उद्योगों में 25 हजार युवाओं को रोजगार उपलब्ध कराने का प्रयास

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से गुरुवार को मुख्यमंत्री आवास में प्रदेश के विभिन्न उद्योगों के मानव संसाधन प्रबन्धकों ने भेंट की। इस अवसर पर प्रदेश में विभिन्न उद्योगों में आगामी छः माह में लगभग 25 हजार युवाओं को रोजगार उपलब्ध कराये जाने के सम्बन्ध में आपसी संवाद एवं परिचर्चा भी आयोजित हुई। आपसी संवाद के तहत विभिन्न उद्योगों के मानव संसाधन प्रबन्धकों को सम्बोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारा प्रयास है कि जो उद्योग प्रदेश में स्थापित है वे भली भांति चले तथा अधिक से अधिक और उद्योग राज्य में स्थापित हो इसके लिये उद्योगों के अनुकूल वातावरण बनाया जायेगा तथा कारगर नीति का भी निर्धारण किया जायेगा, ताकि उद्योग की स्थापना अथवा विस्तारीकरण के लिये विभिन्न विभागों के स्तर पर दी जाने वाली स्वीकृतियां समयबद्धता के साथ तुरन्त जारी हो सके। उन्होंने कहा कि इस सम्बन्ध में यदि नियमों का शिथिलीकरण किया जाना होगा तो वह भी किया जायेगा।

उद्योगों के अनुकूल वातावरण
मुख्यमंत्री ने कहा कि उनके द्वारा प्रदेश में औद्योगिक वातावरण के सृजन में तेजी लाये जाने के लिये सभी से विचार विमर्श भी किया जा रहा है। सीआईआई तथा कुमाऊ गढ़वाल चौम्बर्स ऑफ कामर्स एण्ड इण्डस्ट्रीज से उनकी वार्ता हुई है, सभी की समस्याओं के समाधान का उनका प्रयास है। इसके लिये मुख्य सचिव एवं अपर मुख्य सचिव को भी उद्योगो की समस्याओं के समाधान के निर्देश दिये गये हैं।

विकास में उद्यमी बने सहयोगी
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में उद्योगों की स्थापना के लिये देश के अन्य उद्यमियों को प्रोत्साहित करने में हमारे उद्यमी सहयोगी बन सकते हैं, इस सम्बन्ध में आपके द्वारा उन्हें दी गई सकारात्मक सलाह या सुझाव उन्हें प्रेरित करने में मददगार हो सकती है। इसके लिये यहां के उद्यमियों को हमारा सहयोगी बनना होगा। उन्होंने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई द्वारा 2003 में राज्य को दिये गये औद्योगिक पैकेज के कारण राज्य में उद्योगों की स्थापना की राह प्रशस्त हुई थी। उन्होंने उद्योगों के मानव संसाधन प्रबन्धकों से यहां के लोगों को अपना सहयोगी बनाने का भी आह्वान किया तथा युवाओं को रोजगार के अधिक अवसर उपलब्ध कराने की अपेक्षा भी की।

मानव संसाधन प्रबन्धकों ने रखे अपने सुझाव, युवाओं को रोजगार उपलब्ध कराने का दिया आश्वासन
मानव संसाधन प्रबन्धकों ने प्रदेश में उद्योगों की स्थापना विस्तारीकरण नये इंडस्ट्रियल पार्काे को विकसित करने, पंजीकरण आदि के लिये नियमों के सरलीकरण किये जाने, आईटीआई एवं पॉलिटेक्निक में उद्योगों के अनुकूल विषयों को प्राथमिकता दिये जाने इनके प्रमुखों का उद्योगों से आपसी समन्वय पर ध्यान देने, इम्पलायमेंट एक्सचेंज को क्रियाशील बनाये जाने, लाजिस्टिक कास्ट को कम करने के लिये कन्टेनर रेल ट्रांसपोर्ट सुविधा उपलब्ध कराने आदि सुझाव रखे। सभी ने मुख्यमंत्री को आश्वास्त किया कि वे उद्योगों में राज्य के अधिक से अधिक युवाओं को रोजगार उपलब्ध कराने का प्रयास करेंगे। मुख्यमंत्री के निर्देश पर अपर मुख्य सचिव आनन्द बर्द्धन ने भी मानव संसाधन प्रबन्धकों से वार्ता कर उनकी समस्याओं से अवगत होने के साथ ही उनके सुझाव भी प्राप्त किया।

इस परिचर्चा में जिन मानव संसाधन प्रबन्धकों ने अपने सुझाव दिये उनमें आईटीसी लि0 के अल्ताफ हुसैन, होलोनिक्स टेक्नोलोजिस के जितेन्द्र दास, विप्रो इन्टर प्राइजेज प्रा0 लि0 के अरविन्द चौहान, महिन्द्रा एण्ड महिन्द्रा लि0 के विमल सिंह, हीरो मोटोकोर्प लि0 के राजकुमार सिंह, टपरवैयर इंडिया लि0 के दानिश अली, हनीवैल ईडी एण्ड एस इंडिया लि0 के विवेक शर्मा, टाइटन कम्पनी के संजय सिंघल, जाइडस वेलनैस के मयूरेश कुमार, सनसेरा इंजि0 के डी0सी बिष्ट के साथ ही टाटा मोटर्स आदि के प्रतिनिधि शामिल रहे। इस कार्यक्रम में बड़ी संख्या में प्रबन्धकों ने प्रतिभाग किया। कार्यक्रम का संचालन यूपीईएस के असिस्टेंट डायरेक्टर मुदालियर जितेन्द्र द्वारा किया गया। इस अवसर पर विशेष सचिव मुख्यमंत्री डॉ. पराग मधुकर धकाते भी उपस्थित थे।

शहीद की अंतिम यात्रा में पाकिस्तान मुर्दाबाद के नारे लगे

सीमा पर जवानों की शहादत का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है जम्मू कश्मीर के उड़ी सेक्टर में आतंकियों से लोहा लेते वक्त उत्तराखंड के एक और लाल नरेंद्र सिंह बिष्ट शहीद हो गए। शहीद का अंतिम संस्कार आज हरिद्वार के खड़खड़ी श्मशान घाट पर किया गया। अंतिम संस्कार के वक्त शहीद को श्रद्धांजलि देने के लिए जन सैलाब उमड़ा पूरे राजकीय और सैन्य सम्मान के साथ शहीद नरेंद्र सिंह बिष्ट का अंतिम संस्कार किया गया। शहीद नरेंद्र सिंह बिष्ट का कोई पुत्र नहीं है इसलिए उनकी दो पुत्रियों नेहा और नीतिका ने अपना फर्ज निभाते हुए शहीद के शव को मुखाग्नि दी। शहीद को श्रद्धांजलि देने के लिए जिला प्रशासन के अधिकारी और पुलिस अधिकारी भी श्मशान घाट पर मौजूद रहे। लेकिन दुख की बात यह है कि देश भक्ति के बड़े बड़े दावे करने वाले एक भी जनप्रतिनिधि शहीद को श्रद्धांजलि देने श्मशानघाट नहीं पहुंचा। गौरतलब है कि उत्तराखंड के सेलाकुई के रहने वाले नरेंद्र सिंह बिष्ट उड़ी सेक्टर में सरहद पर तैनात थे। 7 अगस्त को आतंकियों की गोली लगने से वह घायल हो गए थे जिसके बाद उपचार के दौरान उनकी मृत्यु हो गई थी आज उनका अंतिम संस्कार हरिद्वार में किया गया शहीद के अंतिम संस्कार के वक्त लोग आक्रोशित थे उन्होंने पाकिस्तान मुर्दाबाद के नारे भी लगाए।