सीएस ने किया सचिवालय कर्मियों के लिए इलेक्ट्रिक बस का शुभारंभ

मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने सचिवालय के कार्मिकों के लिए सचिवालय कॉलोनी केदारपुरम से सचिवालय के लिए इलेक्ट्रिक बस सेवा का शुभारम्भ किया। इस बस सेवा के माध्यम से नियमित रूप से सुबह कार्यालय समय पर सचिवालय के कार्मिकों को सचिवालय कॉलोनी केदारपुरम से सुभाष रोड सचिवालय तथा शाम को सचिवालय से सचिवालय कॉलोनी केदारपुरम के लिए यात्रा सुविधा उपलब्ध हो सकेगी। इस अवसर पर सचिवालय कार्मिकों को बधाई देते हुए मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी ने कहा कि सचिवालय कार्मिकों के लिए इस इलेक्ट्रिक बस सेवा के संचालन से कार्मिक लाभान्वित होंगे तथा साथ ही देहरादून की ट्रैफिक समस्या को कम करने में सहायता मिलेगी। उन्होंने कहा कि ट्रैफिक समस्या के समाधान तथा पर्यावरण पहलुओं को ध्यान में रखते हुए लोगों की सुविधाओं के लिए सार्वजनिक परिवहन को अधिक से अधिक प्रोत्साहित करने की जरूरत है।

इस अवसर पर सचिव दीपेन्द्र कुमार चौधरी तथा सचिवालय के विभिन्न अधिकारी एवं कार्मिक मौजूद रहे।

उत्तराखण्ड सचिवालय संघ की मांगों पर सीएम ने प्रदान की सहमति

उत्तराखण्ड सचिवालय संघ के प्रतिनिधियों ने आज मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से भेंट कर कार्मिकों की मांगों के संबंध में उन्हें अवगत कराया। जिस पर मुख्यमंत्री ने उनकी मांगों सम्बन्धी पत्रावलियों पर अपनी सहमति प्रदान की है।

मुख्यमंत्री द्वारा जिन पत्रावलियों पर स्वीकृति प्रदान की गयी है, उनमें उत्तराखण्ड सचिवालय में कार्यरत राज्य सम्पत्ति विभाग के अधिकारियों/कर्मचारियों को सचिवालय विशेष भत्ते को ग्रेड वेतन का 50 प्रतिशत को पुनरीक्षित करते हुए ग्रेड वेतन का 85 प्रतिशत किये जाने की स्वीकृति प्रदान की गयी है।

इसके अलावा, राज्य सरकार के कार्मिक 300 दिन का उपार्जित अवकाश अर्जित करने के पश्चात भी अनुवर्ती वर्ष में 01 जनवरी एवं 01 जुलाई को अर्जित क्रमशः 16 दिन और 15 दिन के उपार्जित अवकाश (कुल 31 दिन) का संबंधित वर्ष में 31 दिसम्बर तक उपभोग कर सकते हैं को भी मुख्यमंत्री ने सहमति प्रदान कर दी है।

मुख्यमंत्री ने राज्य सरकार की महिला सरकारी सेवकों को/एकल अभिभावक (महिला/पुरुष) सरकारी सेवकों को बाल्य देखभाल अवकाश की अवधि के दौरान अवकाश पर प्रस्थान करने से पूर्व प्राप्त हो रहे / आहरित वेतन के समतुल्य अवकाश वेतन देय होने की भी सहमति प्रदान की है।

महिलाओं और बच्चों के विरूद्ध मामलों की जांच के आंकड़ों को तरीके से करें तैयारः सीएम

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रदेश में महिलाओं एवं बच्चों के विरूद्ध होने वाले अपराधों पर प्रभावी नियंत्रण के निर्देश दिये है। उन्होंने इस संबंध में सही तथ्यों से आम जनता को अवगत कराने तथा इन मामलों की जांच एवं सजा आदि के आंकड़ों को भी सही ढंग से तैयार किये जाने के निर्देश दिये है।
बैठक में मुख्य सचिव डॉ.एस.एस.संधु, अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार, सचिव मुख्यमंत्री विनय शंकर पाण्डे, अपर सचिव न्याय सुधीर कुमार सिंह, सहित पुलिस एवं गृह विभाग के उच्च अधिकारी उपस्थित थे।
मंगलवार को सचिवालय में प्रदेश में महिलाओं एवं बाल अपराध की समीक्षा के दौरान मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि महिलाओं एवं बच्चों के विरूद्ध होने वाले अपराधों में अपराधी को समय पर सजा मिले इसके लिये ऐसे प्रकरणों को फास्ट ट्रैक कोर्ट के अधीन लाये जाने की व्यवस्था पर ध्यान दिया जाए। उन्होंने अभियोजन विभाग की मजबूती के लिये अन्य राज्यों की व्यवस्थाओं का भी अध्ययन करने के निर्देश दिये हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि महिलाओं से संबंधित अपराधों में पुलिस जांच त्वरित और समयबद्ध तरीके से सुनिश्चित की जाए। ऐसे मामलों की विवेचना में किसी प्रकार की कमी न रहने पाए। साथ ही न्यायालयों में भी प्रभावी पैरवी सुनिश्चित की जाए। ताकि अपराधी किसी दशा में बचने न पाएं। प्रदेश में ऐसा माहौल बने कि कोई भी अपराध करने की सोच भी न पाएं। शिकायतकर्ता महिलाओं से भी समय-समय पर फीडबैक लिया जाए। महिला अपराधों से संबंधित मामलों की जनपदों में जिलाधिकारी स्तर पर लगातार समीक्षा की जाए। विवेचना और पैरवी में कमी पाए जाने पर तत्काल उन कमियों को दूर करने के प्रयास किये जाये।
मुख्यमंत्री ने कहा कि महिलाओं एवं बच्चों के प्रति अपराधों को रोकने के लिए जन सहभागिता भी जरूरी है। इस संबंध में महिलाओं एवं बच्चों से जुड़े संगठनों से भी नियमित सम्पर्क रखा जाए। सिस्टम इस प्रकार का हो कि महिलाओं का इसके प्रति विश्वास बढ़े और वे अपनी शिकायतें बिना संकोच के दर्ज करा सकें।
बैठक में बताया गया कि प्रदेश में गौरा शक्ति योजना के तहत थाना स्तर पर महिला हेल्प डेस्क स्थापित की गई है। जनपद व राज्य स्तर पर महिला काउंसिल सेल गठित किया गया है। प्रत्येक थाने में एक महिला उपनिरीक्षक तथा चार महिला कांस्टेबल की तैनाती की गई है। साथ ही महिला अपराधों की विवेचना महिला अधिकारी द्वारा किये जाने की व्यवस्था है।
प्रदेश में बाल अपराधों पर नियंत्रण हेतु प्रत्येक जनपद में विशेष किशोर पुलिस इकाई, बाल कल्याण पुलिस अधिकारी प्रत्येक जनपद में बाल मित्र थाने की स्थापना तथा पॉक्सो के पर्यवेक्षण हेतु स्पेशल टास्क फोर्स गठित की गई है। ऑपरेशन मुक्ति के तहत 2017 से अब तक प्रदेश में 7670 बच्चों का सत्यापन तथा 3603 बच्चों का विद्यालयों में दाखिला किया गया है। जबकि ऑपरेशन स्माइल के तहत 2015 से 2021 के मध्य 2221 बच्चे तथा 604 महिलायें बरामद की गई।

सीएम ने किया सचिवालय बैडमिंटन क्लब की स्मारिका का विमोचन

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सचिवालय में उत्तराखण्ड सचिवालय बैडमिंटन क्लब की स्मारिका ‘‘प्रयास’’ का विमोचन किया।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि सचिवालय बैडमिंटन क्लब द्वारा समय-समय पर बैडमिंटन प्रतियोगिता के आयोजन के साथ क्लब की गतिविधियों पर आधारित स्मारिका का प्रकाशन किया जाना सराहनीय प्रयास है। उन्होंने कहा कि स्मारिका प्रयास बेहतर कल के लिये खेलों को बढ़ावा देने के लिये प्रेरणा का भी कार्य करेगी। सचिवालय बैडमिंटन क्लब द्वारा विभागीय कार्यों के साथ खेल को भी बढ़ावा देने का यह सराहनीय प्रयास है।
उन्होंने कहा कि खेल भावना अपने कार्यों के प्रति अनुशासन के लिए भी प्रेरित करती है। मुख्यमंत्री ने कहा कि आज भारत के खिलाड़ी वैश्विक स्तर पर विभिन्न खेल प्रतियोगिताओं में शानदार प्रदर्शन कर रहे हैं। राज्य की नई खेल नीति में खिलाड़ियों को हर संभव सुविधा देने के प्रयास किये गये हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड के पास प्रकृति प्रदत्त सब कुछ है। उत्तराखण्ड का प्राकृतिक सौन्दर्य सबको आकर्षित करता है। अपने प्राकृतिक संसाधनों के सही उपयोग से हमें उत्तराखण्ड को देश का अग्रणी राज्य बनाना है। राज्य के समग्र विकास के लिए सभी की सहभागिता जरूरी है।
इस अवसर पर सचिव आर मीनाक्षी सुंदरम, महानिदेशक शिक्षा एवं सूचना बंशीधर तिवारी, सचिवालय बैडमिंटन क्लब के अध्यक्ष पन्ना लाल शुक्ल, स्मारिका के प्रधान सम्पादक भूपेंद्र बसेड़ा, संयुक्त सचिव जे.पी. मैखुरी के साथ ही अन्य पदाधिकारी मौजूद थे।

मुख्य सचिव ने ली अधिकारियों की बैठक, एसीआर ऑनलाइन के निर्देश


मुख्य सचिव डॉ. एसएस. संधु ने सचिवालय में शासन और विभागीय अधिकारियों के साथ बैठक आयोजित कर प्रदेश के सभी कार्मिकों की एसीआर ऑनलाइन किए जाने के सम्बन्ध में निर्देश दिए।

मुख्य सचिव ने कहा कि राज्य कर्मचारियों की पदोन्नति में एसीआर का उपलब्ध न होना एक बहुत बड़ा कारण रहा है। अच्छा कार्य कर रहे कार्मिक भी एसीआर की उपलब्धता न होने से या अन्य किसी कारण से पदोन्नति से वंचित रह जाते हैं, जिससे कुंठा होना स्वाभाविक है, और इससे कार्य क्षमता भी प्रभावित होती है। उन्होंने कहा कि एसीआर प्रक्रिया को ऑनलाइन कर इस समस्या से बचा जा सकता है।

मुख्य सचिव ने सभी विभागों को अपने कार्मिकों की एसीआर ऑनलाइन किए जाने के निर्देश दिए हैं। कहा कि इस वर्ष की एसीआर ऑनलाइन ही की जाए साथ ही पुरानी एसीआर को स्कैन कर अपलोड किया जाना भी सुनिश्चित किया जाए।

इस अवसर पर सचिव शैलेश बगोली एवं रविनाथ रमन सहित विभिन्न विभागों के उच्चाधिकारी उपस्थित थे।

प्रदेश में साइंटिफिक तरीके से दीर्घकालिक योजना के तहत मास्टर प्लान बनाने की जरूरतः मुख्य सचिव

मुख्य सचिव डॉ. एसएस. संधु ने जल संवर्द्धन को बढ़ाने के लिए प्रदेश में चेक डैम बनाए जाने में के संबंध में बैठक की। उन्होंने कहा कि जल संग्रहण के लिए पूरे प्रदेश में मास्टर प्लान के तहत चेक डैम बनाए जाए।

मुख्य सचिव ने कहा कि इसके लिए साइंटिफिक तरीके से दीर्घकालिक योजना के अंतर्गत मास्टर प्लान बनाने की जरूरत है। उन्होंने सिंचाई विभाग के अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि प्रदेश में चेक डैम बनाए जाने के लिए मास्टर प्लान तैयार करें। वही फॉरेस्ट एरिया में वन विभाग के अधिकारियों को प्लान बनाने के निर्देश दिए।

मुख्य सचिव ने कहा कि जनपदों में सभी जिलाधिकारी चौक डैम बनाये जाने की मॉनिटरिंग कर अधिक से अधिक स्थानों पर चौक डैम के प्रस्ताव बनाएंगे। इसके अलावा लघु सिंचाई विभाग, ग्राम्य विकास विभाग व पंचायती राज विभाग भी अपने-अपने वार्षिक लक्ष्य निर्धारित करें। उन्होंने कहा कि मास्टर प्लान बनाए जाने के साथ-साथ वर्षभर चौक डैम बनते रहें। उन्होंने प्रदेश में प्रत्येक संभावित क्षेत्र को विशेषज्ञ से चिन्हित कराते हुए चेक डैम का प्रस्ताव तैयार करने के निर्देश अधिकारियों को दिए।

इस बैठक में सचिव अरविंद सिंह ह्यांकी, एसए मुरुगेशन के अलावा संबंधित विभागों के उच्च अधिकारी उपस्थित रहे।

जिलाधिकारी नियमित रूप से अपनी अदालत में वादों का करें निस्तारणः त्रिवेंद्र सिंह रावत

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने निर्देश दिये हैं कि सुशासन दिवस 25 दिसम्बर तक सचिवालय स्थित सभी अनुभाग ई-ऑफिस के रूप में कार्य करना सुनिश्चित करें। इसके लिये प्रशिक्षण एवं संसाधनों की उपलब्धता आदि के लिये उन्होंने अपर मुख्य सचिव कार्मिक एवं सचिव आई.टी को जिम्मेदारी सौंपी है। मुख्यमंत्री ने यह भी निर्देश दिये हैं कि माह दिसम्बर से आरम्भ होने वाले उनके जनपदों के प्रवास कार्यक्रम से पूर्व दोनों मण्डलायुक्त विधान सभा क्षेत्रवार योजनाओं की समीक्षा करना सुनिश्चित करें।

सचिवालय में मुख्य सचिव सहित शासन के उच्चाधिकारियों के साथ आयोजित बैठक में मुख्यमंत्री ने जनपदों के प्रभारी सचिवों को इस माह के अंत तक सम्बन्धित जनपदों का भ्रमण कर विकास योजनाओं एवं कार्यक्रमों की समीक्षा करने के निर्देश दिये हैं। मुख्यमंत्री ने यह भी निर्देश दिये कि प्रभावी सचिव अपने भ्रमण के दौरान सम्बन्धित जनपदों में संचालित ग्रोथ सेंटरों का भी निरीक्षण करें।उन्होंने जन समस्याओं के त्वरित समाधान एवं योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन के लिये सीएम डेस बोर्ड पर उपलब्ध विवरण को भी पब्लिक डोमेन में अपलोड किये जाने की कार्यवाही हेतु समिति गठित कर इसके शीघ्र क्रियान्वयन को कहा है।

मुख्यमंत्री ने जिलाधिकारियों को भी निर्देश दिये हैं कि वे नियमित रूप से ब्लाक स्तर तक सरकार आपके द्वार-समस्या समाधान शिविरों का आयोजन कर जन समस्याओं की त्वरित ढंग से निराकरण कराये। उन्होंने डीएम एवं एसडीएम को नियमित रूप से अपनी कोर्ट संचालित करने पर भी ध्यान देने को कहा। मुख्यमंत्री ने जिलाधिकारियों से पिछले तीन माह में उनके द्वारा निस्तारित वादों का विवरण भी उपलब्ध कराने को कहा है। मुख्यमंत्री ने बड़ी संख्या में दाखिल खारिज के लम्बित प्रकरणों के त्वरित निस्तारण के साथ ही जिन वादों के नोटिस जारी किये जा चुके हैं उनका निस्तारण भी 25 दिसम्बर तक किये जाने के निर्देश दिये हैं।

मुख्यमंत्री ने विभागाध्यक्षों को भी नियमित रूप से विभागीय समीक्षा कर विभागीय योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन के निर्देश दिये हैं। मौके पर उत्तराखंड सरकार के उच्च न्यायालय में मुख्य स्थाई अधिवक्ता (चीफ स्टैंडिंग काउंसिल) परेश त्रिपाठी के आकस्मिक निधन पर दो मिनट का मौन रखकर उन्हें श्रद्धांजलि भी दी गई। बैठक में मुख्य सचिव ओम प्रकाश, अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, मनीषा पंवार, प्रमुख सचिव श्री आनन्द वर्द्धन आदि उपस्थित थे।

नर्सिंग स्टाफ नर्स का पद नाम होगा नर्सिंग अधिकारी

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत से उत्तराखण्ड नर्सेज सर्विसेज एसोसिएशन की अध्यक्ष मीनाक्षी जखमोला एवं महामंत्री कान्ति राणा ने भेंट की। उन्होंने नर्सेज सर्विसेज एसोसिएशन की विभिन्न समस्याओं एवं मांगों से सम्बन्धित मांगपत्र भी मुख्यमंत्री को सौंपा।

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि कोविड-19 के इस संकट काल में नर्सिंग स्टाफ द्वारा कर्तव्यनिष्ठा के साथ अपने दायित्वों का निर्वहन किया जा रहा है। महामारी के इस दौर में चिकित्सा सेवा से जुड़े कार्मिकों का मानवीयता का परिचय देते हुए कर्तव्यों का पालन करना सराहनीय है। मुख्यमंत्री ने एसोसिएशन की विभिन्न समस्याओं के समाधान हेतु आवश्यक कार्यवाही के निर्देश दिये हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि नर्सों के खाली पदों पर नियुक्ति के साथ ही नर्सिंग स्टाफ नर्स का पद नाम नर्सिंग अधिकारी किये जाने की कार्यवाही भी शीघ्र की जायेगी।

नर्सेज एसोसिएशन द्वारा अपने मांग पत्र में कोविड के कारण नर्सों की वेतन में की जा रही एक दिन की वेतन कटौती को रोकने, मुख्यमंत्री की घोषणा के बाद स्टाफ नर्स का पदनाम नर्सिंग अधिकारी तथा सिस्टर का पदनाम वरिष्ठ नर्सिंग अधिकारी किये जाने का शासनादेश शीघ्र किये जाने, नर्सेज की पदोन्नतियां करने एवं रिक्त पदों पर नई भर्ती का अनुरोध किया है। उनके द्वारा मांग पत्र में वेतन विसंगति एवं सेवा नियमावली आदि से सम्बन्धित प्रकरणों के निस्तारण की भी अपेक्षा की गई है।

उत्तराखण्ड में भारत नेट फेज 2 को केंद्र से मिली स्वीकृति

भारत नेट फेज-2 परियोजना में राज्य के 12 जनपदों (हरिद्वार जनपद में पूर्व में किया जा चुका है) के 65 ब्लॉक के अंतर्गत 5991 ग्राम पंचायतों में इंटरनेट पहुचाया जाएगा। मीडिया सेंटर, सचिवालय में आयोजित प्रेस वार्ता में यह जानकारी देते हुए मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने बताया कि केंद्र सरकार द्वारा इसके लिए लगभग 2 हजार करोड़ रूपए की स्वीकृति दी गई है। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व केंद्रीय सूचना प्रौद्योगिकी व दूरसंचार मंत्री रविशंकर प्रसाद का आभार व्यक्त किया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि इससे प्रदेश की सभी ग्राम पंचायतों में इंटरनेट पहुचने से विकास के एक नए युग आरंभ होगा व ग्रामीण अंचलों की अर्थ व्यवस्था को गति मिलेगी। केन्द्रीय दूरसंचार मंत्रालय अंतर्गत यूनीवर्सल सर्विसेज ऑबलीगेशन फंड (Universal Services Obligation Fund–USOF) द्वारा यह परियोजना वित्त पोषित है तथा भारत ब्रॉड बैंड नेटवर्क लिमिटेड (BBNL) द्वारा यह परियोजना दो चरणों में क्रियान्वित की जा रही है।

उत्तराखंड राज्य में भारत नेट फेज-1 परियोजना का कार्य भारत ब्रॉड बैंड नेटवर्क लिमिटेड (BBNL) द्वारा स्वयं विभिन्न संस्थाओं जैसे BSNL व अन्य कंपनियों के माध्यम से कराया गया है। प्रथम चरण में 11 जनपदों के 25 ब्लॉक की 1865 ग्राम पंचायतों को जोड़ा जाना था। मुख्यमंत्री ने बताया कि उन्होंने केन्द्रीय दूरसंचार मंत्री रविशंकर प्रसाद से व्यक्तिगत रूप से भेंट कर उत्तराखंड राज्य के लिए भारत नेट फेज -2 परियोजना परियोजना प्राथमिकता पर स्वीकृत किए जाने का अनुरोध किया था। दूरसंचार मंत्रालय द्वारा उत्तराखंड के लिए भारत नेट 2.0 परियोजना पर स्टेट लेड मॉडल के अन्तर्गत सहमति प्रदान कर दी गई है। राज्य के लिए भारत नेट फेज -2 परियोजना की लागत लगभग रु.2000 करोड़ है, तथा इसका क्रियान्वयन आई0टी0डी0ए0 (Information Technology Development Agency& ITDA ) के द्वारा किया जाएगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि उक्त भारत नेट 2.0 परियोजना की क्रियान्वयन होने से राज्य में ई-गवर्नेस, ई-ऑफिस, ई-डिस्ट्रिक्ट, ई-हेल्थ, टेली मेडिसन, ई-एजुकेशन, ई-बैंकिंग, ई-नाम (eNAM), इन्टरनेट और अन्य सुविधायें राज्य की जनता को प्राप्त होंगी जिससें उन्हें स्वावलम्बी बनने में न केवल सहायता प्राप्त होगी बल्कि स्वरोजगार के कई अवसर भी प्राप्त हो सकेंगे। जैसे ई-हेल्थ के माध्यम से दूरदराज ग्रामों में बैठे हुए प्रदेश की जनता सीधे अस्पतालों से जुड़कर अपना ईलाज करा सकेंगे, विद्यार्थी घर बैठ कर पढाई कर सकत हैं,े बिना बैंक में गये बैंक की सुविधा प्राप्त कर सकते है, किसान भाईयों को फसलों के सम्बन्ध में दवाओं के सम्बन्ध में भण्डारण के सम्बन्ध में तथा फसल मूल्य के सम्बन्ध में भी जानकारी प्राप्त हो सकेंगी। किसान भाई अपनी फसलों एवं कृषि उत्पादों को ई-नाम के माध्यम से अपने गांव से भी ऑनलाइन बेच सकेंगे। छोटे-छोटे व्यवसायी भी अपने व्यवसाय के सम्बन्ध में यथा ई-मार्केटिंग आदि के सम्बन्ध में जानकारी हासिल करते हुए ई-मार्केटिंग कर सकते हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार ने विगत 3 वर्षो में उत्तराखण्ड में सूचना प्रौधोगिकी के क्षेत्र में महत्वपूर्ण कार्य किए गए हैं। सी0एम0 डेश बोर्ड इसके द्वारा राज्य के प्राथिमिकता के कार्यक्रमों की समीक्षा यथा उनकी वित्तीय एवं भौतिक प्रगति की समीक्षा जनपद स्तर से लेकर मुख्यमंत्री के कार्यालय तक की जाती है। राज्य के पहले स्टेट डाटा सेन्टर का निर्माण किया गया। जिससें सभी विभागों के डाटा को राज्य में संरक्षित किया जा सकता है। ड्रोन के क्षेत्र में भी राज्य में काफी प्रगति की गयी है, प्रत्येक वर्ष यह न केवल दो फेस्टिवल का सफल आयोजन किया जा रहा है वहीं छात्रों आदि को ड्रोन से सम्बन्धित प्रशिक्षण भी दिया जाता है, जिससें वह रोजगार के नये अवसर प्राप्त कर सकते है। प्रदेश में किसी भी प्रदेश सरकार के द्वारा बनाया गया यह पहला ड्रोन सेन्टर है। ड्रोन के माध्यम से आपदा के समय आपदा राहत कार्यो में भी तेजी आयेगी।

स्वान SWAN (State Wide Area Network ) के माध्यम से राज्य मुख्यालय से समस्त जनपदों, तहसीलो एवं ब्लाकों को जोड़ा गया है जिससें विभागीय समीक्षा मुख्यालय ब्लाक या तहसील तक सीधे की जा सकती है। सरकार के द्वारा उक्त सुविधा ग्राम पंचायत स्तर तक किये जाने का लक्ष्य है। वर्तमान में मुख्यालय से लेकर ब्लॉक स्तर तक वीडियों कान्फ्रेंसींग के माध्यम से बैठके आयोजित की जा सकती है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कॉमन सर्विस सेन्टर कतिपय महत्तपूर्ण नागरिक सेवायें यथा वित्तीय शिक्षा, स्किल्ड डवलपमेन्ट, स्वास्थ्य, कृषि आदि कॉमन सर्विस सेन्टर के माध्यम से नागरिको दी जा रही है, वर्तमान में लगभग 8350 सी0एस0सी0 केन्द्र संचालित है परन्तु सभी ग्राम पंचायते/ग्रामों डाटा नेटवर्क न होने के कारण यथा हाई स्पीड इन्टर नेट से न जुड़े होने के कारण उक्त सुविधायें त्रुटिहिन तरीके से दिये जाने में परेशानी का सामना करना पड़ता है, परन्तु भारत नेट 2.0 परियोजना के क्रियान्वयन के उपरान्त उक्त सुविधा प्रदेश के सभी ग्राम पंचायतों/ग्रामों को प्राप्त हो सकेंगी।

ई-कैबिनेट सरकार के द्वारा मंत्री मण्डल की बैठकों को पेपरलेस करते हुए ई-मंत्रिमण्डल सेवा लागू कर दी गयी है। ई-ऑफिस एवं ई-कलेक्ट्रेट सरकार के द्वारा प्रदेश मुख्यालय के सचिवालय के लगभग 20 विभागों के ई-ऑफिस का कार्य प्रारम्भ किया जा चुका है तथा जनपद स्तर तक ई-ऑफिस,ई-कलेक्ट्रेटके क्रियान्वयन को शीघ्र ही लागू किये जाने का निर्णय लिया गया है तथा जनपद देहरादून में इसका शुभारम्भ भी कर लिया गया है , इससे किसी भी व्यक्ति को किसी भी कार्यालय के चक्कर लगाने की आवश्यकता नहीं होगी तथा इसकी भी सुचारू रूप से समीक्षा की जा सकती है, कि किस पटल पर फाईल कितने समय तक लम्बित रही। ई-डिस्ट्रिक्ट के माध्यम से नागरिकों को लगभग 82 सुविधायें प्रदान की जा रही हैं, और शीघ्र ही समस्त नागरिक सुविधायें प्रदान करने का लक्ष्य है। इसके माध्यम से कोई भी व्यक्ति यथा जाति प्रमाण-पत्र, आय प्रमाण-पत्र, समाज काल्याण के आदि हेतु आवेदन कर सकते है। अब उन्हें इन कार्यो हेतु विभागों के चक्कर लगाने की आवश्यकता नहीं है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि युवाओं को आई0टी0 के क्षेत्र में स्किल्ड किये जाने के सम्बन्ध में अभी दो ग्रोथ सेन्टर देहरादून और पिथौरागढ़ में बनाये गये है तथा इन्हेंं समस्त जनपदों में विकसित किये जाने की योजना है ताकि विधार्थियों को आई0टी0 के क्षेत्र में आत्म निर्भर बनाया जा सकें। जिससे रोजगार के नये अवसर प्राप्त हो सकें। सी0एम0 हेल्पलाईन 1905 उत्तराखंड प्रदेश के वासियों के लिए बहुत ही उपयोगी हेल्पलाइन है जिसके माध्यम से सीमान्त जनपदों एवं दूरदराज के नागरिक भी अपने घर से ही समस्याओं का संतुष्टि पूर्वक समाधान प्राप्त की रहें है, विशेषतः इस कोविड -19 के समय जब प्रदेशवासी विभिन्न समयस्याओं से जूझ रहे थे तब इस सीएम हेल्पलाइन के माध्यम से कुछ ही घन्टों के भीतर उन्हें पूरी तरह सहायता पहुंचायी गयी।

राज्य सरकार के द्वारा ई-गर्वेनेस के अन्तर्गत कई अन्य ऐसे कदम उठाये गये है, जिसका सीधा लाभ जनता को प्राप्त हो रहा है, जैसे कॉमर्सियल टैक्स, लेंड रिकार्ड, पुलिस(सी0सी0टी0एन0एस0), रोड़ ट्रांसपोर्ट, ट्रेजरी कम्प्यूटराइजेशन, पी0डी0एस0, ई-कोर्ट, ई-प्रोक्योरमेन्ट, ई-डिजिटल लॉकर, ई-विधान आदि जैसे डिजिटल लॉकर के माध्यम से जितने भी प्रमाण-पत्र है, वो ईलैक्ट्रोनिक माध्यम से अपने ईलैक्ट्रोनिक डाक्यूमेन्ट अपने मोबाईल मे रख सकता है, जैसे आधार कार्ड,शैक्षिण प्रमाण-पत्र, ड्राईविंग लाईसेंस, आदि। मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत नेट 2.0 के माध्यम से दूरदराज के गांव भी डिजिटल गांव बन सकेंगे और उत्तराखण्ड राज्य को पूर्ण रूप से डिजिटल उत्तराखण्ड बनाने का हमारी सरकार का उद्देश्य साकार होगा।

15वें वित्त आयोग की 143.50 करोड़ रूपये की अनटाईड अनुदान धनराशि का सीएम ने किया हस्तांतरण

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने सोमवार को सचिवालय में डिजिटल माध्यम से त्रिस्तरीय पंचायतों (ग्राम पंचायत, क्षेत्र पंचायत एवं जिला पंचायत) को कुल 238.38 करोड़ रूपये की धनराशि का हस्तांतरण किया। जिसमें 15वें वित्त आयोग की प्रथम किश्त एवं राज्य वित्त आयोग की धनराशि का एक साथ डिजिटल हस्तांतरण किया गया। जिसमें उत्तराखण्ड की 7791 ग्राम पंचायतों, 95 क्षेत्र पंचायतों एवं 13 जिला पंचायतों के लिए 15 वें वित्त आयोग की 143.50 करोड़ रूपये की अनटाईड अनुदान धनराशि एवं राज्य वित्त आयोग की 94.88 करोड़ की धनराशि शामिल है।

डिजिटल इंडिया प्रोग्राम के तहत 15 वें वित्त आयोग एवं राज्य वित्त आयोग द्वारा पंचायतों हेतु संस्तुत अनुदानों को ऑनलाईन एक साथ डिजिटल हस्तान्तरण के माध्यम से संबंधित पंचायतों को हस्तान्तरित करने की शुरूआत की गई। इस महत्वाकांक्षी योजना के प्रथम चरण में 09 फरवरी 2020 को हरिद्वार में आयोजित जिला पंचायत अध्यक्षों-उपाध्यक्षों एवं क्षेत्र पंचायत प्रमुखों के अभिमुखीकरण कार्यक्रम में केन्द्रीय पंचायतीराज मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर एवं मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत द्वारा 14वें वित्त आयोग एवं राज्य वित्त आयोग की धनराशियों के एकमुश्त डिजिटल हस्तान्तरण की शुरूआत की गई।

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कहा कि भारत सरकार द्वारा लागू मा. प्रधानमंत्री जी की महत्वाकांक्षी योजना डिजिटल इंडिया का प्रोग्राम का उद्देश्य सरकारी सेवाओं को उन्नत करना, सरकारी योजनाओं की जानकारी ऑनलाईन पंहुचाना एवं ई-गवर्नेंस को बढ़ावा देना है। प्रधानमंत्री द्वारा राष्ट्रीय पंचायत दिवस के अवसर पर 24 अप्रैल 2020 को ई-ग्राम स्वराज पोर्टल का शुभारम्भ किया गया। उन्होंने कहा कि इससे जहां एक ओर राजकीय कार्यों में पारदर्शिता बढ़ेगी वहीं पोर्टल के माध्यम से पंचायत को केन्द्रीय वित्त एवं राज्य वित्त व अन्य स्त्रोतों से प्राप्त धनराशि एवं पंचायत में कराये जा रहे विकास कार्यों की प्रगति के साथ-साथ अन्य जानकारी भी प्राप्त कर सकते हैं।

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि पंचायतों को एक साथ धनराशि का डिजिटल हस्तान्तरण से पंचायतों को विकासपरक योजनाओं के साथ-साथ कोरोना वायरस महामारी से ग्रामवासियों केे बचाव हेतु आवश्यक उपायों और बाहर से आये नागरिकों को संस्थागत क्वारंटीन सबंधी व्यवस्था हेतु सामुदायिक भवनों की स्वच्छता, विद्युत व्यवस्था, पेयजल, सैनिटाइजेशन एवं अन्य आवश्यक कार्यों को पूर्ण करने में सहायता मिलेगी।

इस अवसर पर जानकारी दी गई कि वित्त विभाग के शासनादेश के अनुसार केन्द्रीय वित्त के संदर्भ में प्राथमिक अनुदान अनटाईड है, जिसका उपयोग स्थानीय निकायों द्वारा स्थान-विशिष्ट आवश्यकताओं के लिए किया जा सकता है। राज्य वित्त आयोग की अनुदान राशि से निर्वाचित जन प्रतिनिधियों का मानदेय पंचायतीराज विभाग द्वारा भुगतान किया जायेगा। अवशेष धनराशि में से 20 प्रतिशत धनराशि कोरोना महामारी के बचाव हेतु प्रचार-प्रसार, सेनेटाईजेशन व महामारी से सबंधित अन्य कार्यों पर व्यय की जायेगी। इसके अलावा जलापूर्ति व्यवस्था, सीवरेज ठोस अपशिष्ट प्रबंधन, जल निकासी एवं स्वच्छता, सामुदायिक परिसम्पतियों के रख-रखाव, स्ट्रीट लाईट तथा आंगनबाड़ी भवनों का निर्माण-अतिरिक्त कक्षा कक्ष का निर्माण एवं सामुदायिक भवन निर्माण आदि विकास कार्य किये जायेंगे।