बागेश्वर में संकल्प यात्रा की लाभार्थी महिलाओं से सीएम ने किया संवाद कायम

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सचिवालय से वर्चुअल माध्यम से विकसित भारत संकल्प यात्रा के तहत जनपद बागेश्वर की महिला लाभार्थियों से संवाद किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने 05 महिला लाभार्थियों से संवाद कर उनके विचार भी जाने। लाभार्थियों ने केन्द्र एवं राज्य की विभिन्न योजनाओं के तहत उन्हें मिली सुविधाओं के प्रति प्रधानमंत्री तथा मुख्यमंत्री का आभार भी व्यक्त किया।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सभी को उत्तरायणी की शुभकामना देते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में समाज के हर वर्ग के लोगों को ध्यान में रखकर योजनाएं बनाई गई और उनका लाभ समाज के अंतिम पंक्ति पर खड़े लोगों तक पहुंचाया जा रहा है। सरकार की योजनाओं की व्यापक जानकारी आमजन तक पहुंचाने के लिये राज्य की सभी ग्राम पंचायतों तक विकसित भारत संकल्प यात्रा का आयोजन किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार की आयुष्मान भारत योजना, प्रधानमंत्री आवास योजना, उज्ज्वला योजना एवं जन कल्याणकारी योजनाएं लोगों के लिए वरदान साबित हुई हैं। मुख्यमंत्री ने जिलाधिकारी बागेश्वर को निर्देश दिये कि विभिन्न योजनाओं के तहत पात्र लोगों को योजनाओं का पूरा लाभ मिल सके, इसके लिए योजनाओं के व्यापक प्रचार पर और अधिक ध्यान दिया जाय। उन्होंने कहा कि प्रदेश की मातृशक्ति द्वारा स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा देने की दिशा में सराहनीय कार्य किया जा रहा है। महिला स्वयं सहायता समूहों द्वारा बनाये जा रहे अनेक उत्पादों की मांग तेजी से बढ़ रही है। उन्होंने कहा कि हाउस ऑफ हिमालयाज के बारे में लोगों को जागरूक किया जाए। बागेश्वर में कीवी के उत्पादन को लगातार बढ़ावा देने के लिए लोगों को प्रेरित किया जाए।

इस अवसर पर महिला समूहों के लाभार्थियों से वर्चुअल माध्यम से संवाद के दौरान अपने समूहों के उत्पादन, विक्रय, आय आदि के बारे में जानकारी दी। मुख्यमंत्री ने जिलाधिकारी को निरंतर समूहों की मॉनिटरिंग करने तथा उनके उत्पादन को आगे बढ़ाने हेतु उनसे सुझाव लेकर उन्हें आवश्यक सहायता करने के भी निर्देश दिये। इस अवसर पर राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन से जुड़ी पूजा, मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना की लाभार्थी गीता खेतवाल, कृषि, पशुपालन और उद्यान के क्षेत्र की योजनाओं की लाभार्थी आनंदी देवी, मंजू बोरा एवं सुनीता मेहता ने मुख्यमंत्री से संवाद किया।

इस अवसर पर अपर सचिव रणवीर सिंह चौहान, आनन्द स्वरूप तथा वर्चुअल माध्यम से जिलाधिकारी बागेश्वर अनुराधा पाल उपस्थित थे।

सरकार के सकंल्पों की मुख्य सचिव ने की समीक्षा

मुख्य सचिव डॉ. एस. एस. संधु की अध्यक्षता में मंगलवार को सचिवालय में सरकार के ‘‘दृष्टिपत्र-25, संकल्प 2022’’ की समीक्षा की गई। मुख्य सचिव ने कहा कि सरकारी भूमि पर अतिक्रमण न हो इसके लिए सभी विभाग अपनी भूमि चिन्हित कर इसके लिए अधिकारियों को जिम्मेदारी दी जाए। उन्होंने कहा कि पर्वतमाला योजना के तहत प्रदेशभर में विभिन्न रोप वे परियोजनाएं संचालित हो रही हैं जो शीघ्र पूर्ण हो जाएंगी। उन्होंने कहा कि अन्य स्थानों पर भी रोप वे की संभावनाएं तलाशी जाएं।
मुख्य सचिव ने जनरल बिपिन सिंह रावत पूर्व सैनिक क्रेडिट गारंटी योजना के तहत प्रदेश के पूर्व सैनिक इस योजना का लाभ अधिक से अधिक उठा पाएं, इसके लिए इस सम्बन्ध में प्रदेश का डाटा एकत्रित किए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने इस परियोजना का प्रतिदिन मॉनिटरिंग किए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने मानसखंड सर्किट तक पहुंच आसान बनाने के लिए टनकपुर, रामनगर और हल्द्वानी से मानसखंड सर्किट के लिए सड़कों के विकास पर फोकस किए जाने के निर्देश दिए।
मुख्य सचिव ने कहा कि महिला स्वयं सहायता समूहों को मजबूती प्रदान करने के लिए उनके द्वारा बनाए उत्पादों को बाजार उपलब्ध कराया जाए। उन्होंने कहा कि मार्केटिंग के लिए ऑनलाइन प्लेटफार्म उपलब्ध कराया जाए। उन्होंने प्रदेश में जन औषधि केंद्रों की संख्या अधिक से अधिक बढ़ाए जाने के निर्देश दिए, कहा कि आमजन को सस्ती जेनेरिक दवाइयां उपलब्ध कराने के लिए जन औषधि केंद्र बहुत कारगर साबित हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश में बहुत से खूबसूरत पर्वतीय शहर हैं जिनमें पर्यटन स्थल के रूप में विकसित हो सकने की अत्यधिक संभावनाएं हैं ऐसे शहरों को मसूरी एवं नैनीताल की तर्ज पर विकसित करने के लिए चिन्हित कर फीजिबिलिटी टेस्ट करवा लिया जाए। साथ ही उन्होंने प्रदेश में साहसिक पर्यटन की दृष्टि से उपयुक्त अधिक से अधिक पर्यटन स्थलों को चिन्हित कर विकसित किए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने प्रदेशभर में ईको टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए अधिक से अधिक ईको टूरिज्म स्थल चिन्हित कर विकसित किए जाने के निर्देश दिए।
मुख्य सचिव ने कहा कि ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों में अफोर्डेबल रेंटल हाउसिंग कॉम्प्लेक्स विकसित किए जाने की दिशा में अधिक से अधिक प्रस्ताव लाए जाएं। उन्होंने कहा कि इंडस्ट्रियल एरिया के आसपास अफोर्डेबल रेंटल हाउसिंग कॉम्प्लेक्स की अत्यधिक आवश्यकता है। इससे इंडस्ट्रियल एरिया के आसपास रह रहे मजदूर वर्ग को सस्ती दरों पर किराए पर साफ सुथरे आवास मिल सकेंगे।
मुख्य सचिव ने उत्कृष्ट विद्यालय बनाए जाने में तेजी लाते हुए योजना को शीघ्र धरातल पर उतारे जाने के निर्देश दिए। उन्होंने उच्च शिक्षा एवं तकनीकी शिक्षा के अंतर्गत कॉलेजों के सुदृढ़ीकरण के साथ ही हॉस्टल उपलब्ध कराए जाने पर फोकस किए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि अधिक से अधिक पुरुष एवं महिला हॉस्टल तैयार किए जाएं।
इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, आनन्द बर्द्धन, सचिव आर मीनाक्षी सुंदरम, शैलेश बगोली, सचिन कुर्वे, डॉ. पंकज कुमार पाण्डेय, बृजेश कुमार संत, एस. एन. पाण्डेय, दीपेन्द्र कुमार चौधरी एवं विजय कुमार यादव सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।

ताजेंद्र नेगी काबीना मंत्री अग्रवाल के पीआरओ नियुक्त

सचिवालय प्रशासन ने कैबिनेट मंत्री डॉ प्रेमचंद अग्रवाल के जनसम्पर्क अधिकारी ताजेन्द्र सिंह नेगी तय कर आदेश जारी किए हैं।

प्रभारी सचिव विनोद कुमार सुमन ने सभी कार्यालयों में आदेश जारी किया। बताया कि कैबिनेट मंत्री डॉ प्रेमचंद अग्रवाल के जनसंपर्क अधिकारी के पद के रूप में वार्ड नंबर 10 ढालवाला, मुनिकीरेती निवासी ताजेंद्र सिंह नेगी पुत्र स्व. सुंदर सिंह नेगी की नियुक्ति की गई है।

गौरतलब है कि ताजेन्द्र सिंह नेगी बाल्यकाल से ही आरएसएस विचारधारा के रहे। प्रारंभिक शिक्षा के बाद उन्होंने अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से जुड़कर छात्र राजनीति में सक्रिय रहे। उन्होंने विभाग संयोजक के पद पर रहकर संगठन को आगे बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

ताजेंद्र नेगी प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य सहित संगठन के विभिन्न पदों पर रहे। इसके अलावा संगठन ने उन्हें जो भी जिम्मेदारी दी, उसका उन्होंने पूर्ण निष्ठा, ईमानदारी के साथ निर्वहन किया।

ताजेन्द्र नेगी पूर्व में विधानसभा के अध्यक्ष रहे प्रेमचंद अग्रवाल के विशेष कार्याधिकारी के पद पर रह चुके हैं। संघ विचारधारा, अभाविप में सक्रिय रहकर कार्य करने का ताजेन्द्र सिंह नेगी को लाभ मिला।

चंपावत में सीएम की घोषणा को तय समय में पूरा करने के दिये निर्देश

मुख्य सचिव डॉ. एस. एस. संधु ने गुरुवार को सचिवालय में चम्पावत जनपद हेतु मुख्यमंत्री घोषणाओं की प्रगति की समीक्षा की गई। मुख्य सचिव ने सभी सम्बन्धित विभागों के अधिकारियों को सभी घोषणाओं के क्रियान्वयन एवं पूर्ति हेतु होने वाली सभी गतिविधियों की टाईमलाईन निर्धारित किए जाने के निर्देश दिए।
मुख्य सचिव ने लोक निर्माण विभाग से सम्बन्धित घोषणाओं हेतु अधिकारियों को फेज वन और फेज टू हेतु सभी प्रक्रियाओं में गति लाते हुए तेजी से पूर्ण किए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने जिम कार्बेट ट्रेल के लिए डीएफओ को डीपीआर शीघ्र तैयार कर शासन को भेजे जाने के निर्देश दिए।
मुख्य सचिव ने चम्पावत को पर्यटन मानचित्र में लाने हेतु मास्टर प्लान तैयार किए जाने के भी निर्देश दिए। कहा कि इसके लिए कंसल्टेंट नियुक्त किया जाए।
मुख्य सचिव ने शारदा नदी से कटाव रोकने हेतु बाढ़ सुरक्षा कार्यों में तेजी लाते हुए शीघ्र पूर्ण किए जाने के निर्देश दिए। साथ ही, राजस्व विभाग के तहत मंच उप तहसील को शीघ्र क्रियाशील किए जाने के निर्देश दिए।
मुख्य सचिव ने धर्मस्व विभाग को पूर्णागिरी मंदिर और देवीधुरा मंदिर एवं गोलज्यु कॉरिडोर के विकास हेतु एक ठोस कार्य योजना तैयार किए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने सैनिक कल्याण विभाग को बनबसा में सैनिक स्मारक का निर्माण भी शीघ्र किए जाने के निर्देश दिए।
इस अवसर पर प्रमुख सचिव आर. के. सुधांशु, सचिव दिलीप जावलकर, अरविंद सिंह ह्यांकी एवं रविनाथ रमन सहित सम्बन्धित विभागों के उच्चाधिकारी उपस्थित रहे।

यात्रा मार्गों में मोबाइल टीम का गठन कर जांच करने के निर्देश

चारधाम यात्रा मार्ग पर चलने वाली बसों में बीमार और थके हुए ड्राइवर को वाहन चलाने की अनुमति नहीं दी जाएगी। परिवहन मंत्री चंदनराम दास ने परिवहन विभाग को मोबाइल टीम गठित कर यात्रा मार्ग पर चलने वाले वाहनों में ड्राइवरों की भी विशेष रूप से जांच करने के निर्देश दिए।
मंगलवार को परिवहन आयुक्त कार्यालय में चारधाम यात्रा की व्यवस्थाओं, परिवहन विभाग और रोडवेज की उन्होंने बारी बारी से समीक्षा की। उन्होंने कहा कि यदि यात्रियों की संख्या ज्यादा होने पर ज्यादा ट्रिप लगाने पड़ रहे हैं तो बस मालिक दो ड्राइवर की व्यवस्था करे। ड्राइवर पर सफर का दबाव किसी भी सूरत में नहीं होना चाहिए। उन्होंने सड़क हादसों को रोकने के लिए संवेदनशील स्थानों पर क्रश बैरियर लगाने के निर्देश दिए। तेज रफ्तार और नशे की हालत में वाहन चलाने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने करने कहा। दो रोज पहले यमुनोत्री मार्ग पर हुए हादसे को बेहद दुर्भाग्यपूण करार देते हुए मंत्री ने कहा कि पर्वतीय क्षेत्रों हादसों को रोकने के लिए ठोस कार्ययोजना तैयार करनी होगी।
दुर्घटना होने की स्थिति स्थानीय लोगों की भूमिका बहुत महत्वपूर्ण होती है। इसलिए विभाग को फर्स्ट रेस्पोन्डर प्रशिक्षण शुरू करने होंगे। इससे घायलों को तत्काल फर्स्ट एड उपलब्ध कराते हुए, उनकी जान बचायी जा सके। बैठक में परिवहन सचिव अरविन्द सिंह ह्याँकी, परिवहन आयुक्त रणवीर सिंह चौहान, एमडी-रोडवेज रोहित मीणा, संयुक्त परिवहन आयुक्त सनत कुमार सिंह, उप परिवहन आयुक्त सुधांशु गर्ग, सहायक परिवहन आयुक्त डॉ.अनिता चमोला, जीएम-रोडवेज दीपक जैन आदि शामिल रहे।

ये भी दिए निर्देश-
– परिवहन विभाग प्रवेश उपकर, ग्रीन उपकर आदि करों का सरलीकरण करे
– चेकपोस्ट को इंटरनेट कनेक्टिविटी वाले क्षेत्रों में स्थापित किया जाए
– ऑनलाइन कार्य सरल हो, कम पढे-लिखे लोगों के लिए मुश्किल न बने तकनीक
– वाहनों के टैक्स आदि बकाया की वसूली की प्रकिया लंबी न हो, एक साल में ही हो कार्रवाई
– लम्बी अवधि से बकाया के मामलों के निस्तारण के सम्बन्ध में एक कार्ययोजना की जाए तैयार
– कोरोना काल में सहायता के लिए घोषित सहायता राशि को लाभार्थियों के खाते में जमा कराएं

रोडवेज को निर्देश-
रोडवेज वाहन चालकों एवं परिचालकों के विश्राम के लिए उचित व्यवस्था करे
संपत्तियों को अतिक्रमण से बचाने के लिए भी ठोस योजना तैयार की जाए
रोडवेज की आय बढ़ाने के लिए बस अड्डों पर कॉमर्शियल गतिविधियां शुरू हों

यमुनोत्री मार्ग पर हुए हादसे के पीछे सड़क का संकरी होना भी एक वजह था। ड्राइवर के भी लगातार कई ट्रिप करने की बात सामने आई है। सडृक निर्माण से संबंधित विभागों को जल्द कार्यवाही शुरू करने के निर्देश दिए हैं। साथ वाहन चालक को लेकर भी सख्त रुख अपनाया जाएगा।
-चंदनराम दास, परिवहन मंत्री

तो सरकार ने भी माना अचानक बढ़े चारधाम यात्रा के श्रद्धालु, व्यवस्थाओं की भी दी जानकारी

रविवार को देहरादून स्थित सचिवालय, मीडिया सेंटर में अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, डीजीपी अशोक कुमार, पर्यटन सचिव दिलीप जावलकर, स्वास्थ्य सचिव राधिका झा, प्रो. हेम चंद्र पांडे (कुलपति, एच.एन.बी चिकित्सा शिक्षा विश्वविद्यालय), महानिदेशक सूचना रणबीर सिंह चौहान द्वारा चार धाम से संबंधित जानकारियों को अवगत करवाने हेतु संयुक्त रूप से प्रेस कॉन्फ्रेंस की गई।
इस दौरान अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने कहा कि अन्य सालों के मुकाबले इस साल भारी संख्या में यात्री एवं श्रद्धालु चार धाम यात्रा पर आ रहे हैं। उन्होंने चार धाम यात्रा को राज्य के विकास हेतु अति महत्वपूर्ण बताया। उन्होंने कहा कि यात्रियों को स्वास्थ्य सुरक्षा पेयजल ठहरने जैसी तमाम सुविधाएं मिले इसके लिए सभी विभाग आपस में समन्वय के साथ कार्य कर रहे हैं। उन्होंने बताया उत्तराखण्ड सरकार के सभी विभाग यथा पर्यटन (नोडल विभाग), धर्मस्व, चिकित्सा, परिवहन, नागरिक उड्डयन एवं जिला प्रशासन आदि द्वारा यात्रा को सुचारू एवं सुरक्षित बनाने हेतु सभी प्रकार की व्यवस्थाएँ की गयी है।
डीजीपी अशोक कुमार ने बताया की दिनांक 4.06.2022 तक चारधाम यात्रा में आये यात्रियों की संख्या लगभग 1611598 है। उन्होंने बताया दिनांक 04.06.2022 तक चारधाम यात्रा में आये वाहनों की संख्या-154983 रही। उन्होने बताया पुलिस द्वारा यात्रा के दौरान बिछडे 920 यात्रियों को उनके साथ आये श्रद्धालुओं से मिलाया गया, यात्रा के दौरान 300 यात्रियों को रेस्क्यू कर उनका जीवन बचाया गया, 80 यात्रियों को अस्पताल में भर्ती कराया गया एवं 54 घायलों की मदद की गयी, 130 यात्रियों के गुम हुये सामान को वापस कराया गया। उन्होंने बताया चारधाम यात्रा में लगभग 4500 पुलिस बल, 06 कम्पनी, एसडीआरएफ 25 सब टीम, एलआईयू 70, होमगार्ड 700, पीआरडी 600, एनडीआरएफ 02 टीम नियुक्त किया गया है। यात्रा सीजन हेतु अतिरिक्त 47 पोस्ट/चौकियां स्थापित की गयी हैं। यात्रा मार्गों पर 57 टूरिस्ट पुलिस केन्द्र स्थापित किये गये हैं। उन्होंने कहा कि वर्तमान तक हैली ऑनलाइन बुकिंग फर्जीवाडा एवं फर्जी रजिस्ट्रेशन के सम्बंध में 16 अभियोग पंजीकृत कर 20 व्यक्तियों को गिरफ्तार किया गया। चारधाम यात्रा एवं विभिन्न धार्मिक/पर्यटक स्थलों पर मिशन मर्यादा अभियान के दौरान लगभग 20000 लोगों के विरूद्ध कार्यवाही की गयी। उन्होंने बताया बढते यातायात के दृष्टिगत कई स्थानों पर वन-वे ट्रैफिक प्लान बनाया गया है। रुद्रप्रयाग जनपद में यात्रियों की सुविधा हेतु 04 सुपर जोन, 10 जोन एवं 26 सेक्टर में विभाजित कर श्री केदारनाथ में एक पुलिस उपाधीक्षक एवं एक अपर पुलिस अधीक्षक को गौरीकुण्ड में नियुक्त कर सुदृढ पुलिस प्रबंध किये गये हैं। साथ ही धामों में श्रद्धालुओं के दर्शन हेतु पर्याप्त संख्या में बैरिकेडिंग, रस्से व्यवस्थाओं के साथ साथ पंक्तिबद्ध दर्शन कराये जा रहे हैं। राज्य के धामों में वीआईपी गेट की पूर्व प्रचलित व्यवस्था को समाप्त किया गया है।
स्वास्थ्य सचिव राधिका झा ने स्वास्थ्य विभाग द्वारा चार धाम हेतु की गई तैयारियां के बारे में अवगत करवाया। कहा कि चिकित्सा विभाग द्वारा सुरक्षित यात्रा के लिए पर्याप्त व्यवस्थाएं की गई है जो 2019 की तुलना में कहीं अधिक है और अनेक नये प्रयास भी किए गए हैं। चिकित्सा कर्मियों की तैनाती में बढ़ोतरी करते हुए 178 चिकित्साधिकारी तैनात किये गए हैं, जो वर्ष 2019 की तुलना में 66 प्रतिशत अधिक है। फर्स्ट मेडिकल रिस्पांडर एवं मेडिकल रिलीफ पोस्ट की संख्या में भी वृद्धि की गई है। एंबुलेंस की संख्या में भी गत वर्षों की तुलना में 33 प्रतिशत वृद्धि करते हुए यात्रा मार्ग पर 119 एम्बुलेंस तैनात की गई है। यात्रियों को त्वरित चिकित्सा सहायता प्रदान करने के लिए पहली बार हेली एम्बूलेंस सेवाएं दी जा रही है, इसके अतिरिक्त सभी चिकित्सा इकाइयों पर ऑक्सीजन की पर्याप्त आपूर्ति रखी गयी है। 2019 की तुलना में 108 एम्बूलेंस द्वारा दी गयी सेवाओं में 173 प्रतिशत की बढ़ोतरी भी दर्ज की गयी है। उन्होंने बताया हृदय रोगियों के समुचित उपचार हेतु पहली बार विशेषज्ञ चिकित्सकों को ब्ंतकपवसवहल में प्रशिक्षण देकर यात्रा मार्ग पर स्थित प्रमुख चिकित्सालयों में तैनात किया गया है। यात्रा में तैनात चिकित्सकों को एम्स ऋषिकेश के माध्यम से हाई एल्टीट्यूड सिकनेस के उपचार हेतु प्रशिक्षण भी पहली बार दिया गया है। यात्रियों की संख्या में वृद्धि को देखते हुए हाल ही में एम०बी०बी०एस० उत्तीर्ण 75 बांडधारी चिकित्सकों की तैनाती अगले 3 माह के लिए यात्रा से संबंधित अस्पतालों/जनपदों में की गई है। उन्होंने कहा कि चारों धाम उच्च हिमालयी क्षेत्र में स्थित है जिसमें क्रमशः- केदारनाथ धाम की औसत ऊंचाई 3580 मी0, बद्रीनाथ 3415मी0, यमुनोत्री 3235मी0 तथा गंगोत्री 3415मी० समुद्रतल से ऊंचाई पर स्थित है। बिना किसी विराम के मैदानी क्षेत्रों से आये हुए यात्रियों को उच्च हिमालयी क्षेत्रों में स्थित धामों पर जाने में प्रतिकूल स्वास्थ्य स्थितियों का सामना करना पड़ता है, जिसमें सांस फूलना, ठण्ड लगना एवं हृदयाघात जैसी स्थितियां प्रमुख है। इसके अलावा यह भी देखा गया है कि यात्रियों को पर्वतीय मौसम एवं वातावरण के प्रति अभ्यस्त होने में भी समय लगता है। इन सभी कारणों के फलस्वरूप हर वर्ष ही दुर्भाग्यपूर्ण रूप से हृदय गति रुकने से मृत्यु होती आयी है जैसे वर्ष 2017 में भी 112 यात्रियों की दुर्भाग्यपूर्ण मृत्यु हुई थी।
स्वास्थ्य सचिव ने बताया कि राज्य में पहली बार यात्रा मार्गों पर हेल्थ स्क्रीनिंग की व्यवस्थाएं की गई हैं जिसमें 9 प्रमुख स्थानों क्रमश- बद्रीनाथ के लिए गौचर एवं पाण्डुकेश्वर, केदारनाथ के लिए सोनप्रयाग, जवारी बॉयपास एवं कुण्डपुल तथा यमुनोत्री के लिए दोबाटा, जानकी चट्टी एवं गंगोत्री के लिए हिना एवं गंगोत्री में हेल्थ स्क्रीनिंग की जा रही है। हैल्थ स्क्रीनिंग में ऐसे यात्रियों को आगे की यात्रा से रोका जा रहा है, जिनकी स्वास्थ्य स्थिति यात्रा के अनुकूल नहीं है। अभी तक 87 यात्रियों को स्क्रीनिंग उपरान्त वापस लौटाया गया है। उन्होने बताया यद्यपि यात्रियों की अत्यधिक संख्या को देखते हुए सभी की हेल्थ स्क्रीनिंग किया जाना। सहज नहीं हो पा रहा है तथापि चिकित्सा विभाग द्वारा 50 वर्ष से अधिक आयु के सभी यात्रियों की स्क्रीनिंग की जा रही है। बहुत से उत्साही यात्री चिकित्सकीय परामर्श के उपरान्त भी अंडरटेकिंग देकर यात्रा जारी रख रहे हैं। उन्होंने बताया की वर्तमान तक दो लाख से ऊपर रोगियों की हेल्थ स्क्रीनिंग की गई है, 71,646 यात्री ओपीडी में देखे गए हैं एवं 381 रोगियों को एंबुलेंस सेवा प्रदान की गई है तथा 5000 से अधिक यात्रियों को आपातकालीन सेवाएं भी प्रदान की गयी है। हेलीकॉप्टर एंबुलेंस का उपयोग 30 रोगियों को एम्स ऋषिकेश लाकर सफलतापूर्वक उपचार कराया गया है।
सरकार द्वारा कुलपति चिकित्सा विश्वविद्यालय की अध्यक्षता में गठित विशेषज्ञ समिति द्वारा इन मृत्यु के कारणों का विश्लेषण किया गया है। विश्लेषण अनुसार कोविड महामारी के दूरगामी प्रभाव के कारण मैदानी क्षेत्रों से उच्च हिमालयी क्षेत्रों में यात्रा करने का जोखिम अत्यधिक बढ़ गया है। उन्होंने बताया विशेषज्ञ समिति द्वारा यह मंतव्य देते हुए सुझाव दिये गये हैं कि बुजुर्ग एवं अन्य बीमारियों से ग्रसित यात्रियों का पूर्व स्वास्थ्य परीक्षण आवश्यक है और सभी यात्रियों को मेडिकल एडवाइजरी का अनुपालन करते हुए ही यात्रा पर आना चाहिए क्योंकि अभी तक हुई मृत्यु में 60 प्रतिशत से अधिक लोग को-मोरबीडीटी से ग्रसित थे एवं 60 प्रतिशत लोग 50 वर्ष से अधिक की आयु के थे। उन्होंने कहा विभिन्न वैज्ञानिक शोध के अनुसार कोविड महामारी के प्रतिकूल प्रभाव अधिक ऊंचाई वाले क्षेत्रों में जाने पर और अधिक देखे गये हैं। विशेषज्ञ समिति ने दिनांक 5.06.2022 को दिये गये सुझावों में कहा गया है कि बुजुर्ग, कोविड प्रभावित तथा अन्य रोगों से ग्रसित यात्री स्वास्थ्य परीक्षण एवं चिकित्सकीय परामर्श उपरान्त ही यात्रा पर आएं. यात्रा के दौरान 48 घण्टे तक स्थान विशेष के अनुसार ढलने के उपरान्त तथा तत्समय की स्वास्थ्य स्थितियों को देखते हुए सतर्कता से यात्रा करें।
पर्यटन सचिव दिलीप जावलकर ने बताया कि वर्ष 2019 में रिकॉर्ड 34 लाख यात्री उत्तराखंड की चार धाम यात्रा पर आए थे, परंतु वर्ष 2022 में मात्र 1 माह में यह संख्या 16 लाख तक पहुंच चुकी है जो कि चार धाम यात्रा की व्यापक लोकप्रियता और उत्तराखंड के प्रति देशभर में लोगों के बढ़ते आकर्षण का प्रतीक है। केदारनाथ धाम में भी वर्ष 2019 में रिकॉर्ड 10 लाख लोग दर्शन के लिए पहुंचे थे जबकि वर्ष 2022 में मात्र 1 माह की अवधि के भीतर 5 लाख से अधिक श्रद्धालुओं द्वारा केदारनाथ धाम के दर्शन किए गए हैं। उन्होंने कहा पर्यटन विभाग द्वारा पहली बार यात्रियों की सुरक्षा के लिए ऑनलाइन पंजीकरण की व्यवस्था की गई है ताकि किसी दिन विशेष पर धामों की धारण क्षमता के अनुरूप लोग वहां पहुंच सके और यात्रा प्रबंधन को बेहतर किया जा सके। पंजीकरण का उद्देश्य यात्रा मार्ग पर उपलब्ध सुविधाओं के अनुरूप संख्या में श्रद्धालुओं को धामों पर जाने के लिए पंजीकृत करना है जिससे कि उनकी यात्रा सुखद एवं सुरक्षित हो सके।
पर्यटन सचिव ने बताया कि यात्रियों की सुविधा के लिए पर्यटन विभाग द्वारा पहली बार एक टोल फ्री कॉल सेंटर का संचालन किया जा रहा है। जिसमें एक समय पर 6 लोगों को एक साथ यात्रा के संबंध में विविध जानकारियां दी जाती हैं और किसी प्रकार की समस्या की स्थिति में उसे संबंधित विभाग को सौंप दिया जाता है। कॉल सेंटर में अब तक लगभग 12500 से अधिक कॉल रिसीव हो चुके हैं इस प्रकार प्रतिदिन लगभग 400 लोगों द्वारा कॉल सेंटर पर कॉल करके चार धाम यात्रा के संबंध में विभिन्न प्रकार की जानकारियां प्राप्त की जा रही हैं। उन्होंने कहा ऋषिकेश तथा हरिद्वार में बिना रजिस्ट्रेशन के ही यात्रा के लिए आ चुके लोगों की आस्था को ध्यान में रखते हुए एसडीआरएफ तथा पर्यटन विभाग द्वारा फिजिकल रजिस्ट्रेशन केंद्रों के माध्यम से इन यात्रियों का पंजीकरण किया जा रहा है। प्रतिदिन औसतन पांच से छह हजार ऐसे श्रद्धालुओं को धामों के लिए पंजीकृत करते हुए यात्रा पर भेजा जा रहा है। ऋषिकेश में आईएसबीटी ऋषिकेश हरिद्वार में चमगादड़ टापू पर फिजिकल रजिस्ट्रेशन काउंटर संचालित किए जा रहे हैं। राज्य भर में कुल 18 फिजिकल पंजीकरण केंद्र बनाए गए हैं। रजिस्ट्रेशन काउंटर तथा मंदिरों में दर्शन हेतु कतार प्रबंधन के लिए टोकन सिस्टम की व्यवस्था की गई है।
उन्होंने बताया कि पहली बार यात्रा मार्ग पर निरंतर निगरानी बनाए रखने के लिए सर्विलांस कैमरा स्थापित किए गए हैं। इसके अतिरिक्त धामों पर यात्रियों की संख्या का सटीक आकलन करने के लिए हेडकाउंट कैमरा स्थापित किए गए हैं। सोशल मीडिया के माध्यम से यात्रियों को यात्रा पंजीकरण, हेल्थ एडवाइजरी तथा मौसम की अद्यतन जानकारी उपलब्ध कराई जा रही है। ताकि वह यात्रा के पूर्व इन जानकारियों के आधार पर अपनी योजना बना सकें। यात्रा पर जाने वाले प्रत्येक वाहन का पंजीकरण अनिवार्य है निजी वाहनों का पंजीकरण रजिस्ट्रेशन पोर्टल पर स्वयं का रजिस्ट्रेशन करते समय ही हो जाता है।सुलभ इंटरनेशनल संस्था के माध्यम से चारधाम यात्रा मार्ग पर 144 स्थाई शौचालय (1513 सीट) का संचालन एवं रखरखाव किया जा रहा है। इसके अतिरिक्त सभी जनपदों में आवश्यकतानुसार अस्थाई फ्लेक्सी शौचालय भी स्थापित किए गए हैं।
प्रो. हेम चंद्र पांडे (कुलपति, एच.एन.बी चिकित्सा शिक्षा विश्वविद्यालय) ने बताया कि विभिन्न वैज्ञानिक शोध के अनुसार कोविड महामारी के दूरगामी प्रभाव के कारण मैदानी क्षेत्रों से उच्च हिमालयी क्षेत्रों में यात्रा करने का जोखिम अत्यधिक बढ़ गया है। उन्होंने कहा हमारे द्वारा सुझाव दिये गये हैं कि बुजुर्ग एवं अन्य बिमारियों से ग्रसित यात्रियों का पूर्व स्वास्थ्य परीक्षण आवश्यक है और सभी यात्रियों को मेडिकल एडवाईजरी का अनुपालन करते हुए ही यात्रा पर आना चाहिए क्योंकि अभी तक हुई मृत्यु में 60 प्रतिशत से अधिक लोग को-मोर्बिडिटी से ग्रसित थे एवं 60 प्रतिशत लोग 50 वर्ष से अधिक की आयु के थे। उन्होंने कहा विभिन्न वैज्ञानिक शोध के अनुसार कोविड महामारी के प्रतिकूल प्रभाव अधिक ऊंचाई वाले क्षेत्रों में जाने पर और अधिक देखे गये हैं। उन्होंने कहा कि बुजुर्ग, कोविड प्रभावित तथा अन्य रोगों से ग्रसित यात्री स्वास्थ्य परीक्षण एवं चिकित्सकीय परामर्श उपरान्त ही यात्रा पर आएं. यात्रा के दौरान 24 से 48 घण्टे तक स्थान विशेष के अनुसार ढलने के उपरान्त तथा तत्समय की स्वास्थ्य स्थितियों को देखते हुए सर्तकता से यात्रा करें।

मुख्य सचिव ने समय से निर्माण कार्य करने के निर्देश दिये

मुख्य सचिव डॉ. एस. एस. संधु ने सोमवार को सचिवालय में मसूरी के जीर्णाेद्धार एवं सौंदर्यीकरण से सम्बन्धित कार्यों की प्रगति की जानकारी ली। बैठक के दौरान मुख्य सचिव ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि मसूरी के जीर्णाेद्धार एवं सौंदर्यीकरण से सम्बन्धित सभी कार्यों की समय सीमा निर्धारित की जाए एवं कार्यों को निर्धारित समय सीमा तक पूर्ण कर लिया जाए।
मुख्य सचिव ने पीडब्ल्यूडी को निर्देश दिए कि सड़क निर्माण कार्य करने से पहले पेयजल, जल संस्थान और यूपीसीएल से सामंजस्य स्थापित कर लिया जाए, ताकि सड़कों को फिर से न खोदना पड़े। उन्होंने यह भी निर्देश दिए कि सड़कों के स्क्रैपिंग एवं पुनः पक्कीकरण का कार्य पैचेज में किया जाए, एक साथ पूरी सड़क खोद कर पर्यटकों एवं स्थानीय लोगों को बहुत असुविधा होती है। उन्होंने कहा कि प्रत्येक 500 मीटर में शौचालय स्थापित किया जाए एवं साइनेज आदि की उचित व्यवस्था की जाए ताकि पर्यटकों एवं स्थानीय लोगों को समस्याओं का सामना न करना पड़े।
मुख्य सचिव ने कहा कि पीक सीजन में पर्यटकों को असुविधा न हो इसका विशेष ध्यान रखते हुए प्रत्येक कार्य को उसकी प्रकृति और कम से कम समय में पूर्ण किए जाने को देखते हुए अलग-अलग तिथि निर्धारित की जाएं। उन्होंने कहा कि शीघ्र कार्य पूर्ण करने के साथ ही कार्यों की गुणवत्ता में किसी प्रकार समझौता न किया जाए।
इस अवसर पर उपाध्यक्ष एमडीडीए बृजेश कुमार संत एवं सचिव शहरी विकास विनोद कुमार सुमन सहित अन्य सम्बन्धित विभागों के अधिकारी उपस्थित रहे।

सीएम ने दिनभर अधिकारियों को रखा रिचार्ज पर, खुद संभाला मोर्चा

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सोमवार को सचिवालय स्थित राज्य आपदा कन्ट्रोल रूम से प्रदेश में हो रही वर्षा की जानकारी ली। उन्होंने राष्ट्रीय राजमर्गों एवं अन्य सम्पर्क मार्गों की जानकारी भी ली। जिलाधिकारी पौड़ी एवं जिलाधिकारी रूद्रप्रयाग से मुख्यमंत्री ने फोन से वार्ता कर ताजा अपडेट लिया। जिलाधिकारी पौड़ी द्वारा जानकारी दी गई कि तहसील लैंसडौन के क्षेत्रान्तर्गत छप्पर गिरने से 3 लोगों की मृत्यु हो गई, जबकि 2 लोग घायल हो गये थे। घायलों को हायर सेंटर रेफर किया गया है। जिलाधिकारी रूद्रप्रयाग ने जानकारी दी कि श्री केदारनाथ में कल तक 6 हजार श्रद्धालु थे। जिसमें से चार हजार वापस आ गये हैं। शेष 2 हजार सुरक्षित स्थानों पर है।
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिये कि यह सुनिश्चित किया जाय कि बारिश के कारण यदि कोई राजमार्ग बाधित होता है, तो उनमें आवागमन जल्द सुचारू करने के लिए पूरी व्यवस्था हो। जिन क्षेत्रों में अधिक वर्षा हो रही हैं, वहां विशेष सतर्कता बरती जाय। मुख्यमंत्री सुबह से सभी जिलाधिकारियों से अपडेट ले रहे हैं।
इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव आनन्द बर्द्धन, सचिव आपदा प्रबंधन एस.ए. मुरूगेशन, अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी रिद्धिम अग्रवाल, जितेन्द्र सोनकर, डॉ. आनन्द श्रीवास्तव आदि उपस्थित थे।

कैबिनेट ने राज्य कर्मचारियों को दी बड़ी सौगात

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में आज कैबिनेट बैठक आयोजति हुई। शासकीय प्रवक्ता सुबोध उनियाल ने जानकारी देते हुए बताया कि मंत्रिमंडल के सम्मुख 29 प्रस्ताव आये थे, जिसमे से 24 प्रस्तावों पर कैबिनेट ने सहमति जताई है।
इनमें इन प्रस्तावों पर लगी मुहर-
विश्व बैंक की योजना समाप्त होने से 31 मार्च 2022 तक शिक्षकों को राज्य सरकार वेतन देगी। इससे 146 सहायक प्रोफेसर को फायदा होगा।
राज्य कर्मचारियों के हित में राज्य सरकार ने महंगाई भत्ते को 11 फ़ीसदी तक बढ़ाए जाने का निर्णय लिया है। जिससे राज्य कोष पर 150 करोड़ रुपए पर महीना भार पड़ेगा। 1 जुलाई 2021 से देय होगा।
एविएशन फ्यूल वैट किया गया कम। पेट्रोल पंप के मांगों में दी गई रियायत।
ऊधमसिंह नगर के नगला ग्राम पंचायत को नगर पालिका परिषद बनाए जाने पर मंजूरी।
सरकार ने नगर पालिका परिषद श्रीनगर को नगर निगम बनाये जाने का निर्णय लिया है।
चिकित्सा इकाइयों में पुनर्गठन को लेकर किया गया संशोधन।
विधानसभा के सत्र के सत्रावसान की घोषणा।
पेट्रोल पम्पो को खोलने के मानकों में ढील दी गई।
लोक सेवा आयोग ने मनीष बिष्ट नाम के युवक को नियुक्ति देने का फैसला लिया गया था, न्यायालय ने एक अतिरिक्त पद सृजित किया जाएगा ताकि मनीष भी समायोजित हो सके।
स्वास्थ केंद्रों को 5 वर्गाे में किया गया विभाजित, पहले 10 कैटेगिरी थी।

सचिवालय के विभिन्न अनुभागों का सीएम धामी ने किया निरीक्षण

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सचिवालय के विभिन्न अनुभागों का निरीक्षण किया। उन्होंने विभिन्न पत्रावलियों का अवलोकन भी किया। निरीक्षण के दौरान मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिये कि शासन स्तर पर प्राप्त होने वाली पत्रावलियों का त्वरित निस्तारण किया जाय। उन्होंने कहा कि शासन से जनता के बहुत उम्मीदें होती हैं। यह सुनिश्चित किया जाय कि जन समस्याओं का समाधान शीघ्रता से हो।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि कार्यों में तेजी के साथ ही समयबद्धता एवं कार्यों के प्रति पारदर्शिता का विशेष ध्यान रखा जाय। यह सुनिश्चित किया जाय कि अपने कार्यों के लिए लोगों को अनावश्यक सचिवालय के चक्कर न लगाने पड़े। शासन स्तर पर प्राप्त होने वाली पत्रावलियों के ट्रेकिंग सिस्टम को और मजबूत बनाया जाय। आगन्तुकों के साथ शालीनता पूर्वक व्यवहार रखा जाय।

इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन, प्रमुख सचिव एल फैनई, सचिव अमित नेगी, शैलेश बगोली, सौजन्या, अपर सचिव सोनिका भी मौजूद थे।