बसंतोत्सव में रक्तदान कर 219 रक्तदाताओं ने कमाया पुण्य

ऋषिकेश बसंतोत्सव समिति में भरत मंदिर परिवार की ओर से लगाए गए रक्तदान शिविर का शुभारंभ भारत माता मंदिर के महंत ललितानन्द महाराज ने किया। जिसमें भरत मंदिर के महंत वत्सल प्रपन्नाचार्य महाराज, स्कूल सोसाइटी के सचिव हर्षवर्धन शर्मा, पार्षद राजेंद्र प्रेम सिंह बिष्ट, पूर्व पालिकाध्यक्ष दीप शर्मा, वरुण शर्मा, शंकराचार्य परिषद के प्रदेश अध्यक्ष पंडित रवि शास्त्री मौजूद रहे।

रक्तदान शिविर में अहम भूमिका निभाने वाले रक्तदाता राजेंद्र प्रेम सिंह बिष्ट ने कहा कि हमें रक्तदान से कभी पीछे नहीं हटना चाहिए। एक व्यक्ति का रक्त दान चार व्यक्तियों की जान बचाता है, क्योंकि इसमें से लाल रुधिर कण, सफेद रुधिर कण ,प्लेटलेट्स और प्लाज्मा आवश्यकतानुसार मरीजों को दिया जाता है साथ ही उनका लक्ष्य है कि रक्त की कमी से कभी किसी की मृत्यु ना हो।
ब्लड डोनेशन शिविर में करीब 265 लोगों ने पंजीकृत करवाया। जिसमें 219 लोगों को रक्तदान के लिए उपयुक्त पाया गया। एम्स ऋषिकेश, हिमालय हॉस्पिटल की टीमों ने ब्लड डोनेशन में प्रतिभाग किया। डॉक्टरों की टीम में एचओडी डॉ मनीष रतूड़ी, डॉ तृप्ति, केसी जोशी, आदित्य, वीर, भूपेश पंत, डा. आशीष जैन डा. सत्येंद्र मोहन, डा. वैदेही रंजन मुखर्जी, दीक्षा, दिनेश चंद्र, विनोद थपलियाल, अंजना रोशन, रीता ने सहयोग किया।

रक्तदान शिविर में 115 जॉलीग्रांट और 104 यूनिट एम्स ऋषिकेश के द्वारा एकत्र की गई। ऋषिकेश वसंतोत्सव शिविर में प्रधानाचार्य मेजर गोविंद सिंह रावत, प्रधानाचार्य धीरेंद्र जोशी, पूर्व प्रधानाचार्य दिवाकर भानु प्रताप सिंह रावत, युवा नेता निखिल बार्थवाल, पार्षद विपिन पंत, पार्षद विजेंद्र मोगा, पार्षद विजय लक्ष्मी, पूर्व राज्य मंत्री विजय सारस्वत, पार्षद लव कांबोज, पार्षद राकेश मियाँ, पार्षद जॉनी, पार्षद चेतन चैहान, संजय प्रेम सिंह बिष्ट, हर्षमणि व्यास, रंजन अंथवाल, राजीव मोहन आदि उपस्थित रहे।

सीएम के सोशल मीडिया काॅर्डिनेटर ने की भरत मंदिर परिवार से शिष्टाचार भेंट

हृषिकेश नारायण श्री भरत मंदिर में आज मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के सोशल मीडिया काॅर्डिनेटर नितिन रावत पहुंचे। यहां उन्होंने भगवान श्री भरत जी के दर्शन किए। मंदिर के पुजारियों ने उन्हें भगवान भरत का आशीर्वाद स्वरूप पट्टा पहनाया। यहां के बाद नितिन रावत को श्री भरत मंदिर की ओर से वरूण शर्मा ने प्राचीन व अलौकिक शिवलिंग के दर्शन कराए। यहां नितिन रावत ने कुछ पल गुजारकर पुनः परिवार सहित आने की इच्छा जताई। वरूण शर्मा ने सीएम के सोशल मीडिया काॅर्डिनेटर नितिन रावत को हृषिकेश का पौराणिक महत्व बतलाया। साथ ही मंदिर को लेकर लोगों में आस्था से भी रूबरू कराया।

इसके बाद श्री भरत मंदिर के महंत वत्सल शर्मा ने उन्होंने शिष्टाचार भेंट की। दोनों के बीच काफी देर तक सामाजिक कार्यों को लेकर वार्ता भी हुई। नितिन रावत ने श्री भरत मंदिर सोसाइटी की ओर से किए जा रहे कार्यों की प्रशंसा भी की। यहां के बाद नितिन रावत ने मंदिर परिसर पर स्थित म्जूजियम का भी रूख किया। श्री भरत मंदिर की ओर से वरूण शर्मा ने उन्हें एक-एक शिलालेख की विस्तार से जानकारी दी। यहां के बाद नितिन रावत अन्यत्र जगह के लिए रवाना हुए।

बसंतोत्सव 12 फरवरी से लेकर 16 फरवरी तक

श्री भरत मंदिर के सभागार में हृषिकेश बसंतोत्सव 2021 को लेकर आज एक महत्वपूर्ण बैठक का आयोजन किया गया। जिसमें सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि बसंतोत्सव 12 फरवरी से लेकर 16 फरवरी तक मनाया जाएगा।
गौरतलब है कि इस बार बसंतोत्सव को कोरोना महामारी के अनुसार समाज हित में उपयोगी बनाने को लेकर विशेष ध्यान दिया गया। जिसमें रोटरी क्लब एवं मारवाड़ी युवा मंच के द्वारा 12, 13, 14 फरवरी को दिव्यांग व्यक्तियों को आवश्यकता अनुसार कृत्रिम अंग वितरित किए जाएंगे। साथ ही 12, 13, 14 फरवरी को आयुर्वेद चिकित्सकों के द्वारा स्वास्थ्य परीक्षण शिविर का आयोजन भी किया जाएगा। जिसमें कोविड-19 से बचने के उपाय और प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत करने के बारे में जागरूक भी किया जाएगा। वहीं, आमजन को रक्त की कमी ना हो इसके लिए 15 फरवरी को रक्तदान शिविर का आयोजन किया जाएगा। रोटरी क्लब ऋषिकेश के द्वारा ऑनलाइन कला प्रतियोगिता भी कराई जाएगी।
इस अवसर पर श्री भरत मंदिर स्कूल सोसायटी के सचिव हर्षवर्धन शर्मा जी, महंत वत्सल प्रपन्नाचार्य महाराज, दीप शर्मा, विनय उनियाल, वरुण शर्मा, मेजर गोविंद सिंह रावत प्रधानाचार्य श्री भरत मंदिर इंटर कॉलेज, पार्षद राजेन्द्र प्रेमसिंह बिष्ट, राकेश मियां, डॉ डीके श्रीवास्तव, सीमा सक्सेना, डॉ. जी एच अरोड़ा, धीरेंद्र जोशी, बचन पोखरियाल, श्रीकांता शर्मा, अंजू रस्तोगी, विमला रावत, विजय लक्ष्मी शर्मा, राधा रमोला, रवि शास्त्री, चंद्रशेखर शर्मा, जितेंद्र बिष्ट, लखविंदर सिंह, चेतन शर्मा, अशोक रस्तोगी, रंजन अंथवाल आदि उपस्थित रहे।

ऋषिकेश के द्वितीय महंत अशोक प्रपन्नाचार्य का निधन, शोक की लहर

(एनएन सर्विस)
आज प्रात: 7:30 बजे श्री भरत मन्दिर के महन्त अशोक प्रपन्नाचार्य महाराज ने अतिंम सांस ली। उनके देहावसान की खबर से पूरे शहर में शोक की लहर दौड़ गयी। शहर के साथ ही देहरादून और अन्य स्थानों से लोगो ने उनके आवास पहुचकर परिवार को सान्त्वना दी। शहर के कई व्यापारियों ने अपने अपने प्रतिष्ठानों को बंद कर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की।
आपको बता दे कि श्री महन्त का जन्म 10 फ़रवरी 1942 को तत्कालीन महंत परशुराम जी के घर उनके बेटे ज्योति प्रसाद शर्मा के यहा हुआ। अशोक प्रपन्नाचार्य परिवार में बड़े पुत्र थे उनसे बड़ी एक बहन व छोटी बहन व छोटे भाई श्री हर्षवर्धन शर्मा हैं। उनके दादा श्री भरत मन्दिर के गद्दी नसीन मंहन्त परशुराम जी महाराज जोकि नगर पालिका परिषद ऋषिकेश के प्रथम अध्यक्ष भी रहे। उनके पश्चात अशोक प्रपन्नाचार्य श्री भरत मन्दिर ऋषिकेश की गद्दी वर्ष 1956 में शुषोभित हुए। इसके साथ ही श्री भरत मन्दिर द्वारा संचालित शिक्षण संस्थाओं श्री भरत मन्दिर इण्टर कॉलेज, श्री भरत मन्दिर संस्कृत महाविद्यालय, ज्योति विशेष विद्यालय के साथ ही उत्तराखंड एवं अन्य स्थानों की धार्मिक एवं शैक्षणिक संस्थाओं के संचालन व संवर्द्धन में सराहनीय भूमिका रही।
अशोक प्रपन्नाचार्य श्री भरत मंदिर एजुकेशन सोसाइटी व शिक्षण संस्थाओं के संचालक मंडल के अध्यक्ष पद पर सुशोभित रहे।
पंडित ललित मोहन शर्मा राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय, शान्तिप्रपन्न शर्मा राजकीय चिकित्सालय ऋषिकेश व कई अन्य संस्थाओं को वृहत्तर भूखंड प्रदान कर क्षेत्र के युवाओं के लिए उच्च शिक्षा के प्रवेश द्वार खोले व नगरीय क्षेत्र के साथ गढ़वाल के नागरिकों की स्वास्थ्य सुविधाओं के संवर्धन में महत्वपूर्ण योगदान रहा।
वर्ष 1962 के भारत चीन युद्ध में भारतीय सेनाओं को शिविर कैम्प संचालित करने के लिये महन्त अशोक प्रपन्नाचार्य ने श्री भरत मन्दिर इण्टर कॉलेज के विशाल प्रांगढ को प्रदान करने के साथ ही रायवाला में सेना को छावनी बनाने का सुझाव प्रदान किया था।
स्वाधीनता संग्राम में भी श्री भरत मंदिर परिवार का महत्वपूर्ण योगदान रहा। महंत अशोक प्रपन्नाचार्य जी के चाचा शान्ति प्रपन्न शर्मा कई वर्षों तक उत्तर प्रदेश विधानसभा में विधायक व उत्तर प्रदेश सरकार में परिवहन, उद्योग व ऊर्जा मंत्री पद पर रहे। ऋषिकेश में आईडीपीएल की स्थापना का सुझाव तत्कालीन केन्द्र सरकार को उनके द्वारा ही प्रदान किया गया था।
स्वर्गीय मंहन्त अशोक प्रपन्न शर्मा के छोटे भाई हर्षवर्धन शर्मा क्षेत्र के सार्वजनिक, सामाजिक सेवा जीवन के साथ शिक्षण संस्थाओं के संचालन में प्रबंधकीय व्यवस्था देखते हैं।
उत्तरकाशी भूकंप,केदारनाथ आपदा व कोरोना महामारी में लॉक डाउन के दौरान स्व० मंहन्त जी व उनके परिवार द्वारा राहत कार्यों में बड़े स्तर सहायता प्रदान की।
स्वर्गीय मंहन्त अपने पीछे भरा पूरा परिवार छोड़ गए हैं आपके दो पुत्र वत्सल शर्मा व वरुण शर्मा हैं। वे भी सामाजिक, शिक्षण संस्थाओं व धार्मिक संस्थाओं के संचालन व संवर्धन में सक्रिय हैं। उनके परिवार के सदस्यों ने बताया कि अशोक प्रपन्नाचार्य महाराज विगत कुछ दिनों से अस्वस्थ चल रहे थे, उनका अंतिम संस्कार ऋषिकेश चंद्रेश्वर घाट मुक्ति धाम पर अपराह्न 3 बजे सम्पन्न होगा।