स्मार्ट सिटी के कार्यों से मंत्री नाखुश, फटकार लगाकर दिया दो दिन का अल्टीमेटम

शहरी विकास मंत्री डॉ प्रेमचंद अग्रवाल ने देहरादून स्मार्ट सिटी द्वारा किये जा रहे कार्यों का ओचक निरीक्षण किया। इस दौरान स्मार्ट सिटी के कार्यों में कई खामियां मिलने पर अधिकारियों को जमकर फटकार लगी। जिसको दुरुस्त करने को अधिकारियों ने मंत्री डॉ अग्रवाल ने 2 दिन का समय मांगा।

मंगलवार को डॉ अग्रवाल ईसी रोड पहुंचे, जहाँ से चकराता रोड होते हुए बिंदाल पुल से आगे तक पैदल चलकर फुटपाथ, वाटर सप्लाई, ड्रेनेज, सड़क, डक्ट आदि कार्यों का निरीक्षण किया। डॉ अग्रवाल ने यहाँ सड़क किनारे बड़े नालों में पानी भरने, स्लैब न डालने तथा आड़े तिरछे निकले सरियों को लेकर अधिकारियों की जमकर क्लास ली।

डॉ अग्रवाल ने कहा कि जहाँ एक ओर सरकार देहरादून नगर सहित पूरे प्रदेश के विकास के लिए सराहनीय कार्य कर रही है, मगर अधिकारियों की कार्यशैली संतोषजनक नहीं है। उन्होंने निरीक्षण के दौरान स्थानीय नागरिकों से भी स्मार्ट सिटी के कार्यों का फीडबैक लिया। जिसके बाद कार्याे को शीघ्र करने के निर्देश दिए।

इसके बाद डॉ अग्रवाल ने अधिकारियों को गुणवत्तापरक व समय पर काम न करने के साथ सुरक्षात्मक दृष्टि से काम न होने पर कड़ी फटकार लगाई। डॉ अग्रवाल ने मौजूदा अधिकारियों को निर्देशित कर कहा कि जल्द ही सड़क किनारे बड़े नालों पर आवश्यकतानुसार स्लैब डाला जाए। जहाँ स्लैब नहीं बन पाने पर निर्माण कार्य क्षेत्र में बेरिकेडिंग लगाई जाए। साथ ही ड्रेनेज कार्य के बगल में गड्ढे भरने को कहा। जिसके लिए डॉ अग्रवाल से अधिकारियों ने 2 दिन का समय मांगा।

डॉ अग्रवाल ने यूपीसीएल के अधिकारियों से भी समन्वय बनाकर आवश्यकतानुसार बीच पोल को हटाने के निर्देश दिए।

इस मौके पर चीफ प्रोजेक्ट मैनेजर जगमोहन चौहान, प्रोजेक्ट मैनेजर प्रवीण कुश, अधीक्षण अभियंता अनिल पांगती, यूपीसीएल के अधीक्षण अभियंता गौरव सकलानी, लोनिवि के सहायक अभियंता तनुज कांबोज, कनिष्ठ अभियंता वर्तिका आदि उपस्थित रहे।

स्मार्ट सिटी के कार्य आपसी समन्वय के साथ किये जाएं-सीएम

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने गुरुवार को सचिवालय में देहरादून स्मार्ट सिटी परियोजना की समीक्षा करते हुए अधिकारियों को निर्देश दिये कि स्मार्ट सिटी के अन्तर्गत जो भी कार्य हो रहे हैं, उनमें स्मार्ट देहरादून के लिए सबसे अच्छा क्या किया जा सकता है, इस पर विशेष ध्यान दिया जाए। सभी कार्य गुणवत्तापूर्वक तय सीमा के अन्तर्गत किये जाए। जन प्रतिनिधियों द्वारा जो भी सुझाव दिये जा रहें हैं, उन सुझावों को पूरी गम्भीरता से लेते हुए अमल में लाया जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि जन सुविधा के दृष्टिगत स्मार्ट सिटी के कार्य तेजी से पूर्ण किये जाएं। यह सुनिश्चित किया जाए कि जनता का पैसा जनहित में सही प्लानिंग से उपयोग हो। इसके लिए सभी विभाग एवं कार्यदाई संस्थाएं समन्वय के साथ कार्य करें।
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिये कि स्मार्ट सिटी के तहत जो कार्य किये जा रहे हैं, आने वाले 50 सालों की परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए कार्य किये जाएं। देहरादून को आदर्श शहर बनाने के लिए और क्या किया जा सकता है, इसकी पूरी कार्ययोजना बनाई जाए। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिये कि ग्रीन सिटी, क्लीन सिटी के लिए लगातार जागरूकता अभियान चलाया जाए। शहर की स्वच्छता पर भी विशेष ध्यान दिया जाए। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिये कि इस बैठक में जन प्रतिनिधियों के जो भी सुझाव आये हैं, उन सभी सुझावों पर क्या उचित समाधान निकाले जा सकते हैं, इस पर ध्यान दिया जाए। नगर निकायों को मजबूत बनाने पर ध्यान दिया जाए। ऐसी योजनाएं जिनमें केन्द्र एवं राज्य का अंश क्रमशः 90 एवं 10 के अनुपात में हो उन योजनाओं पर शीर्ष प्राथमिकता के आधार पर कार्य किये जाएं।
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिये कि यह सुनिश्चित किया जाए कि सभी सड़के गड्ढ़ा मुक्त हो। नगर निगम क्षेत्रों में 3.75 मीटर से अधिक चौड़ी सड़कों के सुदृढ़ीकरण का कार्य लोक निर्माण विभाग से करवाए जाएं। उन्होंने कहा कि नगर निकायों को मानव संसाधन की दृष्टि से भी मजबूत बनाने की जरूरत है। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिये कि स्मार्ट सिटी के तहत जिन कार्यों को पूर्ण करने के लिए बजट की और आवश्यकता है, उनका प्रस्ताव बनाकर शीघ्र शासन को भेजा जाए। स्मार्ट सिटी के तहत परेड ग्राउंड में होने वाले विभिन्न कार्यों की समीक्षा के लिए मुख्यमंत्री ने मुख्य सचिव को अलग से बैठक करने के निर्देश दिये। मुख्यमंत्री ने सभी कार्यदाई संस्थाओं के अधिकारियों को निर्देश दिये कि कार्य की गुणवत्ता से कोई समझौता नहीं किया जायेगा। कार्य की गुणवत्ता में कोई कमी पाई गई तो संबंधितों पर सख्त कारवाई की जायेगी। उन्होंने गढ़वाल कमिश्नर को भी स्मार्ट सिटी के कार्यों की नियमित समीक्षा करने के निर्देश दिये।
सीईओ स्मार्ट सिटी/जिलाधिकारी देहरादून सोनिका ने स्मार्ट सिटी के तहत चल रहे विभिन्न कार्यों की प्रगति की विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने कहा कि इस देहरादून स्मार्ट सिटी परियोजना को जून 2023 तक पूर्ण करने का लक्ष्य रखा गया है। स्मार्ट सिटी परियोजना के तहत जिन 26 परियोजनाओं पर कार्य होना था, उनमें से 10 पूर्ण हो चुके हैं, 4 परियोजनाओं पर अधिकांश कार्य पूर्ण हो चुके हैं 12 परियोजनाओं पर कार्य गतिमान है।
इस अवसर पर शहरी विकास मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल, मेयर सुनील उनियाल गामा, विधायक विनोद चमोली, खजान दास, उमेश शर्मा काऊ, सविता कपूर, मुख्य सचिव डॉ. एस.एस.संधु, अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, आनन्द बर्द्धन, प्रमुख सचिव आर.के सुधांशु, गढ़वाल कमिश्नर सुशील कुमार, अपर सचिव उदयराज सिंह एवं संबंधित कार्यदाई संस्थाओं के अधिकारी उपस्थित रहे।

स्मार्ट सिटी के कार्यो को शुरु नही करने पर कंपनी को हटाया

स्मार्ट सिटी के कार्याे में लेटलतीफी पर सरकार ने कड़ा फैसला लिया है। सरकार ने कार्यकारी संस्था हिंदुस्तान स्टील वर्क्स कंस्ट्रक्शन लिमिटेड जो नामित होने के बाद भी काम शुरू नहीं कर पाई। उसको हाई पावर कमेटी के निर्णय के बाद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के अनुमोदन पर हटाने का निर्णय लिया है।
इसी संदर्भ में मंगलवार को शहरी विकास व आवास मंत्री डॉ प्रेमचंद अग्रवाल ने सीईओ स्मार्ट सिटी/जिलाधिकारी सोनिका के साथ बैठक कर निर्देशित किया। उन्होंने शीघ्र ही पीडब्ल्यूडी विभाग से इस कार्य को प्रारंभ कराने के निर्देश दिए। जिससे जनता को सुविधा मिल सके।
डॉ अग्रवाल ने सीईओ सोनिका को शहर में वर्षाकाल से क्षतिग्रस्त सड़कें/गड्ढों में पेंच वर्क करने के भी निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि आम लोगों की परेशानी को देखते हुए इस कार्य में तेजी लाई जाये।

शहरी विकास मंत्री ने स्मार्ट सिटी के विभिन्न निर्माणाधीन कार्यो की प्रगति जानी

शहरी विकास मंत्री डॉ प्रेमचंद अग्रवाल ने स्मार्ट सिटी के कार्यों की समीक्षा बैठक की। इस अवसर पर उन्होंने सीईओ स्मार्ट सिटी कार्यों में तेजी लाने के निर्देश दिए। कहा कि कार्य में किसी प्रकार की लापरवाही या कोताही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
बुधवार को विधानसभा में आयोजित बैठक के बाद डॉ अग्रवाल ने बताया कि परेड ग्राउंड में निर्माणाधीन जी4 लाइब्रेरी का काम अधिकांश पूरा हो गया है। यह कार्य शीघ्र पूरा कर लिया जाएगा। इसी तरह क्रैश बिल्डिंग का कार्य भी शीघ्र पूरा कर लिया जाएगा। कहा कि 15 इलेक्ट्रिक बसें विभिन्न मार्गों पर संचालित हो रही है। शेष 15 जल्द सड़क पर होंगी।
बताया कि स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत तीन स्मार्ट स्कूल संचालित हो रहे हैं। जिनमें एक जीजीआईसी और दो जीआईसी शामिल हैं। बताया कि 24 वाटर एटीएम चालू हो चुके हैं। जिनमें 1 लीटर पानी 3 रुपए में मिल रहा है। डॉ अग्रवाल ने बताया कि कंट्रोल रूम काम गतिमान है।
डॉ अग्रवाल ने बताया कि स्काडा के तहत 274 जल संस्थान के पुराने पंप हैं, जिन्हें नई तकनीक के साथ बदलने का कार्य गतिमान है। बताया कि वाटर सप्लाई में वृद्धि के क्रम में पुरानी लाइन को बदलकर नई लाइन के साथ जोड़ा जा रहा है। डॉ अग्रवाल ने बताया कि स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत शीघ्र राष्ट्रीय ध्वज लगाया जाएगा। जिसे दूर से देखा जा सकेगा। यह धरोहर का कार्य करेगा।
डॉ अग्रवाल ने कहा कि जहां 7 स्मार्ट टॉयलेट तैयार हो रहे हैं वही 6 हज़ार स्मार्ट मीटर लगाने का कार्य गतिमान है। कहा कि कार्यों में तेजी लाई जाए, इस मामले में सम्बंधित विभागों के साथ समन्वय बनाया जाए। किसी भी प्रकार की कोताही होने पर कार्यवाही की जाये।
इस मौके पर सीईओ सोनिका, वित्त नियंत्रक डॉ तरजीम अली, सीजेएम पदम कुमार आदि उपस्थित रहे।

मुख्य सचिव ने कहा- निर्माण कार्यो में तेजी लाने के हो प्रयास

मुख्य सचिव डॉ. एस. एस. संधु ने सचिवालय स्थित सभागार में वाह्य सहायतित योजनाओं की समीक्षा के दौरान विभागों को परियोजनाओं में तेजी लाते हुए समयबद्धता के साथ पूर्ण किए जाने के निर्देश दिए हैं।
मुख्य सचिव ने विभिन्न विभागों को निर्देश दिए कि चालू परियोजनाओं और अंडर पाइपलाइन परियोजनाओं के प्रत्येक स्तर के पूर्ण होने की तिथि निर्धारित करते हुए लगातार समीक्षा की जाए। उन्होंने कहा कि धीमी गति से चल रही परियोजनाओं की वह स्वयं मासिक समीक्षा करेंगे। साथ ही उन्होंने विभागों द्वारा इन योजनाओं की मासिक प्रगति रिपोर्ट मुख्य सचिव कार्यालय को प्रेषित किए जाने के भी निर्देश दिए।
मुख्य सचिव ने कहा कि अंडर पाइपलाइन परियोजनाओं में यह ध्यान रखा जाए कि किसी अन्य विभाग द्वारा उस क्षेत्र के लिए उसी प्रकार का प्रोजेक्ट शुरू न किया जा रहा हो। इसके लिए सभी सम्बन्धित विभागों को आपसी सामंजस्य के साथ काम करना होगा। इसके लिए एक सिस्टम विकसित किया जाए ताकि कार्यों में डुप्लीकेसी न हो।
बैठक के दौरान बताया गया कि वर्ल्ड बैंक, एडीबी, जाइका और आईफैड द्वारा वित्त पोषित शहरी विकास, ग्राम्य विकास, पेयजल, पर्यटन एवं सिंचाई विभाग के लगभग 18,844 करोड़ के प्रोजेक्ट्स पाइपलाइन में हैं।
इसके उपरांत, मुख्य सचिव डॉ. एस. एस. संधु ने केंद्र पोषित योजनाओं की समीक्षा भी की। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि सभी विभाग केंद्र पोषित योजनाओं को निर्धारित समय सीमा में पूर्ण करें। इसके लिए योजनाओं की प्रगति के अनुसार समीक्षा करें। उन्होंने धीमी गति से चल रही योजनाओं की प्रत्येक माह में 2 बार अथवा कम से कम एक समीक्षा अवश्य करें। उन्होंने निर्देश दिए कि सभी विभाग केंद्र सरकार की सभी योजनाओं का लाभ लेना सुनिश्चित करें। इसके लिए सभी योजनाओं की सूची तैयार की जाए।
बैठक के दौरान, सचिव आर. मीनाक्षी सुंदरम, शैलेश बगोली, विनोद कुमार सुमन, अपर सचिव रंजना, सीईओ स्मार्ट सिटी सोनिका सहित अन्य सम्बन्धित विभागों के उच्चाधिकारी उपस्थित रहे।

स्मार्ट सिटी कार्य से नागरिकों को परेशानी ना हो, इसका ध्यान रखने के दिए निर्देश

मुख्य सचिव डॉ. एस.एस. संधु ने सोमवार को सचिवालय में स्मार्ट सिटी के अंतर्गत कार्यों की समीक्षा की। मुख्य सचिव ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि स्मार्ट सिटी के कार्यों को समय सीमा के अंतर्गत पूर्ण किया जाए, साथ ही आम जन को होने वाली परेशानियों को कम से कम किए जाने हेतु सभी आवश्यक कदम उठाए जाएं।
मुख्य सचिव ने कहा कि आम जन को परेशानी कम हो इसके लिए कार्यों को छोटे छोटे हिस्सों में किया जाए। एक कार्य के पूर्ण होने के बाद दूसरे काम को शुरू किया जाए। उन्होंने कहा कि सभी कार्यों को युद्ध स्तर पर करते हुए 3 शिफ्टों में कार्य किया जाए।
मुख्य सचिव ने कहा कि इलेक्ट्रिक बसों के संचालन में प्रत्येक रूट पर एवरेज ऑक्यूपेंसी का अध्ययन कर, जिन रूट्स में बसें बढ़ाने की आवश्यकता है उनमें बसें बढ़ाई जाएं। उन्होंने कहा कि स्मार्ट टॉयलेट को ऐप के साथ ही गूगल मैप एवं गूगल टॉयलेट लोकेशन पर भी अपडेट किया जाए, ताकि आमजन को जानकारी आसानी से मिल सके। मुख्य सचिव ने निर्देश दिए कि परियोजना की गुणवत्ता पर विशेष ध्यान रखते हुए परियोजना को ससमय पर पूर्ण किया जाए।
इस अवसर पर सचिव शैलेश बगोली, जिलाधिकारी देहरादून एवं सीईओ स्मार्ट सिटी डॉ. आर. राजेश कुमार सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।

डीएम देहरादून ने कन्ट्रोल रुम का निरीक्षण कर दिए निर्देश

देहरादून के जिलाधिकारी/मुख्य कार्यकारी अधिकारी स्मार्ट सिटी लि0 डॉ आर राजेश कुमार ने स्मार्ट सिटी के कन्ट्रोल रूम सहस्त्रधारा रोड आईटी पार्क में स्मार्ट सिटी परियोजना के अधिकारियों के साथ बैठक की। बैठक से पूर्व जिलाधिकारी/मुख्य कार्यकारी अधिकारी ने कन्ट्रोलरूम का निरीक्षण कर कार्यप्रणाली का जायजा लेते हुए अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिए।

जिलाधिकारी/मुख्य कार्यकारी अधिकारी स्मार्ट सिटी लि0 ने स्मार्ट सिटी कन्ट्रोलरूम में लगाये गये मॉनिटिरिंग सिस्टम के सम्बन्ध में जानकारी प्राप्त करने पर बताया गया कि वर्तमान समय में शहर के 129 स्थानों पर पर स्मार्ट सिटी लि0 के कैमरों द्वारा नजर रखते हुए मॉनिटरिंग की जा रही है, जिसमें 49 स्थानों पर ई चालन की व्यवस्था बनाई गई है। जिसमें मुख्यतः यातायात नियमों का उल्लंघन करने वाले, ओवर स्पीड, गलत दिशा में वाहन चलाना, यातायात सिग्नल तोड़ने, नो पार्किंग जोन में वाहन खड़ा करने वालो पर नजर रखी जा रही है तथा शेष स्थानों को भी ई-चालान प्रक्रिया से जोड़ने की प्रक्रिया गतिमान जिस पर जिलाधिकारी ने मॉनिटिरिंग सिस्टम को व्यवहारिक बनाते हुए सिग्नल तोड़ने वालो, ओवर स्पीड, गलत दिशा में वाहन चलाने, नो पार्किंग क्षेत्र में वाहन खड़ा करने तथा मॉनिटिरिंग के दौरान यदि किसी व्यक्ति की गतिविधि संदिग्ध लगा रही हैं इसकी तत्काल सूचना पुलिस विभाग को दी जाय।

उन्होंने कहा कि तकनीकी का इस प्रकार इस्तेमाल किया जाय कि समय रहते किसी समस्या से निपटा जाय ताकि दुर्घटना/घटना घटित होने के बाद। उनकी मॉनिटिरिंग की जा सके। उन्होंने कहा कि शहर में प्रमुख स्थानों, सड़कों मौहल्लों में और अधिक सीसीटीवी कैमरे लगाते हुए इसके मॉनिटिरिंग के लिए स्टाफ भी बढायें। उन्होंने कहा कि दूरसंचार कम्पनी से समन्वय करते हुए कनैक्टिविटी बढाई जाय ताकि नेटवर्क की समस्या के कारण मॉनिटिरिंग में व्यवधान उत्पन्न ना हो। उन्होंने कहा कि शहर के सभी चौराहों, मुख्य सड़कों, प्रमुख स्थानों को ई-चालान व्यवस्था से जोड़ा जाए। जिलाधिकारी/सीईओ स्मार्ट सिटी ने कहा कि लगाये गये कैमरों से शहर की प्रत्येक गतिविधि को मॉनिटिर किया जाय साथ ही शहर में गंदगी फैलाने, खुले स्थानों पर कूड़ा डालने वालों पर भी नजर रखी जाय निगरानी के दौरान ऐसे व्यक्तियों के विरूद्ध चालान की कार्यवाही करने हेतु नगर निगम को सूचना प्रेषित की जाय।

बैठक में स्मार्ट सिटी के अधिकारियों ने बताया कि शहर के कई स्थानों पर पेड़ बड़े होने से मॉनिटरिंग में दिक्कत आ रही है जिस पर जिलाधिकारी ने ऐसे स्थानों को चिन्हित करते हुए पेड़ों की लोपिंग के लिए प्रभागीय वनाधिकारी को पत्र प्रेषित करने के निर्देश दिये।

जिलाधिकारी/मुख्य कार्यकारी अधिकारी स्मार्ट सिटी लि0 डॉ आर राजेश कुमार ने स्मार्ट सिटी परियोजना के अधिकारियों को स्मार्ट सिटी परियोजना के अन्तर्गत हो रहे निर्माण कार्यों को गुणवत्ता के साथ प्रगति बढाने को कहा तथा निर्माण कार्यों के लिए खोदी गई सड़कों तेजी से कार्य पूर्ण करते हुए समतलीकरण एवं गड्डामुक्त करें ताकि जनमानस को किसी प्रकार की समस्या का सामना ना करना पड़े। उन्होंने कहा कि इस प्रकार की योजना पर कार्य करें जिससे जनमानस को सहूलियत हो।

बैठक में स्मार्ट सीटी के सीजीएम श्रीराम मिश्रा, वित्तीय निंयत्रक अभिषेक आनन्द, एजीएम राम उनियाल सहित स्मार्ट सिटी के अधिकारी उपस्थित थे।

स्मार्ट सिटी का काम धरातल पर उतारने के निर्देश

जिलाधिकारी डाॅ आर राजेश कुमार ने सीईओ स्मार्ट सिटी का भी कार्यभार ग्रहण किया। कार्यभार ग्रहण करने उपरान्त उन्होंने स्मार्ट सिटी परियोजना के अधिकारियों को स्मार्ट सिटी कार्यों को योजनाबद्ध तरीके से तेजी लाने के साथ गुणवत्ता का विशेष ध्यान रखने के निर्देश दिये। उन्होंने शहर में स्मार्ट सिटी परियोजना के कार्यों हेतु खोदी गई सड़कों जहां कार्य गतिमान है वहां पर चेतावनी बोर्ड लगाते तथा जंहा कार्य पूर्ण हो चुका है ऐसे स्थानों पर सड़क समतलीकरण करते हुए गड्डा मुक्त बनाने के भी निर्देश दिये।

डॉ राजेश कुमार ने स्मार्ट सिटी के पदाधिकारियों को सख्त निर्देश दिए हैं कि अधिकारी एसी कमरे में ना बैठे हैं प्रत्येक अधिकारी जिम्मेदारी के साथ फील्ड में स्थलीय निरीक्षण करते रहें और जनता जनार्दन को हो रही असुविधाओं को भी दूर करते रहें।

स्मार्ट सिटी के नए सीईओ राजेश कुमार ने अधिकारियों को साफ कर दिया है कि किसी भी स्थिति में जनता के साथ किसी भी तरह की परेशानी ना हो और अगर परेशानी होती है तो उसका समाधान तुरंत किया जाए। डॉ राजेश कुमार ने अधिकारियों को सख्त हिदायत दी है कि अधिकारी एसी कमरे में ना बैठ कर फील्ड में उतरे।

स्मार्ट सिटी बनने के बाद देहरादून की खूबसूरती में उछाल आएगाः सीएम

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने देहरादून स्मार्ट सिटी के तहत चल रहे कार्यों और बालिका इंटर काॅलेज का स्थलीय निरीक्षण किया। उन्होंने परेड ग्राउण्ड, देहरादून के पुनर्निर्माण स्मार्ट रोड एवं देहरादून में बनाये जा रहे 03 स्मार्ट स्कूलों के कार्य प्रगति की जानकरी ली।

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि कोविड काल को छोड़कर देहरादून स्मार्ट सिटी का कार्य तेजी से हुआ है। आगे भी स्मार्ट सिटी के तहत तेजी से कार्य होंगे। जब स्मार्ट सिटी के लिए देहरादून का चयन हुआ था, तब देहरादून 100वें नम्बर पर था, कार्यों की प्रगति में तेजी से देहरादून 13वें नबंर पर आया। देहरादून हमेशा से ही देश-विदेश से आने वालों और पर्यटकों के लिए आकर्षण का केन्द्र रहा है। स्मार्ट सिटी का कार्य पूर्ण होने से देहरादून की खूबसूरती एवं अन्य सुविधाएं भी बढ़ेगी। स्मार्ट स्कूल की उत्तराखण्ड में नई पहल शुरू हुई है। देहरादून में बनने वाले तीन स्मार्ट स्कूलों से बच्चों की मानसिकता में सकारात्मक परिवर्तन आयेगा। इन स्कूलों में उच्च गुणवतायुक्त व्यवस्थाएं की गई है। ये तीनों स्कूल एक-दूसरे से इन्टरकनेक्ट भी रहेंगे। मुख्यमंत्री ने स्मार्ट स्कूलों में दिव्यांग बच्चों के लिए रैंप बनाने के निर्देश भी दिए। इस अवसर पर उन्होंने राजकीय बालिका इंटर कॉलेज राजपुर में दिव्यांग छात्राओं की जानकारी ली। प्रधानाचार्य ने अवगत कराया कि स्कूल में अभी एक दिव्यांग छात्रा है।

स्मार्ट सिटी के सी.ई.ओ. जिलाधिकारी देहरादून डॉ. आशीष श्रीवास्तव ने कार्यों की प्रगति की जानकारी देते हुए कहा कि परेड ग्राउण्ड पुनर्निर्माण के तहत सड़क, ड्रेनेज, वर्षा जल संग्रहण टैंक, लैंडस्केपिंग एवं जलापूर्ति के कार्य किये जा रहे हैं। कान्वेन्ट रोड चैड़ीकरण हेतु स्थल विकास करने के बाद 95 मीटर सब बेस तैयार किया जा रहा है। 473 मीटर लम्बाई की आरसीसी की नाली बन चुकी है, शेष कार्य प्रगति पर है। आरसीसी टैंक निर्माण का 75 प्रतिशत कार्य पूर्ण हो चुका है। परेड ग्राउण्ड के चारों ओर 150 मिमी से 250 मिमी व्यास की मुख्य पेयजल वितरण लाईन बिछायी जायेगी। 30 अक्टूबर 2021 तक परेड ग्राउण्ड का पुनर्निर्माण कार्य पूर्ण करने का लक्ष्य रखा गया है। स्मार्ट रोड के कार्यों के मल्टी युटीलिटी डक्ट बिछाने का कार्य, सीवर, नाली निर्माण, जलापूर्ति एवं सड़क निर्माण के कार्य किये जायेंगे। डक्ट बिछाने एवं सीवर के कार्य प्रारम्भ हो चुके हैं।

सी.ई.ओ. स्मार्ट सिटी डॉ. आशीष श्रीवास्तव ने बताया कि देहरादून के तीन स्कूलों स्मार्ट स्कूल बनाया जा रहा है। जिसमें जीजीआईसी राजपुर एवं खुड़बुड़ा में दो स्कूलों शामिल हैं। इन स्मार्ट स्कूलों का कार्य 31 अक्टूबर तक पूर्ण हो जायेगा। इन स्मार्ट स्कूलों में निर्माण एवं आईटी से संबधित कार्य किये गये हैं। इनमें कम्प्यूटर लेब, प्रोजेक्टर, आई.आर. बोर्ड, ग्रीन बोर्ड, सी.सी.टीवी. कैमरे, अग्निशमन यंत्र एवं बायेमैट्रिक पंचिंग उपकरण की व्यवस्था की गई है।

दून का कलक्ट्रेट भवन पूर्व पीएम अटल बिहारी के नाम होगा

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने बुधवार को आईटीडीए, आईटी पार्क सहस्त्रधारा रोड, देहरादून में 234.85 करोड़ रूपये की लागत से बने स्मार्ट सिटी मिशन के अन्तर्गत दून इन्टीग्रेटेड कमाण्ड एण्ड कन्ट्रोल सेंटर ‘सदैव दून’ का लोकार्पण किया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने देश के 100 शहरों को स्मार्ट सिटी के रूप में बनाने की योजना देश के सामने रखी है। यह सौभाग्य की बात है कि उत्तराखण्ड आज इसमें 25वें स्थान पर है, जबकि स्मार्ट सिटी की चौथी सूची में इसे सम्मिलित किया गया। देहरादून देश की पहली ऐसी स्मार्ट सिटी होगी, जो पूर्ण रूप से स्मार्ट सिटी होगी।

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने भारत के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के जन्म दिवस पर उनका स्मरण करते हुए घोषणा की कि स्मार्ट सिटी के अन्तर्गत देहरादून का जो कलक्ट्रेट भवन बन रहा है। उस भवन का नाम अटल बिहारी वाजपेयी भवन रखा जायेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि स्मार्ट सिटी योजना के तहत स्थापित किये गये दून इन्टीग्रेटेड कमाण्ड एण्ड कन्ट्रोल सेंटर ‘सदैव दून’ से ट्रेफिक निगरानी, प्रदूषण के स्तर को नापने, सर्विलांस सिस्टम, वाई-फाई एवं अन्य तमाम सुविधाएं उपलब्ध होंगी। देहरादून की अनेक व्यवस्थाओं को सुव्यवस्थित करने में भी यह सेंटर मदद करेगा। वर्ष 2021 में हरिद्वार में होने वाले कुंभ में भीड़ प्रबंधन एवं अन्य गतिविधियों पर निगरानी रखने के लिए यह सेंटर मददगार साबित होगा।

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि स्मार्ट सिटी के साथ ही हमें स्वच्छता पर विशेष ध्यान देना होगा। सिंगल यूज प्लास्टिक की रोकथाम के लिए देहरादून की जनता ने अच्छा सहयोग दिया है। प्लास्टिक की रोकथाम के लिए जो मानव श्रृंखला बनाई गई उसके अच्छे परिणाम मिले हैं। देहरादून में पॉलीथीन के इस्तेमाल में 75 प्रतिशत तक की कमी आई है। आज वेस्ट को बेस्ट में बदलने की जरूरत हैं पेट्रोलियम संस्थान में पॉलीथीन से डीजल बनाया जा रहा है। स्वच्छता के प्रति व्यापक स्तर पर अभियान चलाने की जरूरत है।