मुख्यमंत्री ने उच्च शिक्षा के एनएसई की गौरव योजना का किया शुभारंभ

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मुख्यमंत्री आवास सभागार में उच्च शिक्षा विभाग के अन्तर्गत छात्रों एवं युवाओं के कौशल विकास हेतु नेशनल स्टॉक एक्सचेंज की गौरव योजना और मुख्यमंत्री उच्च शिक्षा शोध प्रोत्साहन योजना एवं शोध अनुदान वितरण का शुभारंभ किया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि इन योजनाओं से उच्च शिक्षा में शोध को एक नई दिशा मिलेगी। उच्च शिक्षण संस्थाओं का गुणात्मक विकास होगा और नवाचार को बढ़ावा मिलेगा।

बैठक में बताया गया कि उच्च शिक्षा शोध प्रोत्साहन योजना एवं शोध अनुदान वितरण के अन्तर्गत प्राप्त हुये 500 शोध प्रस्तावों में से चयनित 44 शोध प्रस्तावों के लिये लगभग तीन करोड़ छियासठ लाख रूपये की शोध अनुदान राशि स्वीकृत की गयी है। इसकी प्रथम किश्त के रूप में लगभग एक करोड़ तिरासी लाख रूपये की अनुदान धनराशि सीधे डी0बी0टी0 के माध्यम से हस्तांतरित की गयी है।

युवा महोत्सव में अधिक से अधिक युवाओं को प्रतिभाग कराना प्राथमिकता

मुख्य सचिव डॉ.एस.एस. संधु ने सचिवालय में राज्य में युवाओं के लिए विभिन्न क्षेत्रों में संचालित योजनाओं की जानकारी युवाओं तक पहुँचाने हेतु आयोजित किए जा रहे युवा महोत्सव-2023 की तैयारियों के सम्बन्ध में बैठक आयोजित की। कौशल विकास विभाग अक्टूबर माह के प्रथम सप्ताह में युवा महोत्सव आयोजित करने जा रहा है। इस महोत्सव के माध्यम से राज्य सरकार के सभी विभाग अपनी कौशल विकास और रोजगारपरक योजनाओं को युवाओं के समक्ष रखेंगे। इस महोत्सव के दौरान सभी विभाग युवाओं के लिए अपने स्टॉल लगाएंगे, युवाओं के लिए काउंसलिंग सेशन और प्रशिक्षण शिविर आयोजित करेंगे। मुख्य सचिव ने अधिकारियों को युवा महोत्सव गढ़वाल एवं कुमाऊँ दोनों मंडलों में आयोजित किए जाने के निर्देश दिये।
मुख्य सचिव ने राज्य के युवाओं हेतु संचालित विभिन्न योजनाओं की जानकारी अधिक से अधिक युवाओं तक पहुँचाने हेतु प्रत्येक जनपद में इसका लाइव टेलीकास्ट किए जाने के भी निर्देश दिये। इसके लिए शिक्षा विभाग की प्रदेशभर संचालित 500 वर्चुअल कक्षाओं को भी उपयोग में लाया जाए। उन्होंने कहा कि युवाओं को उचित एवं पूर्ण जानकारी मिल सके इसके लिये विशेषज्ञों को भी इसमें शामिल किया जाए। उन्होंने विभिन्न विभागों द्वारा लगायी जाने वाली प्रदर्शनियों को भी अधिक से अधिक समय तक लगाए जाने के निर्देश भी दिये, ताकि अधिक से अधिक युवा लाभान्वित हो सकें। इसके साथ ही मुख्य सचिव द्वारा प्रदेश के विद्यालयों में संचालित 500 वर्चुअल कक्षाओं को विभिन्न प्रकार की काउंसलिंग, व्याख्यान और जानकारियों को छात्र छात्राओं तक पहुँचाने हेतु नियमित रूप से उपयोग में लाए जाने के भी निर्देश दिये गए।
मुख्य सचिव ने कहा कि युवाओं को आगे भी राज्य सरकार द्वारा संचालित विभिन्न लाभकारी योजनाओं की जानकारी मिलती रहे इसके लिए मोबाइल ऐप भी तैयार किया जाए। सभी विभागों द्वारा संचालित ऐसी योजनाओं की जानकारी इस ऐप में उपलब्ध हो, यह सुनिश्चित किया जाए। उन्होंने सभी विभागाध्यक्षों को अपने विभागों द्वारा संचालित योजनाओं की पूर्ण जानकारी शीघ्र उपलब्ध कराए जाने के भी निर्देश दिये।
बैठक में बताया गया कि वर्ष 2019 में आयोजित युवा महोत्सव में क़रीब 10 हजार युवाओं ने प्रतिभाग किया। सेक्टोरियल पंडालों में सभी विभागों द्वारा अपने अपने क्षेत्र के अन्तर्गत संचालित कार्यक्रमों का प्रस्तुतीकरण किया जाएगा।
इस अवसर पर सचिव डॉ. बी.वी.आर.सी पुरुषोत्तम, विनोद कुमार सुमन, विजय कुमार यादव, वी. षणमुगम, विनय शंकर पाण्डेय, अपर सचिव अहमद इकबाल एवं योगेन्द्र यादव एवं संयुक्त निदेशक सूचना नितिन उपाध्याय सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।

श्रेष्ठ समाज के निर्माण में शिक्षा की महत्वूपर्ण भूमिका-धामी

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने खटीमा पहुंचकर शिक्षा भारती आदर्श स्कूल के वार्षिक समारोह का शुभारम्भ किया। उन्होने शिक्षा भारती आदर्श स्कूल के वार्षिक समारोह के शुभ अवसर पर सभी को हार्दिक शुभकामनाएं दी। उन्होंने कहा कि आशा करता हूं कि ये संस्थान सफलता के नित-नए आयाम स्थापित करेगा। उन्होने कहा आप लोगों के बीच आकर वे, अपने छात्र-जीवन की स्मृतियों में पहुंच गये हैं। बचपन का वो समय, वो दौर अलग ही था, रोज लगता था, हम ये बनेंगे हम वो बनेंगे आप लोगों को भी लगता होगा।
मुख्यमंत्री ने कहा हमारी संस्कृति में शिक्षा ग्रहण करने का अर्थ केवल किताबी ज्ञान अर्जित करने तक सीमित नहीं है, यह एक ऐसी यात्रा है जिसमें हम स्वयं की और अपने अस्तित्व की खोज करते हैं। एक व्यक्ति के रूप में हमारे सर्वांगीण विकास और एक श्रेष्ठ समाज के निर्माण में शिक्षा सबसे महत्वपूर्ण तत्व है। उन्होंने कहा कि एक व्यक्ति बचपन में जिस प्रकार की शिक्षा और संस्कार प्राप्त करता है उसी से उसका चरित्र निर्माण होता है। हम अपना कैसा कल चाहते हैं इसके लिए हमें अपने आज पर काम करना होगा और हमारा भविष्य कैसा होगा, यह हमारा वर्तमान तय करेगा।
मुख्यमंत्री ने कहा यह अपार हर्ष का विषय है कि इस स्कूल में आज उस भविष्य को गढ़ा जा रहा है जो कल के उत्कृष्ट उत्तराखंड और नए भारत का आधार बनेगा। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में आज नए भारत का निर्माण हो रहा है, जिसके अंतर्गत देश में अभूतपूर्व विकास कार्य किए जा रहे हैं। वर्ष 2020 में प्रधानमंत्री द्वारा वर्तमान समय के अनुसार बनाई गई नई शिक्षा नीति को हमारे सम्मुख रखा गया, जिस पर राज्य द्वारा तत्परता से कार्य किया गया। नई शिक्षा नीति से स्कूली शिक्षा और उच्च शिक्षा को नए आयाम प्राप्त होंगे, इससे सभी वर्ग के लोगों को समानता के आधार पर शिक्षा प्राप्त करने के अवसर भी मिलेंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा स्कूली स्तर पर ’’कौशल विकास’’ से युवा कुशलता के साथ कार्य करने में सक्षम होंगे। नई शिक्षा नीति के माध्यम से रोजगार परख शिक्षा मिलेगी, साथ ही प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए अलग से तैयारी नहीं करनी पड़ेगी, साथ ही इससे शोध एवम् अनुसंधान को बढ़ावा मिलेगा तथा देश को विकसित राष्ट्र बनाने में नई शिक्षा नीति कारगर साबित होगी। उत्तराखंड देश का प्रथम राज्य है जिसने स्कूली शिक्षा में नई शिक्षा नीति को लागू किया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार वर्ष 2025 तक उत्तराखण्ड को देश का सर्वश्रेष्ठ राज्य बनाने के अपने ’’विकल्प रहित संकल्प’’ को पूर्ण करने हेतु प्रतिबद्ध है, यह संकल्प आपके सहयोग के बिना पूर्ण नहीं हो सकता। उन्होने कहा कि शिक्षा भारती आदर्श सीनियर सेकण्ड्री स्कूल के प्रबन्धक द्वारा बताया गया कि वर्ष 2015 से 2019 और 2022 में खटीमा को टॉपर दिये है और हर वर्ष नीट, एनडीए, आईआईटी आदि प्रतिष्ठित परीक्षाओं में यहां के बच्चे निकलते हैं और विभागों में बड़े-बड़े पदों में भी कार्यरत है एवं विगत वर्ष भी विद्यालय के 2 छात्र सचिन चौबे व कवींद्र तिवारी आईएएस और आईईएस में चयनित हुए हैं।

नई शिक्षा नीति को सफल बनाने के लिए केन्द्रीय शिक्षा मंत्री ने समीक्षा की

केन्द्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान की अध्यक्षता में मुख्यमंत्री आवास में शिक्षा विभाग, उच्च शिक्षा विभाग एवं कौशल विकास की समीक्षा की गई। बैठक में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत, शासन के अधिकारी एवं सबंधित विभागों के अधिकारी उपस्थित रहे।
केन्द्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान ने कहा कि उत्तराखण्ड में नई शिक्षा नीति के सफल क्रियान्वयन एवं शिक्षा व्यवस्था को और बेहतर बनाने के लिए निपुण भारत मिशन के तहत बच्चों को पढ़ने-लिखने, बोलने, व्याख्या करने एवं संख्यात्मकता ज्ञान बढ़ाने के लिए, डायट को भी इस ओर ध्यान देना होगा। शिक्षकों को इसके लिए बेहतर प्रशिक्षण देना होगा। बच्चों की प्रारंभिक बाल्यवस्था देखभाल और शिक्षा का पाठ्यक्रम को रोचक बनाया जाए। टेक्नोलॉजी के माध्यम से ईसीसीई के पाठ्यक्रम को कैसे और रोचक बनाया जा सकता है, इस पर विशेष ध्यान दिया जाए। उत्तराखण्ड के लिए जो पाठ्यक्रम बनाया जा रहा है, इसमें एससीईआरटी के साथ ही एनसीईआरटी की मदद भी ली जा सकती है।
केन्द्रीय शिक्षा मंत्री ने कहा कि बच्चों को नई-नई स्किल सीखने को मिले, इसके लिए भविष्य की आवश्यकताओं को देखकर स्किल डेवलपमेंट के कोर्स कराए जाएं। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड में स्किल डेवलपमेंट का हब बनने की क्षमता है। राज्य के पास प्रतिभाओं की कमी नहीं है, इन प्रतिभाओं को आगे लाने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि राज्य में कौशल विकास से संबंधित जो भी विभाग और संस्थान प्रशिक्षण करवा रहे हैं, उन्हें सिंगल विंडो सिस्टम पर लाए जाने की आवश्यकता है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि उत्तराखण्ड को उत्कृष्ट राज्य बनाने के लिए राज्य सरकार प्रयासरत है। सभी विभागों को अगले 3 साल और आने वाले 10 सालों का रोडमैप बनाने के साथ ही बेस्ट प्रैक्टिस के रूप में अपनी पर्फाेमेन्स देने के निर्देश दिये गये हैं। उन्होंने कहा कि शिक्षा में गुणात्मक सुधार के लिए लगातार प्रयास हो रहे हैं। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिये कि केन्द्रीय शिक्षा मंत्री द्वारा शिक्षा एवं कौशल विकास के लिए जो सुझाव दिये गये हैं, उनका सही तरीके से क्रियान्वयन किया जाए।
विद्यालयी शिक्षा एवं उच्च शिक्षा मंत्री डॉ धन सिंह रावत ने बताया कि एनईपी-2020 के अंतर्गत उच्च शिक्षण संस्थानों में वर्तमान शैक्षणिक सत्र से प्रवेश शुरू कर दिये गये हैं। इसके लिये नई नीति के अनुरूप पाठ्यक्रम तैयार किये गये हैं। विभागीय मंत्री ने बताया कि नई नीति के क्रियान्वयन के लिये राज्य स्तरीय टास्क फोर्स का गठन किया गया साथ ही स्क्रीनिंग कमेटी और कैरिकुलम डिजाइन समिति गठित की गई। जिनकी विभिन्न स्तर पर कई दौर की बैठकों और पब्लिक डोमेन से मिले सुझावों के उपरांत बाद पाठ्यक्रम तैयार किया गया। जिसे सभी विश्वविद्यालयों की बीओएस, एकेडमिक काउंसिल और एग्जेक्युटिव कमेटी द्वारा अप्रूव्ड किया गया।
इस अवसर पर अधिकारियों द्वारा प्रस्तुतीकरण के माध्यम से शिक्षा, उच्च शिक्षा एवं कौशल विकास के क्षेत्र में राज्य में की जा रही विभिन्न गतिविधियों का विस्तृत प्रजेन्टेशन दिया।
बैठक में सचिव उच्च शिक्षा शैलेश बगोली, सचिव शिक्षा रविनाथ रमन, सचिव कौशल विकास विजय कुमार यादव, महानिदेशक शिक्षा बंशीधर तिवारी एवं शासन एवं संबधित विभागों के अधिकारी उपस्थित रहे।

हमारे स्थानीय उत्पादों को ज्यादा डिजीटल प्लेटफाॅर्म उपलब्ध कराना होगाः सीएम

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने गैरसैंण में स्थापित होने वाले सेंटर ऑफ एक्सीलेंस के सम्बन्ध में प्रस्तुतीकरण का अवलोकन किया। कहा कि यह सेंटर ऑफ एक्सीलेंस स्थानीय स्तर पर लोगों की आर्थिकी में सुधार एवं कौशल विकास की दिशा में अहम भूमिका निभायेगा। सेंटर ऑफ एक्सीलेंस स्वरोजगार सृजन के क्षेत्र में अह्म योगदान देगा। उन्होंने कहा कि मत्स्य पालन एवं दुग्ध उत्पादन के क्षेत्रों को भी विशेष तौर पर शामिल किया जाए। प्रदेश के युवा परिश्रमी एवं ईमानदार है, इनके हुनर को कौशल विकास से और अधिक निखारा जा सकता है। हमें क्षेत्रीय प्राथमिकताओं को ध्यान में रखते हुए कार्ययोजना बनानी होगी।

कृषि में मंडूआ, झंगोरा, मसूर, चैलाई के साथ ही अन्य क्षेत्रीय उत्पादों को ब्रांडिंग एवं मार्केटिंग के माध्यम से राजस्व सृजन का बेहतर श्रोत बनाना होगा। हमारे स्थानीय उत्पादों को और अधिक डिजीटल प्लेटफार्म उपलब्ध कराना होगा। कृषि, बागवानी, दुग्ध उत्पादन, मत्स्य पालन, भेड-बकरी पालन के साथ ही स्थानीय उत्पादों की बेहतर प्रोसेसिंग आदि की आधुनिक तकनीकि दक्षता के साथ प्रशिक्षण प्राप्त होने से लोगो को इन व्यवसायों से जुड़ने में मदद मिलेगी तथा अधिक से अधिक लोग इन क्षेत्रों में स्वरोजगार के लिये आगे आयेंगे। उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों से पलायन को रोकने एवं लोगों की आर्थिकी में सुधार की दिशा में राज्य सरकार द्वारा अनेक प्रयास किये जा रहे हैं। प्रदेश में स्थापित किये जा रहे विभिन्न रूरल ग्रोथ सेंटर भी लोगों की आर्थिकी को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं।

बैठक में मुख्यमंत्री के तकनीकि सलाहकार डॉ. नरेन्द्र सिंह, अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, अपर सचिव झरना कमठान आदि उपस्थित थे।

सीएम त्रिवेंद्र ने चंपावत में 18 करोड़ 65 लाख की लागत से 12 योजनाओं का किया शिलान्यास

मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने जनपद चम्पावत के लोहाघाट में बने ग्रोथ सेंटर का निरीक्षण कर ग्रोथ सेंटर के भवन का सुदृढ़ीकरण तथा लौह बर्तन एवं कृषि यंत्र उत्पादन मशीनों का लोकार्पण किया। मुख्यमंत्री ने लगभग 11 करोड़ 93 लाख की सात विभिन्न विकास योजनाओं के लोकार्पण के साथ ही लगभग 18 करोड़ 65 लाख लागत की 12 योजनाओं का शिलान्यास किया। मुख्यमंत्री ने ग्रोथ सेंटर के निरीक्षण के दौरान कहा कि ग्रोथ सेंटर आत्मनिर्भर भारत और वोकल फोर लोकल का अच्छा उदाहरण है, इसलिए ग्रोथ सेंटर से जुड़े लोगों के स्किल डेवलवमेंट की भी व्यवस्था की जाय। मुख्यमंत्री द्वारा राजकीय पशु प्रजनन प्रक्षेत्र नरियाल गांव का भी भ्रमण किया गया।

उन्होंने कहा कि राज्य सरकार विकास एवं जनकल्याणकारी योजनाओं के माध्यम से प्रदेश की जनता को लाभान्वित करने के लिए प्रतिबद्ध है। बैठक के दौरान मुख्यमंत्री ने चिकित्सा विभाग की समीक्षा करते हुए कहा कि वर्तमान समय में कोविड- 19 से निपटने के लिए हम सभी को सामूहिक रूप से प्रयास करने होंगे, इसमें किसी भी प्रकार का शिथिलता न बरती जाय। कोरोना संक्रमण वायरस के नियंत्रण व रोकथाम के लिए लगातार प्रचार-प्रसार किया जाय। कहा कि हमारा मकसद स्वरोजगार को बढ़ावा देना है तथा प्रति व्यक्ति आय में बढोत्तरी करना है, इसलिए नियोजित तरीके से खपत की पूर्ति करने के लिए एक बेहतर योजना होनी चाहिए। मनरेगा की समीक्षा करते हुए मुख्यमंत्री ने अधिक से अधिक व्यक्तियों का पंजीकरण कराने के निर्देश दिये।

मुख्यमंत्री ने जल जीवन मिशन की समीक्षा करते हुए कहा कि इस योजना के तहत एक रूपये में पानी के कनेक्शन दिये जा रहे है इसलिए विभाग प्रत्येक दिन का लक्ष्य निर्धारित कर धरातलीय कार्य करें। सीएम ने पिरूल से बिजली उत्पादन की अत्यधिक संभावनाओं को देखते हुए कहा कि लोगो को इसके लिए प्रेरित एवं जागरूक कर जिससे वनाग्नि को काफी हद तक रोका जा सकता हैं एवं लोगो की आर्थिक स्थिति को भी मजबूत किया जा सकता हैं।

बैठक में जिलाधिकारी सुरेंद्र नारायण पांडे, प्रभारी मंत्री अरविंद पांडेय, विधायक पूरन सिंह फर्त्याल, कैलाश चन्द गहतोड़ी, जिला पंचायत अध्यक्षा ज्योति राय, दायित्वधारी हयात सिंह मेहरा, मंडलायुक्त अरविंद सिंह ह्यांकी, जिलाधिकारी सुरेंद्र नारायण पांडेय आदि उपस्थित थे।