ड्रॉन के क्षेत्र में विभिन्न प्रशिक्षण कार्यक्रम संचालित किए जाने चाहिएः सीएस

मुख्य सचिव डॉ. एस.एस. संधु ने मंगलवार को सचिवालय में स्वास्थ्य विभाग और कौशल विकास विभाग के अधिकारियों के साथ द्वितीय मुख्य सचिव सम्मेलन के बिन्दुओं के अनुपालन की समीक्षा की। बैठक के दौरान मुख्य सचिव ने सम्मेलन के बिन्दुओं का अनुपालन सुनिश्चित किए जाने के निर्देश देते हुए टाईमलाइन निर्धारित किए जाने के निर्देश दिए।

मुख्य सचिव ने कहा कि पोषण मिशन को सफल बनाने के लिए व्यवहारिक कदम उठाए जाएं। उन्होंने विभाग द्वारा संचालित विभिन्न कार्यक्रमों में अधिक से अधिक तकनीक का प्रयोग किए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि विभिन्न कार्यक्रमों के अन्तर्गत विभिन्न मोबाईल ऐप के बजाय सभी ऐप्स को इंटीग्रेट कर एक ऐप तैयार किया जाए। मुख्य सचिव ने स्वास्थ्य विभाग को महिलाओं के प्रसव पूर्व और प्रसव के उपरान्त आवश्यक विभिन्न जानकारियों के सम्बन्ध में जागरूक करने हेतु वीडियो बनाकर सभी अस्पतालों में प्रदर्शित की जाए। इसके साथ ही विभिन्न रोगों और उनसे बचाव के सम्बन्ध में भी छोटी-छोटी वीडियो बनाकर प्रदर्शित करने की व्यवस्था की जाए।

मुख्य सचिव ने कौशल विकास विभाग को निर्देश दिए कि सभी औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों के छात्रों को उद्योगों के माध्यम से प्रशिक्षण दिलाया जाए। उन्होंने कहा कि सभी छात्र-छात्राओं को इंडस्ट्री में भेजकर एक माह के प्रशिक्षण हेतु योजना तैयार की जाए। इसके लिए विभिन्न उद्योगों से समझौते किए जाएं। इस दौरान छात्रों के रूकने की व्यवस्था विभाग द्वारा करायी जाए। मुख्य सचिव ने कहा कि छात्र-छात्राओं का 50-60 प्रतिशत से अधिक प्रशिक्षण उद्योगों के माध्यम से होना चाहिए। उन्होंने कहा कि ड्रॉन के क्षेत्र में काफी सम्भावनाएं हैं। ड्रॉन के क्षेत्र में विभिन्न प्रशिक्षण कार्यक्रम संचालित किए जाने चाहिए। उन्होंने अधिकारियों को सभी कार्यक्रमों की पोर्टल बेस्ड मॉनिटरिंग किए जाने के भी निर्देश दिए।

इस अवसर पर सचिव आर. राजेश कुमार एवं विजय कुमार यादव सहित सम्बन्धित विभागों के उच्चाधिकारी उपस्थित थे।

प्रदेश के युवाओं को विदेश में प्लेसमेंट के ट्रेनिंग के संबंध में हुई बैठक

मुख्य सचिव डॉ. एस. एस. संधु ने प्रदेश के युवाओं को विदेश में प्लेसमेंट के ट्रेनिंग के सम्बन्ध में कौशल विकास विभाग के साथ बैठक की। इस अवसर पर मुख्य सचिव ने कहा कि प्रदेश के युवाओं को विभिन्न प्रकार के ऐसे ट्रेड्स में प्रशिक्षण प्रदान किए जाने की आवश्यकता है, जिसमें निपुण होने के बाद युवा राज्य ही नहीं बल्कि देश – विदेश में नौकरी पाने के काबिल हो सके।

मुख्य सचिव ने कहा कि प्रदेश में योग, नर्सिंग और हॉस्पिटैलिटी के क्षेत्र में प्रशिक्षित युवाओं की बहुत अधिक संख्या है। यह ऐसा क्षेत्र है जहां प्रदेश में पहले से ही प्रशिक्षित युवा हैं। उन्होंने कहा कि अपने युवाओं को सिर्फ प्रदेश ही नहीं बल्कि देश और विदेश में भी प्रशिक्षण के बाद प्लेसमेंट दिलाए जाने हेतु योजना तैयार की जाए। उन्होंने कहा कि जापान और जर्मनी आदि देशों में योग प्रशिक्षकों, हॉस्पिटैलिटी, नर्सिंग केयर, बुजुर्गों की देखभाल आदि के क्षेत्र में प्रशिक्षित लोगों की बहुत अधिक मांग रहती है। उन्होंने कहा कि विदेशों में कार्य करने के इच्छुक युवाओं को इस सम्बन्ध में प्रशिक्षण आदि उपलब्ध कराकर देश विदेश में प्लेसमेंट की दिशा में बहुत तेजी से काम किए जाने की आवश्यकता है।

मुख्य सचिव ने प्रदेश में दून विश्वविद्यालय सहित अन्य विदेशी भाषाओं को सिखाने वाले संस्थानों को इस दिशा में सरकार के साथ कार्य करने बात कही। उन्होंने युवाओं को प्रशिक्षण के लिए होने वाले खर्च पर इंटरेस्ट सब्वेंशन दिए जाने की भी बात कही। उन्होंने कहा कि इसके लिए एक ट्रेनिंग मॉड्यूल तैयार किया जाए। मुख्य सचिव ने सचिव कौशल विकास को विदेशों में रोजगार के अवसर और सुविधा प्रदान किए जाने के लिए राज्य के युवाओं की श्रेष्ठतम वर्कफोर्स तैयार करने की दिशा में कार्य किए जाने निर्देश दिए।

सचिव कौशल विकास विजय कुमार यादव ने बताया कि विदेशों में विशेषकर जापान में योग प्रशिक्षकों, बुजुर्गों की देखभाल, नर्सिंग, हॉस्पिटैलिटी आदि के क्षेत्र में बहुत अधिक मांग है। जापान में इसके तहत स्पेसिफाइड स्किल्ड वर्कर्स की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि इस दिशा में प्रयास किए जा रहे हैं कि उत्तराखंड के युवाओं को विदेशों में रोजगार के अवसर प्राप्त हों। विदेशों में योग प्रशिक्षकों और नर्सिंग केयर की अत्यधिक मांग को देखते हुए इस पर फोकस किया जा रहा है।

इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव आनन्द बर्द्धन, सचिव कौशल विकास विजय कुमार यादव, अपर सचिव नियोजन रोहित मीणा सहित अन्य उच्चाधिकारी उपस्थित थे।

वेबिनार के जरिए सीएम ने पीएचडी चौंबर ऑफ कॉमर्स व अन्य विषय पर विशेषज्ञों से की चर्चा

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कौशल विकास विभाग के सहयोग से पीएचडी चौंबर ऑफ कामर्स द्वारा तैयार की गई स्किल स्टडी रिपोर्ट का विमोचन किया। मुख्यमंत्री ने वेबिनार के माध्यम से पीएचडी चौम्बर ऑफ कॉमर्स के पदाधिकारियों एवं विषय विशेषज्ञों से कौशल विकास से सम्बन्धित विषयों पर चर्चा की। इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री डॉ. हरक सिंह रावत भी उपस्थित थे।

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि प्रदेश की विशेष भौगोलिक परिस्थिति के अनुसार राज्य के युवाओं को विलुप्त हो रहे पारम्परिक कलाओं एवं कौशल के क्षेत्र में अधिक दक्ष बनाये जाने की जरूरत है। राज्य में जैविक कृषि, काष्ठ कला, पारम्परिक आभूषण, योगा एवं आयुर्वेद, मधुमक्खी पालन, बांस व रिंगाल के उत्पाद, मशरूम एवं पुष्प खेती के क्षेत्र में भी युवाओं को कौशल प्रशिक्षण देकर उन्हें स्वरोजगार के लिये प्रेरित किया जाए। मुख्यमंत्री ने पीएचडी चौम्बर ऑफ कामर्स द्वारा तैयार की गई कौशल विकास से सम्बन्धित स्किल स्टडी रिपोर्ट को राज्य के युवाओं एवं उद्योगों के हित में बताया है। उन्होंने कहा कि इस से उद्योगों के अनुकूल दक्ष मानव संसाधन की उपलब्धता एवं युवाओं को अपने को उद्योगों के अनुकूल दक्षता हासिल करने में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि इस प्रकार के आयोजन आपसी विचारों, अनुभवों एवं आवश्यकताओं के नये आयामों पर चर्चा करने में भी मददगार होते हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में हुए इन्वेस्टर समिट में देश के प्रमुख उद्यमियों ने प्रतिभाग किया। 1.25 लाख करोड़ के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए थे, जिसमें से 24 हजार करोड़ की ग्राउन्डिंग अब तक हो चुकी है। यह हमारे छोटे राज्य के लिये बड़ी बात है। उत्तराखण्ड के देश व विदेशों में अधिकांश लोग होटल व्यवसाय से जुड़े हैं। प्रदेश में वापस लौटे लोगों की दक्षता का आकलन कर उन्हें स्वरोजगार के लिए प्रेरित करने में पीएचडी चौम्बर ऑफ कामर्स सहयोगी बनें। यहां के परम्परागत उत्पादों को बढ़ावा मिले। हमारा प्रदेश आर्गेनिक प्रदेश बने। इसके लिये कौशल विकास के द्वारा युवाओं को दक्ष बनाना होगा। राज्य में मेडिकल, आयुर्वेद व हर्बल इंडस्ट्री को बढ़ावा देना होगा। उत्तराखण्ड आयुर्वेद के जनक चरक की भूमि है। संजीविनी का यह क्षेत्र है। 71 प्रतिशत वन तथा 28 प्रतिशत जैव विविधता यहां है। उन्होंने कहा कि हमारे युवाओं को रोजगार मिले तथा वे स्वरोजगार अपनायें, इसके लिये उन्हें प्रशिक्षण के साथ ही उचित मार्ग दर्शन दिये जाने की जरूरत है। उन्होंने भी विभिन्न क्षेत्रों में दक्षता विकास के आंकलन को प्रदेश के लिये उपयोगी बताया।

अपर सचिव एवं प्रोजेक्ट हेड उत्तराखण्ड स्किल मिशन डॉ. इकबाल अहमद ने कहा कि कोविड- 19 महामारी के दृष्टिगत राज्य में लौटे प्रवासियों को कौशल प्रशिक्षण तथा रोजगार-स्वरोजगार के तहत मई 2020 में राज्य सरकार द्वारा होप पोर्टल निर्मित किया गया है। इस पोर्टल पर अब तक 20,000 युवाओं द्वारा पंजीकरण कराया जा चुका है साथ ही नियोजकों द्वारा 2200 रिक्तियाँ भी पोर्टल पर अपलोड की गई है। विभाग द्वारा पोर्टल पर पंजीकृत युवाओं को रिक्तियों के सापेक्ष रोजगार के अवसरों से जोड़े जाने हेतु विभाग द्वारा निरन्तर प्रयास किये जा रहे हैं, जिस हेतु एक कॉल सेन्टर भी स्थापित किया गया है।