तीर्थनगरी के कई इलाकों में पानी का संकट गहराया

आबादी बढ़ने और पुरानी पाइप लाइन होने से आ रही दिक्कत
40 एमएलडी पानी मांग के सापेक्ष मिल रहा 30 एमएलडी पानी

ऋषिकेश।
सर्दी के मौसम ने दस्तक दे दी है। कई मोहल्लों में लोग पानी की आपूर्ति गड़बड़ाने से परेशान हैं। आबादी बढ़ने और चालीस साल पुरानी पाइप लाइनें होने से दिक्कत आ रही है। शहर को 40 एमएलडी के सापेक्ष 30 एमएलडी पानी ही मिल पा रहा है।
शहर के कई इलाकों में पानी न आने की शिकायत आ रही है। आधा दर्जन से अधिक मोहल्लों में पानी सप्लाई की समयसारिणी गड़बड़ा रही है। ऋषिकेश के पुराने मोहल्लों में ज्यादा दिक्कत है। यहां 40 साल पुरानी पाइप लाइन हैं, जबकि आबादी दोगुनी हो गई है। पानी के कनेक्शन लगातार बढ़ रहे हैं। शिकायत पर जल संस्थान वॉल खोलकर चोक लाइन खोलता है, लेकिन पानी में प्रेशर न होने से सप्लाई सुचारू नहीं हो पानी।
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शहर के सदानंद मार्ग, मायाकुण्ड, चंद्रेश्वरनगर, चंद्रभागा, पुष्कर मंदिर मार्ग, हीरालाल मार्ग, बनखंडी, शांतिनगर इलाके में सबसे अधिक परेशानी है। यहां मजबूरी में टैंकर लगाने पड़ते हैं। बीते कई सालों से जल संस्थान शहर में नई पाइप लाइन डालने की बात कह रहा है, लेकिन प्रस्ताव शासन में लटका है।

शहर के पुराने मोहल्लों में नई पाइप लाइन बिछाने के साथ ही नलकूप लगाए जा रहे हैं। गर्मियों से पहले ऐसे मोहल्लों में पानी का संकट दूर हो जाएगा। जबकि शहर में पुरानी लाइन बदलने का प्रस्ताव शासन को भेजा गया है। लो प्रेशर की समस्या से निपटने को वॉल भी बदले जा रहे हैं।
विक्रम सिंह रावत, जलकल अभियंता ऋषिकेश

शहर की आंतरिक सड़कें खस्ताहाल

पालिका नहीं करा पा रही सड़कों का मरम्मत कार्य

ऋषिकेश।
नगरपालिका क्षेत्र गंगानगर, गुल्हाटी प्लाट, गोविंद नगर, संयुक्त बस अड्डा, शांतिनगर आदि क्षेत्रों की आंतरिक सड़कें पिछले कई सालों से खस्ताहाल बनी हुई हैं। लोग सड़कों पर हिचकोले खाने को मजबूर हैं। यही नहीं रात्रि के समय सड़क पर बने गड्ढे लोगों को चोटिल कर रहे हैं। लेकिन पालिका प्रशासन समस्या की ओर ध्यान देने की जरूरत तक नहीं समझ रही। पिछले कई सालों से सड़कों का मरम्मत कार्य नहीं हो पाया है। लोगों की शिकायत के बावजूद भी पालिका सड़कों का मरम्मत कार्य नहीं कर पाया है। पालिका की हीलाहवाली का खामियाजा लोगों को भुगतना पड़ रहा है।

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स्थानीय गोविंद सिंह, भरत सिंह, शरण सिंह पंवार, सोबन सिंह आदि का कहना है कि पालिका को समस्या के बाबत अवगत किया जा चुका है। लेकिन पालिका हर बार बजट का रोना आ रही है। समस्या से निजात नहीं मिली तो उग्र आंदोलन होगा।