सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के फैसले पर लगाई रोक, धामी सरकार की पैरवी आई काम

उत्तराखंड सरकार को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। शीर्ष अदालत ने राज्य को नजूल भूमि पर नीति बनाने और अनधिकृत कब्जाधारियों व अतिक्रमणों को नियमित करने के लिए एक नीति बनाने और लागू करने के लिए स्वतंत्र कर दिया।
शीर्ष कोर्ट ने यह आदेश देते हुए उत्तराखंड हाईकोर्ट के 19 जून 2018 के फैसले पर रोक लगा दी, जिसमें हाईकोर्ट ने मार्च 2009 की नजूल नीति को निरस्त कर दिया था। उत्तराखंड सरकार ने इस फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी। राज्य सरकार की ओर से सॉलिसीटर जनरल (एसजी) तुषार मेहता और उप-एडवोकेट जनरल जतिंदर कुमार सेठी ने बहस की। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार को भूमि का प्रबंधन करने का अधिकार है। वहीं, राज्य में आवासन देखने की जिम्मेदारी भी सरकार की है।
जस्टिस एसए नजीर और कृष्ण मुरारी की पीठ ने सरकारी पक्ष की दलीलें सुनने के बाद उत्तराखंड हाईकोर्ट के उक्त आदेश पर रोक लगा दी। अब सरकार राज्य में हजारों एकड़ नजूल भूमि पर कब्जा किए लोगों के कब्जे नियमित कर सकेगी। चुनाव के मौसम में सरकार के लिए यह भारी जीत है।