ठोस कूड़ा प्रबंधन के लिए कार्य योजना तैयार करें-मुख्य सचिव

मुख्य सचिव डॉ. एस. एस. संधु ने बुधवार को सचिवालय में प्रदेश के सभी स्थानीय निकायों में ठोस कूड़ा प्रबन्धन के सम्बन्ध में बैठक ली। मुख्य सचिव ने अधिकारियों को ठोस कूड़ा प्रबंधन के लिए कार्य योजना तैयार किए जाने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि प्रदेश के सभी स्थानीय निकायों से 100 प्रतिशत सेग्रीगेशन ऐट सोर्स लागू किया जाए।
मुख्य सचिव ने सभी स्थानीय निकायों में कूड़ा उठाने वाले वाहनों की संख्या की जानकारी माँगी। उन्होंने कहा कि स्थानीय निकायों के लिए आवश्यक वाहनों की शीघ्र व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। कहा कि सड़कों से बड़े डस्टबिन हटाए जाने चाहिए। उन्होंने सभी यूएलबी से आवासीय भवनों, व्यावसायिक भवनों और संस्थानों से श्रेणीवार घर-घर से कूड़ा उठान और कूड़े का स्रोत से पृथक्करण (सेग्रीगेशन एट सोर्स) की रिपोर्ट भी तलब की। उन्होंने इसके लिए रियल टाइम मॉनिटरिंग और थर्ड पार्टी सर्वे की व्यवस्था सुनिश्चित किए जाने के भी निर्देश दिये।
मुख्य सचिव ने पेयजल निगम द्वारा संचालित सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट के सम्बन्ध में भी जानकारी ली। उन्होंने सभी एसटीपी का थर्ड पार्टी सर्वे और रियल टाइम मॉनिटरिंग की व्यवस्था किए जाने के निर्देश दिये गए। मुख्य सचिव ने प्रमुख सचिव शहरी विकास को भी सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट को लेकर अपनी टीम दुरुस्त किए जाने के निर्देश दिये।
इस अवसर पर प्रमुख सचिव आर के सुधांशु सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

शहरी विकास विभाग ने की समीक्षा, दिए स्वच्छता और जल प्रबंधन पर विशेष ध्यान देने के निर्देश

मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने शहरी विकास विभाग की समीक्षा की। कहा कि राज्य के स्थानीय निकायों में स्वच्छता प्रबंधन और जल प्रबंधन पर विशेष ध्यान दिया जाए। नगर निकायों को आर्थिक रूप से मजबूत बनाने की आवश्यकता है। चार धाम यात्रा मार्ग में स्थित निकायों में शौचालय की अच्छी सुविधाएं सुनिश्चित की जाएं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि शहरों में रैनबसेरों में स्वच्छता का ध्यान रखा जाए। यथासंभव इनकी संख्या बढाई जाए। अमृत योजना में स्वीकृत कार्यों में तेजी लाई जाए। इन्हें लक्ष्य के अनुरूप समय पर पूरा किया जाए। केवल पानी के कनेक्शन देना ही नहीं बल्कि दिये गये कनेक्शनों में पानी की उपलब्धता भी हो।

मुख्यमंत्री ने कहा कि सोलिड वेस्ट मैनेजमेंट पर भी फोकस किया जाए। मलिन बस्तियों के सुधार और शहरों में पार्किग की सुविधा पर भी मुख्यमंत्री ने बल दिया। शहरों में स्वच्छता के कार्यों की लगातार मानिटरिंग की जाए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री स्ट्रीट वेंडर योजना में पात्र लोगों को लाभ दिलाना सुनिश्चित किया जाए। इसके लिए बैंकों से समन्वय बहुत जरूरी है। जनसेवाओं को जितना सम्भव हो, ऑनलाइन उपलब्ध कराया जाए। स्मार्ट सिटी देहरादून के कार्यों में समयबद्धता और गुणवत्ता सुनिश्चित किया जाए। बैठक में उत्तराखंड एकीकृत शहरी विकास परियोजना और देहरादून स्मार्ट सिटी पर भी विस्तृत प्रस्तुतीकरण दिया गया।

बैठक में प्रभारी सचिव सुरेंद्र नारायण पाण्डेय, नगर आयुक्त देहरादून नगर निगम विनय शंकर पाण्डेय, अपर सचिव विनोद कुमार सुमन, जिलाधिकारी देहरादून आशीष श्रीवास्तव, उपाध्यक्ष एमडीडीए रणबीर सिंह चैहान आदि उपस्थित थे।

अलग-अलग कूड़े का उठान और उपयोग पर कोरिया करेगा सहयोग

नगर निगम ऋषिकेश की संकरी गलियों में अब कूड़ा उठान के लिए ई-रिक्शा का सहारा लिया जाएगा। इसके लिए नगर निगम प्राथमिकता पर काम कर रहा है। शुरुआती चरण में निगम क्षेत्र की गलियां और घर से गलियों के बाहर तक आने की दूरी का आंकलन किया जा रहा है। इसके बाद ही ई-रिक्शा की जरूरत का अंदाजा लग पाएगा। बृहस्पतिवार को मेयर अनिता ममगाईं ने एडीबी (एशियन डेवलपमेंट बैंक) और केईआईटीआई (कोरिया एनवायरमेंट इंडस्ट्री एवं टेक्नालॉजी इंस्टीट्यूट) के प्रतिनिधिमंडल के साथ वार्ता के दौरान यह जानकारी दी। नगर निगम में ठोस अपशिष्ट प्रबंधन पर प्री फिजिबिलिटी रिपोर्ट के लिए केईआईटीआई और एडीबी ज्वाइंट मिशन के लिए बैठक आयोजित हुई। इस दौरान तीनों नगर निकायों के जनप्रतिनिधियों तथा क्षेत्र के व्यापारियों, स्कूल प्राध्यापकों आदि ने ऋषिकेश में ठोस अपशिष्ट पदार्थों को लेकर अपने-अपने सुझाव दिए। बता दें कि एडीबी नगर निगम ऋषिकेश को कूड़ा प्रबंधन के लिए फंड जारी कर रहा है जबकि केईआईटीआई से सही तरह से कूड़ा प्रबंधन के लिए सुझाव लिए जा रहे हैं। बैठक में पालिकाध्यक्ष मुनिकीरेती रोशन रतूड़ी, नगर पंचायत जौंक अध्यक्ष माधव अग्रवाल, शहरी विकास विभाग से सुपरिंटेंडेंट इंजीनियर रवि पांडे, एडीबी से बागेश कुमार, सैमदास गुप्ता, नगर आयुक्त चतर सिंह चैहान, अधिशासी अधिकारी पालिका मुनिकीरेती बद्री प्रसाद भट्ट, केईआईटीआई से स्यूंगडू किम, येचांम जोंग, टाडातेरु ह्यासी, ली सैंग क्यू आदि उपस्थित रहे।


पब्लिक का सहयोग होना जरुरीः प्रो. किम
कोरिया एनविरोनमेंट इंडस्ट्री एवं टेक्नालॉजी इंस्टीट्यूट के प्रोफेसर व ठोस अपशिष्ट के एक्सपर्ट स्यूंगडू किम ने कहा कि कूड़ा निस्तारण की योजना को पूरा करने के लिए तीन चरण आवश्यक हैं। पहला पब्लिक का साथ, दूसरा टेक्निकल और तीसरा फाइनेंस। उन्होंने कहा कि शुरूआती दौर में छह माह तक इसका रोडमैप तैयार होगा। इसके बाद डीटीआर तैयार होगी। उन्होंने बताया कि कोरिया में नगर का कूड़ा आर्गेनिक, रिसाइकिल तथा डिस्पोजल के रूप में बनता है। वहां घरों से कूड़ा उठान के लिए कूड़ा बैग अलग-अलग साइज में दिए गए हैं। जितना बड़ा बैग होगा, उतना ही ज्यादा चार्ज होगा। उन्होंने बताया कि वहां मंडी से निकलने वाले कूड़े को तुरंत जानवरों को आहार के रूप में दिया जाता है।

सीसीटीवी कैमरों से रखेंगे नजर
पालिकाध्यक्ष ने बताया कि क्षेत्र में सीसीटीवी कैमरों के लिए पुलिस को 17 लाख तथा नगर पालिका को 25 लाख रुपए मिले हैं। इन सीसीटीवी कैमरों के जरिए रात में खुले में कूड़ा डालने वालों पर नकेल कसी जा रही है। इसी क्रम में नियमों का उल्लंघन करने वालों पर चालान की कार्रवाई की जा रही है। रोशन रतूड़ी ने बताया कि हमारे यहां सफाई कर्मियों को समय से वेतन जारी किया जा रहा है। इससे कर्मचारियों का मनोबल हमेशा बरकरार रहता है। दूसरी ओर नगर निगम की कार्यप्रणाली पूरी तरह से लचर दिखी। यहां तमाम दावों के बावजूद न तो सड़कों से आवारा पशु हट पाए, आउटसोर्सिंग कर्मियों के बकाया वेतन का मामला भी विवादों में रहा। इसके अलावा तमाम कोशिशों के बावजूद कूड़े का निस्तारण बेहतर ढंग से नहीं हो पा रहा है।


मुनिकीरेती पालिका कूड़ा निस्तारण में अव्वल
नगर पालिका मुनिकीरेती ने स्वच्छता के मामले में नगर निगम ऋषिकेश को आइना दिखाया है। बृहस्पतिवार को निगम में हुई बैठक में पालिकाध्यक्ष रोशन रतूड़ी ने एडीबी और केईआईटीआई की टीम के समक्ष अपनी रिपोर्ट पेश की। उन्होंने बताया कि उनकी पालिका क्षेत्र में प्रति परिवार को 20 रुपये में थैला दिया गया है। पॉलिथीन पर प्रतिबंध लगाने के लिए लोगों में चालान की कार्रवाई के जरिये भय बनाने पर काम किया जा रहा है। क्षेत्र में प्रतिदिन 12 टन कूड़ा एकत्र होता है, इसमें से आठ टन हरिद्वार भेजा जाता है, चार टन को रिसाइकिल कर गड्ढे भरने के उपयोग में लाया जा रहा है। मुनिकीरेती पालिका में प्रत्येक घर में गमला दिया गया है। इसमें गीले कूड़ा का इस्तेमाल खाद के रूप में किया जा रहा है। सूखा कूड़ा पालिकाकर्मी उठाते हैं।

सुझावों पर एक नजर…
– छोटी गलियों से कूड़ा उठान के लिए डिब्बे उपलब्ध कराए जाएं
– कूड़ा डंपिंग की व्यवस्था आबादी क्षेत्र से दूर इलाके में हो
– पॉलिथीन पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगाया जाए
– गंगा नदी में पूजन सामग्री न डाली जाए
– पॉलिथीन की जगह जूट के उत्पाद वितरित कर प्रचलन में लाएं
– गीला कूड़ा और सूखा कूड़ा अलग-अलग उठाया जाए
– वार्डों से कूड़ा उठान से पूर्व गोविंदनगर ट्रंचिंग ग्राउंड से कूड़ा हटाया जाए
– वैकल्पिक तौर पर आईडीपीएल कांवड़ मेला पार्किंग स्थल पर कूड़ा डंप हो
– गीले कूड़े को घर में ही खाद बनाने का हुनर सिखाया जाए
– कूड़े के प्लास्टिक से फर्नीचर बनाने का उपक्रम प्रचलन में लाया जाए

नगर पालिका मुनिकीरेती मुख्यमंत्री निर्मल नगर पुरस्कार से सम्मानित

शहरी विकास मंत्री प्रीतम पंवार ने दिया पालिकाध्यक्ष शिवमूर्ति कंडवाल को पुरस्कार

ऋषिकेश।
नगर पालिका मुनिकीरेती-ढालवाला को मुख्यमंत्री निर्मल नगर पुरस्कार से नवाजा गया है। सॉलिड वेस्ट मैनजमेंट में विशिष्ट कार्य करने पर उनका चयन किया गया। प्रदेश की 90 नगर निकायों में मुनिकीरेती पालिका ने पहला स्थान पाया है।
कैलाशगेट स्थित स्व. नत्था सिंह पोखरियाल नगर पालिका मुनिकीरेती-ढालवाला सभागार में आयोजित कार्यक्रम में शहरी विकास मंत्री प्रीतम पंवार ने मुनिकीरेती-ढालवाला को मुख्यमंत्री निर्मल नगर पुरस्कार से सम्मानित किया है। उन्होंने 90 निकायों में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने पर बधाई दी। कहा कि वर्ष 2011-12 के बाद पहलीबार यह पुरस्कार दिया जा रहा है। मुनिकीरेती पालिका के कार्यों को अन्य पालिकाओं द्वारा सीख के रुप में लिया जायेगा, ऐसी उन्होंने आशा जताई।
इससे पूर्व शहरी विकास मंत्री ने पालिका अध्यक्ष शिवमूर्ति कंडवाल व अधिशासी अधिकारी बद्रीप्रसाद भटट को सयुंक्तरुप से सम्मान पत्र व 10 लाख रुपये की धनराशि का चेक प्रदान किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता नगर पालिका मुनिकीरेती अध्यक्ष शिवमूर्ति कंडवाल ने की। उन्होंने कहाकि नगरवासियों के सहयोग से ही आज पालिका को सम्मान मिला है। कार्यक्रम का संचालन अधिशासी अधिकारी बद्रीप्रसाद भटट ने किया।
इस मौके पर पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष कृष्ण भटट, उत्तराखंड गौ सेवा आयोग अध्यक्ष नरेन्द्र सिंह रावत, समाजसेवी बचन पोखरियाल, नरेन्द्र नगर पालिकाध्यक्ष दुर्गा राणा, अपर सचिव व शहरी विकास निदेशक नितिन भदौरिया, उपनिदेशक सुभाष गुप्ता, अधिशासी अभियंता रवि पाण्डे, सभासद अनुराग पयाल, मुनेश, सोनिया खंडुड़ी, धर्म सिंह, पृथ्वी सिंह नकोटी, सरोज कुकरेती, मनीष कुकरेती, शांति भटट, सतीश गुप्ता आदि मौजूद थे।105

105a

सालिड वेस्ट मैनजमेंट ने दिलाई सफलता
ऋषिकेश। नगर पालिका मुनिकीरेती-ढालवाला को सालिड वेस्ट मैनजमेंट (कूड़ा प्रबंधन) के तहत पूरे प्रदेश की 90 निकायों में सर्वश्रेष्ठ कार्य करने पर सम्मानित किया गया है। निकाय का सालिड वेस्ट मैनजमेंट से पालिका को 3.50 लाख रुपये की आय भी हुई है।

जीरो वेस्ट संस्था सम्मानित
सालिड वेस्ट मैनजमेंट का कार्य जीरो वेस्ट कारर्पोशन कर रही है। बताया कि संस्था ने पालिका को एक वर्ष तक निःशुल्क कार्य सेवा दी है। शहरी विकास मंत्री ने संस्था के अमित पटवाल व हिमांशु लिंगवाल को सम्मानित किया।

महिलाएं भी हुई सम्मानित
खुले में शौच को जागरुक करने पर गंगा सुरक्षा से जुड़ी महिलाओं को भी शहरी विकास मंत्री ने सम्मानित किया। अधिशासी अधिकारी ने बताया कि पालिका क्षेत्र में कोई भी खुले में शौच नही करता है।

भारत सरकार के लिए नामित
नगर पालिका मुनिकीरेती को भारत सरकार के स्वच्छता अभियान के अर्न्तगत सर्वश्रेष्ठ कार्य करने के लिए भी नामित किया गया है। जानकरी देते हुए अपर सचिव नितिन भदौरिया ने बताया कि सरकार पालिका को सालिड वेस्ट कार्य करने के लिए विशेष अनुदान देने की तैयारी कर रही है।
मलिन बस्तियों का चिन्हिकरण कर मालिकाना हक देने की बात भी कही। बताया कि स्वच्छ भारत मिशन के तहत 15 शहरों में मुनिकीरेती पालिका का चयन भी किया गया है। सबसे पहले डीपीआर बनाने वाली पालिका के रुप में भारत सरकार से पालिका को सराहना भी मिली है। स्मार्ट गंगा सिटी योजना में पालिका को गंदे नाले टेप करने के लिए धन भी मुहैया कराया जायेगा।

अन्य पालिका को भी सीख लेने की जरुरत
नगर पालिका मुनिकीरेती के कार्यो से प्रभावित शहरी विकास मंत्री प्रीतम पंवार ने अन्य नगर पालिकाओं को भी सीख लेने की नसीहत दी। उन्होंने कहा कि पालिका यदि अन्य नगर निकायों में सालिड वेस्ट का कार्य करना चाहें तो मदद मिलेगी। उन्होंने 20 लाख रुपये के उपकरण खरीदने के लिए धन देने का आश्वासन भी दिया। गौरतलब है कि नजदीकी पालिकाओं में शामिल नगर पालिका ऋषिकेश व स्वर्गाश्रम नगर पंचायत में से नगर पालिका मुनिकीरेती को सर्वश्रेष्ठ पुरस्कार से नवाजा गया है। पालिका मुनिकीरेती दो वर्ष पूर्व ही नगर पालिका बनी है, इससे पूर्व मुनिकीरेती नगर पंचायत में शुमार रही है।