सभी जिलास्तरीय टास्क फोर्स सिंगल यूज प्लास्टिक पर लगे प्रतिबंध को लागू करेंः मुख्य सचिव

मुख्य सचिव डॉ.एस.एस. संधु की अध्यक्षता में सिंगल यूज प्लास्टिक के प्रयोग को रोकने के हेतु गठित स्पेशल टास्क फोर्स की तृतीय बैठक आयोजित हुई। बैठक के दौरान, मुख्य सचिव ने कहा कि सिर्फ सिंगल यूज प्लास्टिक ही नहीं, बल्कि हर प्रकार के प्लास्टिक के प्रयोग को हतोत्साहित करने के लिए एवं आमजन में जागरूकता फैलाने के लिए विशेष कदम उठाए जाने चाहिए।

मुख्य सचिव ने कहा कि सभी जिलास्तरीय टास्क फोर्स को एक्टिव मोड पर रखते हुए सिंगल यूज प्लास्टिक पर लगे प्रतिबन्ध को लागू करवाया जाए। इसके उद्योग से जुड़े लोगों और व्यापारियों को भी शामिल करते हुए प्लास्टिक के प्रयोग को रोकने के प्रयास किए जाएं। उन्होंने कहा कि जानकारी के अभाव में कि कौन से प्लास्टिक बैन हैं, कौन से नहीं इस पर छोटी-छोटी वीडियो क्लिप्स के माध्यम से जानकारी आमजन और व्यापारियों को दी जाए। उन्होंने स्कूलों को भी इस अभियान में शामिल किए जाने की बात कही। कहा कि बच्चों को इसके दुष्प्रभावों की जानकारी देकर अपने परिजनों को इसके नुकसान के प्रति जागरूक किया जाए।

मुख्य सचिव ने निर्देश दिए कि प्लास्टिक के प्रयोग को रोकने के लिए प्लास्टिक के विकल्प को बढ़ावा दिया जाए। इसके लिए स्वयं सहायता समूहों को शामिल करते हुए योजनाएं तैयार की जाएं। उन्होंने निर्देश दिए कि प्लास्टिक के क्या-क्या विकल्प हो सकते हैं, इस पर एक अध्ययन कराया जाए, ताकि इसके विकल्पों के लिए सब्सिडी देकर बढ़ावा दिया जा सके।

इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव श्री आनन्द वर्द्धन एवं प्रमुख सचिव श्री आर.के. सुधांशु, पीसीसीएफ श्री विनोद कुमार, सचिव श्री अरविन्द सिंह ह्यांकि, डॉ. पंकज कुमार पाण्डेय सहित सम्बन्धित विभागों के उच्चाधिकारी उपस्थित थे।

नगर पालिका ने छापेमारी अभियान चलाया

चारधाम यात्रा के मद्देनजर नगर पालिका मुनिकीरेती-ढालवाला ने सिंगल यूज प्लास्टिक के प्रयोग और कूड़ा फैलाने वालों के खिलाफ कार्रवाई की। इस दौरान 12 चालान काटकर 2900 रुपये का जुर्माना वसूला गया।
पालिकाध्यक्ष रोशन रतूड़ी और ईओ तनवीर मारवाह के निर्देश पर मंगलवार शाम नगर पालिका के वर्क एजेंट जितेंद्र सजवाण के नेतृत्व में पालिका की क्विक रिस्पांस टीम खारास्रोत आस्था पथ पर पहुंची। यहां घाट किनारे कतार से लगी रेहड़ियों में सिंगल यूज प्लास्टिक का प्रयोग करने और आस्था पथ में कूड़ा फैलाने वालों के खिलाफ छापेमारी अभियान चलाया गया। औचक कार्रवाई से रेहड़ी विक्रेताओं में अफरा-तफरी मच गई। इस दौरान क्यूआरटी ने 12 चालान किए। कुल 2900 रुपये का जुर्माना वसूला गया। इस दौरान क्यूआरटी ने रेहड़ी विक्रेताओं से सिंगल यूज प्लास्टिक का प्रयोग न करने और कूड़ा न फैलाने की अपील भी की। टीम में ज्योति पसपोला, मनोज, प्रमोद, सतेंद्र आदि शामिल रहे।

सिंगल यूज प्लास्टिक से मुनिकीरेती पालिका ने बनवाई 18 बैंच

यदि आप सिंगल यूज प्लास्टिक कूड़े (पॉलिथीन, प्लास्टिक डिस्पोजल, बोतलें आदि) को फैलने से रोकना चाहते हैं और उसका बेहतर ढंग से उपयोग करना चाहते हैं, तो नगर पालिका परिषद मुनिकीरेती-ढालवाला से यह सीख सकते हैं। इसके तहत पालिका ने सिंगल यूज प्लास्टिक सामग्री से बैठने हेतु बैंचें बनवाई हैं, जिन्हें शीघ्र ही यहां आस्था पथ में लगाया जाएगा।
पालिकाध्यक्ष रोशन रतूड़ी ने बताया कि सिंगल यूज प्लास्टिक की रोकथाम हेतु पालिका निरंतर कार्यरत है, इसके लिए पालिका की ओर समय-समय पर अभियान चलाए जातें हैं। ईओ तनवीर मारवाह ने बताया कि पालिका को प्राप्त सिंगल यूज प्लास्टिक सामग्री के कूड़े से पालिका ने 18 बैंच और 3 टेबलों का निर्माण करवाया है, शीघ्र ही इन बैंच को बैठने हेतु आस्था पथ में लगवाया जाएगा।

सभी डीएम प्लास्टिक नुकसानदेह की जानकारी वेबसाइट और सोशल मीडिया के जरिए उपलब्ध कराएंः मुख्य सचिव


मुख्य सचिव डॉ. एस.एस. संधु ने सोमवार को सचिवालय में सिंगल यूज प्लास्टिक के प्रयोग को रोकने के हेतु गठित स्पेशल टास्क फोर्स के सम्बन्ध में बैठक की। बैठक के दौरान, मुख्य सचिव ने कहा कि प्लास्टिक का प्रयोग जहां एक तरफ स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है वहीं दूसरी ओर पर्यटन राज्य में प्लास्टिक के प्रयोग को रोकना बहुत ही महत्वपूर्ण हो जाता है। उन्होंने कहा कि प्लास्टिक के प्रयोग को रोकने के लिए विशेष प्रयास किए जाएं। उन्होंने इसके लिए आमजन में जागरूकता फैलाने के साथ ही कुछ विशेष कदम उठाए जाने की बात भी कही।

मुख्य सचिव ने प्लास्टिक बैन की शुरुवात अपने अपने कार्यालयों से शुरू करने के निर्देश देते हुए कहा कि इसकी शुरुवात सर्व प्रथम सचिवालय से ही शुरू की जाए। सभी जिलाधिकारी भी अपने अपने कार्यालयों ने इसे लागू करें।
मुख्य सचिव ने कहा सभी जिलाधिकारियों को प्लास्टिक के प्रयोग को रोकने के लिए केंद्र और राज्य द्वारा लागू पॉलिसियों का 100 प्रतिशत अनुपालन कराया जाना सुनिश्चित किया जाए। उन्होंने कहा कि प्लास्टिक बैन पर जानकारी उपलब्ध कराने वाली छोटी-छोटी वीडियो क्लिप्स के माध्यम से जानकारी का संचार किया जाए। साथ ही, व्यापारियों एवं आमजन को फोटो और वीडियो के माध्यम से बैन और अधिक नुकसानदेह प्लास्टिक की जानकारी वेबसाइट और सोशल मीडिया के माध्यम से उपलब्ध कराई जाए। इससे होने वाले दुष्प्रभावों को भी फोटो-वीडियो के माध्यम से दिखाया जाना चाहिए।
मुख्य सचिव ने निर्देश दिए कि प्लास्टिक के प्रयोग को रोकने के लिए प्लास्टिक के विकल्प को बढ़ावा दिए जाने के साथ ही, प्लास्टिक के बिजनेस को हतोत्साहित करने के लिए यदि पॉलिसीज में परिवर्तन किए जाने के आवश्यकता है तो किए जाएं। उन्होंने सभी जिलाधिकारियों को अपने अपने जनपदों को प्लास्टिक फ्री बनाने हेतु लगातार प्रयास किए जाएं।

मुख्य सचिव ने सभी जिलाधिकारियों को सड़कों के दोनों और वर्षों से जमा प्लास्टिक को हटाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि एक पर्यटन प्रदेश में सड़कों, विशेषकर ऐसी सड़कें जहां दोनों और खूबसूरत जंगल हैं, के दोनों और वर्षों से जमा प्लास्टिक पर्यटकों के मन में बहुत ही बुरी छाप छोड़ते हैं। उन्होंने सड़कों के दोनों और जमा प्लास्टिक को अगले 10-15 दिन में साफ करने के निर्देश दिए।

मुख्य सचिव ने इसे प्राथमिकता पर लेटे हुए शीघ्र से शीघ्र शुरू किए जाने के निर्देश दिए
इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव आनन्द वर्द्धन एवं सचिव दिलीप जावलकर सहित सम्बन्धित विभागों के उच्चाधिकारी उपस्थित थे।

सिंगल यूज प्लास्टिक के प्रयोग पर सीएस सख्त, दिए ये निर्देश

मुख्य सचिव डॉ. एस.एस. संधु ने शुक्रवार को सचिवालय में सिंगल यूज प्लास्टिक के प्रयोग को रोकने के हेतु गठित स्पेशल टास्क फोर्स के सम्बन्ध में बैठक की। बैठक के दौरान, मुख्य सचिव ने कहा कि पर्यावरण के लिए प्लास्टिक बहुत की घातक है, इसमें सिंगल यूज प्लास्टिक सबसे अधिक हानिकारक है। इसके प्रयोग को रोकने के लिए विशेष प्रयास किए जाएं। उन्होंने इसके लिए आमजन में जागरूकता फैलाने के साथ ही कुछ विशेष कदम उठाए जाने की बात भी कही।
मुख्य सचिव ने कहा कि सिंगल यूज प्लास्टिक के प्रयोग को रोकने के लिए अधिक से अधिक जागरूकता फैलाई जाए। उन्होंने कहा कि व्यापारियों में सिंगल यूज प्लास्टिक की जानकारी की कमी होने के कारण इसको रोकने के प्रयास कम सफल हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि कौन सा प्लास्टिक बैन है, कौन सा नहीं इस पर एक छोटी-छोटी वीडियो क्लिप्स के माध्यम से जानकारी का संचार किया जाए। साथ ही, व्यापारियों एवं आमजन को फोटो और वीडियो के माध्यम से बैन और अधिक नुकसानदेह प्लास्टिक की जानकारी वेबसाइट और सोशल मीडिया के माध्यम से उपलब्ध कराई जाए। इससे होने वाले दुष्प्रभावों को भी फोटो-वीडियो के माध्यम से दिखाया जाना चाहिए।
मुख्य सचिव ने निर्देश दिए कि प्लास्टिक के प्रयोग को रोकने के लिए प्लास्टिक के विकल्प को बढ़ावा दिया जाना चाहिए। उन्होंने निर्देश दिए कि प्लास्टिक के क्या-क्या विकल्प हो सकते हैं, इस पर एक अध्ययन कराया जाए, ताकि इसके विकल्पों के लिए सब्सिडी देकर बढ़ावा दिया जा सके। उन्होंने प्लास्टिक के विकल्प को बढ़ावा दिए जाने हेतु एक योजना तैयार किए जाने के भी निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि इस योजना में सब्सिडी के माध्यम से बढ़ावा दिया जाए, ताकि इसके विकल्प के व्यवसाय से जुड़ने को प्रोत्साहित हो सकें, और प्लास्टिक के व्यापार से जुड़े लोगों के रोजगार पर इसका प्रभाव न पड़े। उन्होंने वन विभाग की नर्सरी में भी पौधों के लिए जूट के बैग के प्रयोग की संभावनाओं को भी तलाशा जाए।
इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव आनन्द वर्द्धन एवं सचिव अमित नेगी सहित सम्बन्धित विभागों के उच्चाधिकारी उपस्थित रहे।

प्लास्टिक मुक्त दून बनाने में देहरादून वासियों का भरपूर सहयोग मिल रहाः त्रिवेन्द्र

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने मंगलवार को ‘‘पॉलीथीन मुक्त ग्रीन दून मिशन ’’ अन्तर्गत नगर निगम, देहरादून द्वारा आयोजित मानव श्रृंखला कार्यक्रम में प्रतिभाग किया। पॉलीथीन मुक्त, स्वच्छ एवं सुंदर दून बनाने के उद्देश्य से आयोजित 50 किमी की इस विशाल मानव श्रृंखला में एक लाख से अधिक लोगों ने प्रतिभाग किया।

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने मियांवाला चौक से राजपुर रोड होते हुए घंटाघर तक मानव श्रृंखला में प्रतिभाग कर रही जनता का उत्साहवर्धन किया। प्रातः 10ः00 बजे, मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत एवं मेयर देहरादून सुनील उनियाल गामा ने मानव श्रृंखला में शामिल होकर देहरादून को स्वच्छ-सुंदर एवं पॉलीथीन मुक्त बनाने के लिए जनता से आह्वान किया। इस मानव श्रृंखला में जनप्रतिनिधियों, स्वयं सेवी संस्थाओं, शासन एवं प्रशासन के अधिकारियों व कर्मचारियों तथा स्कूली बच्चों ने प्रतिभाग किया। यह मानव श्रृंखला, मियांवाला से मसूरी डायवर्जन, घंटाघर, जीएमएस रोड, सहारनपुर रोड होते हुए घंटाघर तक बनाई गई।

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कहा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी ने देश को सिंगल यूज प्लास्टिक से मुक्त करने का जो आह्वान किया है, देहरादून इसमें लीड ले चुका है। उन्होंने सभी प्रदेश वासियों को पॉलीथीन मुक्त उत्तराखण्ड बनाने में सकारात्मक सहयोग देने पर उनका आभार व्यक्त किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्लास्टिक मुक्त, स्वस्थ-सुंदर एवं ग्रीन दून बनाने के लिए सभी देहरादून वासियों का पूरा सहयोग मिल रहा है। हमने पॉलीथीन मुक्त दून बनाने का संकल्प लिया है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि आज प्लास्टिक का इस्तेमाल, सामाजिक बुराई बन गई है। मानव जीवन एवं जीव-जन्तुओं पर इसके अनेक दुष्प्रभाव पड़ रहे हैं। पॉलीथीन मुक्त देहरादून के लिए नगर निगम देहरादून द्वारा जो अभियान चलाया जा रहा है, इसके काफी अच्छे परिणाम मिल रहे हैं। प्रदेश को पॉलीथीन मुक्त बनाने के लिए जन सहयोग के साथ ही सभी को पॉलीथीन का उपयोग न करने का दृढ़ निश्चय करना होगा।

मेयर सुनील उनियाल गामा ने कहा कि स्वच्छ एवं ग्रीन दून के लिए देहरादून नगर निगम द्वारा अनेक प्रयास किये जा रहे हैं। पॉलीथीन के बहिष्कार के लिए व्यापक स्तर पर जन जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है। पिछले तीन माह में जन जागरूकता से देहरादून में पॉलीथीन के उपयोग में 70 प्रतिशत कमी आयी है। जन सहयोग से जल्द ही देहरादून को पूर्ण रूप से सिंगल यूज प्लास्टिक से मुक्त किया जायेगा।

सिंगल यूज प्लास्टिक इस्तेमाल न करे प्रदेश की जनताः सीएम

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने की प्रदेश वासियों से सिंगल यूज प्लास्टिक इस्तेमाल नहीं करने की अपील की है। उन्होंने प्रदेश वासियों से सिंगल यूज प्लास्टिक का उपयोग बन्द करने की अपील की है। इसके प्रति जन जगरूकता के लिये देहरादून में 5 नवम्बर को बनायी जा रही मानव श्रृंखला में अपनी भागीदारी सुनिश्चित करने का भी उन्होंने आम जनता से अनुरोध किया है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि 50 कि.मी. लम्बी इस मानव श्रृंखला में लगभग एक लाख लोग सम्मिलित होंगे। इसमें स्कूली छात्र, कर्मचारी, व्यापारी, सभी सामाजिक एवं नागरिक संगठनों द्वारा भागीदारी सुनिश्चित की जायेगी। यह श्रृंखला मियांवाला से मसूरी डायवर्जन, घंटाघर, जीएमएस रोड, सहारनपुर रोड होते हुए फिर घंटाघर तक बनायी जायेगी।

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि हम जिस सिंगल यूज प्लास्टिक का उपयोग कर रहे हैं इससे अनेक बीमारियां पैदा हो रही हैं। यह मानव मात्र के लिए ही नहीं अपितु पशुओं एवं समुद्री जीवों के लिये भी यह हानिकारक है। उन्होंने कहा कि इसके दुष्प्रभाव से जंगली जानवर भी पीड़ित होने लगे हैं। हाथी के पेट में भी प्लास्टिक पहुंचना हमारे लिए चिन्ता का विषय है। उन्होंने कहा कि पालीथीन से बरसात में नालियां जाम हो जाती हैं, जिससे जल भराव की स्थिति पैदा होने के साथ ही तमाम अन्य समस्याएं उत्पन्न हो रही हैं। उन्होंने समाज के व्यापक हित में सिंगल यूज प्लास्टिक का इस्तेमाल नहीं करने का संकल्प लेने की सभी से अपेक्षा की है।

अगले वर्ष हरेला पर्व पर पूरे राज्य में एक ही दिन पौधारोपण होगा

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने शुक्रवार को सचिवालय में पॉलिथीन मुक्त ग्रीन दून हेतु सचिवालय के अधिकारियों की जन जागरूकता रेली को फ्लैग ऑफ किया। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि पॉलिथीन मुक्ति एवं पर्यावरण संरक्षण के लिए जन जागरूकता जरूरी है। सचिवालय के अधिकारियों व कर्मचारियों द्वारा पॉलिथीन मुक्त ग्रीन दून हेतु जनजागरूकता के लिए जो पैदल यात्रा की जा रही है, इसके आने वाले समय में अच्छे परिणाम मिलेंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि 05 नवम्बर को देहरादून को प्लास्टिक मुक्त बनाने के लिए जो मानव श्रृंखला बनाई जाएगी। यह मानव श्रृंखला 50 किमी की होगी, इसमें एक लाख से अधिक लोग प्रतिभाग करेंगे। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सिंगल यूज प्लास्टिक मुक्त भारत के लिए देशवासियों से जो आह्वान किया है, इसमें हम सभी को अपनी भागीदारी सुनिश्चित करनी होगी।

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि 16 जुलाई, 2020 को हरेला पर्व के अवसर पर पूरे राज्य में एक ही दिन पौधरोपण किया जायेगा। हमारा प्रयास है कि इसके बाद हर हरेला पर्व पर सिर्फ एक घण्टे में पूरे प्रदेश में पौधरोपण हो। पर्यावरण संरक्षण एवं स्वच्छता पर व्यापक स्तर पर जन जागरूकता की जरूरत है। इसके लिए स्कूलों में प्रति सप्ताह स्वच्छता व पॉलीथीन मुक्ति पर 05 मिनट का उद्बोधन हो। आज प्लास्टिक का इस्तेमाल सामाजिक बुराई बन गई है। पॉलिथीन मुक्त देहरादून के लिए नगर निगम देहरादून द्वारा जो अभियान चलाया जा रहा है, इसके काफी अच्छे परिणाम मिल रहे हैं, देहरादून को जल्द ही पूर्णतः पॉलिथीन मुक्त करने के लिए जन सहयोग जरूरी है।

मेयर सुनील उनियाल गामा ने कहा कि देहरादून से प्लास्टिक को हमेशा समाप्त करने के लिए नगर निगम द्वारा व्यापक स्तर पर जन जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है। इसके परिणाम स्वरूप प्लास्टिक के उपयोग में 50 से 60 प्रतिशत तक की कमी आई है। जन सहयोग से जल्द देहरादून को पूर्ण रूप से प्लास्टिक मुक्त किया जाएगा।