समाज कल्याण विभाग को मिले निर्देश

राज्य में ओबीसी (अन्य पिछड़ा वर्ग) के जाति प्रमाण पत्र के हर तीन साल में नवीनीकरण (रिन्यू) कराने की बाध्यता हटाने की तैयारी चल रही है। शासन स्तर पर इस प्रस्ताव पर मंथन शुरू हो गया है। इसके लिए समाज कल्याण विभाग को निर्देश मिले है कि वह प्रस्ताव बनाकर शासन को रिपोर्ट भेजे। मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह ने इसकी पुष्टि की है।
जानकारी के मुताबिक राज्य में पूर्व में ओबीसी जाति प्रमाण पत्र के नवीनीकरण की अवधि छह महीने थी। विजय बहुगुणा सरकार ने इस अवधि को बढ़ाकर तीन साल कर दिया था। मगर, अब जाति प्रमाण पत्र से समय सीमा हटाने की मांग हो रही है।

यह भी है वजह
ओबीसी जाति प्रमाण पत्र की तीन साल की बाध्यता के पीछे की सबसे प्रमुख वजह केंद्र व प्रदेश सरकार की छात्रवृत्ति व अन्य कल्याणकारी योजनाओं के लाभ और सरकार नौकरियों में आवेदन व साक्षात्कार से जुड़ी है। इस वर्ग से जुड़े लोगों का तर्क है कि प्रवेश परीक्षाओं की तैयारी में जुटे अभ्यर्थी कई बार प्रमाणपत्र का समय पर नवीनीकरण कराना भूल जाते हैं।

इससे कई बार उनका चयन इस आधार पर लटक जाता है कि उन्होंने ओबीसी जाति प्रमाण पत्र को रिन्यू नहीं कराया। इसके अलावा यही समस्या अन्य योजनाओं में आ रही है। इस मामले में मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह का कहना है कि ओबीसी जाति प्रमाण पत्र की तीन साल की बाध्यता समाप्त करने के प्रस्ताव पर विचार किया जा रहा है। इसमें चूंकि क्रीमिलेयर की बात आती है। इसे देखना आवश्यक होता है। इसी वजह से इसमें रेगुलर इंटरवल पर सर्टिफिकेट बनवाने की जरूरत होती है। इस बारे में विचार हो रहा है। हम चाहते हैं कि कोई ऐसा हल निकले कि ओबीसी के अभ्यर्थियों को कम से कम परेशानी हो।

सैनिक आश्रितों के छात्रवृत्तियों और प्रोत्साहन राशि में वृद्धि करने का निर्णय

उत्तराखण्ड सैनिकों के कल्याण के लिए कार्य करें पुनर्वास संस्था: राज्यपाल
देहरादून।
उत्तराखण्ड के राज्यपाल डा. कृष्ण कांत पाल की अध्यक्षता में उत्तराखण्ड सैनिक पुनर्वास संस्था की महत्वपूर्ण बैठक सम्पन्न हुई, जिसमें संस्था के कार्यकलापों की गहन समीक्षा की गई तथा कई अहम निर्णय लिए गए।
पूर्व सैनिकों के कल्याण की दृष्टि से 1945 में स्थापित इस संस्था के उद्देश्यों की पूर्ति के लिए संस्था को लीज पर उपलब्ध कराई गई 482.785 एकड कृषि भूमि तथा 940.143 एकड़ वन भूमि के अधिकाधिक व्यावसायिक लाभ की सारी सम्भावनाएं खोजने औैर उनका क्रियान्वयन सुनिश्चित करने की दृष्टि से राज्यपाल द्वारा अपर मुख्य सचिव कृषि डा. रणबीर सिंह की अध्यक्षता में एक समिति का गठन किया गया है जो 2 माह के अन्तर्गत अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी।
तीन वर्ष बाद आहूत इस बैठक में राज्यपाल ने कहा कि पुनर्वास संस्था के आय के स्रोत में वृद्धि के लिए उद्यमिता कौशल के साथ इस बेशकीमती व उपजाऊ भूमि का दोहन करना होगा। इससे संस्था के वित्तीय घाटे को लाभ में परिवर्तित किया जाना आसान होगा। उन्होंने ‘कमर्शियल कैश क्रौप’ (नकदी फसलें) लगाने पर विशेष बल देते हुए कहा कि इस सम्बंध में पंतनगर कृषि विश्वविद्यालय की विशेषज्ञता का लाभ लिया जाना सर्वाधिक उपयुक्त होगा।
राज्यपाल ने जखोली रूद्रप्रयाग में निर्माणाधीन सैनिक स्कूल केे लिए संस्था की निधि से निर्गत रू0 5 करोड़ की धनराशि की प्रतिपूर्ति राज्य सरकार से कराने के लिए आवश्यक कार्यवाही के निर्देश भी दिए। इसके साथ ही संस्था को प्राप्त कृषि और वन भूमि के लीज नवीनीकरण/विस्तार पर भी यथाशीघ्र कार्यवाही किए जाने की अपेक्षा भी की गई।
उन्होंने यह भी कहा कि सैनिक विधवाओं द्वारा निर्मित उत्पादों के विक्रय की व्यवस्था सुनिश्चित होनी जरूरी है। इसके लिए सभी राजकीय प्रदर्शनियों/मेलांे में एक्स सर्विस मैन के लिए एक निःशुल्क काउंटर उपलब्ध कराने की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। राज्यपाल द्वारा, संस्था की निधि का उपयोग केवल पूर्व सैनिकों के परिवार तथा सैनिक विधवाओं के कल्याणार्थ एवं पुनर्वास योजनाओं पर ही किए जाने के निर्देश दिए गए। आज की बैठक में विभिन्न छात्रवृत्तियों और प्रोत्साहन राशि में वृद्धि किए जाने का भी निर्णय लिया गया।
इस समीक्षा बैठक में 05 अप्रैल, 2013 की बैठक में उठाये गये बिन्दुओं के अनुपालन, लीज पर दी गई कृषि हेतु भूमि को गैर कृषि उपयोग के प्रबन्धन की स्थिति सहित संस्था के विगत वर्षोें के आय-व्यय, 2016-17 के प्रस्तावित बजट पर चर्चा और अनुमोदन की औपचारिकताओं के साथ ही पूंजीगत लाभ, गत वर्षों में लिए गए नीतिगत निर्णयों आदि विषयों पर विचार-विमर्श के दौरान राज्यपाल ने कहा कि संस्था की बैठक नियमित रूप से आहूत की जानी चाहिए।
आज की इस बैठक में मुख्य सचिव शत्रुघ्न सिंह, अपर मुख्य सचिव एस.रामास्वामी, अपर मुख्य सचिव (कृषि) डा. रणबीर सिंह, सचिव सैनिक कल्याण आनन्द वर्द्धन, सचिव राज्यपाल अरूण ढौंडियाल, सब एरिया जीओसी मेजर जनरल एस सब्बरवाल तथा निदेशक सैनिक पुनर्वास ब्रिगेडियर केबीचंद सहित संस्था के अनेक अन्य अधिकारी भी मौजूद थे।